मुख्यमंत्री द्वारा उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना के प्रथम चरण में 241 विद्यार्थियों को प्रदान की गई

Pahado Ki Goonj

 मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना के प्रथम चरण में 241 विद्यार्थियों को प्रदान की गई 33 लाख 51 हजार रूपये की धनराशि

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास से मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना के प्रथम चरण में 241 विद्यार्थियों के खाते में डी०बी०टी० के माध्यम से 33 लाख 51 हजार रूपये की धनराशि प्रदान की। राज्य के विश्वविद्यालय परिसरों एवं शासकीय महाविद्यालयों में स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश करने वाले छात्र-छात्राओं को यह धनराशि प्रदान की गई। स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश करने वाले इन छात्र-छात्राओं को 12वीं के परीक्षाफल में न्यूनतम 80 प्रतिशत प्राप्तांक और महाविद्यालय स्तर पर तैयार संकायवार मेरिट लिस्ट अनुसार प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय को क्रमशः 03 हजार, 02 हजार एवं 1500 रूपये की मासिक छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। अन्य कक्षाओं हेतु छात्रवृत्ति वितरण संबंधित संस्थान स्तर से समर्थ पोर्टल पर वेरिफिकेशन के उपरान्त किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विभिन्न महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों से जुड़े विद्यार्थियों के साथ संवाद भी किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना से लाभान्वित होने वाले सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य सामान्य परिवारों के छात्र-छात्राओं की प्रतिभाओं को आगे लाना है। गरीब परिवारों के बच्चों को भी उच्च शिक्षा में किसी प्रकार की रूकावट न हो, इसके लिए राज्य सरकार सदैव उनके साथ खड़ी है। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा परिश्रम और एक धैर्य बनाकर जीवन में आगे बढ़ें। हमें अपने जीवन में कौन सा क्षेत्र चुनना है, कॉलेज स्तर पर आने के बाद ही इसके लिए दिशा मिलती है। जीवन में जब हम किसी लक्ष्य को लेकर पूरे मनोयोग से लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कार्य करते हैं, तो उसमें सफलता अवश्य मिलती है। उन्होंने कहा कि जिस समय जो कार्य करें, उसको पूरी एकाग्रता से करें। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने इतिहास बनाया है, उनमें से अधिकांश का प्रारंभिक जीवन कठिन परिस्थितियों में गुजरा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज देश हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। दुनिया का भारत के प्रति सम्मान और विश्वास बढ़ा है। भारत की आर्थिकी तेजी से बढ़ रही है। भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुकी है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है। उनके ये शब्द हमें राज्य के विकास के लिए प्रेरणा देते हैं। हम सबकी सामुहिक जिम्मेदारी है कि इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने और देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए एकजुट होकर प्रयास करने हैं।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है, जहां मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना के तहत टॉपर बच्चों को छात्रवृत्ति की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उच्च शिक्षा के तहत अनेक सराहनीय कार्य हुए हैं। इस छात्रवृत्ति योजना के शुरू होने से उच्च शिक्षा के लिए बच्चों में प्रतिस्पर्धा तो बढ़ेगी ही, साथ ही विद्यार्थियों की उपस्थिति में भी वृद्धि होगी। इस योजना में राज्य के शासकीय महाविद्यालयों/राज्य विश्वविद्यालय परिसरों में नियमित पाठ्यक्रम में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं लाभार्थी होगे। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि जल्द ही उच्च शिक्षा विभाग के अन्तर्गत सवा चार सौ असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती प्रक्रिया पूर्ण हो जायेगी। 01 लाख 27 हजार बच्चों को उच्च शिक्षा के तहत टेबलेट प्रदान किये गये। उच्च शिक्षा में प्रचार्यों की व्यवस्था के लिए 75 प्रतिशत प्रमोशन से और 25 प्रतिशत सीधी भर्ती की प्रक्रिया की व्यवस्था लोक सेवा आयोग से की गई है। राज्य के सभी विकासखण्ड में डिग्री कॉलेज खोले गये हैं। 25 डिग्री कॉलेजों को मॉडल डिग्री कॉलेज बनाकर, छात्राओं के लिए हॉस्टल की व्यवस्था भी की गई है।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा उन्नयन समिति डॉ. देवेन्द्र भसीन, सचिव उच्च शिक्षा श्री शैलेश बगोली, अपर सचिव श्री आशीष श्रीवास्तव, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. चन्द्र दत्त सूठा एवं उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के माध्यम से चयनित उत्तराखण्ड वन विकास निगम और उच्च शिक्षा विभाग के सहायक लेखाकारों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। वन विकास निगम में 88 और उच्च शिक्षा विभाग के 08 सहायक लेखाकारों को शनिवार को नियुक्ति पत्र प्रदान किये गये।

मुख्यमंत्री ने सभी चयनित सहायक लेखाकारों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अपने कार्यक्षेत्र की शुरूआत से ही नियमित दिनचर्या बनाकर कार्य करें। जब हम कोई कार्य ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा और जनहित में करते हैं, तो इससे आत्मसंतुष्टि मिलती है। उन्होंने कहा कि ईश्वर की कृपा से आपको जनसेवा करने का अवसर मिला है। जन सेवा के लिए ईमानदारी और लगन से कार्य करें। उन्होंने कहा कि देश आजादी के अमृतकाल में प्रवेश कर गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक भारत को हर क्षेत्र में अग्रणी देश बनाने का लक्ष्य रखा है। इसमें हमारे सभी युवाओं की अहम भूमिका होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा जन सहयोग से हर क्षेत्र में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। जन सहभागिता से राज्य सरकार राज्य की प्रगति की दिशा में आगे बढ़ रही है। रोजगार के साथ स्वरोजगार को भी राज्य में तेजी से बढ़ावा दिया जा रहा है। विभिन्न विभागों के माध्यम से लोक सेवा आयोग और अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को भर्ती प्रक्रियाओं के लिए अधियाचन भेजे गये हैं। अनेक पदों पर भर्ती प्रक्रियाएं गतिमान हैं। राज्य में उद्योगों को तेजी से बढ़ावा दिया जा रहा है। डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के तहत राज्य को जो निवेश प्रस्ताव मिले हैं, उनमें पहले प्राथमिकता उन्हीं को दी जा रही है, जिनमें स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर अधिक मिलेंगे।

इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, अध्यक्ष वन विकास निगम श्री कैलाश चन्द्र गहतोड़ी, उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा उन्नयन समिति डॉ देवेन्द्र भसीन, सचिव उच्च शिक्षा श्री शैलेश बगोली, अपर सचिव श्री आशीष श्रीवास्तव, प्रबंध निदेशक वन विकास निगम श्री एस. पी. सुबुद्धि उपस्थित थे।

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*कालसी/हरबर्टपुर से बड़कोट बैंड सेक्शन के 2-लेन में चौड़ीकरण को मिली केंद्र की स्वीकृति*

*-मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय मंत्री का किया आभार प्रकट*

राष्ट्रीय राजमार्ग 507 के अंतर्गत कालसी/हरबर्टपुर से बड़कोट बैंड सेक्शन के 2-लेन में चौड़ीकरण के लिए सहर्ष स्वीकृति देने पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी का आभार प्रकट किया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में उत्तराखण्ड में सड़क निर्माण के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किए जा रहे हैं। प्रदेश में कनेक्टिविटी के बेहतर होने से राज्य में विकास की रफ्तार को भी नई गति मिल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में दिल्ली-देहरादून के बीच एक्सप्रेस-वे का निर्माण पूरा होने से यह सफर महज दो घंटे में पूरा हो सकेगा। कालसी/हरबर्टपुर से बड़कोट बैंड सेक्शन के 2-लेन में चौड़ीकरण होने से स्थानीय निवासियों को आवागमन में काफी आसानी होगी।

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मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को परेड ग्राउंड देहरादून में श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा उत्सव समिति, द्वारा आयोजित “राम राज्य शोभायात्रा“ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सभी राम भक्तों का 500 से अधिक वर्ष का इंतजार खत्म होकर भव्य राम मंदिर बनने का सपना पूरा हो रहा है। हजारों साधु संतों राम भक्तों, सनातन प्रेमियों के बलिदान के उपरांत इस पुण्य दिन के हम सब साक्षी बनेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 जनवरी को आयोध्या में होने वाले भगवान श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के हम सब साक्षी बनेंगे। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में राम मंदिर बनाए जाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। आज उनके नेतृत्व में हमारा देश निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने कहा देवभूमि उत्तराखंड से भगवान श्री राम का भी विशेष नाता है। देवप्रयाग में भगवान श्री राम को समर्पित रघुनाथ मंदिर एवं बागेश्वर जनपद में निर्मल बहती सरयू नदी है। मां सरयू का उद्गम स्थल हमारे उत्तराखंड में है एवं सरयू किनारे ही अयोध्या धाम में श्री राम विराजमान हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रामकाज में उत्तराखंड के लोग हमेशा आगे रहते हैं। राज्य सरकार द्वारा 22 तारीख को शिक्षण संस्थाओं में अवकाश घोषित करने के साथ ही सरकारी कार्यालयों में अपराहन 2ः30 बजे तक अवकाश घोषित किया गया है। उन्होंने कहा उत्तराखंड सरकार ने अयोध्या में उत्तराखंड सदन बनाए जाने हेतु उत्तर प्रदेश सरकार से अयोध्या धाम के समीप जमीन दिए जाने का आग्रह किया था, जमीन उत्तराखंड सरकार को आवंटित हो गई है। उन्होंने कहा करीब तीन एकड़ भूमि पर उत्तराखंडवासियों के लिए भव्य उत्तराखंड सदन बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत उत्तराखंड सरकार मंत्रिमंडल के साथ राम मंदिर के दर्शन के लिये अयोध्या जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक उत्तराखंडवासी श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को पूरे धूमधाम से मना रहा है। राज्य के अंदर सांस्कृतिक महोत्सव के तहत विभिन्न मंदिरों घाटों में सफाई अभियान एवं भजन कीर्तन चल रहे हैं। उन्होंने कहा प्रभु श्री राम की कृपा से ही उत्तराखंड निरंतर आगे बढ़ रहा है। श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के हम तब साक्षी बन रहे हैं, जब पर भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना, कश्मीर से धारा 370 समाप्त की गई है, देश में जी-20 का सफल आयोजन हुआ, जिसे पूरी दुनिया ने देखा।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री  गणेश जोशी, सांसद श्रीमती माला राज्यलक्ष्मी शाह, विधायक  खजान दास,  विनोद चमोली, श्रीमती सविता कपूर, आरएसएस के प्रांत प्रचारक डॉ शैलेंद्र सिंह, महंत रमन गोस्वामी, महंत कृष्णा गिरी महाराज, महामंत्री संगठन श अजेय कुमार,  सिद्धार्थ अग्रवाल एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

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मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में प्रदेश की आर्थिकी को सशक्त बनाने हेतु ‘बजट – पूर्व संवाद’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान उद्योग जगत, डेयरी विकास, पर्यटन व्यवसाय, औद्यानिकी क्षेत्र के लोगों, शिक्षाविद् एवं वैज्ञानिकों, व्यापारियों, प्रगतिशील कृषकों, पशुपालकों , मत्स्य पालकों, लखपति दीदी, जनप्रतिनिधियों एवं विभिन्न क्षेत्रों से आए लोगों ने मुख्यमंत्री को आगामी बजट के संबंध में सुझाव दिए।

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने बजट संवाद हेतु एकत्रित सभी हितधारकों का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य सरकार वर्ष 2024-25 के लिए जल्द ही बजट पेश करने जा रही है। विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी जनता से बजट के लिए महत्वपूर्ण सुझाव मांगे हैं। बजट निर्माण में जन सहभागिता महत्वपूर्ण होती है। बजट को जनता के सुझावों के आधार और जनभावनाओं के अनुरूप बनाया जाना अत्यंत आवश्यक है। जनता की आकांक्षाओं और क्षमता को बेहतर ढंग से समझने के लिए जनसंवाद, बजट निर्माण की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है। अर्थव्यवस्था की प्रगति का सीधा सम्बन्ध आम जनता के गुणवत्तापूर्ण जीवन से होता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट प्रदेश की आर्थिक स्थिति और भविष्य का दर्पण है। बजट का केंद्रीय बिंदु उत्तराखण्ड का समग्र विकास है। सतत विकास, समावेशी विकास और नवाचार तथा प्राद्यौगिकी पर आधारित विकास राज्य सरकार मूल मंत्र है। उत्तराखंड को हर क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने के लिए प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) बढ़ाना जरूरी है, जिसके लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा। प्रत्येक राज्यवासी जब अपने क्षेत्र में अच्छा कार्य करेंगें तभी हमारा प्रदेश चहुँमुखी प्रगति करेगा और अर्थव्यवस्था में वृद्धि होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में उत्तराखंड विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। प्रदेश में भारतमाला, पर्वतमाला, डेडिकेटेड रेल फ्रंट कॉरिडोर आदि परियोजनाओं से व्यापार और उद्यम को नई ऊंचाई प्राप्त हुई है। प्रधानमंत्री जी के आशीर्वाद से मानसखंड मंदिर माला, ऑल वेदर रोड, एलिवेटेड रोड, रोपवे परियाजनाएं, वंदे भारत, ऋषिकेश-कर्णप्रयाण रेल मार्ग जैसी अनेक महत्वाकांक्षी परियोजनाएं प्रदेश में चल रही हैं। जिससे प्रदेश के आर्थिक परिदृश्य में गुणात्मक परिवर्तन दिख रहे हैं। राज्य सरकार ने कई नीतियों में आवश्यक परवर्तन कर अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित करवाया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्राथमिक क्षेत्र के साथ-साथ वैकल्पिक ऊर्जा, पर्यटन, तथा उद्योग के क्षेत्र में निवेश हेतु सकारात्मक माहौल बनाया है। दिसम्बर 2023 में आयोजित उत्तराखण्ड वैश्विक निवेशक सम्मेलन-2023 में 3.56 लाख करोड़ रूपये के एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किए गए। निवेश प्रस्तावों से प्रदेश में बेहतर परिणाम आ सके। उस दिशा में हम प्रयत्नशील हैं। उन्होंने कहा हमारी नीयत साफ, सोच स्पष्ट, दृष्टि व्यापक है। अर्थव्यवस्था की वर्तमान संरचना और उभरती हुई गतिशीलता हमें यह भरोसा दे रही है कि आने वाले समय में अर्थव्यवस्था में और गति आयेगी और हम सबके सामूहिक प्रयास, प्रदेश की आर्थिकी को मजबूत करने में सहायक सिद्ध होंगें।

वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि हमने बजट को जनता का बजट बनाने पर काम किया है। जन सहभागिता से बजट तैयार हो इस पर निरंतर कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा संपूर्ण प्रदेश से बजट पर सुझाव मांगे जा रहे हैं। हम सामूहिक प्रयास से उत्तराखंड राज्य को आगे ले जाने का काम करेंगे। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में निश्चित ही उत्तराखंड राज्य देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनेगा। आज हम इंफ्रास्ट्रक्चर टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर इनोवेशन के क्षेत्र में कई काम कर रहे हैं और यह काम निरंतर आगे चलते रहेंगे।

बजट के संबंध में सलाह देते हुए कुलपति दून यूनिवर्सिटी डॉ. सुरेखा डंगवाल ने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में पीएचडी स्कॉलर स्टूडेंट्स हेतु रिसर्च की गुणवत्ता बढ़ाए जाने के क्रम में राज्य सरकार द्वारा बजट में प्रावधान होना चाहिए। पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर राम शर्मा ने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने वाले विश्वविद्यालय को प्रोत्साहित करने के लिए बजट में प्रावधान किया जाना चहिए। टिहरी जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण ने कहा कि पंचायत के विकास हेतु बजट में राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार पंचायतों हेतु वित्त अनुदान बढ़ना चाहिए।

महानिदेशक यू कास्ट प्रो. दुर्गेश पंत ने कहा कि राज्य में नॉलेज कैपिटल और ह्यूमन कैपिटल पर निवेश किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा हमें राज्य में नॉलेज बेस्ड इकोनॉमी को बढ़ावा देना चाहिए। साथ ही प्रत्येक जनपद में डिस्ट्रिक्ट साइंस , टेक्नोलॉजी, इन्नोवेशन सेंटर्स की स्थापना के लिए भी बजट में प्रावधान होना चाहिए। उन्होंने कहा GEP (gross environment product) के आंकलन के लिए भी बजट में अलग से प्रावधान होना चाहिए। साथ ही सरकार ने CSR की तर्ज पर ISR (इंटेलेक्चुअल सोशल रिस्पांसिबिलिटी ) को भी राज्य में बढ़ावा देना होगा। उन्होंने कहा बदलते समय को देखते हुए ए.आई के लिए भी बजट में प्रावधान होना चाहिए।

उद्योग जगत से जुड़े विपिन गुप्ता ने कहा कि डिजिटल कनेक्टिविटी के लिए बजट में प्रावधान बढ़ाना चाहिए। साथ ही थ्री व्हीलर वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन में परिवर्तित करने के लिए भी बजट में प्रावधान होना चाहिए।  पंकज गुप्ता ने कहा कि स्थानीय संसाधनों से स्थानीय लोगों को ही रोजगार मिले। इसके लिए अलग से नीति आनी चाहिए एवं बजट में प्रावधान होना चाहिए। उन्होंने बजट में राज्य सरकार की ओर से हरिद्वार देहरादून रेल लाइन ट्रैक को डबल किए जाने हेतु बजट अनुमोदित किए जाने की बात कही। उद्यमी  अनिल गोयल ने कहा कि व्यापारियों को आपदा से होने वाले नुकसान से बचाया जा सके इसके लिए बजट में अलग से प्रावधान होना चाहिए।

होमस्टे चलाने वाले हरिद्वार के अभ्युदय शर्मा ने कहा कि होम स्टे को और अधिक बढ़ावा देने, होमस्टे के प्रचार प्रसार हेतु बजट में प्रावधान करने चाहिए। लैंसडाउन से आए संदीप सिंह रावत ने बताया कि पर्यटन से जुड़े लोगों के लिए सरकार ने बजट में अलग से सहायता फंड की व्यवस्था करनी चाहिए। सहसपुर से आई लखपति दीदी गीता मौर्य ने स्वयं सहायता समूह को मिलने वाले ऋण की रकम बढ़ाए जाने की बात कहीं। चंबा से आए  संतोष नेगी ने मशरूम की खेती के दौरान ट्रांसपोर्ट में आने वाली रकम को सब्सिडी के माध्यम से दिए जाने की बात उठाई। उन्होंने भूसे ( सुखा चारा) को दुग्ध समितियों के माध्यम से मशरूम उत्पादको तक पहुंच जाने की भी बात कही। टिहरी गढ़वाल के कृषक कुंदन सिंह पवार ने एप्पल मिशन की तर्ज पर स्टोन फ्रूट मिशन को भी बजट में शामिल कर शुरू किए जाने की बात कही।

 

इस दौरान कार्यक्रम में दर्जा मंत्री  विश्वास डावर, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव  आनंद बर्धन, सचिव  आ.मीनाक्षी सुंदरम,  बीवीआरसी पुरुषोत्तम, अपर सचिव  रणवीर सिंह चौहान अपर सचिव  युगल किशोर पंत, मनमोहन मैनाली एवं अन्य लोग मौजूद रहे।
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पवलगढ़ का नाम बदला गया अब सीतावनी कंजर्वेशन कहलाएगा
सीएम धामी के आदेश पर जारी हुआ शासनादेश

देहरादून
उत्तराखंड की पुष्कर धामी सरकार ने श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक अवसर पर उत्तराखंड के पवलगढ़ कंजर्वेशन रिज़र्व का नाम बदल कर सीतावनी कंजर्वेशन रिज़र्व रख दिया है।
सीतावनी कंजर्वेशन रिज़र्व में माँ सीता का पौराणिक मंदिर और महा ऋषि वाल्मीकि आश्रम है जिसकी देखरेख भारतीय पुरातत्व विभाग करता है और यहां जाने की अनुमति वन विभाग देता है।
उत्तराखंड की धामी सरकार देश की पहली ऐसी सरकार है जिसने एक संरक्षित क्षेत्र का नाम माँ सीता के नाम पर रखा है। ये जंगल 5824.76 हैक्टेयर क्षेत्रफल में फैला है जो टाईगर, हाथी, पक्षी व तितलियों के लिए प्रसिद्ध हैं । यहां बड़ी संख्या में पर्यटक और तीर्थ यात्री भी जाते है।
इस जंगल को सीतावनी कंजर्वेशन रिजर्व घोषित किए जाने की मांग, राम नगर और आसपास के कई छोटे बच्चो ने पत्र लिख कर मुख्यमंत्री धामी से की थी, जिस पर वन विभाग के अधिकारियों को सीएम धामी ने निर्देशित किया था, जिस पर आज शासनादेश जारी कर दिया गया।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि प्रभु राम का उत्तराखंड की देव भूमि से संबंध रहा है इसी क्रम में पवल गढ़ कंजर्वेशन रिज़र्व का नाम बदल कर अब सीतावनी किया गया है। उन्होंने बताया कि इस बारे में कई बच्चों ने व स्थानीय लोगों द्वारा पत्र लिख कर अनुरोध भी किया था उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए सरकार ने ये फैसला लिया है।

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देहरादून, गणतंत्र दिवस की तैयारियों के दृष्टिगत जिलाधिकारी श्रीमती सोनिका ने कार्यक्रम स्थल परेड ग्राउण्ड देहरादून में आयोजित होने वाले राज्यस्तरीय कार्यक्रम की तैयारियों के साथ ही दीपोत्सव कार्यक्रम की तैयारियों एवं व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण करते हुए सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दीपोत्सव में लगभग सवा लाख से अधिक दीपों से जगमगाया जाएगा,जिसके लिए परेडग्राउण्ड में व्यवस्था बनाई जा रही है।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि कार्यक्रम गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्य कार्यक्रम स्थल परेडग्राउण्ड में आयोजित होने वाले कार्यक्रम की समस्त व्यवस्थाओं को समयबद्ध पूर्ण करें। तथा कार्यक्रम स्थल पर बैरिकेटिंग, विद्युत, पेयजल सहित समुचित व्यवस्थाएं चाक चौबंद रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले माननीय, गणमान्यों, उच्च अधिकारीगणों की सीटिंग व्यवस्था सहित जनमानस के लिए सीटिंग व्यवस्था तथा कार्यक्रम के दौरान पार्किंग, यातायात सुरक्षा आदि समुचित व्यवस्थाओं को व्यवस्थित रूप से करने के निर्देश दिए। गणतंत्र दिवस में आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम, झांकियों आदि कार्यक्रमों को योजनावार व्यवस्थित ढंग से कराने के साथ ही निमंत्रण के अनुसार गेट पर आने जाने की व्यवस्था एवं वाहन पार्किंग आदि सभी व्यवस्थाएं देख लें।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी सुश्री झरना कमठान, नगर मजिस्टेªट प्रत्युष सिंह, निदेशक ग्राम्य विकास अभिकरण विक्रम सिंह, सहायक निदेशक सूचना बी.सी नेगी, अधि0 अभि0 जितेन्द्र कुमार त्रिपाटी, अधि0 अभि0 उषा भण्डारी सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी आदि उपस्थित रहे।

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 ऋषिकेश, लालपानी में प्रस्तावित नगर निगम ऋषिकेश की ट्रेचिंग ग्राउंड के निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि निर्माण ठेकेदार द्वारा लगभग 140 मी0 बाउंड्रीवाल बना दी गई है जबकि लगभग 400 मी में पिलर डालने की कार्यवाही की जा रही है। मौके पर चारों तरफ की टेंपरेरी फेंसिंग कर दी गई है।

संबंधित ठेकेदार को तत्काल अन्य कार्य भी प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही मौके पर कार्य में तेजी लाने हेतु मैनपॉवर बढ़ाने की निर्देश भी दिए गए हैं ताकि शीघ्र अति शीघ्र प्लांट का कार्य पूर्ण होकर उसे चालू किया जा सके।

निरीक्षण के दौरान रमेश रावत सहायक नगर आयुक्त, दिनेश उनियाल अधिशासी अभियंता नगर निगम सहित निर्माण एजेंसी के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित हुए।

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