MoUs worth more than Rs 20,000 crore signed with industry groups in Ahmedabad for Uttarakhand Global Investors Summit

Pahado Ki Goonj

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उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए अहमदावाद में आयोजित रोड शो में उद्योग समूहों के साथ 20 हज़ार करोड़ से अधिक के एमओयू किए गए*

*सीएम पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में 50 से अधिक उद्योग समूहों के साथ किए गए एमओयू*

*सीएम धामी ने निवेशकों को उत्तराखंड आमंत्रित किया*

उत्तराखण्ड में आगामी 8-9 दिसंबर को होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट हेतु अहमदावाद में आयोजित रोड शो में मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में 50 से अधिक उद्योग समूहों के साथ 20 हज़ार करोड़ के एमओयू किए गए, जिसमें शीतल ग्रुप और कंपनी, रैंकर्स हॉस्पिटल, ज़िवाया वेलनेस प्राइवेट लिमिटेड, एस्ट्रल पाइप्स, वारमोरा टाइल्स, गुजरात अंबुजा एमकेसी इंसा इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और अमूल शामिल हैं।

इसके अलावा कमोडिटी ट्रेडिंग, एडी मेहता लॉजिस्टिक्स, फ्रेंड्स एंड फ्रेंड्स ग्रुप ऑफ कंपनीज, पारेख वेंचर्स एलएलपी, वी मिलक इंटरप्राइजेज, आर्य ओशियन लॉजिस्टिक्स पार्क, हिंदुस्तान ऑयल इंडस्ट्रीज, सुपैक इंडस्ट्रीज, श्रीजी ग्रुप, एनबी ग्रुप, शांताकारम निगम, अपोलो ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, पंचकर्म होटल और रिसॉर्ट्स (ट्राइडेंट), साबरमती विश्वविद्यालय, लीला होटल और रिसॉर्ट्स, हॉप्स हेल्थकेयर, प्राइम फ्रेश, दत्त मोटर्स, नेक्सस इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के साथ एमओयू किए गए।

उत्तराखण्ड में आगामी 8-9 दिसंबर को होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट हेतु मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को अहमदाबाद में आयोजित रोड शो में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्रीने विभिन्न उद्योग समूहों के साथ बैठक करते हुए सभी निवेशकों को समिट के लिए आमंत्रित भी किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के तहत अहमदाबाद में यह छठवां रोड शो आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने 08 और 09 दिसम्बर 2023 को देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में निवेशकों को आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात भगवान श्रीकृष्ण की धरा है। महात्मा गांधी और सरदार पटेल जैसे महापुरूषों की यह भूमि है। इस भूमि ने भारत को नरेन्द्र मोदी जैसे प्रधानमंत्री दिये हैं। उनके नेतृत्व में भारत ने वैश्विक पटल पर एक अलग पहचान बनाई है। आज दुनिया में भारत का मान-सम्मान और स्वाभिमान बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में उद्योगों के विकास के लिए सरकार द्वारा लगातार कार्य किये जा रहे हैं। उद्योग जगत से जुड़े लोगों के सुझावों को ध्यान में रखते हुए 30 नई नीतियां बनाई गई हैं। कई नीतियों को और सरल बनाया गया है। उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान भी जो सुझाव प्राप्त हो रहे हैं, उन सभी पर अमल किया जा रहा है। राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम बनाया गया है। इसको और प्रभावी बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य को बने 23 साल हो गये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में निवेश के लिए अपार संभावनाएं हैं। राज्य में 06 हजार एकड़ का लैंड बैंक बनाया गया है। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश करने वालों के लिए और प्रोत्साहन दिया जायेगा। उत्तराखण्ड का प्राकृतिक सौन्दर्य और बेहतर मानव संसाधन निवेशकों को उत्तराखण्ड आने के लिए आकर्षित कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में ईकोलॉजी और ईकोनॉमी में संतुलन बनाते हुए कार्य किये जा रहे हैं। उत्तराखण्ड कर्मभूमि बनाने के लिए अच्छा डेस्टिनेशन है। राज्य में हवाई, रेल, रोड और रोपवे कनेक्टिविटी के साथ तेजी से विस्तार हो रहा है। उत्तराखण्ड में चारधाम यात्रा में इस वर्ष अभी तक 52 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। कुमांऊ मण्डल में मानसखण्ड मन्दिर माला मिशन के तहत तेजी से कार्य किये जा रहे हैं।

कैबिनेट मंत्री  प्रेमचन्द अग्रवाल ने कहा कि उद्योगों की स्थापना के लिये उत्तराखण्ड में शांतिपूर्ण वातावरण है। राज्य में तेजी से निवेश बढ़े इसके लिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में नीतियों के सरलीकरण एवं नई नीतियों के क्रियान्वयन के लिए लगातार कार्य किये जा रहे हैं। उद्योगों की स्थापना के लिए ट्रांसपोर्टेशन, विद्युत आपूर्ति और बेहतर मानव संसाधन की आवश्यकता होती है, जो सब उत्तराखण्ड के पास हैं। उत्तराखण्ड सबसे सस्ती बिजली देने वाला राज्य है। कनेक्टिविटी का राज्य में तेजी से विस्तार हुआ है।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव  आर.के सुधांशु, सचिव  विनय शंकर पाण्डेय, महानिदेशक उद्योग  रोहित मीणा और औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े निवेशक मौजूद थे।

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केंद्रीय पंचायतीराज राज्य मंत्री ने की प्रदेश में संचालित कार्यक्रमों की समीक्षा*

केन्द्रीय पंचायतीराज राज्य मंत्री  कपिल मोरेश्वर पाटिल द्वारा बुधवार को राजपुर रोड स्थित होटल में उत्तराखण्ड में पंचायतीराज एवं ग्राम्य विकास मंत्रालय द्वारा संचालित कार्यक्रमों की समीक्षा की गयी। उन्होंने अपने संबोधन में विभिन्न राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिसेज का उदाहरण देते हुए उत्तराखण्ड में मॉडल ग्राम पंचायत बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में क्लस्टर आधारित अवधारणा को अपनाने से पंचायतें कम लागत में अधिक कार्य करा सकती हैं। पंचायत विकास सूचकांक को मंत्रालय की विशिष्ट उपलब्धि बताते हुए कहा कि पंचायत विकास सूचकांक ग्राम पंचायत के दर्पण के रूप में कार्य करेगा जिससे वह अपनी स्थिति का आंकलन कर सकेंगे। साथ ही ग्राम पंचायत अन्तर्गत विभिन्न विभाग भी अपने लक्ष्यों एवं उनकी पूर्ति के सम्बन्ध में अपना आंकलन कर सकेंगे।

बैठक में सचिव पंचायतीराज  हरिचन्द्र सेमवाल द्वारा केंद्रीय मंत्री को राज्य में संचालित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान, 15वाँ वित्त आयोग, ग्राम पंचायत विकास योजना, ई-ग्राम स्वराज, पंचायत विकास सूचकांक, स्वामित्व योजना आदि समस्त योजनाओं की प्रगति की जानकारी दी गयी। अवगत कराया गया कि 15वें वित्त के टाईड फण्ड द्वारा पंचायतों में जल भंडारण क्षमता बढ़ाने एवं ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन का कार्य किया जा रहा है। इस क्रम में प्राकृतिक धारों एवं नौलों का जीर्णोद्धार, पेयजल पम्पिंग योजना, कुँओं का पुनर्रोद्धार, हैण्ड पम्प, वॉटर कूलर आदि लगाये जा रहे हैं। साथ ही, सभी पंचायतों में कूड़ा पृथक्करण केन्द्र बनाये गये हैं। क्षेत्र पंचायतों के माध्यम से पंचायतों द्वारा संग्रहित प्लास्टिक अपशिष्ट एंव अन्य अजैविक कूड़े को विकास खण्ड स्तर पर जिला पंचायतों द्वारा स्थापित कॉम्पेक्टरों तक पहुँचाया जा रहा है।

15वें वित्त आयोग के अनटाईड फण्ड राज्य वित्त आयोग एवं स्वयं के राजस्व स्रोतों (OSR) के अभिसरण से विभिन्न कार्य जैसे कि बारात घर निर्माण, पंचायत भवन मरम्मत, पुस्तकालय स्थापना, सोलर स्ट्रीट लाईट स्थापना आदि कार्य कराये जा रहे हैं। सतत् विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण के क्रम में विभिन्न 9 थीमों की प्राप्ति हेतु अभिनव प्रयोग करते हुए कई पंचायतों द्वारा कम लागत तथा बिना लागत के कार्य भी कराये जा रहे हैं। स्वामित्व योजना का कार्य समस्त लक्षित ग्रामों में पूर्ण किया जा चुका है। पंचायत विकास सूचकांक के संदर्भ में राज्य एवं जनपद स्तर पर तैयारी कर ली गयी है। ई ग्राम स्वराज के अन्तर्गत सभी पंचायतें ऑनबोर्ड हो गयी हैं। सभी पंचायतों द्वारा ऑनलाईन माध्यम से ही भुगतान किया जा रहा है। राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के सम्बन्ध में मा0 मंत्री जी को अवगत कराया गया कि वर्षाकाल में अपेक्षित प्रगति प्राप्त नहीं की जा सकी है, आगामी माहों में विशेष ध्यान केन्द्रित करते हुए समुचित प्रगति प्राप्त की जा सकेगी।

बैठक में ग्राम्य विकास विभाग की ओर से मुख्य विकास अधिकारी सुश्री झरना कमठान द्वारा प्रस्तुतीकरण किया गया। अवगत कराया गया कि राज्य में ग्राम्य विकास विभाग की मनरेगा योजना अंतर्गत लक्ष्य से अधिक अमृत सरोवरों का निर्माण कराया गया। इन्हें आजीविका से भी जोड़ा जा रहा है। इसके अतिरिक्त मेरा गाँव मेरी सडक, नर्सरी स्थापना, आजीविका पैकेज मॉडल आदि योजनाऐं भी संचालित हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लक्ष्य फरवरी, 2024 तक पूर्ण कर लिये जायेंगे। प्रस्तुतिकरण में मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना, मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना, मिलेट बेकरी, ग्रोथ सेंटर्स, बैंक सखी, डिजि सखी आदि नवोन्मेषी योजनाओं के विषय में भी अवगत कराया गया।

बैठक में अपर सचिव पंचायतीराज आलोक कुमार पाण्डेय, निदेशक पंचायतीराज श्रीमती निधि यादव, मुख्य विकास अधिकारी सहित पंचायतीराज, ग्राम्य विकास, नियोजन तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।आगे पढ़ें 
 मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी के दो दिवसीय गुजरात – अहमदाबाद, दौरे पर आज प्रातः गांधीनगर में गुजरात के मुख्यमंत्री  भूपेंद्र पटेल से शिष्टाचार भेंट कर उन्हें बाबा केदार का स्मृति चित्र भेंट किया।

इस दौरान उनसे प्रवासी उत्तराखंडियों की माँग पर अहमदाबाद में उत्तराखण्ड भवन बनाए जाने के लिए सहयोग हेतु अनुरोध किया। साथ ही दोनों राज्यों में गतिमान विभिन्न विकास कार्यों पर चर्चा कर उन्हें देवभूमि भ्रमण हेतु आमंत्रित भी किया।

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 *मुख्यमंत्री धामी अहमदाबाद में पहुँचे गांधी आश्रम, चलाया चरखा, राष्ट्रपिता को किया याद*

*मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपिता को अर्पित की श्रद्धांजलि, कहा-बचपन से गांधी जी से रहे हैं प्रेरित*

देहरादून। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने अहमदाबाद स्थित गांधी आश्रम पहुँचकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने कुछ देर चरखा भी चलाया और अपने अनुभव भी यहां रखी विजिटर बुक में साझा किए।
मुख्यमंत्री ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को लेकर अहमदाबाद दौरे पर हैं। इसी क्रम में आज मुख्यमंत्री अहमदाबाद स्थित गांधी आश्रम पहुँचे जहां पर उन्होंने राष्ट्रपिता को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके उपरांत मुख्यमंत्री ने कुछ देर तक आश्रम में चरखा चलाया और आश्रम को भी देखा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्य, अहिंसा और सद्भाव का संदेश पूरी दुनिया को देने वाले राष्ट्रपिता बापू को मैं नमन करता हूँ। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधी जी से हम बचपन प्रेरित हैं। भारत विश्व का अग्रणी राष्ट्र बने यह हम संकल्प लेते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपिता बापू के स्वाधीनता आंदोलन में किये गए कार्य हमेशा से हमें प्रेरणा देने का काम करते हैं।

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विरासत आर्ट एंड हेरीटेज फेस्टिवल 2023 के छठे दिन की शुरूआत विरासत साधना कार्यक्रम के साथ हुआ

विरासत में ’अभ्यास समूह’ द्वारा कथक नृत्य प्रस्तुत किया गया

विरासत में दक्षिण अफ्रीका से आए हुए अंतरराष्ट्रीय कलाकारों ने भारत और दक्षिण अफ्रीका के नृत्यों की जुगलबंदी प्रस्तुत की

विरासत में कौशिकी चक्रवर्ती ने अपने मधुर संगीत से मंत्रमुग्ध किया

 

देहरादून- 01 नवंबर 2023- विरासत आर्ट एंड हेरीटेज फेस्टिवल 2023 के छठे दिन के कार्यक्रम की शुरूआत विरासत साधना के साथ हुआ। विरासत महोत्सव 2023 स्कूली बच्चों के लिए अपनी प्रतिभा दिखाने का एक बहुमूल्य अवसर है। आज प्रतिभागियों ने नृत्य श्रेणि में अपना शानदार प्रदर्शन देकर लोगो को मानमोहित किया ।

नृत्य श्रेणी में स्कूल एवं विश्वविद्यालय के छात्रों ने भाग लिया, जिसमें से पहली प्रतिभागी थी ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय कि कृति यादव ने भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी, दूसरी प्रस्तुती दून विश्वविद्यालय की श्रृष्टि जोशी जिन्होंने कथक नृत्य का प्रदर्शन किया। तदुपरांत घुंघरू कथक संगीत माहाविद्यालय की आंशिका वर्मा ने कथक, दून इंटरनेशनल की रितवि आर्य ने भरतनाट्यम, न्यू दून ब्लॉसम्स स्कूल की नंदनी बिस्ट ने कथक, केंद्रीय विद्यालय ओएनजीसी की अनन्या सिंह ने भरतनाट्यम, देहरादून नेशनल अकेडमी ऑफ डिफ़ेंस की समृद्धि नौटियाल ने भरतनाट्यम, द हेरिटेज स्कूल नॉर्थ कैंपस की ऐश्वर्य पोखरियाल ने कथक , स्कॉलर्स हब डिफेंस इंस्टीट्यूट की तमन्ना रावत ने कथक, पीवाईडीएस लर्निंग एकेडमी की अर्पिता थप्लि ने कथक , दून ग्लोबल स्कूल की प्रेक्षा मित्तल जी ने भरतनाट्यम, मॉडर्न पब्लिक स्कूल की देवयनशि चौहान ने कथक, दिल्ली पब्लिक स्कूल देहरादून की अवनि गुप्ता ने भरतनाट्यम, दी दुन प्रेसीडेंसी स्कूल प्रेमनगर की हिमांशी ने भरतनाट्यम, सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल की ओजस्विनि भट्ट ने कथक , हिल फाउंडेशन स्कूल की अनुष्का चौहान ने भरतनाट्यम और फील्फोट पब्लिक स्कूल देहरादून की मोलश्री राणा ने ओडिसि नृत्य की प्रस्तुति की। विरासत साघना के आयोजक श्री घनश्याम जी ने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किये और प्रतिभागियों का साहास बढ़ाया।

आज के सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभांरंभ डॉ. निशात मिश्रा, डीन, यूपीईएस, आनंद बर्धन, आईएएस एवं राजा रणधीर सिंह, एशिया ओलंपिक परिषद के अंतरिम अध्यक्ष ने दीप प्रज्वलन के साथ किया एवं उनके साथ रीच विरासत के महासचिव  आर.के.सिंह एवं अन्य सदस्य भी मैजूद रहें।

सांस्कृतिक कार्यक्रम की पहली प्रस्तुति में ’अभ्यास समूह’ कृष्ण मोहन महाराज जी द्वारा गणपति वंदना के साथ हुई, इसके बाद दरबारी, शाही दरबार में किया जाने वाला कथक नृत्य, कृष्ण मोहन जी द्वारा ग़ज़ल पर नृत्य, एक तराना और एक सूफी कलाम, अमीर खुसरू द्वारा छाप तिलक प्रस्तुत किया गया। ’अभ्यास समूह’ की ओर से मीनू गारू, हीना भसीन, जया पाठक, निधि भारद्वाज, नेहा भगत, देविका दीक्षित, अक्षिका सयाल ने सहयोग किया।

नर्तकियों के परिवार में जन्मे पंडित कृष्ण मोहन महाराज, प्रसिद्ध कथक गुरु पंडित शंभु महाराज के सबसे बड़े पुत्र और पंडित बिरजू महाराज के चचेरे भाई हैं। वह लखनऊ के प्रतिष्ठित कालका बिंदादीन घराने से हैं और अपनी तकनीकी कुशलता के लिए प्रसिद्ध हैं। वह नई दिल्ली, भारत में राष्ट्रीय कथक नृत्य संस्थान, कथक केंद्र के गुरुओं में से एक हैं। ’अभ्यास’, कला, संस्कृति और सामाजिक कल्याण का एक संघ है, जिसकी स्थापना 2008 में गुरु किशन मोहन मिश्रा ने की थी। सारंगी और तबला कथक के संगीत समूह का अभिन्न अंग रहे हैं। यदि तबला, कथक के बोल, स्मृति-विद्या का अनुकरण करता है, तो सारंगी अपने संगीतमय स्वर के साथ नृत्य किए जा रहे ताल के समय-चक्र में माधुर्य जोड़कर समय को बनाए रखने में मदद करती है। गुरु किशन मोहन युवा प्रतिभाओं को बढ़ावा देने और उनका पोषण करने में विश्वास रखते हैं। अभ्यास के सुप्रशिक्षित नर्तकों की समूह प्रस्तुति का शाब्दिक अर्थ है “करत करत अभ्यास के / जड़मति होठ सुजान“, या ’अभ्यास मनुष्य को पूर्ण बनाता है’।

सांस्कृतिक कार्यक्रम की दूसरी प्रस्तुति दक्षिण अफ़्रीका से नृत्य कलाकारों की टुकड़ी, त्रिभंगी नृत्य रंगमंच की रही। त्रिभंगा डांस थिएटर ने कुछ पीढ़ियों से चले आ रहे अफ्रीकी-भारतीय संबंध का जश्न मनाते हुए एक ऊर्जावान नृत्य के साथ प्रदर्शन की शुरुआत की। नर्तक प्रिया नायडू, टीमलेट्सो खलाने, कैरोलिन गोवेंडर, मोंटूसी मोटसेको, टीबाहो मोगोत्सी और सोलोमन स्कोसना ने साथ में सहयोग किया एव उनके साथ कार्यक्रम के निदेशक जयस्पेरी मूपेन मौजूद रहे।

त्रिभंगी डांस थिएटर का काम दक्षिण अफ़्रीकी संदर्भ में भारतीय नृत्य की विरासत में मिली धारणाओं को लगातार चुनौती देता है। त्रिभंगी नृत्य शैलियों का एक पूरा मिश्रण दिखाता है जहां नर्तक प्रत्येक संस्कृति के प्रति पूर्ण सम्मान और संवेदनशीलता दिखाते हुए राष्ट्र निर्माण और सामाजिक एकजुटता के आधार पर काम करते हुए एक अंतर-सांस्कृतिक संवाद में एक-दूसरे के साथ बातचीत करते हैं। जयस्पेरी मूपेन के प्रेरित निर्देशन के तहत, त्रिभंगी डांस थिएटर एक समकालीन नृत्य कंपनी है जो मूल दक्षिण अफ़्रीकी कोरियोग्राफी के निर्माण और प्रदर्शन के लिए समर्पित है। कंपनी का प्राथमिक फोकस नए काम का निर्माण और रचनात्मक प्रक्रिया में भागीदारी के माध्यम से नर्तकियों और अन्य सहयोगियों का विकास है। त्रिभंगी डांस थिएटर का दृढ़ विश्वास है कि कला मानव, सामाजिक और आर्थिक और विकास में अत्यधिक योगदान देती है। त्रिभंगी नृत्य रंगमंच कलाकार के रूप में वे देश के भीतर खुद को परिभाषित करने और स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं, वे एक ऐसी पहचान की दिशा में प्रयोग और खोज कर रहे हैं जो अभी भी बन रही है।

यह सांस्कृतिक इतिहास का एक मार्कर भी है। उन्नीसवीं सदी के मध्य से, अफ़्रीका बड़ी संख्या में दक्षिण एशियाई लोगों का घर रहा है, मुख्यतः गिरमिटिया मज़दूरी और उसके परिणामस्वरूप होने वाले प्रवासन के कारण। युगांडा और केन्या जैसे कुछ नव स्वतंत्र देशों से ब्रिटेन में माध्यमिक प्रवास के बावजूद, कई लोग वहीं रह गए और दक्षिण अफ्रीका वर्तमान में लगभग 1.3 मिलियन दक्षिण एशियाई विरासत का घर है। अपने पीछे इस इतिहास के साथ, भरतनाट्यम, अफ्रीकी और समकालीन नृत्य में अपनी जड़ों के साथ त्रिभंगी डांस थिएटर की एक ऐसी प्रतिध्वनि है जो मनोरंजन से कहीं आगे तक जाती है। कलाकारों ने एक असंभावित संलयन के साक्ष्य के रूप में सकारात्मक ऊर्जा की लहरें छोड़ीं, जिसे एक व्यवहार्य रूप मिल गया है।

कलात्मक निर्देशक, जयस्पेरी मूपेन, कंपनी के मिशन को भारतीय नृत्य के बारे में प्रयोग, अन्वेषण और चुनौती देने के रूप में देखते हैं। कलाकार भारतीय और अफ्रीकी विरासत से आते हैं, जो पारंपरिक नृत्य के दोनों रूपों में कुशल हैं और एक अच्छे समकालीन नृत्य आधार के साथ हैं।

सांस्कृतिक कार्यक्रम की तीसरी प्रस्तुति कौशिकी चक्रवर्ती की रही, कौशिकी जी ने अपने कार्यक्रम की शुरुआत राग यमन कल्याण से की। कौशिकी ने झप ताल में बड़े गुलाम अली खां साहब के तराना सहित मधुर प्रस्तुति से मंत्रमुग्ध करना जारी रखा। उनकी अगली प्रस्तुति आड़ा चौटाल में बंदिश रही जो “शारदे बागेश्वरी“ थी उसके बाद उन्होंने राग पहाड़ी में रूपक बंदिश पेश किया। कौशिकी जी के साथ सारंगी पर मुराद अली, तबले पर ईशान घोष, हारमोनियम पर पारोमिता मुखर्जी, तानपुरा पर अदिति बछेती और सृष्टि कला ने सहयोग किया।

कौशिकी चक्रवर्ती एक भारतीय शास्त्रीय गायिका और संगीतकार हैं। उन्होंने संगीत अनुसंधान अकादमी में शिक्षा ली और वह पटियाला घराने के शागिर्दों में से एक है। उनके प्रदर्शनों की सूची में शुद्ध शास्त्रीय, ख्याल, दादरा, ठुमरी और भारतीय संगीत के कई अन्य रूप भी शामिल हैं। वह एशिया-प्रशांत श्रेणी में विश्व संगीत के लिए 2005 में बीबीसी रेडियो से 3 पुरस्कार की प्राप्त कर चुकी हैं। वह हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायिक, अजॉय चक्रवर्ती की बेटी हैं और उन्होंने उनके साथ-साथ अपने पति पार्थसारथी देसिकन के साथ भी प्रदर्शन किया है। 2020 में उन्हें नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कौशिकी एक प्रशिक्षित कर्नाटक शास्त्रीय गायिका भी हैं।

कौशिकी चक्रवर्ती दो साल की उम्र से ही संगीत में रुचि दिखाई और उन्होंने 7 साल की उम्र में अपना पहला गाना सार्वजनिक रूप से गाया,जो एक तराना था। 1980 के दशक के उत्तरार्ध से वह अपने पिता के साथ संगीत प्रदर्शन के विश्व दौरों पर गईं। दस साल की उम्र में, उन्होंने ज्ञान प्रकाश घोष की अकादमी में भारतीय शास्त्रीय संगीत सीखना शुरू किया, जो उनके पिता के गुरु भी थे। बाद में, वह आईटीसी संगीत रिसर्च अकादमी में शामिल हो गईं, जहां से उन्होंने 2004 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की, और उनके पिता ने उन्हें कोलकाता में श्रुतिनंदन संगीत विद्यालय में प्रशिक्षित किया। वह न केवल ख्याल और ठुमरी प्रस्तुत करने में माहिर हैं, बल्कि उन्होंने 2002 से संगीत विद्वान बालमुरली कृष्णन से कर्नाटक संगीत भी सीखा है।

कौशीकी जी ने कई प्रमुख संगीत कार्यक्रमों में भाग लिया है। अपने प्रदर्शन में ख़्याल प्रस्तुत करने के अलावा, उन्होंने कभी-कभी भारतीय पॉप संगीत के समकालीन स्वरूप को भी अपनाया है। उन्होंने 20 साल की उम्र से डोवर लेन संगीत सम्मेलन में प्रदर्शन किया और अगले 5 वर्षों तक भाग लेना जारी रखा। अपने करियर के शुरुआती दौर में, अगस्त 2003 में, उन्होने ने लंदन में एक लाइव प्रदर्शन दिया, जिसे “प्योर“ रिकॉर्ड के रूप में जारी किया गया था। उन्होंने भारत में आईटीसी संगीत सम्मेलन, स्प्रिंग फेस्टिवल ऑफ म्यूजिक (कैलिफोर्निया), सवाई गंधर्व भीमसेन संगीत महोत्सव और परंपरा कार्यक्रम (लॉस एंजिल्स) में भी प्रदर्शन किया। उनके संगीत प्रदर्शन के लिए उन्हें “पटियाला परंपरा की मशाल वाहक“ के रूप में सराहा गया है।

वे कई पुरस्कारों के प्राप्तकर्ता रही हैं। उन्हें 1995 में जादू भट्ट पुरस्कार मिला, 1998 में नई दिल्ली के सम्मेलन में, और 2000 में उत्कृष्ट युवा व्यक्ति का पुरस्कार मिला। जब वह 25 वर्ष की थीं, तब उन्हें संगीत में उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए बीबीसी पुरस्कार (2005) मिला। बीबीसी ने उनकी संगीत यात्रा पर एक लघु फिल्म भी बनाई – जिसमें उनके संगीत से जुड़े लोगों और स्थानों को शामिल किया गया। उन्हें हिंदुस्तानी वोकल म्यूजिक के लिए संगीत नाटक अकादमी का उस्ताद बिस्मिल्लाह खान पुरस्कार 2010 और 2013 का आदित्य बिड़ला कलाकिरण पुरस्कार भी मिला है।

तबला वादक शुभ जी का जन्म एक संगीतकार घराने में हुआ था। वह तबला वादक श्री किशन महाराज के पोते हैं। उनके पिता श्री विजय शंकर एक प्रसिद्ध कथक नर्तक हैं, शुभ को संगीत उनके दोनों परिवारों से मिला है। बहुत छोटी उम्र से ही शुभ को अपने नाना पंडित किशन महाराज के मार्गदर्शन में प्रशिक्षित किया गया था। वह श्री कंठे महाराज.की पारंपरिक पारिवारिक श्रृंखला में शामिल हो गए। सन 2000 में, 12 साल की उम्र में, शुभ ने एक उभरते हुए तबला वादक के रूप में अपना पहला तबला एकल प्रदर्शन दिया और बाद में उन्होंने प्रदर्शन के लिए पूरे भारत का दौरा भी किया। इसी के साथ उन्हें पद्म विभूषण पंडित के साथ जाने का अवसर भी मिला। शिव कुमार शर्मा और उस्ताद अमजद अली खान. उन्होंने सप्तक (अहमदाबाद), संकट मोचन महोत्सव (वाराणसी), गंगा महोत्सव (वाराणसी), बाबा हरिबल्लभ संगीत महासभा (जालंधर), स्पिक मैके (कोलकाता), और भातखंडे संगीत महाविद्यालय (लखनऊ) जैसे कई प्रतिष्ठित मंचों पर प्रदर्शन किया है।

27 अक्टूबर से 10 नवंबर 2023 तक चलने वाला यह फेस्टिवल लोगों के लिए एक ऐसा मंच है जहां वे शास्त्रीय संगीत एवं नृत्य के जाने-माने उस्तादों द्वारा कला, संस्कृति और संगीत का बेहद करीब से अनुभव कर सकते हैं। इस फेस्टिवल में परफॉर्म करने के लिये नामचीन कलाकारों को आमंत्रित किया गया है। इस फेस्टिवल में एक क्राफ्ट्स विलेज, क्विज़ीन स्टॉल्स, एक आर्ट फेयर, फोक म्यूजिक, बॉलीवुड-स्टाइल परफॉर्मेंसेस, हेरिटेज वॉक्स, आदि होंगे। यह फेस्टिवल देश भर के लोगों को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और उसके महत्व के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त करने का मौका देता है। फेस्टिवल का हर पहलू, जैसे कि आर्ट एक्जिबिशन, म्यूजिकल्स, फूड और हेरिटेज वॉक भारतीय धरोहर से जुड़े पारंपरिक मूल्यों को दर्शाता है।

रीच की स्थापना 1995 में देहरादून में हुई थी, तबसे रीच देहरादून में विरासत महोत्सव का आयोजन करते आ रहा है। उदेश बस यही है कि भारत की कला, संस्कृति और विरासत के मूल्यों को बचा के रखा जाए और इन सांस्कृतिक मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाया जाए। विरासत महोत्सव कई ग्रामीण कलाओं को पुनर्जीवित करने में सहायक रहा है जो दर्शकों के कमी के कारण विलुप्त होने के कगार पर था। विरासत हमारे गांव की परंपरा, संगीत, नृत्य, शिल्प, पेंटिंग, मूर्तिकला, रंगमंच, कहानी सुनाना, पारंपरिक व्यंजन, आदि को सहेजने एवं आधुनिक जमाने के चलन में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इन्हीं वजह से हमारी शास्त्रीय और समकालीन कलाओं को पुणः पहचाना जाने लगा है।

विरासत 2023 आपको मंत्रमुग्ध करने और एक अविस्मरणीय संगीत और सांस्कृतिक यात्रा पर फिर से ले जाने का वादा करता है।

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें – विकास कुमार- 8057409636

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उत्तरकाशी :- अवैध चरस के साथ एक तस्कर को पुलिस ने किया गिरफ्तार ।

उत्तरकाशी :- अवैध चरस के साथ एक तस्कर को पुलिस ने किया गिरफ्तार । उत्तरकाशी । *ड्रग्स फ्री देवभूमि मिशन-2025* को सफल बनाने हेतु *उत्तरकाशी के पुलिस कप्तान अर्पण यदुवंशी* लगातार प्रयासरत हैं ।क्षेत्राधिकारी उत्तरकाशी अनुज कुमार के निकट पर्यवेक्षण एवं प्रभारी निरीक्षक मनेरी अजय सिंह* के देखरेख में *मनेरी […]

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