गुमानीवाला क्षेत्र में 24 मई से श्रीमदभागवत व देवी भागवत महापुराण  महापुराण ज्ञान यज्ञ पीकर जिज्ञासु अनादित होरहे हैं

Pahado Ki Goonj

देहरादून। पहाडोंकीगूँज, योग एवं तीर्थनगरी ऋषिकेश के गुमानीवाला क्षेत्र में 24 मई से श्रीमदभागवत व देवी भागवत महापुराण  महापुराण  ज्ञान यज्ञ का आयोजन ऋषिकेश त्रिवेणी घाट से कलश यात्रा से बड़े हर्ष उल्लास के साथ जनता के मन का उत्साह को देखते हुए भगवान इंद्र ने सहयोग करते हुए प्रारंभ किया गया  है।

कार्यक्रम का आयोजन कैनाल रोड गली नंबर छह गुमानीवाला में किया गया है। जिसमे आचार्य सचिदान्द डंगवाल जी ने देवी भागवत के महत्व प्रकाश डाला और अपने  कर्ण प्रिय वाणी से श्रोताओं को मन्त्र मुग्ध कर दिया। आचार्य प्रवर डॉ सतीष कृष्ण नौटियाल जी व्यास पीठ से  ज्ञान यज्ञ के माहात्म्य प्रकाश डालते हुए भगवान की महिमाओं का बर्णन अपनी कर्ण प्रिय हृदय स्पर्श करने वाली वाणी से जिज्ञासाओं की जिज्ञासा शांत कर रहे हैं। कार्यक्रम अनुसार बुधवार 25 मई से बुधवार से 29 मई तक मंडप पूजन,कथा प्रवचन व आरती व प्रसाद वितरण किया गया। कार्यक्रम सुबह दस बजे प्रारंभ होकर शाम सात बजे तक चलरहा है।  

सोमवार तीस मई को कथा पूजन मंडप पूजन के बाद पूर्ण आहूती व भंडारे का आयोजन किया जाएगा। आज  बुधवार की कथा के समापन समारोह में आरती दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त सम्पादक को भी  प्राप्त हुआ। असल मे पूर्व जन्मों के फल से संत समागम में जाने का सौभाग्य प्राप्त होता है।कथा स्थल वास्तव मे नैमिषारण्य तीर्थ बनगया है।वहां मन एकदम व्यास पीठ एवं उनकी संगीत मंडली  के मधुर संगीत से निर्मल होजाता है। आरती दर्शन करने के बाद  आयोजकों ने सभी सज्जनों को प्रसाद वितरित कर जल पान करने के बाद व्रत का प्रयाण किया है । आयोजक डॉ सेमवाल के आमत्रित  लोगो मे देहरादून से श्रद्धालुओं का आगमन इस पुण्य यज्ञ में हुआ है। यज्ञ मंडप में पहुंच कर मन मे भगतिमय आनंद की अनुभूति होती है।
 डॉ इंद्रमणि सेमवाल के अनुसार यह  ज्ञान उनके पूर्वजों को समर्पित करते हुए  पर्यावरण के रक्षक पहाड़वासियों को इस यज्ञ के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण गंगा की निर्मलता को बनाये रखने के लिए डॉ इंद्रमणि सेमवाल कृत संकल्प हैं।प्रोफेसर सेमवाल कानपुर विश्वविद्यालय में बनस्पति विज्ञान के  विषय में देश दुनिया के छात्रों को ज्ञान दिलाने का कार्य किया ।कई छात्र छात्राओं को डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान किया।उनका मानना है कि पर्यावरण संरक्षण का कार्य उच्च हिमालय छेत्र से किया जाना चाहिए ।गत वर्ष 9 सितम्बर2021 को तुंगनाथ में भोजपत्र के पौध रोपण का शुभारंभ किया गया है।इस वर्ष टिहरी गढ़वाल की पीढ़ी व   खैट पर्वत 10000 हजार फीट की ऊंचाई पर 9 सितम्बर को हिमालय दिवस में पेड़ लगा कर मनाने का संकल्प लें लिया है।उनका मानना है कि विश्व के भौतिक युग मे हमारे देश के नेताओं को वातानुकूलित बातावरण से हटाकर हिमालय दिवस पहाड़ो के गांव में मनाना चाहिए।

Next Post

सैनिक पुत्र  मुख्यमंत्री धामी ने बढ़ाया सैनिकों का सम्मान बढ़ाया: मनबीर रावत

Soldier’s son, Chief Minister Dhami increased the respect of soldiers: Manbir Rawat   चंपावत।पहाडोंकीगूँज, पूर्व सैनिकों की बैठक मे उत्तर प्रदेश सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष कर्नल राजीव रावत ने उप चुनाव मे मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी की ऐतिहासिक जीत में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए पूर्व सैनिकों का […]

You May Like