भाजपा सरकार का प्रचंड भ्रष्टाचार इस समय चरम सीमा पर पहुंच चुका है

Pahado Ki Goonj

यूकेडी ने पत्रकार वार्ता के माध्यम से अवगत कराया है कि राज्य में प्रचंड बहुमत की भाजपा सरकार का प्रचंड भ्रष्टाचार इस समय चरम सीमा पर पहुंच चुका है। स्थाई राजधानी गैरसैंण तथा 3 महीने में लोकायुक्त की नियुक्ति तथा प्रदेश को मद्य निषेध बनाने का वादा करके सत्ता प्राप्त करने वाली डबल इंजन सरकार जहां अपने लुभावने वादे भूलती जा रही है। वही शराब माफियाओं, भूमाफियाओं के साथ खनन माफियाओं, शिक्षा माफियाओ के पक्ष में खड़ी है। राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस अपने अतीत की परछाइयां के कारण भाजपा की जनविरोधी नीतियों का विरोध करने में अक्षम साबित हुई है तथा विपक्ष होने के नाते केवल प्रतीकात्मक विरोध कर रही है। क्योंकि कांग्रेस के कुशासन से त्रस्त जनता ने भाजपा को प्रचंड बहुमत दिया, इसलिए कहीं ना कहीं कांग्रेस भी राज्य के वर्तमान हालातों की सीधे तौर पर जिम्मेदार है। जिसके कारण शराब विरोधी मातृ शक्तियों के ऊपर मुकदमे दर्ज किए गए, जबरन सीमा विस्तार से गांवों का वजूद समाप्त किया गया ,पलायन का दंश झेल रहे उत्तराखंड में पलायन को रोकने तथा बेरोजगारों के रोजगार के लिए कोई नीति नहीं बन पाई तथा अतिक्रमण के नाम पर कड़कती ठंड के मौसम में गरीबों को बेघर किया जा रहा है।
आज की पत्रकार वार्ता के माध्यम से उत्तराखंड क्रांति दल राज्य में 17 वर्षों से लागू ना होने वाले साहूकारी अधिनियम की ओर ध्यान दिलाना चाहता है जिसकी वजह से प्रदेश में किसानों तथा कारोबारियों के बाद आम जनता का जीवन भी संकट में पड़ चुका है। देहरादून महानगर में ही ठाकुरपुर ,श्यामपुर ,गढ़ी कैंट, डाकरा ,अनार वाला, जोहड़ी गांव, अधोईवाला वाला, रायपुर तक लगभग ढाई से 3000 परिवार इस समय 10 से 20% की दर से ब्याज वसूलने वाले सूदखोरों के चंगुल में फंस कर एक एक पैसे को मोहताज हो चुके हैं। उल्लेखित क्षेत्रों में रहने वाले कई सैनिक परिवारों ने यूकेडी कार्यालय पहुंचकर अपना दुख दर्द बयान करते हुए बताया कि सेवानिवृत होने के पश्चात उनका सारा पैसा सूदखोरों द्वारा 10 से 20% की ब्याज की दर के हिसाब से खसोट लिया गया है। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड क्रांति दल 21 सितंबर 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के शासन में भी राज्य में अपना साहूकारी अधिनियम बनाने तथा लागू किए जाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री आवास कूच कर चुका है।लेकिन तत्कालीन कांग्रेस तथा वर्तमान में भाजपा सरकार को अवैध दर की ब्याज के बोझ से कुचले आम नागरिकों की कोई चिंता नहीं है।इसके विपरीत जब भी कोई पीड़ित अवैध साहूकारों की मनमानी तथा गुंडागर्दी के खिलाफ सहायता के लिए पुलिस के पास जाता है तो कांग्रेस या भाजपा से जुड़े बड़े नेताओं के दबाव में पुलिस द्वारा कार्यवाही से आनाकानी की जाती है।क्योंकि राज्य में साहूकारी अधिनियम लागू ना होने की वजह से पुलिस कोई भी कार्रवाई करने में असमर्थ होती है।आज की वार्ता के माध्यम से उत्तराखंड क्रांति दल जनता को अवगत कराना चाहता है कि राज्य गठन के बाद से भाजपा तथा कांग्रेस द्वारा सत्ता की लूट खसोट के कारण इन के नेताओं का अर्जित धन ब्याजखोरो कि मार्फत 10 से 20% ब्याज की दर पर जनता के बीच चलाया जा रहा है।जनता के हक का पैसा जनता के बीच में चलाकर जनता पर दोहरी मार मारी जा रही है। राष्ट्रीय दलों के भ्रष्ट विधायकों तथा मंत्रियों के दबाव के चलते साहूकारी अधिनियम की राह में रोड़ा अटकाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि 2016 के विधानसभा सत्र में 20 विधेयक बनाए गए थे।किंतु उनमें से केवल 3 विधेयक ही पटल पर रखे जा सके। बचे हुए 17 विधेयक में एक उत्तराखंड साहूकारी विनियमन अधिनियम भी शामिल था। किंतु सरकारों तथा साहूकारों की मिलीभगत के कारण उक्त विधेयक को पटल पर नहीं लाया जा सका था। विदित हो कि जिन राज्यों में साहूकारी विनिमयन अधिनियम लागू है उन राज्यों में पंजीकृत साहूकारों द्वारा केवल 3 से 3.5 प्रतिशत घर से ऋण देने का प्रावधान है।निकट भविष्य में उत्तराखंड क्रांति दल प्रदेश में साहूकारी अधिनियम बनाने तथा लागू करने की मांग को लेकर जनता के साथ सड़कों पर आंदोलन करेगा।इसके तहत दिनांक 15 जनवरी 2018 दिन सोमवार को पर्वतीय गांधी स्वर्गीय श्री इंद्रमणी बडोनी की प्रतिमा के समक्ष विशाल धरना आयोजित करके प्रदेश सरकार से 17 वर्षों से साहूकारी अधिनियम ना बनाए जाने के कारणो का जवाब मांगा जाएगा। आज की पत्रकार वार्ता में वरिष्ठ नेता लताफत हुसैन तथा महानगर महामंत्री गौरव उनियाल शामिल थे।
धन्यवाद ।

भवदीय
संजय छेत्री
अध्यक्ष,महानगर
उत्तराखंड क्रांति दल
देहरादून

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