मुख्यमंत्री ने किया लक्सर क्षेत्र के जलभराव वाले क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण

Pahado Ki Goonj

 

मुख्यमंत्री ने किया लक्सर क्षेत्र के जलभराव वाले क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण

*रेस्क्यू बोट एवं ट्रेक्टर पर बैठकर लिया स्थिति का जायजा, प्रभावितों का जाना हाल-चाल*

*अधिकारियों को दिये प्रभावितों से राहत पहुंचाने के निर्देश*

*सोनाली नदी के फ्लड मैनेजमेंट प्लान बनाने के दिये निर्देश*

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को जनपद हरिद्वार की तहसील लक्सर के विभिन्न क्षेत्रों-लक्सर बजार मदारपुर, शाहपुर बस्ती, प्रहलादपुर, हस्तमौली में अतिवृष्टि एवं सोनाली नदी के कारण हुये जल भराव से प्रभावित क्षेत्रों का रेस्क्यू बोट एवं ट्रैक्टर में बैठकर स्थलीय निरीक्षण किया।

मुख्यमंत्री ने प्रभावितों से बातचीत कर उनका हालचाल जाना तथा राहत एवं बचाव कार्यों के सम्बन्ध में अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने लक्सर क्षेत्र में सोनाली एवं अन्य नदियों से होने वाले जल भराव की स्थिति के प्रभावी रोकथाम के लिये फ्लड मैनेजमेंट प्लान तैयार करने के भी निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखने और प्रभावितों को तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ये सुनिश्चित कर लिया जाय कि प्रभावितों को रहने खाने एवं अन्य आवश्यक सामग्री की पूर्ण उपलब्धता हो। पेयजल के साथ ही बच्चों को दूध की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाए। जलभराव वाले क्षेत्रों से पानी की निकासी जल्द की जाए। जल जनित रोगों से बचाव के लिए भी सभी आवश्यक व्यस्थाएं की जाय।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि बारिश से पेयजल, विद्युत, सड़क एवं अन्य व्यवस्थाएं जो प्रभावित हुयी हैं, उन्हें शीघ्र सुचारू किया जाय। प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के साथ ही उनके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।

निरीक्षण के दौरान पूर्व विधायक लक्सर  संजय गुप्ता, सचिव मुख्यमंत्री  विनय शंकर पाण्डेय, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक  अजय सिंह, मुख्य विकास अधिकारी  प्रतीक जैन सहित सम्बन्धित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।

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*मुख्यमंत्री ने हरिद्वार- ऋषिकेश गंगा कोरिडोर शीघ्र बनाने के दिए निर्देश*

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी गुरूवार को सचिवालय में राज्य के विभिन्न शहरों में नवीन टाउनशिप विकसित किये जाने के सबंध में बैठक ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कोरिडोर बनाने की कार्यवही शीघ्र शुरू की जाए। इसके क्रियान्वयन के लिए बनाये जाने वाली कम्पनी के लिए भी शीघ्र कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्टूबर 2026 तक हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कोरिडोर का सम्पूर्ण कार्य पूर्ण हो यह सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में मैदानी क्षेत्रों में 05 एवं पर्वतीय क्षेत्रों में 03 टाउनशिप विकसित किये जाने की दिशा में भी तेजी से कार्य किये जाएं। गढ़वाल एवं कुमाऊँ क्षेत्र में एक-एक हिल स्टेशन विकसित किये जाने की दिशा में किये जा रहे प्रयासों को भी शीघ्र अन्तिम रूप दिया जाए।

बैठक में शहरी विकास मंत्री  प्रेमचन्द अग्रवाल, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, आनन्द वर्धन, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम,  दिलीप जावलकर,  विनय शंकर पाण्डेय,  एस.एन पाण्डेय,  वी. षणमुगम, उपाध्यक्ष एम.डी.डी.ए बंशीधर तिवारी एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री एवं मुख्यमंत्री ने किया कैथ लैब का लोर्कापण*

*दून मेडिकल कॉलेज में होंगी हार्ट व कैंसर रोगों की जांच*

*आईसीयू कॉम्पलेक्स शुरू होने से मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत*

*मुख्यमंत्री तथा स्वास्थ्य मंत्री ने जताया केन्द्रीय मंत्री का आभार*

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया तथा मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा गुरूवार को दून मेडिकल कॉलेज में पहली सरकारी कैथलेब के साथ डिजिटल रेडियोग्राफी एवं मेमोग्राफी का शुभारंभ किया गया।

अपने संबोधन में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी को सक्षम मुख्यमंत्री बताते हुए कहा कि उनके कुशल नेतृत्व में प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ अन्य क्षेत्रों में भी विकास के नए प्रतिमान स्थापित हो रहे है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चारधाम यात्रा में समग्र देश के लोग यहां आते है। गंगा के इस प्रदेश के प्रति भी सबकी आस्था है। उन्होंने कहा कि अमरनाथ यात्रा के लिये जिस तरह की स्वास्थ्य व्यवस्था भारत सरकार द्वारा की जाती है उसी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाओं एवं अन्य व्यवस्थायें चारधाम यात्रा के लिये भी मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों से की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के विकास हेतु तेजी से कार्य किये जा रहे है। केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकार के विकास कार्यों में हर संभव मदद की जायेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में हो रहे विकास कार्यों से उत्तराखण्ड आगे बढ रहा है और भारत के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दो दशक पहले तक देश की 100 करोड जनता के लिये केवल एक एम्स था लेकिन आज उत्तराखण्ड की एक करोड जनता के लिये दिल्ली एम्स की सुविधाओं के समान ऋषिकेश में स्थापित एम्स बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी देश को डेवलप कंट्री बनना है तो जरूरी है कि उस देश के नागरिक स्वस्थ हो, नागरिक स्वस्थ होंगे तो समाज स्वस्थ होता है और स्वस्थ समाज ही समृद्ध राष्ट्र का निर्माण कर सकता है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पिछले 8-9 वर्षों में प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन से देश में हो रहे बदलाव स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं। अमेरिका में जहां 10 करोड़ लोगों को तत्कालीन राष्ट्रपति ओबामा द्वारा स्वास्थ्य सुरक्षा देने का कार्य किया, भारत में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने देश के 12 करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख तक के निःशुल्क इलाज की सुविधा दी है। आज अमीर-गरीब को अस्पतालों में समान रूप से स्वास्थ्य सुविधा मिल रही है। पहले लोगों के लिए इलाज के लिए साहूकारों में कर्ज लेकर इलाज कराना पड़ता था, आज उनका इलाज निःशुल्क हो रहा है, आयुष्मान भारत उदाहरण है सरकार के दायित्व का। देश के लगभग 70 हजार छात्र विदेशों में मेडिकल की पढ़ाई के लिए जाते रहे है। 2014 से पहले देश में मेडिकल की 54 हजार सीटे थी पिछले साल में यह संख्या दुगुनी हुई है। देश में 700 मेडिकल कॉलेज स्थापित किये गये है, 157 नर्सिंग कॉलेज बनाये गये हैं। एम्स ऋषिकेश से ड्रोन के माध्यम से दव एवं सेम्पल जांच की सुविधा हो गई है। टेलीमेडिसन में विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवायें उपलब्ध कराई जा रही है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री  मोदी के नेतृत्व में देश बदल रहा है, नए भारत का निर्माण हो रहा है। हेल्थ सेक्टर मजबूत हुआ हैं। इनोवेशन व रिसर्च को बढ़ावा दिया जा रहा है। युवा विज्ञानी आगे आ रहे है। कोविड के बेहतर प्रबंधन के लिये दुनिया ने भारत के प्रयासों को सराहा है। वसुदेव कुटुम्बकम की हमारी परम्परा रही है। केवल लाभ नही शुभ लाभ की हम कामना करने वाले है। कोविड लॉकडाउन के दौर में जब विदेशों में डॉक्टर नर्स अपने काम पर नही आ रहे थे, हमारे डॉक्टर एवं नर्सों ने निरन्तर अपनी सेवायें दी। स्वास्थ्य सेवा दुनिया के लिए प्रोफेशन है तो हमारे लिए जन सेवा है। हमारे समाज में डॉक्टर को देवदूत माना जाता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उत्तराखण्ड विकास के क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए हेल्थ टूरिज्म के क्षेत्र में भी आगे बढ़ेगा।

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. मनसुख मांडविया का दून चिकित्सालय में आईसीयू कॉम्प्लेक्स, कैथ लैब, डिजिटल रेडियोग्राफी और मैमोग्राफी के लोकार्पण से देहरादून को स्वास्थ्य के क्षेत्र में सौगात देने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर जीवन का मुख्य ध्येय होना चाहिए। यह हमारी संस्कृति मानती है। इस दृष्टि से हमारी सरकार ने राज्य में ’’जन-स्वास्थ्य’’ के बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। आज देश प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और दिशा निर्देशन में अन्य क्षेत्रों की भांति स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी देश निरंतर आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू की गई योजनाओं से लाभ सभी को मिला है। कोरोना काल में जहां एक ओर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ने करोड़ो लोगों के दो वक्त का भोजन सुनिश्चित किया वहीं आयुष्मान भारत योजना ने देश के नागरिकों को यह भरोसा दिलाया कि बीमार होने पर उन्हें निःशुल्क उपचार अवश्य मिलेगा। आज यह बात हर भारतीय को गौरवान्वित करती है कि हमारे देश में दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना ‘आयुष्मान भारत’ चलाई जा रही है। प्रदेश में लगभग 50 लाख लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। राज्य में जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के अन्तर्गत वर्ष 2022-23 में गर्भवती महिलाओं के कुल 92 प्रतिशत संस्थागत प्रसव हुए हैं, जबकि 90 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को निशुल्क दवाइयां, 98 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण सेवायें एवं 89 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को निशुल्क पोष्टिक आहार उपलब्ध कराया गया है। इसके साथ ही राज्य के 9 जनपदों में 10 एस.एन.सी.यू. पूर्णतया कियाशील हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कुपोषण से ग्रसित बच्चों के इलाज हेतु वर्तमान में 2 पोषण पुर्नवास केन्द्रों की हरिद्वार एवं उधमसिंह नगर जनपदों में स्थापना की गयी है जिसमें आज तक 172 कुपोषित बच्चों का इलाज किया जा चुका है। यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि भारत सरकार द्वारा निर्धारित 1735 हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर के लक्ष्य के सापेक्ष राज्य में 1820 सेन्टर क्रियाशील हैं। जिसमें 1382 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों की तैनाती की गयी है। जिनके माध्यम से करीब चौदह लाख रोगियों को परामर्श के साथ ही चिकित्सा उपचार प्रदान किया गया है। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत वर्ष 2022 में राज्य हेतु निर्धारित लक्ष्य का 99 प्रतिशत पूर्ण किया गया जबकि वर्ष 2023 के लिए निर्धारित लक्ष्य को माह मई 2023 तक ही 92 प्रतिशत पूर्ण कर लिया गया है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री टी.बी. मुक्त भारत अभियान के तहत निक्षय मित्र पंजीकरण अभियान में भारत के प्रथम 10 राज्यों की सूची में उत्तराखण्ड का दूसरा स्थान है। राज्य के सुदूर पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने और विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता को बढायें जाने के दृष्टिगत You Quote We Pay योजना के अन्तर्गत प्रथम चरण में 14 विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की गयी है तथा द्वितीय चरण में 11 विशेषज्ञ चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र दिये गये हैं। इसके साथ ही टेली मेडिसिन सुविधा के तहत e-sanjveeni OPD राज्य में संचालित की जा रही है जिसमें अब तक लगभग 50 लाख से अधिक लोगों को चिकित्सकीय परामर्श दिया जा चुका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतवर्ष के प्रत्येक जिलों में एक-एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना किये जाने के प्रधानमंत्री  मोदी के विजन के तहत केन्द्रीय वित्त पोषित योजना के अन्तर्गत प्रदेश में हरिद्वार, रूद्रपुर एवं पिथौरागढ़ में प्रस्तावित राजकीय मेडिकल कॉलेजों का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही पूर्व से स्थापित राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में एम.बी.बी.एस. पाठ्यक्रम में सीट क्षमता को 100 से 150 किये जाने हेतु कार्यवाही गतिमान है। उधमसिंहनगर जिले में एम्स ऋषिकेश के सैटेलाईट सेंटर का निर्माण, महिला स्वास्थ कार्यकर्ताओं तथा सामुदायिक स्वास्थ अधिकारियों की नियुक्ति, नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना तथा चिकित्सा की पढ़ाई को स्थानीय भाषाओं में संभव बनाने का प्रयास सहित अनेकों प्रयास किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष केदारनाथ की पवित्र धरती से प्रधानमंत्री  मोदी ने 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक बताया था। प्रधानमंत्री जी द्वारा दिए गए इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हम अपने ’’विकल्प रहित संकल्प’’ के आधार पर निरंतर कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी के सहयोग से समृद्ध, सशक्त और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड का निर्माण करने में सफल होंगे।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए 500 करोड़ तथा एम्स ऋषिकेश के सेटलाइट सेन्टर ऊधमसिंहनगर में स्थापना के लिए भी 500 करोड़ की स्वीकृति प्रदान करने का आश्वासन दिया है। प्रदेश में 4 नर्सिंग कालेजों की भी सहमति केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा प्रदान की गई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा चारधाम यात्रा में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में भी कैथलेब की स्थापना की सहमति दी है। इससे यात्रियों के साथ स्थानीय जनता को सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास में देश के 10 राज्यों में शामिल हैं

इस अवसर पर केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री प्रोफेसर एस.पी सिंह बघेल, सांसद  नरेश बसंल, विधायक  खजान दास, श्रीमती सविता कपूर,  बृजभूषण गैरोला, मेयर  सुनील उनियाल गामा, सचिव मुख्यमंत्री  विनय शंकर पाण्डेय, सचिव स्वास्थ्य आर. राजेश कुमार, कुलपति मेडिकल विश्वविद्यालय प्रो0 हेमचंद्र, अपर सचिव स्वास्थ्य नमामि बंसल, अमनदीप कौर, महानिदेशक स्वास्थ्य डा. विनीता शाह, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डा. आशुतोष सयाना, निदेशक स्वास्थ्य डा. सुनीता टम्टा सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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देहरादून में सीलिंग की लगभग 3 हजार वीघा जमीन की खरीद फरोख्त पर लगी रोक, बड़े फैसले से भूमाफियों को बड़ा झटका

देहरादून। देहरादून से आज की बड़ी खबर सीलिंग की जमीन से जुड़ी हुई है। अपर जिला मजिस्ट्रेट देहरादून डॉ शिव कुमार बरनवाल ने बड़ा फैसला देते हुए सीलिंग की लगभग 3 हजार वीघा जमीन की खरीद फरोख्त पर रोक लगा दी है। राज्य के जाने-माने एडवोकेट विकेश सिंह नेगी के प्रार्थना पत्र पर यह कार्रवाई की गई है। गौरतलब है कि एडवोकेट विकेश सिंह नेगी ने जिलाधिकारी को पत्र लिखा था कि जिला देहरादून में विभिन्न ग्रामों में ग्रामीण सीलिंग की अतिरिक्त भूमि घोषित की गई थी जिसको कि वर्तमान में भू-माफिया किस्म के लोगों द्वारा क्रय-विक्रय किया जा रहा है। न्यायालय द्वारा जो भूमि अतिरिक्त ग्रामीण सीलिंग में घोषित की गई थी वह पुराने खसरा नम्बर है।
समस्त उप जिलाधिकारी (सदर)/ विकासनगर/ऋषिकेश / डोईवाला, देहरादून और समस्त सब रजिस्ट्रार देहरादून, विकासनगर / ऋषिकेश को इन सब को एडीएम द्वारा भेजा गया है।

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देहरादून दिनांक 13 जुलाई 2023 , अपर जिलाधिकारी वित्त/राजस्व रामजी शरण शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि शासनादेश के क्रम में उत्तराखण्ड सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी 26 जुलाई 2023 (कारगिल दिवस) को ‘शौर्य दिवस’ के रूप में मनाये जाने के निर्देश दिए गए है। जनपद देहरादून में जनपद स्तरीय एवं राज्य स्तरीय कार्यक्रम एक ही स्थान पर किया जाना है। इस संबंध में 19 जुलाई 2023 को अपराह्न 3ः00 बजे जिलाधिकारी की अध्यक्षता में ऋषिपर्णा सभागार में बैठक आयोजित की गई है। उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून, मुख्य नगर अधिकारी, नगर निगम देहरादून, निर्देशक सांस्कृतिक विभाग देहरादून, नगर मजिस्ट्रेट देहरादून, मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी देहरादून, संभागीय परिवहन अधिकारी देहरादून, जिला सूचना अधिकारी देहरादून को बैठक मेें प्रतिभाग करने हेतु पत्र प्रेषित किए है।
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देहरादून दिनांक 13 जुलाई 2023 माननीय उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल द्वारा दिनांक 21.06.2023 से दिनांक 21.07.2023 तक मानव जाति के अस्तित्व के लिए पेडों का महत्व एवं वृक्षारोपण एवं पर्यावरण संरक्षण पर एक माह का जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, उक्त अभियान के तहत जनपद देहरादून के समस्त ग्रामीण क्षेत्रों/समस्त ग्राम पंचायतों/उपखण्डों एवं शहरी क्षेत्रों (विशेषतः न्यायालय परिसरों, विद्यालयों, महाविद्यालयों, सरकारी सस्थाओं आदि) में अधिक से अधिक वृक्षारोपण किया जाना है. औषधीय /फलदार वृक्ष लगाये जाने है।

उक्त अभियान के तहत विद्यालय/महाविद्यालयों के छात्रों के वृक्षारोपण के महत्व एवं पर्यावरण संरक्षण के सम्बन्ध में जागरूकता रैली एवं शिविर भी आयोजित किये जाने है, नुक्कड नाटक, रेडियो कार्यक्रम/प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रोनिक मीडिया के माध्यम से भी आमजन को जागरूक किया जाना है। विद्यालय के छात्रों के मानव जाति के अस्तित्व के लिए पेडों का महत्व एवं वृक्षारोपण एवं पर्यावरण संरक्षण के विषय पर चित्रकला/स्लोगन/निबन्ध प्रतियोगिता भी आयोजित की जानी है, समस्त हितधारकों की प्रभावी भागेदारी व समन्वय स्थापित करते हुए आमजन मानस को जागरूक किया जाना है। उक्त अभियान के अन्तर्गत आज दिनांक 13.072023 को राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय, गल्जवाडी, सहसपुर, देहरादून में एक विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर भी आयोजित किया, कार्यक्रम में हर्ष यादव, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून के द्वारा छात्रों को किशोर न्याय (बालकों की देख-रेख संरक्षण) अधिनियम, 2015, पोक्सो अधिनियम 2012, मोटर वाहन अधिनियम, सडक सुरक्षा, बाल विवाह, गुड टच , बैड टच, साइबर अपराधों के साथ-साथ पर्यावरण के संरक्षण में वनों के महत्व के सम्बंध में जानकारी दी गयी।

वन विभाग के उप प्रभागीय वन अधिकारी  अनिल सिंह रावत द्वारा भी वृक्ष लगाने एवं वृक्ष संरक्षित किये जाने के महत्व के सबन्ध में जानकारी दी। छात्रों द्वारा सांस्कतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये। छात्रों हेतु कला प्रतियोगिता आयोजित की गई ,कला प्रतियोगिता के प्रतिभागी छात्रों को वरिष्ठ सिविल जज/सचिव, जिला सेवा प्राधिकरण, देहरादून हर्ष यादव, अपर नगर आयुक्त नगर निगम देहरादून रोहिताश शर्मा, वन विभाग के उप प्रभागीय वन अधिकारी अनिल सिंह रावत, वेस्ट वारियर संस्था के नवीन कुमार सडाना द्वारा प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अन्त में हर्ष यादव जिला सेवा प्राधिकरण देहरादून, अपर नगर आयुक्त रोहिताश शर्मा नगर निगम देहरादून, वन विभाग के अनिल सिंह रावत वेस्ट वारियर संख्या के नवीन कुमार सडाना विभाग की टीम द्वारा विद्यालय के आसपास वृक्षारोपण किया गया, वृक्षारोपण में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून की पराविधिक कार्यकर्ता भी सुश्री सुनीता सिंह एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून के त्रिलोचन जोशी द्वारा भी सहयोग किया गया।

 

 

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