डिजिटल प्रौद्योगिकी के जरिये लोगों के सशक्तिकरण को सरकार प्रतिबद्ध : मोदी

Pahado Ki Goonj

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डिजिटल माध्यम और प्रौद्योगिकी की सराहना करते हुए कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी सबको समानता पर लाने की बड़ी क्षमता रखती है जिसने सेवाओं को लोगों तक पहुंचाने, प्रशासन में सुधार और शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक के क्षेत्र में कारगर मदद की है और सरकार डिजिटल पहुंच के माध्यम से लोगों का सशक्तिकरण करने के लिए प्रतिबद्ध है। ‘‘साइबर स्पेस पर वैश्विक सम्मेलन’’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म ने साइबर स्पेस में सभी की हिस्सेदारी सुगम की है । स्टूडियो में बैठे विशेषज्ञों के अनुभव अब सोशल मीडिया पर रेखांकित होते हैं । विशेषज्ञता और अनुभव का सम्मिश्रण बदलाव के इस दौर में वैश्विक समुदाय के लिये जरूरी है ताकि साइबर सुरक्षा के विषय से विश्वास और संकल्प के साथ निपटा जा सके।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ साइबर स्पेस प्रौद्योगिकी को लोगों का मददगार बनना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि समाज के असुरक्षित समुदाय के लोग साइबर अपराधों की कुटिल साजिश में नहीं फंसे। साइबर सुरक्षा के प्रति सतर्कता जरूरी है और इसे हमें अपनी जीवनशैली में शामिल करना चाहिए।’’ मोदी ने कहा कि साइबर स्पेस नवोन्मेष के लिये एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। हमारे स्टार्टअप दिनचर्या की समस्याओं के समाधान और जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में पहल कर रहे हैं। ‘‘ मुझे विश्वास है कि वैश्विक समुदाय इसकी व्यापक संभावनाओं एवं क्षमता को समझेगा जो समावेशी है। भारतीय स्टार्टअप के माध्यम से यह सभी के लिये समान पहुंच और अवसर प्रदान करता है।

उन्होंने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी सबको समानता पर लाने की बड़ी क्षमता रखती है और इसने सेवाओं को लोगों तक पहुंचाने, प्रशासन में सुधार और शिक्षा से ले कर स्वास्थ्य तक के क्षेत्र में कारगर मदद की है मोदी ने कहा कि सरकार डिजिटल पहुंच के माध्यम से लोगों का सशक्तिकरण करने के लिए प्रतिबद्ध है। आधार की मदद से सब्सिडी को लक्षित लोगों तक बेहतर तरीके से पहुंचाने से दस अरब डालर की राशि बचाने में मदद मिली।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन में जन धन बैंक अकाउंट, आधार प्‍लेटफार्म और मोबाइल माध्यम पर जोर दिया और कहा कि इससे भ्रष्‍टाचार को कम कर पारदर्शिता लाने में मदद मिल रही है। मोदी ने डिजिटल माध्यम और प्रौद्योगिकी की सराहना करते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी हर बाधा को तोड़ती है। यह वसुधैव कुटुंबकम के भारतीय दर्शन को महत्‍व देते हुए यह सेदेश देती है कि विश्‍व एक परिवार की तरह है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार डिजिटल पहुंच के माध्यम से लोगों का सशक्तिकरण करने के लिए प्रतिबद्ध है।

प्रधानमंत्री ने सम्मेलन में जन धन बैंक अकाउंट, आधार प्‍लेटफार्म और मोबाइल माध्यम पर जोर दिया और कहा कि इससे भ्रष्‍टाचार को कम कर पारदर्शिता लाने में मदद मिल रही है। मोदी ने डिजिटल माध्यम और प्रौद्योगिकी की सराहना करते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी हर बाधा को तोड़ती है। सरकार डिजिटल पहुंच के माध्यम से लोगों का सशक्तिकरण करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सम्मेलन का विषय ‘‘टिकाऊ विकास के लिये सुरक्षित और समावेशी साइबर स्पेस’’ है जो मानवता से जुड़े महत्वपूर्ण परिसम्पत्तियों की सुरक्षा के महत्व को रेखांकित करता है। वैश्विक समुदाय को साइबर स्पेस की सुरक्षा के विषय से विश्वास और संकल्प के साथ निपटना चाहिए। साइबर स्पेस प्रौद्योगिकी को लोगों के सशक्तिकरण का वाहक बनना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी सबको समानता पर लाने की बड़ी क्षमता रखती है और इसने सेवाओं को लोगों तक पहुंचाने, प्रशासन में सुधार और शिक्षा से ले कर स्वास्थ्य तक के क्षेत्र में कारगर मदद की है मोदी ने कहा कि सरकार डिजिटल पहुंच के माध्यम से लोगों का सशक्तिकरण करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आधार की मदद से सब्सिडी को लक्षित लोगों तक बेहतर तरीके से पहुंचाने से दस अरब डालर की राशि बचाने में मदद मिली।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि पिछले कुछ दशकों में साइबर स्पेस ने दुनिया में किस प्रकार से बदलाव लाने का काम किया है। हमसे पहले की पीढ़ी को बड़े बड़े मेनफ्रेम कम्प्यूटर प्रणाली का स्मरण होगा। इसके बाद से काफी चीजें बदल गई हैं। ई मेल और पर्सनल कम्प्यूटर से 90 के दशक में नई क्रांति आई। और इसके बाद मोबाइल फोन और सोशल मीडिया ने डाटा संग्रह और संचार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया।
उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हमारी प्रतिभाओं को दुनियाभर में मान्यता मिली है। वैश्विक स्तर पर भारतीय आईटी कंपनियों ने नाम कमाया है। उल्लेखनीय है कि इस सम्मेलन में मुख्य रूप से साइबर फॉर डिजिटल इन्क्लूजन, साइबर फॉर इन्क्लूसिव ग्रोथ, साइबर फॉर सिक्योरिटी और साइबर फॉर डिप्लोमेसी पर चर्चा की जाएगी तथा वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिये एवं व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर फ्रांस, जापान, इजराइल और ब्रिटेन सहित दुनिया के कई देश इसमें हिस्सा ले रहे हैं। इस सम्मेलन में श्रीलंका के प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे भी हिस्सा ले रहे हैं।
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