अब आरहा विभागों को होश -पशुपालन विभाग ने ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट के लिए अब दिया कंटेनर यह हाल है सेवकों के कारनामो की अन्य खबरों के साथ

Pahado Ki Goonj
डीआरडीओ युद्ध स्तर पर उत्तराखंड में बनवा रहा दो कोविड केयर अस्पताल
देहरादून। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) उत्तराखंड के हल्द्वानी और ऋषिकेश में कोविड केयर हॉस्पिटल का निर्माण कर रहा है। इन दोनों अस्पतालों में 500-500 बेड होंगे। जिसमें हल्द्वानी में 375 ऑक्सीजन बेड और 125 वेंटिलेटर बेड होंगे।
इसकी तरह ऋषिकेश में 400 ऑक्सीजन बेड व 100 वेंटिलेटर बेड होंगे। इन अस्पतालों का निर्माण कार्य जोर शोर से जारी है। इन दोनों अस्पतालों के बनने के बाद अस्पतालों में बेड न मिलने से परेशान कोरोना संक्रमित मरीजों को कुछ राहत मिलेगी। मई माह में ही यह अस्पताल बनकर तैयार हो जाएंगे।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर कोविड के मरीजों के लिए ऋषिकेश के आईडीपीएल में पांच सौ बेड का आइसोलेट सेंटर बनाया जा रहा है। उम्मीद है कि 17 मई तक यह आइसोलेट सेंटर बनकर तैयार हो जाएगा।
हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में डीआरडीओ द्वारा 500 बेड का फैब्रिकेटेड अस्पताल बनाया जा रहा है। डीआरडीओ की टीम के साथ डीएम भी समय-समय पर यहां का निरिक्षण कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने ऋषिकेश के आईडीपीएल मैदान में बन रहे आइसोलेट सेंटर का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान उन्होंने डीआरडीओ की ओर से बनाया गया आइसोलेट सेंटर के मानचित्र का निरीक्षण कर उसकी बारिकियां जानीं। इसके बाद उन्होंने निर्माणाधीन सेंटर का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के बाद उन्होंने निर्माणाधीन कंपनी और डीआरडीओ के अधिकारी और कर्मचारियों को आइसोलेट सेंटर का निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।

रोडवेज ने कुमाऊं और गढ़वाल मंडल में बसों का संचालन किया बंद
हल्द्वानी। उत्तराखंड परिवहन निगम ने कोरोना महामारी को देखते हुए अपने बसों का संचालन कुमाऊं मंडल के अलावा गढ़वाल मंडल और अन्य जगहों के लिए भी बंद कर दिया है। बताया जा रहा है कि यात्री नहीं मिलने और कोविड-19 गाइडलाइन के चलते रोडवेज प्रबंधन ने यह निर्णय लिया है। उत्तराखंड परिवहन निगम की बस अब से दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब सहित अन्य राज्यों में नहीं जाएंगी। इसके अलावा हल्द्वानी से देहरादून के लिए जाने वाली बसें भी अब देहरादून नहीं जाएगी।  क्योंकि बस को उत्तर प्रदेश से होकर गुजरना पड़ता है.।बॉर्डर पर कोविड-19 गाइडलाइन के चलते बसों और यात्रियों को हो रही परेशानी के चलते रोडवेज प्रबंधन ने यह निर्णय लिया है। क्षेत्रीय प्रबंधक रोडवेज यशपाल सिंह ने बताया कि रोडवेज मुख्यालय के निर्देश के बाद रविवार से बसों का संचालन कुमाऊं मंडल के अलावा अन्य जगहों के लिए बंद किया गया है। रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक का कहना है कि कुमाऊं मंडल से अन्य प्रदेशों के लिए संचालित होने वाली बसों में यात्रियों की संख्या काफी कम हो गई थी, जिसके चलते लगातार रोडवेज को घाटा उठाना पड़ रहा था। बसों के बंद हो जाने से सबसे ज्यादा उत्तराखंड से आने जाने वाले प्रवासियों को कठिनाई का सामना करना पड़ेगा। क्योंकि प्रवासियों के आवागमन का एकमात्र विकल्प रोडवेज बसें हैं। ऐसे में रोडवेज की बसों का संचालन बंद होने से सबसे ज्यादा परेशानी प्रवासियों को उठाना पड़ेगा।

इस दौरान जनता सवाल कर रही है कि रोडवेज  के सारे घुतालों व अन्य  प्रकार से दिये गए घाटाओं का सारा घाटा  सरकार ने जनता की गाड़ी कमाई के रुपये से दिये हैं ।तो मुश्किल के समय इनको बसों के परिचालन का घाटा दिखाई देने लगा है।माना कि इनकी ईमानदारी से मुनाफा कमाया जा रहा है। यह इनकी इंसानियत को बयां कर रहा है। क्या जनता की गाड़ी कमाई से चलने वाली बसें इनके घरों के पास इनको घर छोड़ने के लिए है।यह परिपाटी उत्तराखंड को बीमारी में सेवको की नीति पर सवाल खड़ा कर रही है।

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नगर पालिका ने किया क्षेत्र को सैनिटाइज

चमोली। जिले में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बाद जिला मुख्यालय गोपेश्वर में भी नगर पालिका परिषद द्वारा नगर क्षेत्र में सैनिटाइजेशन अभियान चलाया गया। पालिका कर्मचारी खुद गली-मोहल्लों में जाकर सैनिटाइज कर रहे हैं। बता दें कि चमोली में पूर्ण कर्फ्यू लगाए जाने के बाद भी गोपेश्वर समेत जिले में कोरोना मरीजों के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं। कई इलाकों को कंटेनमेंट जोन भी घोषित कर रखा है। इसके बावजूद भी कोरोना मरीजों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। वहीं ग्रामीण इलाकों में भी विधायक निधि और सरकार की तरफ से ग्राम प्रधानों को सैनिटाइजेशन के लिए 10 -10 हजार रुपये की राशि दी गई है।
पशुपालन विभाग ने ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट के लिए दिया कंटेनर
देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना महामारी को देखते हुए सभी विभाग अपनी क्षमताओं के लिहाज से मदद करने के लिए सामने आ गए हैं। हर किसी का एकमात्र उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाई जा सकें। इसी कड़ी में पशुपालन विभाग ने भी प्रशासन को ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट करने के लिए विभाग में प्रयुक्त होने वाले कंटेनर देने की पेशकश की है। राज्य में ऑक्सीजन को वक्त पर अस्पताल पहुंचाने को लेकर पशुपालन विभाग की सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने जिला प्रशासन को ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट के लिए विभाग का कंटेनर सौंप दिया है। उत्तराखंड लाइवस्टॉक डेवलपमेंट बोर्ड द्वारा 3,000 लीटर क्षमता का एक टैंकर कोविड-19 मरीजों की सहायता और जरूरतों को देखते हुए दिया गया है। बोर्ड के मुख्य अधिशासी अधिकारी और निदेशक पशुपालन डॉक्टर एमएस नयाल ने बताया कि दिए गए कंटेनर का उपयोग ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट के रूप में किया जा सकता है। विभाग की तरफ से महामारी में अपनी तरफ से हर संभव सहयोग देने के लिए कोशिशें की जा रही हैं। विभाग दूसरे छोटे कंटेनर की भी जरूरत पड़ने पर जिला प्रशासन को मदद देने को लेकर विचार कर रहा है।
अधिकारियों की इच्छा शक्ति होती तो  मंत्री के संज्ञान में लेते हुए जन सेवा में यह टैंकर  पशुपालन विभाग से पहले  1 मई को भी दिया जा सकता था ।अस्पताल में जगह नहीं है वह अभी बिचार कर रहें हैं।

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शिक्षा मंत्री ने कोरोना रोकथाम के लिए सांसद निधि से दिए डेढ़ करोड़ रुपए
देहरादून। केंद्रीय शिक्षा मंत्री और हरिद्वार से सांसद रमेश पोखरियाल निशंक शनिवार देर शाम एम्स दिल्ली से डिस्चार्ज होकर अपने घर आ गए हैं। घर आने के बाद उन्होंने हरिद्वार डीएम श्री रविशंकर से फोन पर बातचीत की। बातचीत के दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने जिलाधिकारी से पूछा कि हरिद्वार को फिलहाल फौरी तौर पर क्या आवश्यकता है। जिसके बाद जिलाधिकारी ने उन्हें एक पत्र भेजकर आवश्यकताएं बताई। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने देर रात जिलाधिकारी को अपने सांसद निधि से डेढ़ करोड़ रुपए के स्वास्थ्य से जुड़े संसाधन खरीदने के निर्देश दिए हैं। जिसमें ऑक्सीजन के सिलेंडर, पाईप, ऑक्सीजन प्लांट सहित अन्य संसाधन हैं.रमेश पोखरियाल निशंक ने फिलहाल जिलाधिकारी के कहने पर जो सामान पहले हरिद्वार को चाहिए वह भेज दिया है। लिहाजा जिलाधिकारी से कहा गया है कि जिले में किसी तरह की कोई भी आवश्यकता हो वह तत्काल उन्हें फोन पर जानकारी दे सकते हैं। फिलहाल रमेश पोखरियाल निशंक दिल्ली अपने आवास पर 10 दिनों तक होम आइसोलेशन पर रहेंगे। उसके बाद उनका हरिद्वार का दौरा हो सकता है।

13 लाख 84 हजार परिवारों को मई-जून माह का मुफ्त में मिल रहा राशन
देहरादून। वैश्विक महामारी कोरोना को देखते हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तीसरे फेज के तहत भारत सरकार ने उत्तराखंड को दो माह (मई और जून) के लिए राशन का आवंटन कर दिया गया है। इस आवंटन के साथ ही राज्य सरकार ने मई माह का वितरण प्रारम्भ कर दिया है। उत्तराखंड के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत 13 लाख 84 हजार परिवारों के 61 लाख 94 हजार लोगों को निशुल्क राशन दिया जाएगा। इसके तहत प्रति परिवार को 5 किलो राशन दिया जाएगा। जिसमें 3 किलो गेहूं और 2 किलो चावल दिया जा रहा है। खाद्य आयुक्त सुशील कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत अंत्योदय परिवार (गुलाबी कार्ड ) व प्राथमिक परिवार (सफेद कार्ड) अपने सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान से राशन प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना एवं राज्य खाद्य योजना के अंतर्गत नियमित खाद्यान्न भी राज्य सरकार द्वारा वितरित किया जा रहा है। खाद्य और नागरिक आपूर्ति आयुक्त सुशील कुमार ने बताया कि ऐसे प्रवासी जो अन्य राज्यों से उत्तराखंड में कार्य हेतु प्रवास कर रहे हैं और जिनका अपने राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का राशन कार्ड है वह भी वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के अंतर्गत उत्तराखंड में राशन प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही उत्तराखंड के निवासी अगर अन्य राज्य में काम कर रहे हैं तो वह भी इस योजना के माध्यम से अन्य राज्यों में लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

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