रेणी गांव के लिए देवदूत से कम नहीं एसडीआरएफ के जवान

Pahado Ki Goonj

देहरादून। ऋषिगंगा त्रासदी के बाद जब रेणी गांव के लोग जंगलों, छानियों में आसरा बनाये हुए तो वहां एसडीआरएफ के जवानों के पहुंचने पर उन लोगों में जीवन की नई उम्मीद नजर आने लगी। एसडीआरएफ के जवानों ने जहां गांव के घरों में घुसे मलबे को साफ किया वहीं आपदा से प्रभावित गांव के लोगोें को राशन भी उपलब्ध करवाया। जवानों के इस काम को देखते हुए वहां बुजुर्ग उन्हें आशीर्वाद देते नहीं थक रहे हैं।
इस आपदा के तत्काल बाद से राज्य एवं देश की अनेक एजेंसियां रेस्कयू कार्य में जुटी हुई है। जहां एक ओर लापता लोगों के लिए सर्चिंग कार्य जारी है। वहीं दूसरी ओर टनल से मजदूरों को सुरक्षित निकालने का कार्य भी युद्ध स्तर किया जा रहा है। रेस्कयू कार्यों के साथ ही एसडीआरएफ उत्तराखंड पुलिस की सहायता एवं सर्चिंग हेतु लगातार रेणी गांव में बनी हुई है। जहां रेस्क्यू कार्यों के साथ ही ग्रामीणों के सामान को मलबे से सुरक्षित निकाला जा रहा है।
जोशीमठ के रेणी गांव के वे घर जहां त्रासदी के बाद मलबा फंसा हुआ था वहां पहुंच कर एसडीआरएफ उत्तराखंड पुलिस के जवानों के द्वारा मलबा हटा कर सामान को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। खाघान्न को सुरक्षित किया। इसके साथ ग्रामीणों से उनकी समस्या भी जानने की कोशिश की गयी। एसडीआरएफ जवानों के इस मानवीय कार्य की ग्रामीणों द्वारा सराहना की जा रही है। विदित हो कि एसडीआरएफ की टीमें आपदा के पश्चात से ही प्रभावितों के सामान को सुरक्षित स्थान तक भेजने एवम खाघान्न उपलब्ध करा रही है।

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