देश के लिए बड़ी उपलब्धि उत्तराखंड राज्य सूचना आयुक्त का वक्तव्य

Pahado Ki Goonj

🌹🙏🙏🙏🌹श्री बद्रीनाथ धाम में आज प्रात काल भगवान के दर्शन के लिए यात्रियों की लंबी कतार 🌹🙏🌹

🔭साइंटिफिक-एनालिसिस🔬

BIG ✌ACHIVEMENT

आपके साइंटिफिक-एनालिसिस ने 2011 में प्रमाणों के साथ राष्ट्रपति को भेजा था कि भारतीय मीडिया को कोई संवैधानिक चेहरा व कानूनी अधिकार नहीं दे रखा हैं |

इसकी पुष्टि अब एक राज्य उत्तराखंड के सुचना आयुक्त व सभी गणमान्य पत्रकारों ने कर दी | इसके बिना हर रोज अखबारों की खबरें रद्दी व न्यूज़ चैनलों की खबरें मनोरंजन वीडियो में बदले जा रहे हैं | इससे लोगों की परेशानीयों व जरूरतों पर कोई सरकारी प्रक्रिया शुरु नहीं होती हैं |

हमने पहले ही स्पष्ट कर दिया था …

संविधान के अन्दर नहीं लिखा हैं

सौ में से ननयानवें जवाबदेही लोग यहीं कहेंगे परन्तु इस सच को छुपा लेंगे कि संविधान लिखते समय टी.वी, इलेक्ट्रानिक मीडिया, इन्टरनेट, सोशियल मीडिया वजूद में नहीं थे | उस समय कुछ अखबार ही चलन में थे परन्तु उन्होंने देश को आजाद कराने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी | इस कारण इन्हें संविधान में उचित स्थान व गौरव दिया था परन्तु समय के साथ उसे अछूत में बदल दिया | हर व्यक्ति मीडिया को चौथा स्तम्भ कह कहकर उसे देशभक्ति के झाड़ पर चढ़ाता हैं और उसे लडाई के मैदान में, दुश्मनों के खेमें में, उग्र जनता के बीच, विपदाओं के समय आगे कर विषम परिस्थितियों में भेजता हैं और अपना काम निकाल लेता हैं | यदि चौथा स्तम्भ नहीं हैं तो इस झूठ पर रोक लगनी चाहिए, सरकारी कार्यक्रमों की फ्री कवरेज व रिपोटिंग पर बाध्यता खत्म होनी चाहिए |

जनता अपनी तकलीफ़, पीडा, समस्या, खुशी, कामयाबी व जीवन भर के अनुभव सबकुछ मीडिया को लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के झांसे में फंसकर बताती हैं ताकि उनकी बात ऊपर तक पहुंचे, उनके जीवन के अनुभव लोकतंत्र को मजबूत करे | इसमें कई लोग मीडिया के भी हैं जो लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के घमण्ड में जनता को डराकर अपना स्वार्थ सिद्ध करते हैं और उन्हें नकली देशभक्ति के नाम पर निचोड देते हैं | इसके साथ जवाबदेही वाले कानून के अभाव में सबकुछ अखबारों की रद्दी व टेलिवीजन पर मनोरंजन का साधन बनाकर खत्म कर दिया जाता हैं | सत्ता अपना खेल खेल जाती हैं और जनता की नजरों में दोषी यहीं बनते हैं | मामला यदि बदमाशों का हो तो इन्हें अपनी जान खोकर कीमत चुकानी पड़ती हैं |

आप इस खबर ⤵️ को पढ़े जनता की परेशानियां खत्म क्यों नहीं होती उसका रहस्य बता चल जायेगा |

Scientific-analysis on current news
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विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रदेश के विकास में हमारे पास पर्याप्त व्यवस्था का सदुपयोग करना है
जनता में बाजार तैयार करने के लिए जौनसार बावर में प्रारंभ हुए ग्राम उत्सव एवं प्रवासी सम्मेलन।जनता का ध्यान बंटाने के साथ साथ धन की बर्बादी है। जौनसार बावर के लोग संयुक्त रूप में कार्य करने वाले लोगों का समूह है उनके यहां परिवार में एक भाई घर खेती का काम किया करते हैं और उसके बच्चे सर्विस करने वाले लोगों के साथ रहते हैं गाँव में हमेशा पूजा के समय आते हैं। वहां पलायन आयोग का सम्मेलन सूर्य को दीपक जलाकर कर मूर्खतापूर्ण ही है ।जनता का ध्यान बाटना अच्छा लगा ता है। इनको सद्बुद्धि दे कि प्रत्येक परिवार में 2 पशुओं के पालन-पोषण करने के लिए 95%अनुदान खेतीबाड़ी के 3 वर्ष तक प्रोत्साहित करने के लिए 30000 हजार रुपये देने का प्राविधान किया जाय। तो पलायन रोकने की मेरी गारंटी है। इसके चलते नाबार्ड बैंक से योजनाबद्ध 3 वर्ष की कीजिए। अपने फिजूल खर्चों को कर्ज लेकर कर रहे हैं। य़ह कौन-सी अछि बात है। हमारे अन्य सुझाव को सरकार लागू करने की सोचे तो 315 अरब रुपए प्रति वर्ष का राजस्व पैदा करने की हम देते हैं।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=pfbid02oqKvbShT8moks9huAv5wvEtC5R9CqKFQiX1QFsFN9pseFH1bggZhn9Pf2ThvLbeBl&id=100064540819089&sfnsn=wiwspwa&mibextid=6aamW6

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लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को संवैधानिक अधिकार देने के लिए मोन व्रत दूसरा धरना प्रदर्शन 7 जून 2023 से प्रारम्भ ****************************** सम्मानित पत्रकार साथियों को सादर प्रणाम लोकतंत्र के चौथे स्तंभ प्रेस को संवैधानिक अधिकार देने के लिए हमने 30 मई 2021 से 5 जून 2021 तक गंगोत्री से केदारनाथ यात्रा मार्ग के 166km दूरी पर स्थित ऐतिहासिक लिखवार गाँव प्रतापनगर टिहरी जिले में मोन व्रत लेकर धरना प्रदर्शन किया जिसके फलस्वरूप माo सुप्रीम कोर्ट ने खबर का संज्ञान लेते हुए मुकदमे की सुनवाई के लिए 23 नवंबर 2022 की तिथि मुक़र्रर की थी। संलग्न pdf में संपूर्ण जानकारी 25 पृष्ठों में दी गई है। 30 मई 2023 को देवभूमि पत्रकार असोसिएशन (पंजी)उत्तराखंड ने हिंदी पत्रकारिता दिवस पर मूर्धन्य पत्रकार स्वर्गीय श्री विष्णु दत्त उनियाल जी की स्मृति में हमे सम्मानित किया गया है। सम्मान समारोह में हमने पिछले अधूरे कार्य को पूर्ण करने के लिए बुधवार 7 जून 2023 से शांति पूर्ण ढंग से आंदोलन प्रारम्भ करने के लिए माननीय मुख्य,विशिष्ट अतिथियों और सैकड़ों पत्रकार साथियों के समक्ष वचन दिया है ।संसार में मनुष्य रूप में मनन करने वाले एक मात्र प्राणी होने के नाते हमारा परम कर्तव्य है कि इस महान कार्य को पूर्ण करने के लिए धरना प्रदर्शन मोन व्रत रखने में सकारात्मक भूमिका निभाने के लिए अपना योगदान के लिए दूसरी बार गांधी पार्क राजपुर रोड देहरादून में सुबह 9 बजे से 10 बजे तक माँग पूरी कराने के लिए अल्प प्रयास किया जारहा है।आप अपना योग दान जहां पर रह रहे हैं वहीं अपनी-अपनी सुविधा के अनुसार मोन व्रत धरना प्रदर्शन जलूस के द्वारा कीजिएगा और अपने योगदान की चर्चा मीडिया के साथ शेयर सदैव कीजिएगा । निवेदन स्वीकार कीजिएगा आपका साथी जीतमणि पैन्यूली सम्पादक “पहाड़ों की गूंज” सम्मान की प्रेस विज्ञप्ति:–

संविधान निर्माण में मीडिया को कोई जगह नहीं दी गई : निशीथ जोशी

पत्रकारिता दिवस पर देवभूमि पत्रकार यूनियन ने दो दर्जन पत्रकारों को किया सम्मानित

देहरादून, 30 मई। देवभूमि पत्रकार यूनियन, पंजी. उत्तराखंड द्वारा आज सुमननगर धर्मपुर स्थित श्री गोवर्धन सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के सभागार में आयोजित पत्रकारिता दिवस एवं अभिनंदन समारोह में “पर्वतीय” समाचार पत्र के संस्थापक स्व. विष्णुदत्त उनियाल स्मृति सम्मान वयोवृद्ध पत्रकार जीतमणि पैन्यूली सम्पादक “पहाड़ों की गूंज” को दिया गया। यूनियन द्वारा इस वर्ष से प्रारंभ उक्त सम्मान पर्वतीय साप्ताहिक के वर्तमान संपादक अजय कांबोज द्वारा 5100 रु. का चेक, स्मृति चिन्ह, तुलसी की माला, शॉल प्रदान कर किया गया। इनके अतिरिक्त पत्रकारिता की क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले नौ पत्रकारों:– अनिल वर्मा (देहरादून टाइम्स दैनिक), कुंवर राज अस्थाना (दिव्य हिमगिरि), रवि अरोड़ा (पछवादून विकास), अजय सिंह राणा (अध्यक्ष उत्तरांचल प्रेस क्लब), श्री सरोजिनी सेमवाल (उत्तराखंड जन), रजनेश ध्यानी (जनपक्ष एक्सप्रेस), रतनलाल लखेड़ा गढ़रत्न मेल), गोपाल सिंघल (अरिहंत एक्सप्रेस), शशिकांत मिश्रा (द नाईट) को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
इस वर्ष का “समग्र जीवन सम्मान” वरिष्ठ साहित्यकार एवं कवि डा. बुद्धिनाथ मिश्र को शॉल ओढ़ाकर स्मृति चिन्ह व तुलसी की माला प्रदान कर किया गया। इनके अतिरिक्त पांच पत्रकारों दीपक धीमान, नवीन जोशी, दीपक गुलानी, ऋतुराज गैरोला एवं रजत शर्मा को “सक्रिय पत्रकारिता सम्मान” दिया गया।
मुख्य अतिथि पद से बोलते हुए वरिष्ठ साहित्यकार डॉ बुद्धिनाथ मिश्र ने कहा कि पत्रकार एवं साहित्यकार में कोई विशेष अंतर नहीं है। पत्रकार घटना को प्रस्तुत करता है, वही साहित्यकार उक्त घटना को कालजयी बना देता है। आज प्रिंट मीडिया की तुलना में सोशल मीडिया अधिक बढ़ रहा है, लेकिन प्रिंट मीडिया की विश्वसनीयता आज भी बनी हुई है।
मुख्य वक्ता के रूप में सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने कहा कि संवैधानिक दर्जा मीडिया को बेशक न हो लेकिन मीडिया लोकतंत्र के तीनों स्तंभों पर अंकुश का कार्य करता है। मीडिया ने अपने बलबूते पर चौथा दर्जा प्राप्त किया हुआ है। आज भी मीडिया अन्य तीनों स्तंभों से ज्यादा महत्वपूर्ण बना हुआ है। शेष तीनों स्तंभों की मीडिया जरूरत बना हुआ है।
वरिष्ठ पत्रकार निशीथ जोशी ने विषय गोष्ठी “लोकतंत्र के स्तंभों में मीडिया की संवैधानिक स्थिति” पर बोलते हुए कहा कि आदि पत्रकार नारद जी ने संवाद की कला सिखायी। उन्होंने सकारात्मक शक्तियों का साथ दिया। लोकतंत्र में जहां एक आम आदमी की स्थिति है, वही हम पत्रकारों की स्थिति है। देश का जब संविधान बनाया गया उसमें हमें कोई जगह नहीं दी गई। जबकि लोकतंत्र की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका मीडिया की रही। जिस दिन मीडिया एकजुट हो जायेगा, उसी दिन मीडिया को लोकतंत्र में संवैधानिक दर्जा प्राप्त हो जायेगा।

सम्मान मिलने के अवसर पर जीतमणि पैन्यूली सम्पादक “पहाड़ों की गूंज” ने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए मीडिया को संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिए मोन व्रत, धरना-प्रदर्शन 7 जून 2023 से गांधी पार्क के गेट पर सुबह 9 बजे से 10 बजे तक  माँग पूरी होने तक दिया जाएगा। मीडिया को नहीं बनाना है  चाटुकार,  निर्भीकता से ले अपना अधिकार। बने रहे सचे पत्रकार तभी बना रहेगा लोकतंत्र का आधार। 

इनके अतिरिक्त सुनील अग्रवाल, डा. वी.डी.शर्मा (प्रदेश महासचिव), अशोक वर्मा, अजय कांबोज, अनिल वर्मा आदि ने भी विचार रखें। समारोह की अध्यक्षता यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष विजय जायसवाल ने की। मंच का सफल संचालन पं सुभाष चंद्र जोशी ने किया।
समारोह में मुख्य रूप से सिद्धनाथ उपाध्याय, डा. एम.आर.सकलानी, डा.चंद्र सिंह तोमर “मयंक”, तिलक राज, गिरधर शर्मा, विशंभर नाथ बजाज, श्याम सिंह श्याम, अरुण कुमार मोंगा, धीरेंद्र प्रताप सिंह, अविनाश प्रेमी, सुनील गुप्ता, प्रेमलता भरतरी, राजेश भटनागर, रवि अरोड़ा, अशोक पांडे, राव इमरान खां, डा. जमशेद उस्मानी, आशीष कुमार, हर्ष उनियाल, शैलेंद्र सिंह, संजय पाठक, वीरेंद्र गैरोला, पी.एस.रांगड़, संदीप जनधारी, विकास कुमार, राकेश पंडित (पार्षद), गीता पांडे, संजीव शर्मा, संदीप शर्मा, राजेश शर्मा (ऋषिकेश), बॉबी गुप्ता, दीपाली कश्यप, संजय भट्ट, संजय त्यागी, योगेश सक्सेना, राकेश थपलियाल, उत्कर्ष रोहिला, संजय गर्ग, शैली शर्मा आदि उपस्थित रहे।

 

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