बिचार सैन्य धाम की स्थापना सुदूर देवतात्मा हिमालय में सवाड़ जैसे स्थान पर होना चाहिए -जानिए क्यों

Pahado Ki Goonj

देहरादून, (पहाड़ों की गूंज) समाज सेवी विभिन्न संस्थाओं में समाजिक  कार्यों  को पूर्ण कराने के शिल्पी यस पी नोटियाल ने कहा कि कारगिल विजय दिवस  पर मुख्यमंत्री  जी को हार्दिक शुभकामनायें देते हुए अनुरोध किया है कि माँ भारती के शहीदों के सम्मान में राष्ट्रीय सैन्य धाम की स्थापना सुदूर देवतात्मा हिमालय में सवाड़ जैसे स्थान पर होना चाहिए । पुरूकुल गाँव पर न बने अतः स्थान चयन व परिकल्पना के लिये समिति गठित हो।

“जिनका साहस हिमालय जैसे ऊँचा हो तो उनका सम्मान भी हिमालय की ऊंचाई पर ही हो” इससे वहां जाने वाले लोगों को देश के लिए शहीद होने वाले लोगों बीरता के लिए जज्बा रखने के लिए अनुकरण करने का मौका लंबी यात्रा से मिलने लगेगा।लोगों को रोजगार पहाड़ों पर मिलेगा।और हिमालय में रूपकुंड  आदि स्थानों पर जाने से 148 किलो मीटर ट्रैकिंग  मार्ग विकसित होने ने से रोजगार के साथ साथ देश सेवाओं का जज्बा पैदा करने की प्रेरणा मिलेगी।

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