कुछ सच इतना ज़्यादा सच होता है कि उसे सालों बाद सही तरीके से बताया जाए तो वो झूठ लगने लगता है

Pahado Ki Goonj

कुछ सच इतना ज़्यादा सच होता है कि उसे सालों बाद सही तरीके से बताया जाए तो वो झूठ लगने लगता है। ये बात ‘The Kashmir Files’ के संबंध में कही गई थी, जिसने नब्बे के दशक में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार का इतिहास दुनिया के सामने रखा। वहीं, कुछ सच ऐसा होता है जिसे देख कर भी समाज का एक अधिकतर हिस्सा तब तक नज़रअंदाज़ करता है जब तक वो एकदम भयावह रूप न ले ले, ये बात ‘The Kerala Story’ के संबंध में कही जा सकती है।

यहाँ हम आपको बताएँगे कि ‘The Kerala Story’ देखनी चाहिए या नहीं, बिना कहानी के बारे में कुछ भी खोलते हुए। इसका सीधा जवाब है – बिलकुल देखना चाहिए। जानने के लिए आगे पढ़ते रहिए। संक्षेप में कहें तो ‘The Kerala Story’ उन 3 लड़कियों की कहानी है जो इस्लामी धर्मांतरण के जाल में फँसा दी जाती हैं। जैसा कि ट्रेलर में बताया गया है, इन लड़कियों की तस्करी कर के उन्हें ISIS के गढ़ में भेजा जाता है।

उन्हें ‘Sex Slave’ बना दिया जाता है। फिल्म में कहीं भी किसी भी रूप में झूठी न्यूट्रैलिटी के लिए करेक्ट होने की कोशिश नहीं की गई है। जो है, उसे दिखाया गया है। जो होता है, उसे बताया गया है। धर्मांतरण के जाल में फँसाने के लिए क्या-क्या किया जाता है और क्या-क्या बोला जाता है, इसे दिखाने में कुछ भी छिपाने का प्रयास नहीं किया गया है। हिन्दू, वामपंथी, ईसाई – इस्लामी कट्टरवाद की आग में सब जलते हैं और ‘The Kerala Story’ इसे बहस सही तरीके से समझाती है।

‘The Kerala Story’ के निर्देशक सुदीप्तो सेन हैं और निर्माता विपुल शाह। विपुल शाह बॉलीवुड में एक बड़ा नाम हैं जिन्होंने अक्षय कुमार को लेकर 4 फिल्मों का निर्देशन किया है, जिनमें ‘नमस्ते लंदन (2007)’ भी शामिल है। वो ‘सींग इज किंग (2008)’ के भी निर्माता हैं। ‘कमांडो’ सीरीज की तीनों फिल्मों के निर्माता हैं। ‘फ़ोर्स’ सीरीज की तीसरी फिल्म अभी बन रही है, इस सीरीज के भी निर्माता वही हैं। ऐसे में क्रिएटिव प्रोड्यूसर के रूप में उनका अनुभव भी इसमें दिखता है।

फिल्म में अफगानिस्तान के जो दृश्य दिखाए गए हैं, वो वास्तविक लगते हैं। महिलाओं को किस तरह इस्लाम मजहब के कट्टरपंथियों द्वारा एक उपभोग की वस्तु से अधिक कुछ भी नहीं समझा जाता है, इसे आप ISIS और तालिबान से संबंधित दृश्यों को देख कर समझ जाएँगे। शरीयत की क्रूरता को उकेरने के लिए कुछ ही दृश्य काफी हैं। ‘लव जिहाद’ के पीछे मुल्ले-मौलानाओं के नेटवर्क और विदेशी फंडिंग – कई खबरों में हम इसकी वास्तविकता भी देख ही चुके हैं, अब फिल्म में भी इसे दिखाया गया है।

हिन्दू और ईसाई लड़कियों और उनके माता-पिता को ये मूवी विशेष कर के देखनी चाहिए। कोई भी बेटी का पिता, चाहे वो कॉन्ग्रेस हो, कम्युनिस्ट हो, नास्तिक हो या फिर हिन्दू विरोधी ही क्यों न हो, उसे इस फिल्म को ज़रूर देखना चाहिए ताकि उसकी विचारधारा उसकी बच्चियों का भविष्य बिगाड़ने का माध्यम न बने। इस्लामी कट्टरपंथ से खतरा सभी को है। मानव तस्करी और ‘लव जिहाद’ को मिला कर जो इस्लामी जिहाद का नेटवर्क बना है, उसका खुलासा करने वाली फिल्म है नाम है – ‘The Kerala Story’।

‘The Kerala Story’ फिल्म की रिलीज के बाद एक व्यक्ति जिनकी चर्चा सबसे ज्यादा होने वाली हैं, वो हैं अदा शर्मा, फिल्म की मुख्य अभिनेत्री। अदा शर्मा एक संस्कारी हिन्दू घर की लड़की के किरदार में हैं। उनके चेहरे पर वो मासूमियत दिखती है। बाद में उनके हावभाव में डर और लाचारी का मिश्रण भी अच्छे से दिखता है। जो भी इस फिल्म को देखने जाएँगे, वो उनके फैन बन कर निकलेंगे। अदा शर्मा के करियर का ये सबसे चर्चित और सबसे बड़ा किरदार होने वाला है, इसमें कोई शक नहीं है।

सिद्धि इदनानी – ये एक और ऐसा नाम है जिसकी चर्चा यहाँ पर करने लायक हैं। उन्होंने एक आधुनिक लड़की का किरदार बखूबी अदा किया है, जो कम्युनिस्ट पिता की छाया में पली-बढ़ी होती हैं। उनके किरदार से बॉलीवुड अभिनेत्रियों को ये सीखने को मिलेगा कि सर्जरी, जीरो फिगर और बिकनी से नहीं, बल्कि अच्छे स्क्रिप्ट में अच्छा अभिनय करने से आप दर्शकों का प्यार जीत सकती हैं। अदा शर्मा और सिद्धि इदनानी इस साल की सबसे चर्चित अभिनेत्रियों में रहें तो कोई शक नहीं होना चाहिए।

कई मलयालम फिल्मों की तरह ‘The Kerala Story’ में भी ‘God’s Own Country’, यानी केरल की खूबसूरती को बारीकी से उकेरा गया है। अफगानिस्तान और केरल के दृश्यों को देख कर आप उन इतिहासकारों को लानतें भेजना नहीं भूलेंगे, जिन्होंने हमें ये पढ़ाया कि इस्लामी आक्रांताओं का आर्किटेक्चर काफी उम्दा था और भारत में आकर उन्होंने ही हमें ये सब बनाना सिखाया। जो आज केरल में हो रहा है, वो कल को नॉर्थ-ईस्ट या फिर उत्तर भारत में भी व्यवस्थित ढंग से अंजाम दिया जा सकता है, इसीलिए जागना ज़रूरी है।

पिछले कुछ वर्षों में मलयालम फिल्मों में हिन्दुओं को विलेन के रूप में दिखाए जाने का चलन बढ़ा है। चाहे बहुचरचिर देशी सुपर हीरो वाली फिल्म ‘मिन्नल मुरली (2021)’ हो या फिर हाल ही में आई ममूटी की फिल्म ‘भीष्म पर्वम्’, हिन्दुओं को विलेन बताने जाने का एक चलन शुरू हो गया है। इन सबके उलट ‘The Kerala Story’ एक वास्तविक ट्रेंड को 3 पीड़ित लड़कियों के जरिए समझाने की कोशिश करती है। फिल्म में जो लोग नकारात्मक करिदार में हैं, उनका अभिनय भी दमदार है।

‘The Kerala Story’ देखनी चाहिए, ताकि बेटियों को बचाया जा सके। इस फिल्म को और भी लोगों को दिखाना चाहिए, ताकि वो इस आशंका से सतर्क रहें कि जो केरल में हो रहा वो नागलइनफ, कश्मीर या फिर झारखंड में भी हो सकता है। केरल के बारे में कथा है कि ये वो भूमि है, जिसे भगवान परशुराम ने खुद तैयार किया था। आज वहाँ ईसाइयों और मुस्लिमों के नाम पर राजनीति करने वाले दल हैं। जबकि सबरीमाला को पाश्चात्य अजेंडे के तहत शिकार बनाया गया और श्रद्धालुओं पर डंडे चले।

अल्लाहु अकबर बोल कर गला काटा जाता है, इस चीज को ‘The Kerala Story’ छिपाती नहीं। ‘लव जिहाद’ की शिकार लड़कियों के परिवारों की व्यथा को इसमें बढ़िया तरीके से दिखाया गया है। अधिकतर कॉलेज की लड़कियाँ ही इसका शिकार बनती हैं, इसीलिए कहानी में मुख्य किरदार भी उन्हें ही रखा गया है। इससे युवा इस फिल्म को देखेंगे-समझेंगे। फिल्म के कुछ वन लाइनर डायलॉग्स भी हैं, जो आपको याद रहेंगे।

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