शुभ प्रभात राधे राधे आज का भगवद चिंतन

Pahado Ki Goonj

राधे राधे आज का भगवद चिंतन

आचारहीनं न पुनन्ति वेदा
यद्यप्यधीताः सह षड्भिरङ्गैः।
छन्दांस्येनं मृत्युकाले त्यजन्ति
नीडं शकुन्ता इव जातपक्षा ।।( वशिष्ठ स्मृति 6/3,देवीभागवत 11/2/1)
शिक्षा, कल्प,निरुक्त,छन्द,व्याकरण और ज्योतिष इन छः अंगों सहित अध्ययन किये हुए वेद भी आचार हीन मनुष्य को पवित्र नही कर सकते।मृत्यु काल मे आचारहीन को वेद वैसे ही त्याग देते है जिस तरह पक्षी पंख आ जाने पर अपने घोंसले को 

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