विश्व नृत्य दिवस पर सभी स्वस्थ रहें, मस्त रहे,मुस्कुराते रहें और खुशियों संग नाचते रहें

Pahado Ki Goonj

नाचना एक कला है,आम तौर पर मनुष्य किसी भी ख़ुशी के कार्यक्रम में ख़ुशी को इजहार करने और अपने मनोरंजन के लिए नाचता है,डांस करता है,प्राचीन काल से ही मानव स्वाभाव में नाचने की कला मौजूद है,धीरे धीरे ये कला विकसित होती जा रही है,पहले जहाँ अपने मनोरंजन के लिए लोग समूह बनाकर नाचते थे आज कई बड़े बड़े कलाकारों का पेशा ही डांस है, लाखो रूपये कलाकार अपने डांस के कार्यक्रम के लिए ले रहे हैं, हिंदी सिनेमा में गोविंदा हो या ऋतिक रोशन, अमिताभ हो या शाहरुख़,सलमान हो या आमिर,माधुरी दीक्षित हो या ऐश्वर्या राय,शबाना आज़मी हो या रेखा,प्रियंका चोपड़ा हो या करीना कपूर आदि तमाम कलाकार हर फिल्म में नाचते दिख जायेंगे,माइकल जैक्शन जैसे डांसर भी अपने डांस के वजह से लोगों के जेहन में जिन्दा है,इसके अलावा विभिन्न नृत्य कलाओं में दक्ष सैकड़ो कलाकार देश विदेश में मौजूद है।अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस की शुरुआत 29 अप्रैल 1982 से हुई। यूनेस्को के अंतरराष्ट्रीय थिएटर इंस्टिट्यूट की अंतरराष्ट्रीय डांस कमेटी ने 29 अप्रैल को नृत्य दिवस के रूप में स्थापित किया। एक महान रिफॉर्मर जीन जार्ज नावेरे के जन्म की स्मृति में यह दिन अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। हमारे देश में अलग अलग क्षेत्रो में नृत्य के अलग अलग रूप देखने को मिलते हैं जिनमे प्रमुख नृत्य है भरतनाट्यम,कथक,कथकली,मोहिनीअट्टम,कुचिपुड़ी,
ओडिसी,
मणिपुरी,आदि है, हमारे पहाड़ी राज्य उत्तराखण्ड में भी नृत्य के कई रूप है जिनमे प्रमुख छोलिया, चौफला, तांदी, झुमैलो,चांचरी,छोपति आदि इसके अलावा देव नृत्य थौले,घड़ियाला,देव जात्रा,आदि भी है।पहले के जमाने लोग पारंपरिक और लोक नृत्य को मनोरंजन के लिए करते थे तो देवी देवताओं को खुश करने के लिए देवनृत्य भी आयोजित करते थे,सूचना क्रांति ने नृत्य कला को भी आधुनिक स्टाइल में बदल दिया है जहाँ पहले लोग ढोल दमाऊ पर नाचते थे आज शादी विवाह में डीजे की धुन पर लोग थिरकते है,कई लोग कमरे के अंदर अपने होंम थियेटर पर नाचते है, कोई स्टेज का बड़ा कलाकार है तो कोई स्कूल कॉलेज का बेस्ट डांसर,आज तरह तरह के गानों पर अलग अलग डांस होता है,आज ज्यादातर धूम पंजाबी गानों पर डान्स की देखी जाती है,राजस्थानी,हरियाणवी,आदि क्षेत्रीय नृत्यों की भी लोगों में लोकप्रियता है।ये तो नृत्य करना या थिरकने वाला नाचना हुआ,वहीं आजकलवक दौर में उंगलियों पर नचाने वाले भी कई लोग होते हैं जो बेवजह कई लोगो को परेशान करने के उद्देश्य से इधर से उधर भगाते हैं,सरकारी कार्यालयों में जाओ एक अधिकारी दूसरे अधिकारी के पास नचाता रहेगा,एक बाबू दूसरे बाबू के पास भेजता दिखेगा,हालाँकि हर जगह एक ही स्थिति नही है लेकिन सरकारी महकमो में व्यक्ति को अपने काम के लिए इधर से उधर नाचना जरूर पड़ता है। वहीं कई सास अपनी बहू को छोटे छोटे कामो के लिए कोसती है कुल् मिलाकर बहू को नचाती है, वहीं आधुनिक समय की कई बहुवें शादी होते ही अपने परिवार को अपने इशारों पर नचाना शुरू कर देते हैं, कई बड़े लोग गरीब लोगो को बेवजह छोटे छोटे काम के लिए इधर उधर नचाते रहते हैं।जहाँ नृत्य करना सेहत के लिए एक व्यायाम है, जो कि शरीर को फिट रखने में भी मदद करता है वहीं कुछ अहंकारी स्वाभाव के लोग बेवजह कुछ लोगों को इधर से उधर नचाते रहते हैं।आज विश्व नृत्य दिवस है मैं यही कामना करूँगा कि सभी के मन में उल्लास हो और लोग ख़ुशी खुशी नाचते रहे,साथ ही ऐसे लोगो को सद्बुद्धि मिले जो बेवजह अपनी कुर्सी की हनक अपने अधीनस्थ लोगों पर निकालते हैं, विश्व नृत्य दिवस पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं,सभी स्वस्थ रहें, मस्त रहे,मुस्कुराते रहें और खुशियों संग नाचते रहें।
चन्द्रशेखर पैन्यूली।

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