गुड न्यूज ,अन्तराष्ट्रीय कवि कुमार विश्वास पहुंचे डोबारा चांठी पुल देखने बोट में बैठकर सबको आने क़ा न्योता देते हुए भगवान राम की नीतियों से प्रतापनगर के लोगों को झील के पास रोजगार दिया जाना चाहिए – पूरी जनकारी विकास की जाने

Pahado Ki Goonj

प्रतापनगर  टिहरी ,अंतरास्ट्रीय प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास ने जगाया टिहरी बांध प्रभावित संघर्ष समिति के आंदोलन कारियों का विश्वास ।उन्होंने कहा” भगवान राम विजय प्राप्त कर स्थानीय लोगों को सत्ता सौंपीथी। वैसे ही टिहरी बांध प्रभावित लोगों को  बांध बनाने के बाद झील के पास प्लाट देकर बसाना चाहिए”  -यह मांग 2008 में चवाड़ बैंड पर लड़े आंदोलन के समझौते में सम्लित है। जिसपर सरकार को गम्भीरता से काम करने की जरूरत है।इन मांगों कोउसे

पूर्ण करने के लिए प्रयास  समाचार पत्र के माध्यम से करते आरहे हैं ।

विश्व में  मानव निर्मित पर्यटन स्थल बनाये गये हैं ।हमारे पास कुदरत ने जो दिल खोलकर पहाड़ों में सुंदरता दी है।जिससे पास पर्यटक अपने आप आकर्षित होकर आना चाहते हैं । उनके विकास के लिए  हमें अपनी ओर से  दिल खोलकर उनकी सुरक्षा के लिए हाथ बढ़ाना है। प्रधान लोगो को स्थानीय लोगों को रोजगार देने के लिए अपने संघठन को काम करने की आवश्यकता है। यहाँ की प्रकृति को देखकर बड़े बड़े होटल वालो ने जमीन ले ली है ।

आपको यह बात समझने की आवश्यकता है। कि आप उनके लिए किस काम आसकते हैं ।और अपने दिमाग से नाप तोल कर समझे कि हम जनता के विकास के लिए जन प्रतिनिधि बने हैं।  एक आदमी पौडी गढ़वाल का विदेश में रहता है। वह हमारे मन की बात छू कर अपने गाँव की वेबसाइट बनवा रहे हैं। उनके मन में यहाँ की प्रकृति की सुंदरता  की तुलना विदेश के देशों को देखते हुए अपने गाँव घर से रोजगार  की गारंटी पैदा करने की सोचकर  गाँव की वेबसाइट बनाने का काम करा रहे हैं। वह अपनी पसंद के लिए काम करने के लिए हमारे मार्गदर्शन में करा रहे हैं।

सपरिवार आपको नव वर्ष2021  शुभकामनाएं।

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हमारी जन सेवा को देखते हुए साथ ही आकाशिय बिजली की रोकथाम के लिए पुज्य महाराजा स्व मानवेन्द्र साह  सांसद ने  मोबाइल टावर लिखवार गाँव मे लगवाया था। आज लिखवार गाँव के प्रधान चन्द्र शेखर पैन्यूली ने  प्रतापनगर में नेट की असुविधा से जनता की पीड़ा  को बयां किया है ।अब इलाके में रहने वाले विकास पुरुषों की समझ में आना चाहिए कि लिखवार गांव का टावर में 4 सेवा जन हित चालू करानी चाहिए। यह चालू  होने से प्रतापनगर में नेट की समस्या  हमारी जागरूकता के चलते नहीं रहेगी । वह ज्यादा से ज्यादा कनेक्ट वीटी बढ़ाने की आवश्यकता है।इसी उद्दयेश्य से लिखवार गाँव  का टावर चालू कराने की आवश्यकता है।

विदेश में काम करने वालों के द्वारा बनाई गई गाँव की वेबसाइट आपको

 कुछ दिन में आपके मोबाइल पर नजर आएंगी।यह उदेश्य प्रधान ,छेतर पंचायत जिला पंचायत  सामाजिक कार्यकर्ता ओं को समझने का प्रयास कराते हैं तो अभी जनसेवा के लिए बने एक साल  हुये हैं।

बाकी 4 साल में आप अपने छेत्र को हिदुस्तान का पर्यटन हब  बनाता  देख सकते हैं ।इसके  बनाने का प्रयास जूनून से जारी है जारी रखें है। 

ऊंची पहाड़ियों पर  हिमपात,सेम मुखेम,प्रतापनगर 8000 फीट ऊंची केमुण्डाखाल 2020 मीटर ,आबकी,भेखलतखाल5500 फिट ऊंचाई में गिरी बर्फ,बारिश भी लगातार जारी,मौसम हुआ काफी ठंडा भदूरा लिखवार गावँ से देखें नजारा

अंतराष्ट्रीय कवि कुमार विश्वास साथियों के साथ उनके साथी सुमन सागर  में बोटिंग का लुफ्त उठाते हुए।

 इस प्रकृति के सुंदर नजारे को देखने के लिए  शैलानियों की भीड़ शिमला ,मसूरी, नैनीताल  के बजाय  प्रतापनगर, रोनिया उनाल गाँव ,सेमनागराजा  मुखेम,  दिनदयाली देवी बुड़कोट,मौल्या, नचिकेता ताल, ओणेश्वर ,कोटेश्वर ,थकलेश्वर तामेश्वर,

 खैट पर्वत ,केमुण्डा खाल ,भेकलत खाल ,चौरंगी खाल, पनियाला ,जोगथ ,चंबा से कमांन,थौलधार तक पर्यटकों ,तीर्थ यात्रियों को लाया जा सकता है। उत्तराखंड के गांधी स्व इंद्रमणि बडोनी जी से कोटलगावँ जूनियर स्कूल की मान्यता एंव मास्टरों के वेतन के लिए माधोसिंह भंडारी भाव नाटिका का आयोजन  करने का विचार मेरे मन मे आया ।

मेरे संयोजकत्वा में  3,4,5सितम्बर 1978 में बहुउद्देश्यीय ग्रामीण विकास सम्मेलन सम्पन हुआ ।  मेरे  द्वारा  बडोनी जी को पहाड़ का गांधी  का नाम  से  अलंकृति करने का प्रस्ताव  को जनता ने स्वीकार कर  गांधी नाम से पुकारते हुये जिन्दवाद के नारों से बाताबरण गुंजयमान हुआ है।जो स्वयं के संसाधनों से आज ईनटर कालेज रोजगार देने वाली संस्था है। ने  खतलिंग यात्रा वर्ष 1973 -74  सुरु की है ।आज वहां पर्यटक  महोत्सव मनाया जाता है।साथ ही विश्व नाथ मेले को बढ़ावा दिया अब उनकी डोली  भ्रमण पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी  कराते आरहे हैं।वर्ष 1973 में कोटेश्वर मेले को हमारे द्वारा आर्थिक अभाव में  पुनःप्रारम्भ किया गया था।आज बृहद रूप से मनाया जाने से काफी लोगों को रोजगार  मिल रहा है। वर्ष 1985 में टिहरी बांध निर्माण में बे हिसाब से विस्फोटक सामग्री फूखने से बातावरण में  तापमान बढ़ने से सूखे पड़ ने के आसार दिखाई दिये।जिसके बारे में उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री शिव बालक पासी जी को लिखा गया था।उनके द्वारा सूखे पड़ने पर मौखिक रूप से निराकरण की बात कही गई थी।वर्ष1986- 87 में सूखा पड़ा।उससमयवर्ष1985 में की गई कार्यवाही के फलस्वरूप अगस्त1987 में 40 kg गेहूं भदूरा में प्रतिपरिवार बाटें ही थे कि जनता ने मन मर्जी से अव्यवस्था फैलाने के चलते अन्य जगहों पर बांटने के लिए प्रशासन से हम कुछ नहीं कह सके। अपनी अच्छी सोच बनाने से दूसरे की सेवा होसकती है ।छेत्र में विधुत न होने पर सौर ऊर्जा से प्रभावित गाँव को जोड़ने का काम करने के लिए सहयोग किया। जिसमें ग्राम मंदार ने हमारे सुझाव को तबज्जो नहीं देने से वहां पवन ऊर्जा का सामान सड़को पर वर्ष 1986 से सड़ रहा है।एक विकास की नई सोच रोकी गई है।

उस सूखे समय पर  लिखवार गाँव मोटर मार्ग पर  हमारे मकान की नीब खोदने पर 35 LPM पानी का श्रोत फूट पड़ा विष्णु भगवान प्रगट होकर हमें मानव धर्म को बनाये रखने के लिए संघर्षरत रहने की प्रेरणा देते हुए

 आज भी जल स्रोत विद्यमान होकर चल रहा है। मानो उस भयंकर सूखे के अकाल में हमें तीर्थ स्थल मिला है। जहां से हजारों हजार लोगों ने अपनी प्यास की हल्क शांत कर रहे हैं। हमने सोचा यहां कैसे जीवन मे गुजर बसर करेंगे  पर्यटन व्यवसाय ही यहां हमें रोजगार देसकता है।यह सोचा और इसकी सम्भवनाये की जानकारी के लिए स्विट्जरलैंड के अर्थ शास्त्री एंव पत्रकार मेहमान बुलाये गये वह द्वय सपत्निक

   पत्रकार  व अर्थशास्त्री , पर्यावरण विद सुंदर लाल बहुगुणा जी के साथ  आये । उन महिला ने मेरी पत्नी श्रीमती सुशील देवी के साथ चूल्हे पर मंडवा की रोटियां बनाई। ओर आत्मीयता से खाई ।मनमें हमने इस इलाके के सूखे होने पर यहां जीवन यापन करने के लिए मूल्यांकन  करना जरूरी समझा। इसके शोध के लिए  उन्हें बुलाया गया ।  उनके देश मे मानव ने  व्यबहारिक रूप से पर्यटकों को लुभाने के लिए  व्यबस्था  बनाई है।हमारे देश में प्राकृति कुदरती रूप से संसाधनों से भरपूर मेहरबान है ।उनकी विकास करने की सोच से वहां  सभी देशों के लोग जाते हैं।हमारी नकारात्मक सोच से प्रकृति ने जो सुंदर रूप यहां बिखेरा है ।उस प्रकृति के बीच से पलायन करने के लिए मजबूर किया जारहाहै।

उन्होंने यहां चिंतन करते हुए लोगों को रोजगार के लिए जो राय व्यक्त की है ।

वह बहुमूल्य है।इस पर होम स्टे योजना से काम किया जासकता है। कि हमारी (छाने ) गौशाला  गावँ से अलग है ।उनमें  बर्षा ऋतु में हम पशुपालन करते हैं। उसमें हम आधुनिक बाथरूम और सुरक्षा का माहौल एरिया में हो जाय तो प्रत्येक गाँव मे 6से 9 माह तक शैलानियों के साथ साथ पढ़ाई करने पीएचडी करने वाले लोग दुनिया से बुलाया जासकते है। वह सहर्ष आसकते है । यह देव भूमि है ।जिससे उनके जीवन को सफलता मिलने के लिए पर्याप्त ऊर्जा प्रकृति से मिलने लगेगी और हमारी  आय में बढ़ोतरी हो सकती है। हमें और हमारी प्रकृति संस्कृति को जीवित रखने के लिए हमें ही सकारात्मक प्रयास करने की आवश्यकता है । प्रत्येक प्रधान छेत्र पंचायत सदस्य अपनी जुमेदारी से छेत्र के विकास के लिए सोचे। रोजगार को बढ़ावा देने के लिए बेबसाइट बना कर सहयोग कर   इलाके के लोगों को रोजगार के अबसर बढ़ाने में सहयोग करें।

वर्ष1954  में कम पढें लिखे छेत्र के जगरूक प्रधानो के सहयोग से  लोगों ने उद्यान लगा कर एशिया के फलो की सेमिनार में पावा माजफ के सेव ने प्रतापनगर को पहचान एशिया में दिलाई।  वह समय 1970 के दशक तक पैदल का जमाना था ।आज साधन सम्पन है आई टी का जमाना है।और हम पीछे पीछे रह रहे हैं । इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है ।यहां के लिए हमारे ज्ञान को कर्म में बदलने के लिए इच्छा शक्ति को बढ़ावा देने की जरूरत है।

अब तक वहां  प्रतापनगर में जूं की डर से झगुली छोड़ने वाले अपने स्वार्थ के लिए प्रतिनिधि बने। वहाँ से निकलने में फायदा समझ रहे हैं। उन्हें ही प्रतिनिधि बनाया गया है। और बनाते गये हैं। वह रुपये कमा कर पलायन कर रहे हैं।एरिया के  खुशहाली के लिए संघर्ष करने वाले  संघर्ष शील अपना कार्य करने में लगे हैं।उनकी हजार किलोवाट की ऊर्जा छमता  के बाहर पेण्ट करने वाले लोगों को पहचान कर उनको समझाने में ही उनकी बुद्धि का छेत्र के विकास  के लिए उपयोग में लाया जासकता है। प्रतापनगर में  होमस्टे पर जोर देकर उनके

 निर्माण कर, रोजगार  बढ़ेगा ।ट्रैकिंग ,मछली का आखेट के लिए पर्यटकों का भी जलकुर के आसपास के गावँ में अपनी सुरक्षा को देखते हुए रहने का मन  बनाएंगे ।अनेकानेक सुगन्धित ऑयल ऑर्गेनिक विधि से घर पर निकाला जा सकता है।इसके लिए हमें प्रयास करते रहना चाहिए।स्वयं सहायता समूह को लेकर रोजगार की गारंटी बढ़ेगीआदमी के संस्कार बदलने के लिए धैर्य ,सहनशीलता की आवश्यकता होती है । हमारे पास दुनिया के लोग आएंगे बस आपको अपने आप को अच्छा करने के लिए समझने की जरूरत है।

आपको जानकारी देते हुए कहना चाहते है  कि वर्ष 2012 में श्रीबद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने  पहाडोंकीगूँज  समाचार पत्र  की खबर का  संज्ञान लेकर यात्रियों के लिए मंदिर में दर्शन करने के लिए टुकन व्यबस्था  लागू कीगईं ।इस व्यबस्था से यात्री अपने समय से मंदिर में दर्शन करने लगे।आस पास के स्थानों पर जाने का मौका मिला ,स्थानीय समान खरीददारी से स्थानीय लोगों को रोजगार बढ़ा । मंदिर में दर्शन करने के लिए की गई  व्यबस्था से अच्छा सन्देश देश में गया।वर्ष 2013 से यात्रियों की संख्या बढ़ने लगी।  यात्रा करने वाले लोगों ने व्यबस्था का अच्छा सन्देश दिया। यात्रा में बृद्धि   होने लगी प्रदेश व देश  मे उत्तराखंड के विश्वप्रसिद्ध मंदिर बद्रीनाथ केदारनाथ की व्यबस्था से रोजगार का सृजन  हुआ ।

इन छनियों में आधुनिक बाथ रुम बना कर डॉक्टर थीसिस लिखने के लिए6 माह तक आते जाते रहेंगे।

मनन करने से हमें मनुष्य कहते हैं ।शब्द ही ब्रह्म है जो हमें अच्छे कार्य करने के लिए चिंतन मनन करने के लिए प्रेरणा देसकता है।

 जनप्रतिनिधियों को लम्बगांव में  ,ओखला खाल में ,रजा खेत में, सेमेडीधार में जन प्रतिनिधियों को  बेबनार से बुलाकर बांध के कारण नर्क का जीवन जीने को मजबूर हैं। उसे दृढ़ इच्छा शक्ति से संवारा जा सकेगा। यह समाचार  पहाडोंकीगूँज अंतराष्ट्रीय समाचार पोर्टल, पत्र में प्रकाशित  कर  मानना है।आपको नव वर्ष में नये सृजनात्मक कार्य करने के लिए भगवान  बटुक भैरव,सेमनागराजा , बदरीविशाल  सहायता करें। मिशन में आपसे जुड़ने के लिए अपना मोबाईल वट्सप नंबर,मेल आईडी  भेजडिजयेगा ।  टिहरी बांध बनाने के लिए हमारे  सहयोग को देखते हुए ,

छेत्र की शिक्षा स्वास्थ्य  व्यवस्था को लेकर वहां पर मेडिकल सुविधा के लिए  व बच्चों की कोचिंग कराने के लिए कोचिंग सेंटर खोलने के लिए सेवा के अधिशासी निदेशक यच यल भराज जी से वार्ता विगत वर्षों में हुई ।

जो जन प्रतिनिधि यो द्वारा अन्य कार्य कराने से बजट के अभाव में आगे नहीं बढ़  पाई है । स्थानीय स्तर पर व्यवस्था की रेख देख करने के लिए बाहर के डाक्टरो  की दैनिक सेवा लम्बगांव  आदि जगहों पर लगवाने के लिये अच्छा बाताबरण बनाने के प्रयास की जरूरत है। यह कार्य टिहरी जल विकास निगम की सेवा से किया जा सकता है।

दोबारा चांठी पुल एवं बर्फ से लद कद होते ऊंचाई के गावँ।

इन तक 

इन रमणीय स्थानों तक पहुँचने के लिए देहरादून से 7.30 बजे प्रातः उत्तराखंड परिवहन निगम की बस रेलवे स्टेशन से आई यस बीटी से 8बजे रिष्पना पुल से 810प्रातः  ऋषिकेश से920 प्रातः चम्बा डोबरा चांठी पुल से लम्बगांव प्रतापनगर जाती है।  परेडग्राउंड देहरादून से 9 बजे प्रातः विश्वनाथ सेवा  वाया थानों ऋषिकेश होकर लम्बगांव प्रतापनगर  जाती है। ऋषिकेश से आई यस बी टी से लम्बगांव के लिए 1 बजे से पहले  बस तहसील चौक हरिद्वार बाई पास से सुबह7 बजे से 10 30 प्रातः तक कमांडर  जीप जाती रहती है।उत्तराखंड परिवहन निगम को एक बस  6बजे देहरादून से लम्बगांव आबकी केमुण्डा खाल  चमियाला से देहरादून वापसी ,दूसरी बस 615 पर देहरादून से चमियाला, केमुण्डा खाल ,लम्बगांव , चम्बा ऋषिकेश ,देहरादून  ।एक बस दिल्ली हरिद्वार से मुखेम  परिवहन निगम को लगाने की आवश्यकता है।

 

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