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Pahado Ki Goonj

LIVE: चम्पावत में सूर्योदय सेवा समिति द्वारा आयोजित इंटरनेशनल नेचुरोपैथी एण्ड योगा कांफ्रेन्स*

 उत्तराखंड चारधाम यात्रा वर्ष 2022 बदरीनाथ कपाट आज शीतकाल के लिए बन्द होंगे

दर्शनार्थियों /तीर्थयात्रियों की संख्या
1-श्री बदरीनाथ धाम कपाट खुलने की तिथि 8 मई से 17 नवंबर तक 1750909

• 17 नवंबर रात्रि तक पहुंचे तीर्थयात्री- 4989

2- श्री केदारनाथ धाम कपाट खुलने की तिथि 6 मई से 27 अक्टूबर कपाट बंद होने तक 1563278
(हेलीकॉप्टर से कपाट बंद होने तक पहुंचे 151795 तीर्थयात्री भी शामिल)

3-श्री यमुनोत्री धाम
कपाट खुलने की तिथि 3 मई से 27 अक्टूबर® कपाट बंद होने तक तक 485688

4-श्री गंगोत्री धाम
कपाट खुलने की तिथि 3 मई से 26 अक्टूबर ©कपाट बंद होने तक 624516

• 17 नवंबर तक श्री बदरीनाथ- केदारनाथ पहुंचनेवाले कुल तीर्थयात्रियों की संख्या का योग- 3314187

• 27 अक्टूबर तक श्री गंगोत्री-यमुनोत्री पहुंचे तीर्थ यात्रियों की संख्या 1110204

17 नवंबर शाम तक उत्तराखंड चारधाम पहुंचे संपूर्ण तीर्थयात्रियों की संख्या 4424391

• श्री हेमकुंट साहिब- लोकपाल तीर्थ पहुंचे तीर्थयात्रियों की संख्या कपाट खुलने की तिथि 22 मई से 10 अक्टूबर कपाट बंद की तिथि तक
तक 247000

• चारधाम यात्रियों की संख्या श्री हेमकुंट साहिब लोकपाल तीरथ सहित -4671391

2022
चारधाम कपाट बंद होने की तिथियां

• श्री बदरीनाथ धाम आज शनिवार 19 नवंबर को बंद होंगे।
• श्री केदारनाथ धाम बृहस्पतिवार 27 अक्टूबर को कपाट बंद हुए।
• श्री यमुनोत्री धाम 27 अक्टूबर कपाट बंद हुए।
• श्री गंगोत्री धाम बुद्धवार 26 अक्टूबर कपाट बंद हुए।

• द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर जी के कपाट शुक्रवार 18 नवंबर को शीतकाल हेतु बंद हो गये है।

• तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट 7 नवंबर को शीतकाल हेतु बंद हुए।

• चार धाम यात्रा मार्ग सुचारू हैं।
•श्री बदरीनाथ धाम में बर्फबारी के बाद सर्दी बढ़ी।
• बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग सुचारू है।
• चारधाम तीर्थयात्रियों के आंकड़े श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी);/ पुलिस- प्रशासन/ आपदा प्रबंधन / गुरुद्वारा श्री हेमकुंट साहिब ट्रस्ट के सहयोग से डा. हरीश गौड़ मीडिया प्रभारी बीकटीसी द्वारा

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मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने शुक्रवार को सचिवालय में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए सभी विभागों को आबंटित बजट व्यय के सम्बन्ध में बैठक ली। मुख्य सचिव ने विभागों द्वारा खर्च की मॉनिटरिंग के लिए परफोर्मा तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इसकी लगातार मॉनिटरिंग हो सके इसके लिए पाक्षिक रिपोर्ट विभागों द्वारा इस परफोर्मा में ली जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि सभी विभाग आबंटित बजट को 31 मार्च, 2023 तक 100 प्रतिशत खर्च करने को लेकर कार्ययोजना तैयार कर लें। उन्होंने कहा कि विभागों की पुरानी देयताओं अथवा अच्छे प्रस्ताव आने पर पूर्व में स्वीकृत बजट से अधिक भी स्वीकार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि समय बचाने के लिए विभागों द्वारा जो काम होने ही होने हैं, उनके टेंडर लगा लिए जाएं, कहा कि प्रोजेक्ट सेंक्शन होने उपरान्त ही अवार्ड किए जाएंगे। उन्होंने सभी सचिवों को अपने विभाग के प्रस्तावों की लगातार मॉनिटरिंग करने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि प्रस्तावों में देरी न हो इसके लिए प्रस्ताव से पूर्व सभी प्रकार की औपचारिकताओं को पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने कृषि, पशुपालन, मत्स्य एवं उद्यान विभाग को अपनी सभी प्रकार की छोटी-बड़ी योजनाओं पर विशेष फोकस करने के निर्देश दिए। कहा कि इन विभागों की छोटी-बड़ी योजनाएं रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में सबसे ज्यादा उपयोगी हैं।

मुख्य सचिव ने नाबार्ड से सम्बन्धित योजनाओं के लिए भी सभी विभागों को प्रस्ताव शीघ्र भेजे जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वीकृति हेतु प्रस्तावों को अनावश्यक रूप से अपने उच्चस्थ अधिकारियों को फॉवर्ड करने की टेंडेंसी को समाप्त करने की आवश्यता है। कितने बजट के लिए किस स्तर तक फाईल का जाना है, यह पूर्व से ही निर्धारित है। किसी प्रकार के कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए उन्होंने वित्त विभाग को इसके लिए सर्क्युलर जारी करने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव  आनन्द बर्द्धन, सचिव शैलेश

बगोली,  नितेश झा,  अरविन्द सिंह ह्यांकी,  दिलीप जावलकर, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा,  हरि चन्द्र सेमवाल सहित सभी विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।आगेपढें

 चम्पावत में राज्य के “प्रथम सीमांत पर्वतीय जनपद बाल विज्ञान महोत्सव 2022” का आयोजन
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प्रदेश के सीमांत, दूरस्थ एवं दुर्गम क्षेत्र के बच्चों में वैज्ञानिक चेतना विकसित करने के साथ-साथ वैज्ञानिक अवधारणा को पुष्ट करने हेतु मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर विकास खंड और जनपद स्तर पर कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इन प्रतियोगिताओं के समापनार्थ निर्णायक समारोह, प्रथम राज्य स्तरीय सीमांत पर्वतीय जनपद बाल विज्ञान महोत्सव 2022 के रूप मे दिनांक 19 और 20, नवम्बर 2022 को चम्पावत मे जवाहर नवोदय विद्यालय मे होगा, इस बाल विज्ञान महोत्सव को उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकास्ट) आयोजन कर रहा है, सहभागी के रूप मे जिला प्रशासन चम्पावत भी है , ऐसा कहना है यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत का।
प्रो. दुर्गेश पंत ने बताया कि राज्य के 06 सीमांत जनपद उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, चम्पावत और पिथौरागढ के लगभग 250 स्कूली बच्चे पिछले कुछ हफ्तों मे चयनित हुए हैं, जो इस बाल विज्ञान महोत्सव मे प्रतिभाग करेंगे। इस दो दिवसीय महोत्सव का मूल उद्देश्य राज्य के दूरस्थ विद्यालयों मे अध्ययनरत छात्र- छात्राओं को पारम्परिक ज्ञान के प्रति संवेदनशील बनाते हुए उनमें वैज्ञानिक सोच का विकास करना और आधुनिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का राज्य मे वृहद लोकव्यापीकरण करना है।
इस महोत्सव का उद्घाटन 19 नवम्बर 2022 को मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी करेंगे और समापन 20 नवम्बर 2022 को बच्चों को पुरस्कृत करके महामहिम राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह जी करेंगे।
यूकॉस्ट के प्रबंधक जनसम्पर्क अमित पोखरियाल ने बताया कि इस अनोखे बाल विज्ञान महोत्सव में प्रतिभागियों को विज्ञान प्रदर्शनी, वैज्ञानिक कार्यशाला, दूरबीन के माध्यम से आकाश अवलोकन, तारामंडल शो, विज्ञान फिल्म शो आदि के माध्यम से आमंत्रित वैज्ञानिकों के साथ चर्चा करने, उनके व्याख्यान सुनकर उनसे मार्गदर्शन लेने का अवसर भी प्राप्त होगा। महोत्सव मे जूनियर वर्ग कक्षा 6 से 8 तक एवं सीनियर वर्ग कक्षा 9 से 12 तक के छात्र- छात्राओं के लिए पोस्टर प्रतियोगिता (स्थानीय पारंपरिक ज्ञान प्रणाली), नाटक (पर्यावरण संरक्षण जागरूकता) विज्ञान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, कविता पाठन (हिन्दी एवं स्थानीय भाषा), कविता पाठन अंग्रेजी का आयोजन किया जा रहा है। देशभर से कई वरिष्ठ वैज्ञानिक, विशेषज्ञ और चिंतक इस महोत्सव मे प्रतिभाग कर रहे हैं। महोत्सव मे उपस्थित छात्र- छात्राएं तथा शिक्षक- शिक्षिकायें उन सम्मानित विशेषज्ञों के साथ संवाद और मार्गदर्शन के लिए इस सुनहरे अवसर का लाभ उठा सकते हैं।आगेपढें

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को नवयोग ग्राम, टनकपुर में प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के अवसर पर सूर्योदय सेवा समिति द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा (नेचुरोपैथी) एवं योग संगोष्ठी कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने पुरातन एवं प्राकृतिक मड थेरेपी को बढ़ावा देते हुए मड बाथ (गीली मिट्टी से स्नान) भी किया, साथ ही उन्होंने प्राकृतिक चिकित्सा शिक्षा पद्धति के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले अध्यापको एवं छात्र – छात्रों को सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी को राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उत्तराखंड की भूमि प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण भूमि है, प्राकृतिक संसाधनों को अपनाकर प्राकृतिक चिकित्सक मानव जीवन को रोगमुक्त करती है। उन्होंने कहा ऋषियों और संतो की तपस्थली उत्तराखण्ड सदैव से ही विश्व कल्याण के लिए ज्ञान का प्रचार प्रसार करती रही है। यह योग, आयुष, आध्यात्म की भूमि है, उन्होंने कहा आध्यात्मिक और धार्मिक चेतना की जागृति का जो संगम हमारी देवभूमि में देखने को मिलता है वह अद्भुत है। प्राचीन काल से ही आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग का ज्ञान इसी धरती से हमारे ऋषियों द्वारा विश्व के समक्ष प्रस्तुत किया गया। उन्होंने कहा राज्य सरकार भी प्राकृतिक चिकित्सा को बढावा देने एवं इसके प्रचार- प्रसार, करने के लिए प्रतिबद्ध और सक्रिय हैं।

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मनुष्य के जीवन में सबसे बड़ा सुख उसके निरोगी रहने का है। उन्होंने कहा हम चाहते हैं कि यह सुख प्रत्येक नागरिक को प्राप्त हो, साथ ही हमारी प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से जुड़े। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत अपनी प्राचीन संस्कृति, सभ्यता और ज्ञान का परिचय संपूर्ण विश्व को करा रहा है। आज पूरी दुनिया ने हमारी प्राचीन संस्कृति के मूल आधार “योग” को अपनाया है और इसका महत्व समझा है। इसी का ही परिणाम है कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी के आह्वान पर आज विश्व के सभी देश योग दिवस मना रहे हैं। उन्होंने कहा राज्य एवं केंद्र सरकार साथ मिलकर प्रदेश में योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के विकास हेतु निरंतर कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड के विकास हेतु हर वह जरूरी निर्णय ले रही है जो हमारे राज्य को आगे ले जाएगा। उन्होंने कहा हमने अपने वादे के अनुसार समान नागरिक संहिता के लिये समिति का गठन किया, समिति द्वारा जल्द ही फाइनल ड्राफ्ट बनाकर पूरा कर लिया जाएगा। हमारे राज्य के साथ ही देश के अन्य राज्य भी अब समान नागरिकता संहिता पर कार्य कर रहे हैं। भ्रष्टाचार पर रोक के लिए 1064 टोल फ्री नंबर जारी किया गया है। उन्होंने कहा विभिन्न विभागों से रिक्त पड़े पदों की सूची मांगी गई है, ताकि जल्द से जल्द भर्ती कराई जा सके। उन्होंने कहा विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई है, उन्होंने कहा प्रतिभावान युवाओं को आगे बढ़ाने एवं योग्यता के आधार पर नौकरी दिए जाने पर कार्य किया गया है।

इस दौरान जिलाधिकारी  नरेंद्र सिंह भंडारी, पुलिस अधीक्षक  देवेंद्र पींचा, भाजपा जिलाध्यक्ष सुश्री निर्मल महरा, प्रदेश मंत्री  हेमा जोशी, पालिकाध्यक्ष  विपिन वर्मा, लीलाधर पांडेय, देवीदत्त जोशी, डॉ विक्रम सिंह, डॉ नवदीप जोशी एवं अन्य लोग मौजूद रहे।आगेपढें

आज श्री बदरीनाथ धाम यात्रा के कपाठ  सायंकाल  को बन्द होंग

जोस्सहिमथ अवसर पर  आदि शंकराचार्य स्वामी अविमुक्ते श्वरानंद 235 वर्ष बाद चल विग्रह के साथ चलेंगे 

• कपाट बंद होने के अवसर हेतु श्री बदरीनाथ धाम को भब्य रूप से फूलों से सजाया गया।

• पंच पूजाओं के चौथे दिन आज शुक्रवार को माता लक्ष्मी का आव्हान एवं पूजन संपन्न हुआ।

श्री बदरीनाथ धाम: 18 नवंबर। विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शनिवार 19 नवंबर शायंकाल को शीतकाल हेतु हेतु बंद हो जायेंगे। उल्लेखनीय है कि श्री केदारनाथ, गंगोत्री तथा यमुनोत्री धाम के कपाट अक्टूवर माह में शीतकाल हेतु बंद हो चुके हैं।
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के अवसर हेतु श्री बदरीविशाल पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश द्वारा श्री बदरीनाथ मंदिर को भब्य रूप से फूलों से सजाया गया है।
कपाट बंद होने की प्रक्रिया के अंतर्गत 15 नवंबर को श्री गणेश जी के कपाट बंद कर दिये गये।
16 नवंबर बुद्धवार को श्री आदिकेदारेश्वर मंदिर को चावल का भोग चढाकर समाधि रूपदेकर कपाट बंद हो गये।
17 नवंबर बृहस्पतिवार को खडग पुस्तक पूजन के बाद वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो गया।
18 नवंबर शुक्रवार को माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना तथा कढाई भोग चढ़ाया गया। मां लक्ष्मी का आव्हान किया गया।
19 नवंबर को रावल जी स्त्री भेष धारण कर माता लक्ष्मी को श्री बदरीनाथ जी के समीप्य प्रतिष्ठित करेंगे। इससे पहले श्री उद्धव जी श्री कुबेर जी मंदिर परिसर में आ जायेंगे। श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि माणा गांव के महिला मंडल द्वारा बुने गये ऊन के घृत कंबल को भगवान बदरीविशाल को ओढ़ाकर कल 19 नवंबर शाम 3 बजकर 35 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे।
मीडिया प्रभारी ने बताया कि 20 नवंबर प्रात: को श्री उद्धव जी एवं श्री कुबेर जी की डोली श्री बदरीनाथ धाम से श्री योग ध्यान बदरी पांडुकेश्वर पहुंचेगी साथ में रावल जी एवं आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी भी योग बदरी पांडुकेश्वर पहुंचेगी।
श्री उद्धव जी एवं श्री कुबेर जी शीतकाल में श्री योग बदरी पांडुकेश्वर में प्रवास करेंगे जबकि 20 नवंबर को पांडुकेश्वर प्रवास के पश्चात 21 नवंबर को आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी श्रीनृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेगी। इसके पश्चात योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में शीतकालीन पूजायें शुरू हो जायेंगी।
आज पंच पूजाओं के चौथे दिन रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी द्वारा मां लक्ष्मी का पूजन आह्वान कढाई भोग चढ़ाया गया । धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल,वेद पाठी रविन्द्र भट्ट सहित डिमरी डिमरी पुजारियों द्वारा पूजा अर्चना संपन्न की गयी। इस दौरान श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, उपाध्यक्ष किशोर पंवार सहित मंदिर समिति के सदस्य श्री निवास पोस्ती, भास्कर डिमरी, वीरेंद्र असवाल, पुष्कर जोशी, नंदा देवी एवं मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, डा.हरीश गौड़, आदि मौजूद रहे।आगेपढें

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को टनकपुर स्थित शारदा घाट पहुंचकर सिंचाई विभाग द्वारा कराए जा रहे बाढ़ नियंत्रण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री घोषणा के अंतर्गत आदि शक्ति मंदिर के समीप घाट निर्माण कार्य एवं घस्यारा मंडी के समीप निर्माणधीन तटबंध सहित विभिन्न विकास कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को तय समय सीमा पूर्ण गुणवत्ता के साथ निर्माण कार्य पूरे करने के निर्देश दिए। इससे पहले मुख्यमंत्री  धामी ने शारदा घाट में विधिवत पूजा अर्चना कर प्रदेश के में खुशहाली कि कामना की।

इस दौरान जिलाधिकारी  नरेंद्र सिंह भंडारी, पुलिस अधीक्षक  देवेंद्र पींचा,पालिकाध्यक्ष  विपिन वर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष श्री निर्मल महरा, प्रदेश मंत्री हेमा जोशी एवं अन्य लोग मौजूद रहे।आगेपढें

चम्पावत 

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को टनकपुर स्थित मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में  मुख्य सेवक आपके द्वार’ के अंतर्गत ‘ जन संवाद’ कार्यक्रम* में प्रतिभाग करते हुए जनता की समस्याएं सुनी। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को समस्याओं के तत्काल निस्तारण हेतु निर्देशित किया। इस दौरान कई संगठनों व लोगों ने अपनी समस्याओं को सीएम के समक्ष प्रमुखता से रखा।
मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जो समस्या जिला स्तर पर हल हो सकती है उनका समाधान निर्धारित समय पर होना चाहिए। वह समस्या अनावश्यक शासन या उनके स्तर पर नहीं आनी चाहिए, जिला स्तर पर होने वाले कार्यों की फाइल सचिवालय स्तर में आने पर अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि शारदा घाट का निर्माण नमामि गंगे के अंतर्गत हो इसके लिए हम लगातार प्रयासरत हैं, उन्होंने जिलाधिकारी को नियमित माँ सारदा की आरती करने हेतु नमामि गंगे के अंतर्गत प्रस्ताव दिए जाने को निर्देशित किया। उन्होंने कहा मां पूर्णागिरि धाम में आने वाले लाखों श्रद्धालु हमारे चंपावत लोहाघाट पिथौरागढ़ के साथ ही अन्य जिलों में घूमे इसके लिए हम मंदिर माला मिशन के अंतर्गत पौराणिक मंदिरों एवं स्थानों को जोड़कर एक सर्किट के रूप में विकसित कर रहे हैं। उन्होंने कहा पूर्णागिरि को रोपवे से जोड़ने का कार्य जल्द ही किया जाएगा। दूरदराज सीमांत गांव के विकास हेतु सरकार गांव में चौपाल कार्यक्रम की व्यवस्था करने जा रही है।

इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खूना निवासी फकरुद्दीन को ₹50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता का चेक भी प्रदान किया।

इस दौरान जिलाधिकारी श्री नरेंद्र सिंह भंडारी, पुलिस अधीक्षक श्री देवेंद्र पींचा,पालिकाध्यक्ष श्री विपिन वर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष श्री निर्मल महरा, प्रदेश मंत्री हेमा जोशी,सीडीओ श्री आर एस रावत, एडीएम श्री हेमंत कुमार वर्मा एस डी एम हिमांशु कफलटीया एवं अन्य लोग मौजूद रहे।आगेपढें

बनबसा स्पोर्ट्स स्टेडियम में राम दल द्वारा आयोजित फुटबॉल चंपावत, पहाडोंकीगूँज,प्रतियोगिता के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा सभी खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त करने के उपरांत फाइनल मैच का शुभारंभ किया। खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति के अंतर्गत आयोजित इस कार्यक्रम से समाज में फैल रहे नशे को समाप्त करने में इस प्रकार के आयोजन साकार होंगे तथा हम जन-जन को इस नशा मुक्ति अभियान से जोड़ते हुए वर्ष 2025 तक प्रदेश को नशा मुक्त प्रदेश बनाए जाने के संकल्प को साकार करने में कामयाब होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में नई खेल नीति लागू की गई है जिससे प्रतिभावान खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है। साथ ही इसका लाभ गरीब तबके के प्रतिभावान को भी मिल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में विश्व में आज हर खेल के मैदान में भारत का डंका बज रहा है और हर जगह भारत का झंडा लहरा रहा है।
इस अवसर पर आयोजक राम दल के अध्यक्ष श्री कमलेश भट्ट, जिला पंचायत सदस्य बनबसा रेणु अग्रवाल, जिलाधिकारी श्री नरेंद्र सिंह भंडारी, श्री नवीन बोरा, श्री राम सिंह जेठी, श्री पुष्कर कापड़ी, श्री एम आर चंन्द, श्री योगेश चंन्द, प्रशासन के उच्चाधिकारी आदि मौजूद रहे।आगेपढें

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने चमोली के जोशीमठ तहसील अन्तर्गत उर्गम पला जखोला मार्ग पर वाहन दुर्घटना पर शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी चमोली से फोन पर बात कर तेजी से राहत व बचाव कार्य संचालित करने के निर्देश दिये।

चमोली के जोशीमठ तहसील अन्तर्गत उर्गम पला जखोला मार्ग पर एक वाहन लगभग 250 mt गहरी खाई मे गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हुआ है। वाहन मे 10 से 12 लोग सवार बताए जा रहे है। घटना स्थल पर रेस्क्यू चल रहा है। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोबाल सहित एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस व प्रशासन की टीम घटना स्थल पर रेस्क्यू में जुटी है।आगेपढें

 

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी शुक्रवार को एम.बी. इंटर कॉलेज प्रांगण हल्द्वानी में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा कार्यक्रम में शामिल हुए।

मुख्यमंत्री ने कथा व्यास से आशीर्वाद प्राप्त कर कथा का श्रवण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भागवत कथा में हमारे आदर्श जीवन का सार निहित हैं।आगेपढें

हल्द्वानी शहर के विकास हेतु प्रधानमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं की मुख्यमंत्री ने की समीक्षा।

*विकास योजनाओं के कार्य दिखाई दें धरातल पर।*

*जनता की सेवा ही हमारा लक्ष्य – मुख्यमंत्री*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सर्किट हाउस काठगोदाम में हल्द्वानी शहर के लिये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई 2200 करोड़ की विकास योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि विकास योजनायें धरातल पर दिखाई दे यह सुनिश्चित करना अधिकारियों की जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन सेवा ही हमारा लक्ष्य है। आम जनता से जुड़ी योजनाओं का समय से क्रियान्वयन सुनिश्चित करना अधिकारियों का दायित्व है।

मुख्यमंत्री ने समेकित शहरी अवसंरचना विकास योजना के तहत एडीबी द्वारा वित्त पोषित नगर के विकास हेतु डीपीआर तैयार कर रही कार्यदायी संस्था (यूयूएसडीए) उत्तराखण्ड अर्बन सेक्टर विकास एजेंसी के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन योजनाओं की डी.पी.आर. अभी तैयार नहीं हुई है, उन्हें शीघ्र अंतिम रूप दिया जाए। उन्होंने कहा कि शहरी विकास के लिए जनप्रतिनिधियों के सुझावों को भी डीपीआर में शामिल किया जाए इसके लिए उन्होंने कार्यदायी संस्था को 10 दिन के भीतर क्षेत्रीय प्रतिनिधियों व अन्तर विभागीय बैठक करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि डीपीआर फाइनल करने से पहले अन्तर विभागीय बैठक करने से आपसी समन्वय बना रहेगा व बाद में किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पडे़ेगा। उन्होंने कहा कि कार्यदायी संस्था सुनिश्चित करें कि निर्माण से पूर्व ही सड़क पर सर्विस डक्ट डाली जाए जिससे जनता को बार-बार परेशानियों का सामना न करना पडे व सरकारी धन का दुरुपयोग न हो। उन्होंने मण्डलायुक्त कुमाऊ दीपक रावत को प्रत्येक सप्ताह कार्य की मॉनिटरिंग के निर्देश दिए जिससे कार्य धरातल पर दिख सके।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि अधिकारियों को योजनाओं की जानकारी व आंकड़े मौखिक याद होने चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को तैयारी के साथ आगामी बैठक में प्रतिभाग करने के निर्देश दिए। योजनाओं के क्रियान्वयन में हो रहे विलम्ब के प्रति मुख्यमंत्री द्वारा नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि कतिपय अधिकारियों की लचर कार्यशैली के कारण सरकार आलोचना की भागीदार बनती है। इसके लिए उन्होंने समस्त अधिकारियों को अपनी कार्यशैली सुधारने के निर्देश दिए साथ ही जनता के कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता से निस्तारित करने को कहा।

बैठक में मण्डलायुक्त दीपक रावत ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि पानी आपूर्ति और सीवरेज कार्य के लिए रूप्ये 1298 करोड़ की डीपीआर तैयार कर नियोजन एवं एडीबी को भेज दी गई है जिसमें जल आपूर्ति की कुल लागत रूपये 835.94 करोड़ व सीवरेज की रूपये 461.77 करोड. लागत की डीपीआर तैयार की गई है। वर्ष 2025 को आधार वर्ष मानते हुए 2055 तक की जनसंख्या का लक्ष्य टारगेट करते हुए डीपीआर तैयार की गई है। इस योजना में जल निकासी प्रबंधन के लिए 300 करोड़., सुरक्षा एवं निगरानी के लिए 100 करोड. व शहरी परिदृश्य व परिवहन के लिए 500 करोड़. का प्राविधान है जिनकी डीपीआर फाइनल की जानी है। शहर के भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने के लिए हरित क्षेत्र के विकास हेतु सरकारी विद्यालयों, डिग्री कॉलेज व अन्य क्षेत्रों में हरित क्षेत्र का विकास किया जाए। कि हल्द्वानी के पुराने बाजार को भी एक ही सिममेट्री में तैयार किया जाए जिससे बाजार आकर्षक व भव्य लगे। इसके साथ ही विद्युत की लाइनों को भूमिगत किया जायेगा, जिससे बाजारों की सौंदर्यता हल्द्वानी में भी पर्यटकों को आकर्षित करें। हल्द्वानी कुमाऊॅ का प्रमुख शहर है, जहाँ निकासी व सीवरेज की प्रमुख समस्या है। वर्तमान में शहर के समस्त क्षेत्र सीवरेज से नहीं जुड़े है, इस डीपीआर के माध्यम से शहर के सीवरेज व सेप्टिक टैंक की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाएगा जिससे सीवरेज का शुद्धिकरण एसटीपी टैंक का माध्यम से हो सके।

जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि इस योजना के तहत आधुनिक तकनीक व उत्तराखंड के पौराणिक वास्तुकला( गौथिक शैली )से हल्द्वानी के पुराने बाजार का भी सौंदर्यीकरण किया जायेगा। हल्द्वानी के पुराने बाजार को भी एक ही सिममेट्री में तैयार किया जाए जिससे बाजार आकर्षक व भव्य लगे। इसके साथ ही विद्युत की लाइनों को भूमिगत किया जायेगा, जिससे बाजारों की सौंदर्यता हल्द्वानी में भी पर्यटकों को आकर्षित करें।

इस अवसर पर मेयर डा0 जोगेन्दर पाल सिंह रौतेला, विधायक एवं पूर्व मंत्री बंशीधर भगत, विधायक डा0 मोहन सिंह बिष्ट, रामसिंह कैडा, उपाध्यक्ष जिला पंचायत आनन्द दरम्वाल सहित जन प्रतिनिधि एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।आगेपढें

 

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने चमोली के जोशीमठ तहसील अन्तर्गत उर्गम पला जखोला मार्ग पर वाहन दुर्घटना पर शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी चमोली से फोन पर बात कर तेजी से राहत व बचाव कार्य संचालित करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने दुर्घटना की मजिस्ट्रीयल जांच और मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रूपये की सहायता राशि देने के निर्देश दिये। साथ ही दुर्घटना में घायलों के निशुल्क उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये।

चमोली के जोशीमठ तहसील अन्तर्गत उर्गम पला जखोला मार्ग पर एक वाहन लगभग 250 mt गहरी खाई मे गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हुआ है। वाहन मे 10 से 12 लोग सवार बताए जा रहे है। घटना स्थल पर रेस्क्य
  संजय आर्य के पिताजी के निधन पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत की आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिवारजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है।

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