भागवत कथा के श्रवण मात्र से मानव का कल्याण हो जाता है :- मदन मोहन शास्त्री

Pahado Ki Goonj

भागवत कथा के श्रवण मात्र से मानव का कल्याण हो जाता है :- मदन मोहन शास्त्री
बड़कोट :-

बड़कोट में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथावक्ता मदन मोहन शास्त्री ने अपने प्रवचन में कहा है कि धर्म के चार चरणों में से कलयुग में दान ही एक ऐसा चरण है जो बचा हुआ है। कल युग में दान करने से पुण्य लाभ की आपकी प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा है कि भागवत कथा के श्रवण मात्र से मानव का कल्याण हो जाता है। इसलिए हृदय की भावनाओं के साथ मन लगा कर श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए।
शरीर जिन पांच तत्वों से बना है, क्रमानुसार वे हैं- पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश। पृथ्वी तत्व से हमारा भौतिक शरीर बनता है। जिन तत्वों, धातुओं और अधातुओं से पृथ्वी (धरती) बनी उन्हीं से हमारे भौतिक शरीर की भी रचना हुई है। यही कारण है कि आयुर्वेद में शरीर को निरोग और बलशाली बनाने के लिए धातु के भस्मों का प्रयोग किया जाता है। जल तत्व से मतलब तरलता से है। जितने भी तरल तत्व शरीर में बह रहे हैं वे जल तत्व हैं, चाहे वह पानी हो, खून हो या शरीर में बनने वाले सभी तरह के रस और एंजाइम हों। जल तत्व ही शरीर की ऊर्जा और पोषक तत्वों को पूरे शरीर में पहुचाने का काम करते हैं। इसे आयुर्वेद में कफ के नाम से भी जाना जाता है। इसमें असंतुलन शरीर को बीमार बना देता है।
इस मौके पर कथा आयोजक गोविंद राम उनियाल, संगीत उनियाल, भरत उनियाल, राधेश्याम डिमरी, राजेश उनियाल, मुकेश उनियाल, पं हरिशंकर सेमवाल, आचार्य मुन्शी राम बेलवाल, सन्दीप नौटियाल, ममलेश नौटियाल, भास्कर प्रसाद गैरोला, हरिप्रसाद ,मदन पैन्यूली, भरत सिंह , उम्मेद सिंह ,द्वारिका सेमवाल, संगीत आचार्य गिरिश रयाल, जितेंद्र धस्माना, दिनेश रतूड़ी सहित बड़ी संख्या में भागवत प्रेमी स्रोताओं ने भागवत कथा का रसपान किया।

 

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