प्रभारी जिलाधिकारी जी यस रावत की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यशाला आयोजित

Pahado Ki Goonj

देहरादून,मुख्य विकास अधिकारी /प्रभारी जिलाधिकारी जी यस रावत की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के अंतर्गत ‘जिला टास्क फोर्स’ और ‘हमारी बेटियां, हमारा अभिमान’ योजना से संबंधित विभिन्न विभागों के दायित्व से संबंधित अभिसरण कार्यशाला का आयोजन किया गयाl महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के सौजन्य से आयोजित बैठक और कार्यशाला में मुख्य विकास अधिकारी ने आईसीडीएस, चिकित्सा विभाग, शिक्षा, पंचायती राज, पुलिस इत्यादि संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ महिलाओं का संस्थागत प्रसव बढ़ाने, कुछ चुनिंदा समुदाय व क्षेत्र में हो रहे बाल विवाह के प्रयासों को रोकने, बच्चों व महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों की रोकथाम और इसके लिए बच्चों, महिलाओं, अभिभावकों और स्थानीय समुदाय व समाज को काउंसिलिंग के माध्यम से जागरूक करने के निर्देश दिएl मुख्य विकास अधिकारी ने सभी संबंधित विभागीय अधिकारियों को अपने-अपने स्तर पर तथा आपसी समन्वय से महिला एवं बाल विकास विभाग से संबंधित विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के साथ ही उनके समुचित विकास और सम्मानजनक जीवन जीने के लिए स्वास्थ्य, पोषण, जीवन जीने की कला और महिला एवं बच्चों से संबंधित विभिन्न अधिनियम, कानून इत्यादि का प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिएl उन्होंने महिलाओं के सुरक्षित प्रसव के लिए गर्भधारण करने पर तत्काल अनिवार्य रजिस्ट्रेशन करवाने, बच्चों के जन्म लेने के तत्पश्चात उनका जन्म प्रमाण पत्र बनवाने और बच्चों के बेहतर विकास से संबंधित बातों के साथ ही पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (pcpndt act)अधिनियम 1994, घरेलू हिंसा अधिनियम 2005, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पोक्सो एक्ट) 2012 इत्यादि की भी जानकारी देने के निर्देश दिएl मुख्य विकास अधिकारी ने इस दौरान कहा कि लोगों को बताएं कि महिलाओं को सुरक्षित प्रसव ना कराने से क्या -क्या हानियां हो सकती हैंl उन्हें बताएं कि प्रसव के समय की गई लापरवाही बाद में किस तरह से बच्चों और महिलाओं में अनेक बीमारियों और जोखिम का कारण बनते हैंl उन्होंने ऐसे क्षेत्रों में और ऐसे समुदाय में जहां पर बालिकाएं विद्यालय से ड्रॉपआउट हो रही हैं ऐसे क्षेत्रों के लिए बाल विकास, चिकित्सा, शिक्षा विभाग और पंचायत राज विभाग के अधिकारी संयुक्त टीम बनाकर वस्तुस्थिति का अवलोकन करने के निर्देश दिए कि किन कारण से ड्रॉपआउट और बाल विवाह के प्रकरण सामने आ रहे हैंl उन्होंने कहा जब भी किसी क्षेत्र में महिला और बाल विकास से संबंधित योजनाओं का सर्वे किया जाता है तो बाल विवाह, संस्थागत प्रसव, बाल मजदूरी, पंजीकरण के आंकड़े, पोक्सो व घरेलू हिंसा के मामलों सहित महिला और बच्चों से जुड़े विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सर्वे करें जिससे सभी तरह के वास्तविक और प्राथमिक स्तर के आंकड़े प्राप्त हो सकेl उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूक करने वह काउंसलिंग करने में स्थानीय सरकारी कार्मिकों से भी फीडबैक ले सकते हैं, साथ- ही -साथ स्वयंसेवक, स्वयं सहायता समूह और गैर सरकारी संगठनों की भी सहायता ली जा सकती है, क्योंकि स्थानीय स्तर पर लोगों से घुलने -मिलने व समझने में उनको अच्छा अनुभव प्राप्त होता है, साथ ही लोग उनकी बातें अधिक ध्यान से सुनते हैं और समझते हैंl मुख्य विकास अधिकारी ने उपस्थित सभी सदस्यों से संस्थागत प्रसव के लिए न्यूनतम पंजीकरण के कारण को उजागर करने को कहा जिसके पश्चात उन्होंने प्राप्त फीडबैक के आधार पर निर्देश दिए कि दूरदराज विशेषकर दुर्गम क्षेत्रों की महिला जो बहुत दूर से प्रसूति के समय चिकित्सा करवाने चिकित्सकों के पास नहीं आ सकती साथ ही पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं उस स्तर की नहीं है और कई बार प्रसूति के निकटतम समय में चिकित्सक को जिला मुख्यालय में दो-तीन दिन के भीतर चेकअप करवाते रहने की डॉक्टर की सलाह और डॉक्टर की निगरानी में लगातार रखने की जरूरत समझते हैं तो ऐसी दुर्गम क्षेत्र की महिलाओं को जिला मुख्यालय के चिकित्सालयों में उनके प्रसूति के निकट समय में तीमारदार सहित ठहराने को लेकर पर्याप्त होमवर्क करते हुए इस तरह का प्रस्ताव तैयार करने को कहा ताकि प्रसूति के निकट समय महिला को होने वाले जोखिम का सामना ना करना पड़े और आपातकालीन चिकित्सा की जरूरत पड़ने पर उन्हें चिकित्सा मिल सकेl उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को आपसी समन्वय से बच्चों और महिलाओं के सर्वांगीण विकास और सशक्तिकरण के कार्यक्रमों और योजनाओं को सफल बनाने के निर्देश दिएl इस अवसर पर बैठक में जिला पंचायत राज अधिकारी एम जफर खान, जिला बाल विकास अधिकारी Xma बहुगुणा,जिला माध्यमिक शिक्षा अधिकारी वाई एस चौधरी, जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी राजेंद्र सिंह, बाल कल्याण समिति, पुलिस, पंचायती राज विभा, विकासखंड स्तरीय बाल विकास और चिकित्सा विभाग के अधिकारी व कार्मिक उपस्थित थेl…. जिला सूचना अधिकारी, देहरादून

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