कुछ तो बात है पौड़ी और अल्मोड़ा की मिट्टी में।

Pahado Ki Goonj

देहरादून:कुछ तो बात है पौड़ी और अल्मोड़ा की मिट्टी में।कल 30 मई को शाम 7 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने दूसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ पीएम पद की शपथ ली,उनके साथ 57 अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली।हमारे पहाड़ी राज्य उत्तराखण्ड को भी मोदी सरकार के दूसरे टर्म में कॅबिनेट मंत्री पद मिला,और वो कैबिनेट मंत्री बने हरिद्वार साँसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक,निशंक जी को मोदी सरकार में अहम पद मानव संसाधन विकास मंत्रालय मिला है,इससे पूर्व वाजपेयी सरकार में दिग्गज नेता और उत्तराखण्ड मूल के डॉ मुरली मनोहर जोशी जी इस मंत्रालय को संभाल चुके हैं, जोशी जी अटल सरकार में कुछ दिनों तक गृह मंत्री भी रहे। इससे पूर्व मोदी सरकार के पहले टर्म में 2016 में हुए मन्त्रिमण्डल विस्तार में अल्मोड़ा साँसद अजय टम्टा राज्य मंत्री रहे हैं।इस बार डॉ निशंक ने बाजी मारी और सीधे कैबिनेट मंत्री बने,निशंक 1991 से लेकर 2012 तक कई बार विधायक रहे यूपी और फिर उत्तराखण्ड राज्य गठन के बाद वो विभिन्न मुख्यमंत्रियों संग कैबिनेट सदस्य रहे और 2009 से 2011 तक लगभग 2 वर्ष उत्तराखण्ड के सीएम भी रहे।अब जरा नजर डालते हैं इससे पूर्व आज के उत्तराखण्ड राज्य यानि पूर्व में यूपी के पर्वतीय क्षेत्रों से निकलकर केंद्र की राजनीति में अहम रोल निभाने यानि मंत्री बनने वाले दिग्गजों की तरफ,देश के पहले आम चुनाव 1952 के बाद हुए पंडित जवाहर लाल नेहरू मन्त्रिमण्डल के गठन में अल्मोड़ा के निवासी और भारत रत्न से सम्मानित्त एक मात्र उत्तराखंडी पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त मंत्री बने,पन्त जी उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री भी रहे।नेहरू मन्त्रिमण्डल में ही पौड़ी गढ़वाल से साँसद रहे भक्त दर्शन जी भी मंत्री रहे,उसके बाद हिमालय पुत्र हेमवती नन्दन बहुगुणा जी भी केन्द्र में मंत्री बने,बहुगुणा जी यूपी के सीएम भी रहे और लोकसभा के लिए इलाहाबाद और लखनऊ से चुने गए बाद में वो गढ़वाल संसदीय क्षेत्र से भी साँसद चुने गए जो देश में एक ऐतिहासिक चुनाव के रूप में दर्ज है।एच एन बहुगुणा जी पौड़ी जिले के श्रीनगर के निकट बुघाणी गॉव के रहने वाले थे,उनके पुत्र विजय बहुगुणा टिहरी गढ़वाल से पूर्व में साँसद और उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं वर्तमान में बहुगुणा जी की बेटी डॉ रीता बहुगुणा जोशी प्रयागराज से साँसद है तो विजय बहुगुणा के छोटे पुत्र सौरभ बहुगुणा सितारगंज से विधायक है।इनके बाद टिहरी गढ़वाल संसदीय क्षेत्र से अब तक एक मात्र साँसद जिन्हें केंद्र में मंत्री बनने का अवसर मिला वो थे विकासनगर निवासी ब्रहम दत्त द्विवेदी,ब्रह्मद्त्त के पुत्र नवप्रभात भी उत्तराखण्ड में काँग्रेस सरकार में 2 बार कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।अब बात करते हैं नैनीताल में जन्मे देश के दिग्गज्ज नेता जिन्होंने केन्द्र में भारी भरकम मंत्रालयों को संभाला वो थे राजनीति के धुरन्धर पंडित नारायण दत्त तिवारी,तिवारी जी उत्तर प्रदेश के 3 बार मुख्यमंत्री भी रहे साथ ही उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री भी रहे,तिवारी जी आंध्र प्रदेश के राज्यपाल भी रहे,कहा जाता है कि राजीव गांधी की मौत के बाद 1991 में यदि तिवारी जी चुनाव न हारते तो शायद वही देश के पीएम बनते।अब एक ऐसे नेता की बात करते हैं जो अल्मोड़ा के निवासी है लेकिन अधिकतर चुनाव यूपी के प्रयागराज,वारणसी,कानपूर से ही लड़ा,वो है दिग्गज्ज भाजपाई डॉ मुरली मनोहर जोशी जी,जोशी जी बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे और अटल सरकार में अटल,आडवाणी के बाद तीसरे सबसे ताकतवर मंत्री थे,अब वो बीजेपी के मार्गदर्शक मंडल में है और इस बार उन्होंने चुनाव भी नही लड़ा,1996 में पौड़ी गढ़वाल के साँसद सतपाल महाराज भी केंद्र में राज्यमंत्री बने,सतपाल महाराज वर्तमान में उत्तराखण्ड सरकार में कैबिनेट मंत्री है, कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए सत्संग के महाराज और रेल पुरुष जैसी संज्ञा से पुकारे जाने वाले सतपाल रावत जी के मन में उत्तराखण्ड सीएम पद की अभिलाषा साफ झलकती है।महाराज जी के बाद पौड़ी गढ़वाल से ही सर्वाधिक बार चुनकर आते रहे मेजर जनरल रिटायर्ड राज्य के दिग्गज्ज नेता भुवन चन्द्र खण्डूड़ी जी को अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री बनने के अवसर मिला,स्वर्णिम चतुर्भुज योजना के मुख्य सूत्रधार बीसी खण्डूड़ी जी को ही माना जाता है।खण्डूड़ी जी 2 बार उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री भी रहे,इस बार उनके पुत्र ने काँग्रेस के टिकट पर गढ़वाल से सांसद का चुनाव लड़ा पर वो खण्डूड़ी जी के ही परम शिष्य बीजेपी प्रत्याशी तीरथ सिंह रावत से बड़े अंतर से हार गए,बेहद कड़क और ईमानदार छवि के बीसी खण्डूड़ी जी अब राजनितिक सन्यास की तरफ है, हालांकि उनकी पुत्री ऋतू खण्डूरी भूषण,यमकेश्वर से विधायक है।अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में ही राज्य के अल्मोड़ा के साँसद ईमानदार छवि के बच्ची सिंह रावत जी भी केंद्रीय मंत्री रहे,अब बीएस रावत एक तरह से गुमनाम से हो गए हैं।काँग्रेस की डॉ मनमोहन सिंह सरकार में अल्मोड़ा के ही एक और दिग्गज्ज हरीश रावत केंद्र में मंत्री रहे,हरीश रावत ,विजय बहुगुणा को हटाकर उत्तराखण्ड के सीएम भी रहे हैं, हालाँकि 2017 के विधानसभा चुनाव में वो 2 विधानसभाओं से हारे और इस बार नैनीताल से अजय भट्ट के हाथों बड़े अंतर से चुनाव हार गए।वर्ष 2014 में मोदी सरकार के पहले टर्म में हुए 2016 के मन्त्रिपरिषद विस्तार में अल्मोड़ा के ही एक और नेता अजय टम्टा की केंद्र में राज्यमंत्री बनने का अवसर मिला और वो उत्तराखण्ड से मोदी सरकार 1 में एकमात्र मंत्री भी रहे हैं, अब कल हुए मोदी सरकार 2 में हरिद्वार साँसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक कैबिनेट मंत्री बने हैं, निशंक मूल रूप से पौड़ी जिले के अति दूरस्थ राठ क्षेत्र के पिनानी गांव के है, निशंक जी कवि,लेखक,साहित्यकार है,2014 -19 के सांसद कार्यकाल में उन्होंने सँसद के भीतर और बाहर बेहतरीन सक्रियता बनाये रखी।कुल मिलाकर देखा जाये तो पहाड़ी राज्य उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा और पौड़ी जिले के दिग्गजों को सर्वाधिक बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने का अवसर मिला।यही नही पौड़ी के ही जनरल विपिन रावत इस समय थल सेना अध्य्क्ष है तो अल्मोड़ा के निवासी जनरल बिपिन चन्द्र जोशी भी थल सेना के अध्यक्ष रहे,वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी पौड़ी के ही हैं,कई राष्ट्रीय ,अंतरास्ट्रीय ख्याति प्राप्त नाम पौड़ी और अल्मोड़ा से निकले हैं, कुछ तो बात है इन दो जिलों की मिट्टी में जो यहाँ पर ऐसे बड़े बड़े महारथियों का जन्म हुआ,लेकिन एक पीड़ा भी मन में होती है कि सर्वाधिक पलायन भी उत्तराखण्ड में पौड़ी और अल्मोड़ा से ही हुआ है,उत्तराखण्ड के इन दो महत्वपूर्ण जिलों की धरा को नमन जिस जमीन से बड़े बड़े धुरन्धर निकले हैं।
चन्द्रशेखर पैन्यूली।

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