भूजल दोहन के बारे में उत्तराखंड में नीति नहोने से करोड़ों का नुकसान है

Pahado Ki Goonj

देहरादून:सहसपुर परमिशन के बिना चलाए जा रहे हैं बोरवेल बंद करने तथा बिना गुणवत्ता जांच के पानी की सप्लाई देने वाले लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करने के विषय  नई दिशा जनहित ग्रामीण विकास समिति सहसपुर देहरादून के तत्वाधान में एक बैठक कर समाजसेवियों और बुद्धिजीवी के द्वारा घटते जल स्तर तथा जमीन में पर्यावरण की बिगड़ती संरचना पर चर्चा की जिसमें संस्था के संस्थापक अमर सिंह कश्यप द्वारा भूजल का परमिशन के बिना दोहन कर रहे पंप हाउसों का सर्वे किया ।

सर्वे के दौरान चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं क्योंकि किसी भी पंप संचालक के पास कोई परमिशन नहीं है और वह धड़ल्ले से पानी का दोहन कर रहे हैं वाटर पंप मालिक  राजकुमार के पंप पर जाकर जब समिति के पदाधिकारी द्वारा बातचीत की गई तो उन्होंने कहा हमें तो यही पता नहीं है कि परमिशन होगी कहां से आपको अगर पता हो तो बता दीजिए हम परमिशन लेकर इस कार्य को करेंगे इसी प्रकार इस प्रकरण को लेकर  वीएस पाल अधिशासी अभियंता नलकूप खंड देहरादून से परमिशन के संबंध में बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि अभी शासन द्वारा भूमि जल दोहन के बारे में उत्तराखंड में नीति अमल में नहीं लाई गई इस पर कार्य प्रगति शील है और शासन स्तर पर इसकी फाइल चल रही है इतना कहने के बाद वह परमिशन लेने और परमिशन देने की कोई बात नहीं बता पाए उनके द्वारा कहा गया कि इस प्रकार से भूमि जल दोहन गैरकानूनी है क्योंकि इससे पानी का जलस्तर घट रहा है और पानी की उपलब्धता कम होती जा रही है समिति के संरक्षक अमर सिंह कश्यप ने स्वयं कोल्हू पानी जाकर राज वाटर सप्लाई में जाकर देखा तो वहां ट्रैक्टर लाइन लगाकर टैंकर भर रहे थे और आ जा रहे थे लेकिन कोई भी परमिशन या रसीद देने की बात राजकुमार जी के द्वारा नहीं बताई गई उन्होंने कहा कि जब हमें पता लगेगा तभी नियमों को फॉलो करेंगे वहां पर जाकर हमने यह भी देखा कि यह वाटर पंप वन भूमि से संचालित किया जा रहा है और वन भूमि में ही इसको स्थापित किया गया है जिसके लिए राजस्व विभाग की मिलीभगत होना भी सामने आ रहा है इस संबंध में शीघ्र ही हमारे द्वारा अध्यक्ष राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण तथा अन्य सक्षम एजेंसियों को सूचना देकर तत्काल अवैध रूप से चलाए जा रहे वाटर पंप को बंद करने की मांग की जाएगी आरटीआई एक्टिविस्ट राजेश कुमार बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि भूजल स्तर निरंतर गिरता जा रहा है और यह एक चिंता का विषय है क्योंकि बहुत से लोग जमीन से पानी लेने लगे हैं और पछवा दून में नंदा चौकी पौधा सुद्दोवाला प्रेम नगर आदि आदि बिना परमिशन के पंप हाउसों से कई स्थानों पर पानी यह सप्लाई हॉस्टलों कॉलेज रेस्टोरेंट्स तथा अन्य जगह पानी की सप्लाई ट्रैक्टरों से दी जा रही है जिस पानी की गुणवत्ता भी कभी चेक नहीं की जाती और हमने मौके पर यह देखा कि जिस पानी को वह कॉलेजों में भेज रहे हैं वह स्वयं उस पानी को नहीं पी रहे हैं उन्होंने अपनी बिसलरी की बोतलें पानी पीने के लिए लगा रखी हैं और यह पानी का गंदा खेल लंबे समय से चल रहा है इसके लिए अंकुश लगाया जाना बहुत जरूरी है जिसको कि जल्द ही  हरित प्राधिकरण दिल्ली से इसकी शिकायत की जाएगी और पानी के इस काले खेल का पर्दाफाश किया जाएगा बैठक में यह भी तय पाया आ गया कि तालाबों पोखरं तथा नदी श्रेणी पर यह जा रहे अतिक्रमण को रोकने के लिए जो कार्यवाही सरकार करना चाहेगी लेकिन सरकार के लिए मुश्किल होगा क्योंकि आज जिस प्रकार नदी श्रेणी में बहुत से बड़े-बड़े संस्थान बना दिए गए हैं उसमे अधिकांश होस्टल, कॉलेजों में पानी की सुविधा नहीं की गई और बाहर से जाता हुआ पानी कभी भी किसी बड़े खतरे को अंजाम दे सकता है और इससे एक बड़ी दुर्घटना होने का अंदेशा बरकरार है लोग इससे अनभिज्ञ हैं इसलिए विरोध नहीं कर रहे हैं क्योंकि जिस वाटर पंप से पानी कोल्हू पानी से दोहन किया जा रहा है वह वन भूमि वन भूमि में किसकी इजाजत से यह ट्यूबवेल लगा है इस पर प्रश्न चिन्ह लगता है क्योंकि यह कार्य वन भूमि से ही किया जा रहा है और शेष लोग मुख दर्शक बनकर इस कार्य को देख रहे हैं कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही शीघ्र ही इसकी शिकायत उच्च स्तर पर की जाएगी क्योंकि यह करोड़ों रुपए का खेल है जिससे राजस्व की हानि तो हो ही रही है क्योंकि करोड़ों की लेनदेन में ना तो रसीद ही दी जा रही है और ना ही टीडीएस आदि भरा जाता है इस बात का अंदेशा है इस बैठक में आरटीआई एक्टिविस्ट राजेश कुमार बहादुर सिंह खरे रजनीश कंबोज ,सुरेंद्र नाथ भट्ट सहित दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद रहे बैठक की अध्यक्षता सुरेंद्र नाथ भट्ट तथा संचालन अमर सिंह कश्यप ने किया

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