उत्तराखंड क्रांति दल द्वारा 10 जनवरी को आंदोलित उपनल कर्मचारियों की मांगों के समर्थन में धरना प्रदर्शन किया

Pahado Ki Goonj

यूकेडी के जिला अध्यक्ष संजय खत्री ने अवगत कराया है कि उत्तराखंड क्रांति दल द्वारा दिनांक 10 जनवरी दिन बुधवार को आंदोलित उपनल कर्मचारियों की समान वेतन समान कार्य ,सुरक्षित भविष्य तथा वर्तमान में मृत पदों पर कार्यरत पदों को पुनर्जीवित करने तथा और असृजित पदों में कार्य कर रहे कर्मचारियों के पदों को सृजित करने संबंधित मांगों को लेकर जिला मुख्यालय में जोरदार प्रदर्शन किया उल्लेखनीय है कि उपनल कर्मचारी अपने भविष्य की सुरक्षा तथा समान कार्य, समान वेतन की मांग को लेकर कई वर्षों से आंदोलनरत है।किंतु राष्ट्रीय दलों द्वारा केवल विपक्ष में रहने के दौरान उपनल कर्मचारियों को गुमराह कर के उनके वोटों का दोहन मात्र किया जाता है और सत्ता पाते ही राष्ट्रीय दलों के नेता उपनल कर्मचारियों के सारे दुख दर्द भूल जाते हैं।अक्सर विपक्ष में बैठने के दौरान राष्ट्रीय दलों के नेतागण सत्तापक्ष पर उपनल कर्मचारियों के बहाने उपनल कर्मचारियों के मंच पर दहाड़ते और सत्ता पर गरियाते नजर आते हैं। उत्तराखंड क्रांति दल का साफ मानना है कि उपनल कर्मचारी कम वेतन पर भी काम कर के पहाड़ों से हो रहे पलायन को रोकने में सहायक साबित हुए हैं। लेकिन सरकार द्वारा लगातार पलायन रोकने के झूठे दावे किए जाने के बावजूद उपनल कर्मचारियों को पारितोषिक देने के बजाय उनका उत्पीड़न किया जा रहा है।लगभग 6000 से ₹8000 प्रतिमाह पर वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे गरीब कर्मचारियों के ऊपर हमेशा अचानक सेवाएं समाप्त किए जाने का खतरा मंडराता रहता है। जहां राजकीय कर्मचारियों से 8 घंटे काम लिया जाता है वही प्रदेश के राजकीय विभागों, सार्वजनिक निगमों, उपक्रमों, निकायों,जल संस्थान,जिला पंचायत, विकास प्राधिकरण तथा केंद्र पोषित परियोजनाओं में अपनी सेवाएं दे रहे उपनल कर्मचारियों से 12 घंटे तक कार्य लिया जाता है। इन कर्मचारियों से भविष्य हेतु सरकार द्वारा कोई नियमावली नहीं बनाई गई है तथा इनकी तनख्वाह का यह आलम है कि कहीं 1 वर्ष तो कहीं 2 वर्ष तक इनको तनख्वाह नहीं मिल पाती है। ऐसे में यह बहुत विचारणीय प्रश्न है कि उपनल कर्मचारी अपने बच्चों के स्कूल की फीस,मकान का किराया, दूध का बिल इत्यादि किस तरह भुगतान करता होगा।युवाओं के लिये रोजगार तथा पलायन को रोकना उत्तराखंड राज्य गठन की अवधारणा रही है तथा उत्तराखंड क्रांति दल ने राज्य गठन आंदोलन के दौरान राज्य आंदोलन का कुशल नेतृत्व किया था। राज्य आंदोलन के दौरान दर्जनों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। अतः उत्तराखंड क्रांति दल प्रदेश में बेरोजगारों की लड़ाई लड़ने तथा पलायन को रोकने के अपने फैसले पर अटल रहते हुए प्रदेश सरकार को यह चेतावनी देता है कि राज्य में उपनल कर्मचारियों के रूप में कार्य कर रहे 24000 युवाओं के रोजगार पर यदि शीघ्र उचित फैसला नही लिया गया तो उत्तराखंड क्रांति दल पूरी शिद्दत के साथ उपनल कर्मचारियों की लड़ाई लड़ेगा।आपको जानकारी से अबगत होना आवश्यक है कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह ने एक माह का समय समस्या सुलझाने के लिये देते हुए हड़ताल स्थगित करदी है।तब तक 21000 मान देय देने की माँग हो रही है।

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