उत्तराखंड संस्कृत अकादमी द्वारा कालीदास की जयंती पर ऑनलाइन वेबीनार का किया आयोजन

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उत्तराखंड संस्कृत अकादमी द्वारा कालीदास की जयंती पर ऑनलाइन वेबीनार का किया आयोजन

देहरादून। उत्तराखंड संस्कृत अकादमी रुद्रप्रयाग जनपद द्वारा कालीदास की जयंती के अवसर पर ऑनलाइन वेबीनार का आयोजन किया गया। जनपद संयोजिका डॉ भारती कनौजिया द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ एकेडमी के शोध निर्देशक डॉ हरीश चंद्र गुरुरानी द्वारा प्रस्ताविक उद्बोधन के साथ हुआ। जिसमें उत्तराखंड संस्कृत अकैडमी द्वारा होने वाले अग्रिम कार्यक्रमों की सूचना भी दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता जखोली महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ माधुरी द्वारा की गई । मुख्य अतिथि निदेशक संस्कृत शिक्षा, शिव प्रसाद खाली जी द्वारा भी संस्कृत शिक्षा को आगे बढ़ाने हेतु व प्राथमिक शिक्षा से ही संस्कृत शिक्षा को सम्मिलित करने पर विचार किया गया। वहीं विशिष्ट अतिथि कालिदास सम्मान प्राप्त आचार्य घनानंद मैठानी द्वारा बताया गया कि कालिदास जी का जन्म स्थान कालीमठ कविल्ठा द्वारा तथ्य व बहुत से साक्ष्य हमें प्रमाण स्वरूप प्राप्त होते हैं ।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ रामकेश्वर तिवारी द्वारा कालिदास के सातो ग्रंथों पर प्रकाश डालते हुए किस तरह कालिदास का जन्म स्थान हिमालय से है विस्तार से बताया गया । साथ ही उन्होंने कालिदास के सातों ग्रंथों के मंगलाचरण को पाठ्यक्रम में शामिल करने की बात भी कही । कार्यक्रम के सह वक्ता डॉ प्रमोद भारतीय द्वारा कुछ पुराने तथ्यों व साक्ष्यों को हिमालय को कालिदास की जन्म भूमि के रूप में स्वीकार करते हुए प्रस्तुत किया, वहीं अगस्त मुनिवहीं अगस्त मुनि को जोड़ते हुए उन्होंने विद्योत्तमा के निवास स्थान की बात कही। कार्यक्रम में वक्ता रूप उपस्थित डॉक्टर बसंत कुमार भट्ट जो गुजरात विश्वविद्यालय से थे। उन्होंने बताया कि हिमालय ही कालीदास की जन्मभूमि है जिसमें उन्हें कश्मीर और ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी से कुछ पांडुलिपियां प्राप्त हुई है ,जो साक्ष्य प्रस्तुत करती हैं। जिसमें कालिदास जी के जन्म भूमि के तथ्य हमें स्पष्ट हो जाते हैं ।कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत संस्कृत भारती के विभाग संयोजक ऋषि राम बहुगुणा द्वारा किया गया। कार्यक्रम के सह संयोजक डॉ शक्ति प्रसाद उनियाल द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

कार्यक्रम में बागपत से डॉक्टर अरविंद तिवारी अल्मोड़ा से डॉक्टर वसंत , अल्मोडा विश्वविद्यालया से डाॅ तवस्सुम शालीमा ,भरतपुर से डॉक्टर लाला शंकर दयाल ,डाकपत्थर से डॉ राधेश्याम गंगवार ,गोरखपुर से डॉक्टर काजल, जहरी खाल से डॉक्टर रोशनी अस्वाल, उत्तरकाशी ,पिथौरागढ़ ,काशीपुर, हल्द्वानी, नई टिहरी ,ऋषिकेश आदि विभिन्न स्थानों से शिक्षकों और विद्यार्थियों की उपस्थिति कार्यक्रम में रही।

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