मुख्यमंत्री ने(मण्डुआ) के प्रोक्यूरमेंट की अनुमति दिये जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया

Pahado Ki Goonj

 देहारदून में राज्य स्तरीय ‘खेल महाकुम्भ – 2022’ का शुभारम्भ कार्यक्रम

https://youtu.be/i2dxuh6_tA8

 मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने भारत सरकार द्वारा मोटे अनाज (मण्डुआ) के प्रोक्यूरमेंट की अनुमति दिये जाने पर प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी एवं भारत सरकार का आभार व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा मोटे अनाज (मण्डुआ) के 0.096 लाख मीट्रिक टन की प्रोक्यूरमेंट की अनुमति मिलने से राज्य में मिलेट (मोटा अनाज) उत्पादन करने वाले किसानों को बङा लाभ मिलेगा। मण्डुवा, पोष्टिकता से भरपूर होता है। किसानों से खरीद कर मिड डे मील और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से बच्चों और लोगों को उपलब्ध कराया जा सकेगा। इससे राज्य के किसानों की आय में बढोतरी तो होगी ही साथ ही स्कूलो के बच्चों और ज़रूरतमंदों को पोष्टिक आहार भी मिलेगा।

गौरतलब है कि राज्य सरकार ने इसी महीने भारत सरकार के सार्वजनिक वितरण मंत्रालय को फसल वर्ष 2022-23 के मोटे अनाज के प्रोक्यूरमेंट के लिए प्लान प्रेषित किया गया था। भारत सरकार ने उत्तराखण्ड के प्रोक्यूरमेंट प्लान को स्वीकार करते हुए मोटे अनाज के 0.096 लाख मीट्रिक टन के प्रोक्यूरमेंट की अनुमति दी है। यह प्रोक्यूरमेंट भली भांति हो, इसके लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग, मंडी परिषद, सहकारी समितियों, महिला एवं बाल विकास विभाग और शिक्षा विभाग को आपसी समन्वय से काम करने के निर्देश दिये गये हैं। इसमें जिलाधिकारियों की विशेष भूमिका रहेगी। मण्डुवा के प्रोक्यूरमेंट की यह अनुमति फसल वर्ष 2022-23 के लिए दी गई है। मण्डुवा का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3574 रूपये प्रति कुन्तल निर्धारित है। यह राज्य सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों के कृषकों की आमदनी बढ़ाने हेतु अभिनव प्रयास सिद्ध होगा। प्रथम चरण में राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में पायलेट योजना के अन्तर्गत जनपद अल्मोड़ा एवं पौड़ी के कृषकों से निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मण्डुवा खरीद योजना लागू की जायेगी। क्रय किये गये मण्डुवा को प्रथम चरण में राज्य के मैदानी जनपद ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार एवं देहरादून तथा नैनीताल जनपद के मैदानी क्षेत्रों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत वितरित किया जायेगा।
इस योजना से उक्त जनपदों के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लगभग 8 लाख परिवार लाभान्वित होगें जिनको प्रतिमाह / प्रतिकार्ड 01 कि०ग्रा० मण्डुवा निःशुल्क वितरित किया जायेगा। राज्य के पर्वतीय जनपदों में मण्डुवा का क्रय सहकारिता विभाग द्वारा जनपद अल्मोड़ा में संचालित 20 क्रय केन्द्रों एवं जनपद पौड़ी में 11 क्रय केन्द्रों पर क्रय कर खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा इसका वितरण पात्र लाभार्थियों को सुनिश्चित किया जायेगा । प्रथम चरण में 9600 मी०टन मण्डुवा क्रय किये जाने की कार्ययोजना को क्रियान्वित किया जा रहा है। इस योजना के क्रियान्वयन में सरकार पर लगभग 45.00 करोड़ व्ययभार आयेगा।आगेपढें

मुख्यमंत्री ने किया राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ-2022 का शुभारंभ।*

*31 करोड़ की लागत से बने शूटिंग रेंज का लोकार्पण भी किया*

*खिलाड़ियों को विकासखण्ड, जनपद एवं राज्य स्तर पर दी जाने वाली धनराशि बढ़ाई जायेगी- मुख्यमंत्री*

*न्याय पंचायत स्तर पर भी प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को दी जायेगी प्रोत्साहन धनराशि।*

*खिलाड़ियों के भोजन के लिए 225 रूपये की धनराशि दी जायेगी।*

*अन्तरराष्ट्रीय खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षकों को मुख्यमंत्री ने प्रदान की नकद धनराशि।*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर धामी ने Tप्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज, रायपुर, देहरादून में राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ-2022 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने 31 करोड़ की लागत से बने शूटिंग रेंज का लोकार्पण भी किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राज्य के अन्तरराष्ट्रीय खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षकों को नकद पुरस्कार धनराशि प्रदान की और उन्हें सम्मानित भी किया।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा आयोजित की जाने वाली खेल प्रतियोगिताओं में खिलाड़ियों को भोजन के लिए दी जाने वाली धनराशि 150 रूपये से बढ़ाकर 225 रूपये की जायेगी। न्याय पंचायत स्तर पर आयोजित खेल प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले बच्चों को क्रमशः 300 रूपये, 200 रूपये एवं 150 रूपये की धनराशि दी जायेगी। विकासखण्ड स्तर पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों को क्रमशः 500 रूपये, 400 रूपये एवं 300 रूपये की धनराशि दी जायेगी, जो पहले क्रमशः 300 रूपये, 200 रूपये एवं 150 रूपये थी। जनपद स्तर पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों को क्रमशः 800 रूपये, 600 रूपये एवं 400 रूपये की धनराशि दी जायेगी, जो पहले क्रमशः 700 रूपये, 500 रूपये एवं 300 रूपये थी। राज्य स्तर पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों को क्रमशः 1500 रूपये, 1000 रूपये एवं 700 रूपये की धनराशि दी जायेगी, जो पहले क्रमशः 1000 रूपये, 600 रूपये एवं 400 रूपये थी।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य स्तर पर आयोजित होने वाला यह खेल महाकुंभ उत्तराखण्ड के युवा खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए एक उत्कृष्ट मंच प्रदान करेगा। पहले पंचायत स्तर पर फिर ब्लॉक स्तर पर फिर जिला स्तर पर खेलने के पश्चात खिलाड़ी यहां पर अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि यह गौरव का विषय है कि इस खेल महाकुंभ में हमारे प्रदेश की बेटियां भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। उन्होंने कहा कि यह युवाओं की प्रतिभा का ही कमाल है कि, आज विश्व पटल पर नए भारत का मान बढ़ रहा है। आज हमारे युवा खिलाड़ियों द्वारा विभिन्न खेलों में राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के सामर्थ्य का परिचय कराया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस खेल महाकुंभ का उद्देश्य खिलाड़ियों को आगामी 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए भी तैयार करना है। 38वें राष्ट्रीय खेल की मेजबानी उत्तराखण्ड करेगा। जिससे राज्य के युवाओं को अपनी प्रतिभा को दिखाने का मौका मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार उत्तराखंड को “सर्वश्रेष्ठ उत्तराखण्ड“ बनाने हेतु प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। राज्य सरकार सरकार युवाओं को बेहतर शिक्षा और बेहतर खेल सुविधायें प्रदान करने के लिए कृतसंकल्पित है। उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है जिसने जहां एक ओर नई शिक्षा नीति को प्रभावकारी ढंग से लागू करने का काम किया है, वहीं दूसरी ओर नई खेल नीति बनाकर अपने युवा खिलाड़ियों का भी ध्यान रखने का कार्य किया है। नई खेल नीति में खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए हर संभव सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास किये गये हैं। खिलाड़ियों के लिए नौकरियों में खेल कोटा भी पुनः प्रारंभ करने का निर्णय लिया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस खेल महाकुंभ में प्रतिभाग कर रहे हमारे युवा खिलाड़ी भविष्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखण्ड व देश का नाम रोशन करेंगे।

खेल मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने कहा कि अब समाज में खेल एवं खिलाड़ियों के प्रति सोच में बड़ा परिवर्तन हुआ है। खेलों से भी उपलब्धि हांसिल की जा सकती है, जैसे शिक्षा के माध्यम से की जा सकती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य में खेलों को तेजी से बढ़ावा दिया जा रहा है। न्याय पंचायत स्तर से राज्य स्तर तक खेल प्रतिभाओं को आगे लाया जा रहा है। मुख्यमंत्री उत्कृष्ट खिलाड़ी उन्नयन योजना से खिलाड़ी लाभान्वित हो रहे हैं। 2024 में उत्तराखण्ड में होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों की तैयारी तेजी से चल रही है।

विधायक श्री उमेश शर्मा काऊ ने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में खेलों को नई ऊंचाई देने के लिए सराहनीय प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ में प्रतिभाग करने वाले सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि खेल में अनुशासन एवं जीत के लिए लक्ष्य बनाकर प्रतिभाग करें।

इस अवसर पर ब्लॉक प्रमुख रायपुर श्रीमती ममता देवी, खेल निदेशक श्री जितेन्द्र कुमार सोनकर, अपर निदेशक श्री राकेश चन्द्र डिमरी, खेल विभाग के अन्य अधिकारी एवं खिलाड़ी उपस्थित थे।

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भारत निर्वाचन आयोग ने गृह नगर से देश में अन्यत्र बसे नागरिकों को रिमोट वोटिंग की सुविधा देने पर काम शुरू किया

*मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार द्वारा चमोली जिले के दुमक गांव के दूरस्थ मतदान केंद्र की ट्रैकिंग के दौरान भी प्रवासी मतदाताओं को रिमोट वोटिंग की आवश्यकता समझी गयी थी*

*आयोग ने प्रोटोटाइप रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (आरवीएम) विकसित की*

*प्रवासी मतदाताओं को देश में कहीं से भी अपने गृह/मूल निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतदान करना संभव होगा*

*लाखों प्रवासी उत्तराखण्डी भी रहते हैं राज्य से बाहर*

भारत निर्वाचन आयोग ने अपने गृह नगर से देश में अन्यत्र बसे नागरिकों को रिमोट वोटिंग की सुविधा देने पर काम शुरू किया है। इसके लिए आयोग ने प्रोटोटाइप रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (आरवीएम) विकसित की है। इससे प्रवासी मतदाताओं को देश में कहीं से भी अपने गृह/मूल निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतदान करना संभव होगा। आयोग ने बहु-निर्वाचन क्षेत्र प्रोटोटाइप रिमोट ईवीएम की कार्यप्रणाली का प्रदर्शन करने के लिए सभी मान्यताप्राप्त 08 राष्ट्रीय और 57 राज्यीय दलों को दिनांक 16.01.2023 को आमंत्रित किया है। इस अवसर पर आयोग की तकनीकी विशेषज्ञ समिति के सदस्य भी उपस्थित रहेंगे। आयोग ने अपेक्षित विधिक परिवर्तनों, प्रशासनिक प्रक्रियाओं मैं परिवर्तनों और घरेलू प्रवासी मतदाताओं के लिए मतदान की पद्धति/आरवीएम/प्रौद्योगिकी, यदि कोई हो, सहित विभिन्न संबंधित मामलों पर मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों से 31.01.2023 तक लिखित मंतव्य देने का भी अनुरोध किया है। विभिन्न हितधारकों से प्राप्त फीडबैक और प्रोटोटाइप के प्रदर्शन के आधार पर आयोग रिमोट मतदान पद्धति को क्रियान्वित करने की प्रक्रिया को उपयुक्त तरीके से आगे ले जाएगा।

*गौरतलब है कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में कार्यभार संभालने के तुरंत बाद, श्री राजीव कुमार उत्तराखण्ड के चमोली जिले के दुमक गांव के दूरस्थ मतदान केंद्र की अपनी पैदल यात्रा (ट्रैकिंग ) से प्रवासी नागरिकों की समस्या से सीधे रूबरू हुए थे। उन्होंने इस बात की आवश्यकता बताई थी कि प्रवासी मतदाताओं को निवास के उनके वर्तमान स्थान से ही मताधिकार का प्रयोग करने में सक्षम बनाया जाना चाहिए।*

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा रिमोट वोटिंग पर व्यापक मंथन प्रारम्भ किया गया है। इस तरह के सशक्तिकरण को कार्यान्वित करने के लिए कानूनी, वैधानिक, प्रशासनिक और प्रौदयोगिकीय पहल की जरूरत है। आयोग की टीम ने सभी सामाजिक-आर्थिक स्तरों पर प्रवासियों की चुनावी भागीदारी को संभव बनाने के लिए सर्वसमावेशी समाधान ढूंढने और मतदान करने की वैकल्पिक पद्धतियाँ जैसे कि दो-तरफा प्रत्यक्ष ट्रांजिट पोस्टल बैलट, परोक्षी (प्रॉक्सी) मतदान, विशेष समय पूर्व मतदान केंद्रों में जल्दी मतदान, डाक मतपत्रों का एकतरफा या दोतरफा इलेक्ट्रॉनिक प्रेषण (ईटीपीबीएस), इंटरनेट आधारित मतदान प्रणाली आदि सभी विकल्पों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया।

सभी हितधारकों के लिए विश्वसनीय, सुगम और स्वीकार्य प्रौद्योगिकीय समाधान की तलाश करने के उद्देश्य से निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चन्द्र पाण्डेय आयोग और निर्वाचन आयुक्त श्री अरुण गोयल के साथ मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार की अध्यक्षता में आयोग ने घरेलू प्रवासी मतदाताओं के लिए रिमोट मतदान केंद्रों से मतदान करने में सक्षम करने के लिए समय की कसौटी पर खरे उतरे एम-3 ईवीएम मॉडल के संशोधित संस्करण का उपयोग करने का विकल्प ढूंढा है। इस तरह प्रवासी मतदाता को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए वापस अपने गृह जिले की यात्रा करने की जरूरत नहीं होगी।

*उत्तराखण्ड के संदर्भ में इसका विशेष महत्व हो सकता है। यहां के लाखों लोग रोजगार, व्यवसाय, शिक्षा आदि कारणों से देश के विभिन्न हिस्सों में रहते हैं। रिमोट वोटिंग होने पर वे अपने गृह क्षेत्र के लिये मतदान कर सकेगे और वहां के विकास प्रक्रिया में भागीदारी कर सकेंगे। 

आयोग द्वारा अन्य विषयों के साथ ही घरेलू प्रवासियों को परिभाषित करने, आदर्श आचार संहिता लागू करने, मतदान की गोपनीयता बनाए रखने, मतदाताओं की पहचान के लिए पोलिंग एजेंटों को सुविधा देने, रिमोट मतदान की प्रक्रिया और पद्धति तथा मतों की गणना में आने वाली चुनौतियों का उल्लेख करते हुए सभी राजनैतिक दलों के बीच एक अवधारणा पत्र परिचालित किया गया है।
आयोग सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठित उद्यम के सहयोग से घरेलू प्रवासी मतदाताओं की भागीदारी को संभव करने के लिए उनके रिमोट लोकेशन अर्थात उनके मौजूदा निवास स्थान से उनके गृह निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतदान करने की सुविधा प्रदान करने के लिए एक बहु-निर्वाचन क्षेत्र रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (आरवीएम) को प्रायोगिक तौर पर शुरू करने के लिए तैयार है। ईवीएम का यह संशोधित रूप एक एकल रिमोट पोलिंग बूथ से 72 विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों पर मतदान करा सकता है। यदि यह पहल कार्यान्वित कर दी जाती है तो यह प्रवासियों के लिए एक बड़ा सामाजिक परिवर्तन लेकर आने की क्षमता रखती है और उन्हें अपनी जड़ों से जुड़े रहने में मददगार होगी, क्योंकि कई बार वे विभिन्न कारणों जैसे कि उनके निवास स्थानों के नियमित तौर पर बदलने, प्रवास क्षेत्र के मुद्दों से सामाजिक और भावनात्मक रूप से पर्याप्त जुड़ाव न होने, अपने गृह/मूल निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावली से नाम कटवाने की अनिच्छुकता (चूंकि उनका वहां स्थायी निवास/संपति होती है) से अपने कार्यस्थान पर स्वयं को मतदाता के रूप में पंजीकृत करवाने के प्रति अनिच्छुक रहते हैं।

तकनीक के युग में माईग्रेशन के आधार पर मतदान के अधिकार से वंचित करना स्वीकार योग्य विकल्प नहीं है। आम चुनाव 2019 में 67.4 प्रतिशत मतदान हुआ था और भारत निर्वाचन आयोग 30 करोड़ से अधिक निर्वाचकों द्वारा मतदान करने के अपने अधिकार का प्रयोग नहीं करने और विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में मतदान का प्रतिशत अलग-अलग होने को लेकर सजग है। वोटर टर्नआउट में सुधार लाने और निर्वाचन में अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक प्रमुख बाधा आंतरिक प्रवासन (घरेलू प्रवासियों) के कारण मतदाताओं द्वारा मतदान न कर पाना भी है जिसका समाधान किया जाना आवश्यक है। हालांकि, देश के भीतर प्रवासन के लिए कोई केंद्रीय डेटाबेस उपलब्ध नहीं है, फिर भी पब्लिक डोमेन में उपलब्ध आंकड़ों के विश्लेषण से यह पता चलता है कि रोजगार, शादी और शिक्षा से संबंधित प्रवासन, समग्र घरेलू प्रवासन का महत्वपूर्ण घटक है। अगर हम समग्र घरेलू प्रवासन को देखें तो ग्रामीण आबादी के बीच बहिप्रवासन बड़े पैमाने पर देखा गया है। आंतरिक प्रवासन का लगभग 85 प्रतिशत हिस्सा राज्यों के भीतर होता है। रिमोट वोटिंग से प्रवासी नागरिक अपने गृह क्षेत्रों से जुङ सकेंगे।

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ड्रोन एप्लीकेशन एंड रिसर्च सेंटर, ITDA द्वारा 29 दिसंबर 2022 को पहली अंतर जिला ड्रोन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया

.ड्रोन प्रतियोगिता में यूकेस्वान, ई-डिस्ट्रिक्ट, पुलिस टेलीकॉम, आईटीडीए कैल्क आदि जैसे विभिन्न सरकारी विभागों से संबंधित उत्तराखंड के 13 जिलों के प्रतिभागी शामिल थे।

दो दिवसीय प्रतियोगिता का उद्घाटन श्री अमित कुमार सिन्हा, आईपीएस, निदेशक आईटीडीए ने किया। कार्यक्रम में बोलते हुए आईटीडीए के निदेशक ने प्रतिभागियों को पूरे उत्साह के साथ भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।

उन्होंने उत्तराखंड को ड्रोन राज्य के रूप में विकसित करने के लिए उत्तराखंड के प्रत्येक जिले में 13 ड्रोन स्कूल खोलने के अपने विचार साझा किए। प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए ड्रोन प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकते हैं। प्रतिभागियों ने ITDA के अधिकारियों के साथ ड्रोन क्षेत्र में अपने अनुभव पर भी चर्चा की और अपने विचार साझा किए कि कैसे ड्रोन तकनीक उनके संबंधित क्षेत्र के संचालन में गेम चेंजर हो सकती है।
श्री गिरीश चंद्र गुणवंत अपर निदेशक आईटीडीए, श्री यू.सी. जोशी, एसपी, पुलिस टेलीकॉम,आईटीडीए के अन्य अधिकारियों ने भी इस कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और प्रतिभागियों को पूरे उत्साह के साथ भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।

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