ऋषिकेश में अन्नकूट पर्व की धूम धाम से गौवर्धन पूजा कर आश्रमों में छप्पन भोग की परंपरा

Pahado Ki Goonj

ऋषिकेशं । हिन्दू संस्कृति में गौवर्धन पूजा और अन्नकूट पर्व का विशेष महत्व है। आज के दिन ऋषिकेश में गंगा तट पर हर आश्रम और मंदिर अन्न कूट पर्व मना रहे हैं। जिसमें भगवान  को 56 भोग लगा जा रहे हैं- इसी कड़ी में ऋषिकेश स्थित जयराम आश्रम में धूमधाम से न गौ पूजा का आयोजन किया गया और भगवान

को 56 भोग का प्रसाद चढ़ाया गया-
हिंदू कथाओं के अनुसार गोोकुल में कृष्क के बढ़ते प्रभाव से देवताओं के राजा इंद्र कुपित हो गए थे और उन्होंने लक = में लगातार बहुत भारी बारिश की थी। गौकुल और आस-पास के गाावों को बारिश के प्रभाव से बचाने के लि, कृष् क ने गौ वर्धन पर्वत को अपनी तर्जनी (पहली उंÛली) पर उठा लिया था।
इससे लोÛ भी बचे और इंद्र का ?ामंड भी टूटा- इसके बाद से ही दीपावली के अÛले दिन Ûोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है। इस दिन Ûोवर्धन पर्वत और Ûायों की पूजा की जाती है। ऋषिकेश के जयराम आश्रम के अध्य{ा ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने बताया कि ऋषिकेश के जयराम आश्रम में प्राचीन समय से ही अन्नकूट पर्व  मनाने की परंपरा चली आ रही है। इस दिन Ûौ पूजा करके, भÛवान कृष्.ा को 56 भोÛ लÛा, जाते हैं। उन्होंने कहा कि देश की राजनीति में Ûाय को लेकर जो भी वाद-विवाद चल रहे हों भारतीय परम्परा में Ûौ का स्थान सर्वोपरि है और Ûोवर्धन पूजा का दिन Ûौ के लि, विशेष महत्व रखता है। यह त्यौहार को मनाने के लि, बड़ी संख्या में दूर-दूर से श्र)ालु ऋषिकेश का रुख करते हैं। Ûोवर्धन पूजा का छप्पन भोÛ का प्रसाद सभी श्र)ालुओं में बांटा जाता है।

Next Post

जाने- प्रथम प्रयास से सुबोध थपलियाल ने आई ई यस परीक्षा पास किया

  टिहरी,(चन्द्रशेखर पैन्यूली) उत्तराखण्ड के टिहरी जिले के सिराईं पलास गॉव के मूल निवासी एवं वर्तमान में ढालवाला गंगोत्री विहार निवासी होनहार, मेधावी छात्र सुबोध थपलियाल को अखिल भारतीय अभियांत्रिकी सेवा आई ई यस में 18वीं रैंक लाने पर इलाके में प्रसन्नता होरही है।सुबोध के पिता जवाहरलाल  यस यस बी […]