दूरंतो एक्सप्रेस हादसा:मोटरमैन के इस कदम से बची 1200 लोगों की जान

Pahado Ki Goonj

मुंबई । नागपुर-मुंबई दूरंतो एक्सप्रेस के 9 डिब्बे पटरी से उतर गए। इस हादसे में जान माल का नुकसान नहीं हुआ। इस पूरे मामले में ट्रेन ड्राइवर की सूझबूझ ने बड़ा नुकसान होने से बचाया। आसनगाव और वाशिंद रेलवे स्टेशनों के बीच यह घटना सुबह 6.36 बजे हुई। एक अधिकारी ने बताया कि मोटरमैन ने महसूस किया कि आगे का ट्रैक क्षतिग्रस्त है जिसके बाद उसने ब्रेक लगाए। तब तक ट्रेन धीमी गति से क्षतिग्रस्त स्थान तक पहुंच गई थी। सूत्रों के मुताबिक, जिस स्थान पर दुरंतो एक्सप्रेस बेपटरी हुई, बारिश के बाद उस रेल मार्ग पर वहां काम चल रहा था जिससे कुछ हिस्सा कट गया था।

हालांकि एक रेलवे अधिकारी ने इसे संभावित कारण के रूप में खारिज कर दिया। मध्य रेलवे के प्रवक्ता ए. के. सिंह ने कहा कि दुर्घटना में कोई यात्री घायल नहीं हुआ है, जबकि स्थानीय लोगों ने बताया कि मोटरमैन सहित कुछ लोगों को मामूली चोट आई है। राहत व बचाव कार्य के लिए घटनास्थल तक पहुंचने के लिए दो घंटे का समय लग गया, तब तक वहां के स्थानीय लोगों ने यात्रियों की मदद की और उन्हें पानी चाय नाश्ता उपलब्ध कराया।

इस तरह बारह सौ यात्रियों की जान बचा ली गई। इसे एक चमत्कार ही कहा जा सकता है क्योंकि घटनास्थल पर बारिश के बाद भूस्खलन को इसकी वजह बताई जा रही है। मंगलवार सुबह दूरंतो ट्रेन के 9 कोच मुंबई से 70 किमी दूर आसनगांव के पास पटरी से उतर गए थे। बता दें कि, पिछले 10 दिनों में ट्रेन दुर्घटना की यह देश में चौथी घटना है।

एक रेलवे अधिकारी ने कहा कि कसारा घाट खंड में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन से पटरी का एक हिस्सा धराशायी हो गया, जिसे ट्रेन के बेपटरी होने की वजह बताई गई। हालांकि एक अन्य अधिकारी ने कहा कि दुर्घटना के कारणों का इस तरह निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा, कारण जो भी रहा हो, मोटरमैन रवींद्र सिंह की सतर्कता ने एक बड़ी त्रासदी होने से बचा लिया।

एक यात्री ने बताया, दुर्घटना स्थल से सड़क 1 किमी दूर थी। लेकिन उन्हें अपने सामान को लगभग 3 किमी तक चल कर उस स्थान तक ले जाना पड़ा जहां बस इंतजार कर रही थी। दुर्घटना के बाद कसारा और कल्याण के उपनगरीय ट्रेन सेवाओं को बंद कर दिया गया। इसके अलावा बुधवार सुबह तक कई लंबी दूरी की ट्रेनें रद्द कर दी गईं जबकि कुछ के मार्ग बदल दिए गए। मध्य रेलवे के मुख्य प्रवक्ता सुनील उदासी ने कहा, “मैं चालक को आपातकालीन ब्रेक लगाने के धन्यवाद देना चाहता हूं।”

Next Post

बच्चियों का यौन शोषण करने पर 105 साल की जेल

वा‍शिंगटन । अमेरिका में सात बच्चियों का यौन शोषण करने के लिए 44 वर्षीय एक शख्‍स को 105 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। रॉनी ली रोमैन नामक यह शख्‍स एक स्‍कूल कोच था। शिन्‍हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार, रॉनी को लॉस एंजिलिस काउंटी सुपीरियर कोर्ट में अधिकतम सजा […]

You May Like