कौन रंग फागुन रंगे, रंगता कौन वसंत

Pahado Ki Goonj

कौन रंग फागुन रंगे, रंगता कौन वसंत
प्रेम रंग फागुन रंगे, प्रीत कुसुम वसंत।

चूड़ी भरी कलाइयाँ, खनके बाजू-बंद,
फागुन लिखे कपोल पर, रस से भीगे छंद।

फीके सारे पड़ गए, पिचकारी के रंग,
अंग-अंग फागुन रचा, साँसें हुई मृदंग।

धूप हँसी बदली हँसी, हँसी पलाशी शाम,
पहन मूँगिया कंठियाँ, टेसू हँसा ललाम।

कभी इत्र रूमाल दे, कभी फूल दे हाथ,
फागुन बरज़ोरी करे, करे चिरौरी साथ।

नखराली सरसों हँसी, सुन अलसी की बात,
बूढ़ा पीपल खाँसता, आधी-आधी रात।

बरसाने की गूज़री, नंद-गाँव के ग्वाल,
दोनों के मन बो गया, फागुन कई सवाल।

इधर कशमकश प्रेम की, उधर प्रीत मगरूर,
जो भीगे वह जानता, फागुन के दस्तूर।   जगमोहन व रीता रौथाण

Next Post

जय श्री महाकाल के दर्शन का लाभ प्राप्त करें

l??जय श्री महाकाल ?? श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग जी का आज का भस्म आरती श्रृंगार दर्शन.को 3 मार्च 2018 ( शनिवार )मित्रों को शेयर करें 108 बार जय श्री महाकालेश्वर बोलें ।ज्योतिर्लिंग का दर्शन कम से कम 3मिनट सुख समृद्धि के लिए जरूर करें। Post Views: 583

You May Like