प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने जोशीमठ भू-धंसाव की मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी से जानकारी प्राप्त की

Pahado Ki Goonj

देहरादून, प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी जी ने जोशीमठ भू-धंसाव के संदर्भ में मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी से दूरभाष के माध्यम से वार्ता कर प्रभावित नगरवासियों की सुरक्षा व पुनर्वास हेतु उठाए गए कदमों एवं समस्या के समाधान हेतु तात्कालिक तथा दीर्घकालिक कार्य योजना की प्रगति के विषय में जानकारी ली।

प्रधानमंत्री जी व्यक्तिगत रूप से जोशीमठ की स्थिति एवं क्षेत्र में सरकार द्वारा चल रहे सुरक्षात्मक कार्यों पर नजर बनाए हुए हैं साथ ही उन्होंने जोशीमठ को बचाने के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।

आगे पढ़ें 

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को गांधी पार्क, देहरादून में प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी जी की माता स्व. हीराबेन जी की दिवंगत आत्मा की शांति हेतु आर्य समाज द्वारा आयोजित सार्वजनिक श्रद्धांजलि एवं यज्ञ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड की समस्त जनता की ओर से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की स्वर्गीय माताजी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मां के संसार से चले जाने से पुत्र को होने वाला दुःख सबसे बड़ा दुख होता है। हर पुत्र की भांति प्रधानमंत्री जी का अपनी पूजनीय माता जी से गहरा लगाव था, जिसे कई अवसरों पर अनुभव भी किया। उनकी स्वर्गीय माता जी ने असंख्य कष्टों को सहते हुए भी हार न मानने का जो दृढ़ संकल्प लिया था, उसी का परिणाम रहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। प्रधानमंत्री जी जैसे महान व्यक्तित्व को जन्म देने वाली मां का इस संसार से चले जाना न केवल प्रधानमंत्री जी की व्यक्तिगत क्षति है, बल्कि यह समस्त देशवासियों के लिए भी अत्यंत पीड़ादायक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे शास्त्रों में मां के विभिन्न रूपों का वर्णन करते हुए कहा गया है कि पुत्र को गर्भ में धारण करने के कारण माता धात्री है, जन्म देने के कारण माता जननी है, पालन-पोषण करने के कारण माता अम्बा है और सुयोग्य वीर को जन्म देने के कारण माता वीरसू है। प्रधानमंत्री जी की माता जी का सम्पूर्ण जीवन, मां के इन रूपों का साक्षात प्रतिबिम्ब रहा। उन्होंने कहा कि दुःख की इस घड़ी में देवभूमि की सम्पूर्ण जनता आदरणीय प्रधानमंत्री जी एवं उनके परिवार के साथ खड़ी है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री प्रेमचंद्र अग्रवाल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट, मेयर श्री सुनील उनियाल गामा, विधायक श्री खजान दास मौजूद थे।

आगे पढ़ें

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को भाजपा युवा मोर्चा द्वारा आयोजित ‘ अटल भाषण प्रतियोगिता ’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्रद्धेय अटल जी की जन्म जयंती को एक उत्सव के रूप में मनाने का युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं द्वारा सराहनीय प्रयास किया गया। उनकी जन्म जयंती पर इस प्रकार की प्रतियोगिताओं के युवा देश के स्वर्गीय अटल जी के जीवन और कृतित्व से निश्चित रूप में प्रेरणा मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धेय अटल जी के प्रधानमंत्रित्व काल में देश ने अनेक नये आयाम स्थापित किये। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, सर्व शिक्षा अभियान, अंतरिक्ष एवं परमाणु शक्ति के क्षेत्र में स्वर्गीय अटल जी के नेतृत्व में अभूतपूर्व कार्य हुए। उनके द्वारा प्रारंभ किए गए कार्य आज नये भारत की मजबूत नींव का निर्माण का कार्य कर रहे हैं। स्वर्गीय अटल जी के कुशल नेतृत्व की ही प्रेरणा है कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का कर्मशील नेतृत्व सम्पूर्ण विश्व में भारत की एक विशिष्ट पहचान स्थापित कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धेय अटल जी के प्रधानमंत्रित्व काल में ही उत्तराखंड राज्य का निर्माण हुआ। राज्य सरकार श्रद्धेय अटल जी के पदचिन्हों पर चलते हुए उनके सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को अटल जी ने बनाया और अब नरेन्द्र मोदी जी संवार रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के उत्तराखंड के प्रति विशेष लगाव से प्रेरित होकर हमारी सरकार ने वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का “विकल्प रहित संकल्प“ लिया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि युवा मोर्चा का प्रत्येक कार्यकर्ता सरकार के इस “विकल्प रहित संकल्प“ को साकार करने में अपना सम्पूर्ण योगदान प्रदान करेगा।

इस अवसर मेयर श्री सुनील उनियाल गामा, महामंत्री संगठन अजेय कुमार, भाजयुमो के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुश्री नेहा जोशी, भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष श्री शशांक रावत, श्री शैलेन्द्र बिष्ट उपस्थित थे।

आगे पढ़ें 

उत्तराखंड के मुख्य सचिव डा.सुखवीर सिंह संधू ने रविवार को जोशीमठ पहुंचकर भूधंसाव क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर मौजूदा स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान मुख्य सचिव के साथ डीजीपी पुलिस अशोक कुमार एवं सचिव मुख्यमंत्री आर.मीनाक्षी सुंदरम भी मौजूद थे।

मुख्य सचिव ने कहा कि देश के विशेषज्ञ वैज्ञानिकों की टीम द्वारा भूधंसाव कारणों का पता लगाया जा रहा है और इसके कारणों का पता लगने पर जो भी ट्रीटमेंट्स आवश्यक होगा वो यहां पर किया जाएगा। मुख्य सचिव ने कहा कि तत्कालिक रूप से नागरिकों की सुरक्षा बेहद अहम है और स्थानीय प्रशासन इसके लिए लगातार काम कर रहा है। उन्होंने स्थानीय नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि किसी भी दशा में रिस्क ना ले। ऐसी स्थिति में कभी भी नुकसान ज्यादा हो सकता है। जिला प्रशासन द्वारा जहां पर व्यवस्था की गई है, वहां पर जल्द से जल्द शिफ्ट करें। इस दौरान मुख्य सचिव ने मनोहर बाग, सिंग्धार, मारवाडी स्थित जेपी कंपनी प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने मुख्य सचिव को आपदा की स्थिति के बारे में अवगत कराया।आगे पढ़ें 

 

जोशीमठ में प्रभावित एवं जरूरतमंद लोगों को ड्राई राशन किट और कुक्ड फूड पैकेट उपलब्ध कराया जा रहा है। राहत शिविरों में लोगों के रहने की समुचित व्यवस्थाएं की जा रही है। प्रशासन की पूरी टीम प्रभावित परिवारों तक हर संभव सहयोग पहुंचाने में जुटा रहे।

आगे पढ़ें 

जोशीमठ में आपदा प्रभावित परिवारों को आवश्यक घरेलू सामान हेतु अहैतुक सहायता धनराशि का वितरण किया गया।
आगे पढ़ें 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से युनाईटेड दिव्यांग क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारी एवं खिलाड़ियों ने भेंट की।

*उत्तराखण्ड व्हीलचेयर क्रिकेट टीम ने ओडिशा में आयोजित चार राज्यों की क्रिकेट प्रतियोगिता जीतकर बढ़ाया राज्य का सम्मान, मुख्यमंत्री ने दी शुभकामना।*

*मुख्यमंत्री ने किया खिलाड़ियों को सम्मानित।*

*दिव्यांगों को खेलों की मुख्यधारा से जोड़ने के प्रयासों की मुख्यमंत्री ने की सराहना।*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से रविवार को सायं मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में उत्तराखण्ड व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों ने भेंट की। इस अवसर पर यूनाइटेड दिव्यांग क्रिकेट एसोसिएशन उत्तराखण्ड के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के ओडिशा में आयोजित क्रिकेट प्रतियोगिता जीतने पर बधाई दी तथा टीम के सदस्यों को भविष्य के लिये शुभकामनायें दी। उन्होंने कहा कि दिव्यांग क्रिकेट टीम की सफलता से राज्य का ही मान नहीं बढ़ा बल्कि इससे समाज में दिव्यांग जनों को प्रेरणा भी मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने दिव्यांगों को खेलों की मुख्यधारा से जोड़ने के लिये समेकित प्रयासों की जरूरत बताते हुए यूनाइटेड दिव्यांग क्रिकेट एसोसिएशन के प्रयासों की भी सराहना की। मुख्यमंत्री ने एसोसिएशन द्वारा उत्तराखण्ड में व्हीलचेयर क्रिकेट प्रतियोगिता के आयोजन की सफलता की कामना की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर खिलाड़ियों को सम्मानित भी किया।

इस अवसर पर विधायक श्री सुरेश गड़िया, क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री गणेश शाह, उपाध्यक्ष श्री विजय रमोला, सचिव श्री उपेन्द्र पंवार, टीम के कप्तान श्री धन सिंह, उपकप्तान श्री धनवीर सिंह एवं अन्य खिलाड़ी उपस्थित थे।आगे पढ़ें 

मुख्यमंत्री ने किया महार रेजिमेंट के पूर्व सैन्य अधिकारियों को सम्मानित।

*15 महार रेजीमेंट के स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित किया गया सम्मान समारोह।*

*महार रेजीमेंट के पूर्व सैन्य अधिकारियों एवं जवानों से मिलकर अपने स्वर्गीय पिता को याद कर भावुक हुए मुख्यमंत्री।*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्यमंत्री सेवक सदन में आयोजित 15 महार रेजिमेंट के स्थापना दिवस के अवसर पर रेजिमेंट के पूर्व सैन्य अधिकारियों को सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने पूर्व सैन्य अधिकारियों से भेंट के दौरान अपने स्व. पिता को याद कर भावुक नजर आये। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल्यकाल में जब वे अपने (स्वर्गीय) पिताजी से महार रेजिमेंट के वीर सैनिकों की शौर्य गाथाओं के बारे में सुनते थे तो मन में उत्साह और उमंग की भावना पैदा होने लगती थी। उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि आज उन्हें आप सभी वीर सैनिकों से मुलाकात का सुअवसर प्राप्त हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि, “आप ने मेरे स्व. पिता के साथ कार्य किया है आप में मुझे अपने पिता की छवि नजर आ रही है। मैंने जीवन में अनुशासन फौज से ही सीखा है। मेरा बचपन सेना के साथ बीता है। आपस में आदर का भाव प्रेरणा एवं सहयोग की भावना हमारी सेना की पहचान है।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां एक ओर महार रेजिमेंट विविधता में एकता की भावना का बोध कराती है वहीं इसका प्रत्येक सैनिक भारत की महान संस्कृति व गौरवशाली सैन्य परंपरा का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी है। आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सेना के मान और सम्मान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि आज हमारे वीर सैनिक दुश्मन को उसके घर में घुस कर जवाब दे रहे हैं। जब भी दुश्मन ने ललकारा है भारत ने उसे मुंह तोड़ जवाब देते हुए दिखा दिया है कि उसके पास ताकत भी है और उचित जवाब देने की राजनीतिक इच्छाशक्ति भी है। भारत वैश्विक मंचों पर पूरी दृढ़ता और अपने हितों को सर्वोपरि रखते हुए अपनी बात रख रहा है। आज दुनिया ये जान रही है, समझ रही है कि यह देश अपने हितों से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करने वाला है। आज सेना के आधुनिकीकरण को भी एक नया आयाम दिया जा रहा है और डिफेंस सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अभूतपूर्व कार्य किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन और उनके द्वारा सैनिकों को दिए जा रहे प्रोत्साहन के कारण ही आज हमारी सेना पहले से कई गुना अधिक सशक्त है और सीमाएं पहले से कहीं अधिक सुरक्षित हैं। सैनिकों द्वारा किए जाने वाले त्याग और उनकी राष्ट्र सेवा के ऋण को हम कभी नहीं चुका सकते।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज वह सेना में तो नहीं हैं परन्तु वीर सैनिकों को अपना आदर्श मानकर राष्ट्र सेवा में अपना यथासंभव योगदान देने की पूरी कोशिश कर रहें हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के सैन्य कौशल और पराक्रम का इतिहास महार रेजिमेंट के बिना पूर्ण नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि हमारे प्रत्येक सैनिक की वीरता, साहस और बलिदान पर हर एक नागरिक को गर्व है। आप सभी हमारे आदर्श हैं और आपकी वीरता,साहस और अपराजेयता पर इस राष्ट्र को अभिमान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक आप सभी हैं, आपका ये हौसला है, आपका ये त्याग और तपस्या है। कोई मां भारती के गौरव को हानि नहीं पहुंचा सकता। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में आज देश को जी-20 की अध्यक्षता का मौका मिला है। इसकी दो बैठकें उत्तराखण्ड में भी होनी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने 21 वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है। उत्तराखण्ड को आदर्श एवं अग्रणी राज्य बनाने के लिये हम प्रयासरत हैं। राज्य के सीमांत क्षेत्रों के साथ पूरे देश का समग्र विकास हो, विकास की दिशा में हर क्षेत्र आगे बढ़े इसके लिये चौपालों का आयोजन कर समस्याओं का निदान तथा विकास कार्यों को गति प्रदान की जा रही है। प्रदेश में बेहतर सड़कों का विकास, औद्योगिक एवं पर्यटन क्षेत्रों के विकास पर ध्यान दिया जा रहा है। राज्य का आर्थिक विकास हो इस दिशा में भी प्रयास किये जा रहे हैं। हमारा प्रदेश सैन्य पृष्ठ भूमि का प्रदेश है। सैनिकों के कल्याण के लिये राज्य सरकार द्वारा अनेक कल्याणकारी कदम उठाये गये हैं।

इस अवसर पर पूर्व सैन्य अधिकारी सू.मे. प्रद्युम्न सिंह, आ. कै. सूरज मणि, ओम नारायण, रोशन लाल, केदार सिंह सहित बड़ी संख्या में अन्य पूर्व सैन्य अधिकारी उपस्थित थे।

आगे पढ़ें

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा जोशीमठ भू धंसाव से पीडित लोगों की मदद एवं राहत एवं बचाव के साथ विकास कार्यो के अनुश्रवण हेतु निर्देश दिये गये थे। उन्होंने पीड़ितों की हर सम्भव मदद तथा क्षेत्र के विकास कार्यों में तेजी लाये जाने के भी निर्देश दिये थे।

जनपद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, चमोली द्वारा जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भूधसाव के दृष्टिगत आपदा प्रबंधन संबंधी बुलेटिन जारी किया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जोशीमठ नगर क्षेत्र में कुल 603 भवनों में दरारें दृष्टिगत हुई हैं। सुरक्षा के दृष्टिगत कुल 68 परिवारों को अस्थाई रूप से विस्थापित किया गया है। आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत अग्रिम आदेशों तक होटल माउंट व्यू एवं मलारी इन को संचालन/यात्री निवास हेतु प्रतिबंधित किया गया है। जोशीमठ नगर क्षेत्रान्तर्गत अस्थाई रूप से 229 कक्षों को निवास करने योग्य चिन्हित किया गया है जिनकी क्षमता 1271 आंकी गई है।

आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 33 व 34 के अन्तर्गत नगर क्षेत्र के अत्यधिक भू-धसाव वाले क्षेत्रों को असुरक्षित घोषित करते हुए तत्काल रूप से जानमाल की सुरक्षा के दृष्टिगत खाली कराये जाने के आदेश पारित किये गये हैं। आम जनमानस की सुरक्षा के दृष्टिगत उपजिलाधिकारी, जोशीमठ द्वारा रात्रि में नगर क्षेत्र में भ्रमण किया जा रहा है। भूधसाव से प्रभावित स्थानों को चिन्हित किये जाने का कार्य गतिमान है तथा संवेदनशील परिवारों को अस्थाई रूप से सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित किया जा रहा है।

एन.टी.पी.सी तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना के अन्तर्गत हो रहे निर्माण कार्यों पर तत्काल प्रभाव से अग्रिम आदेशों तक रोक लगायी गयी है। बीआरओ के द्वारा हो हरे हेलंग बाईपास निर्माण कार्यों पर तत्काल प्रभाव से अग्रिम आदेशों तक रोक लगायी गयी है। जोशीमठ नगर पालिका क्षेत्रान्तर्गत हो रहे निर्माण कार्यों पर तत्काल प्रभाव से अग्रिम आदेशों तक रोक लगायी गयी है। रोपवे का संचालन बंद किया जा चुका है। प्रभावित परिवारों को उनकी आवश्यकतानुसार खाधान्न किट एवं कंबल वितरित किये गये। 46 प्रभावित परिवारों को रू 5000.00 प्रति परिवार की दर से आवश्यक घरेलू सामग्री हेतु धनराशि भी वितरित की गयी है।
आगे पढ़ें 

मेडिकल टीम द्वारा जोशीमठ में प्रभावित लोगों का निरंतर स्वास्थ्य परीक्षण के साथ ही आवश्यक दवा एवं चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। मेडिकल टीम राहत शिविरों के अलावा घर घर जाकर भी लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है।आगे पढ़ें 

जोशीमठ में प्रभावित लोगों के लिए बनाए गए राहत शिविरों में मूलभूत सुविधाओं का प्रशासन द्वारा निरंतर निरीक्षण किया जा रहा है और प्रभावित लोगों को हर संभव मदद दी जा रही है। जिलाधिकारी ने कहा कि कोई भी आवश्यकता पडने पर तत्काल निराकरण किया जाएगा।

आगे पढ़े 

जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव को देखते हुए हमारे लिए एक-एक मिनट बहुत महत्त्वपूर्ण है। प्रभावित क्षेत्र में रह रहे लोगों को अविलम्ब सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाए। मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में जोशीमठ भू-धंसाव के सम्बन्ध में शासन में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर यह निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्र को अविलम्ब खाली कराए जाने के निर्देश दिए। साथ ही, लोगों को जिस स्थान पर शिफ्ट किया जा रहा है, वहां पेयजल आदि की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि पेयजल विभाग को भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्र में टूटी पेयजल लाईनों, सीवर एवं विद्युत लाईनों आदि को भी दुरूस्त करने के निर्देश देते हुए कहा कि भू-धंसाव के कारण पेयजल की टूटी लाइनों से भू-धंसाव बढ़ने और विद्युत लाईनों से प्रभावित क्षेत्र में जानमाल का नुकसान न हो इसके लिए लगातार क्षेत्र पर नजर बनाए रखते हुए उच्चाधिकारियों को भी क्षेत्र में बने रहने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने भू-धंसाव क्षेत्र में टॉ इरोजन (Toe Erosion) को रोकने के लिए आज से ही कार्य शुरू किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि जिन भवनों में दरारें आ चुकी हैं और जर्जर हो चुके हैं, उन्हें शीघ्र ध्वस्त किया जाए ताकि वे भवन और अधिक नुकसान न करें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विशेषज्ञों आदि को प्रभावित क्षेत्र में पहुंचने में समय न लगे इसके लिए चॉपर से पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने मैन पावर को बढ़ाकर कार्यां को शीघ्र पूर्ण किए जाने के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन, सचिव श्री नितेश झा एवं डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा सहित अन्य सभी सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।आगे पढ़ें 

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में मत्स्य विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी उचित मार्केटिंग की व्यवस्था भी की जाए। लोगों की आजीविका को बढ़ाने के लिए मत्स्य पालन के क्षेत्र में राज्य में प्रबल संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना का मत्स्य पालकों को अधिक से अधिक लाभ मिले। राज्य में मत्स्य पालन को और तेजी से बढ़ावा देने के लिए विभाग द्वारा 05 लक्ष्य तय किये जाएं, उनको फोकस करते हुए समयबद्धता के साथ आगे कार्य किये जाएं। राज्य में मछली की खपत के अनुरूप उत्पादन हो इस दिशा में भी तेजी से प्रयास किये जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर विभाग यह सुनिश्चित करें कि विज्ञान और तकनीक के आधार पर कार्य किये जाएं। कार्यों में आधुनिकतम तकनीक को अपनाने पर विशेष ध्यान दिया जाए। जिन योजनाओं में केन्द्र एवं राज्य का अंश 90 एवं 10 के अनुपात में हो उनको अधिक प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि उधमसिंहनगर में राज्य स्तरीय इण्टीग्रेटेड एक्वापार्क के निर्माण हेतु आवश्यक कार्यवाही जल्द पूर्ण की जाए। मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना से भी अधिक से अधिक मत्स्य पालकों को जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि तालाबों के निर्माण से उनमें मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जा सकता है, वहीं जल संरक्षण की दिशा में भी यह सहायक सिद्ध होंगे। उन्होंने कहा कि कलस्टर बनाकर तालाबों का निर्माण किया जाए और उनके माध्यम से मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जाए। मत्स्य पालन के क्षेत्र में जिन राज्यों में अच्छा कार्य हो रहा है, उनमें से कुछ कार्य बैस्ट प्रैक्टिस के रूप में किये जाएं।

मत्स्य पालन मंत्री श्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि पिथौरागढ़ के डुंगरी ग्राम में कलस्टर के आधार पर तालाबों का निर्माण कराया गया है, जो मॉडल काफी सफल हो रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा एंग्लिंग टूरिज्म पर भी कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मत्स्य पालकों को मार्केट लिंकेज एवं कोल्ड चैन के विकास की ओर अधिक ध्यान दिये जाने की जरूरत है। राज्य में ट्राउट फार्मिंग को तेजी से बढ़ावा दिया गया है। ट्राउट फार्मिंग के लिए राज्य में 40 से अधिक मत्स्य जीवी सहकारी समितियां कार्य कर रही हैं।

कैबिनेट मंत्री श्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि राज्य में पशुपालन, मत्स्य पालन, डेयरी के क्षेत्र में क्या बेहतर हो सकता है, इसके लिए उन्होंने आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैण्ड एवं सिंगापुर का अध्ययन भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान न्यू साउथ वेल्स, राज्य कृषि मंत्री आस्ट्रेलिया के साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई। आस्ट्रेलिया में भेड़ पालकों द्वारा अपनाई जा रही तकनीक तथा आधुनिक भेड़ पालन विधि को उत्तराखण्ड में अपनाने एवं राज्य के पशुपालकों को प्रशिक्षण व कौशल विकास के लिए उनसे सहयोग का अनुरोध किया गया। वेलिंगटन न्यूजीलैंड में भारतीय उच्चायुक्त सुश्री नीता भूषण एवं सिंगापुर में भारतीय उच्चायुक्त श्री पी. कुमारन के साथ बैठक हुई। उनके साथ राज्य के युवाओं को रोजगार तथा व्यवसाय की संभावनाएं तलाशने पर चर्चा हुई।

सचिव मत्स्य श्री बी.वी.आर.सी पुरूषोत्तम ने कहा कि राज्य में 02 हजार लोग प्रत्यक्ष रूप से मत्स्य पालन से जुड़े हैं। राज्य में 40 एग्लिंग साइड पर कार्य करने की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल 71.03 करोड़ रूपये एवं वित्तीय वर्ष 2022-23 में 48.79 करोड़ के प्रोजक्ट स्वीकृत हुए हैं।

बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, श्री आनन्द बर्द्धन, सचिव श्री शैलेश बगोली, अपर सचिव श्री अरूणेन्द्र चौहान, श्री योगेन्द्र यादव उपस्थित थे।
आगे पढ़ें 

देहरादून में उत्तराखण्ड @ 25, ‘बोधिसत्व – विचार श्रृंखला’ कार्यक्रम*

*LIVE: देहरादून में उत्तराखण्ड @ 25, ‘बोधिसत्व – विचार श्रृंखला’ के अन्तर्गत प्रदेश में स्थित केन्द्रीय प्रयोगशालाओं, शोध संस्थानों एवं तकनीकी उपक्रमों के शीर्ष वैज्ञानिकों के साथ संवाद देखें 

https://youtu.be/ytzw0XY2wSc

जनपद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, चमोली द्वारा जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भूधसाव के दृष्टिगत आपदा प्रबंधन संबंधी बुलेटिन जारी किया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जोशीमठ नगर क्षेत्र में कुल 678 भवनों में दरारें दृष्टिगत हुई हैं। सुरक्षा के दृष्टिगत कुल 81 परिवारों को अस्थाई रूप से विस्थापित किया गया है। जोशीमठ नगर क्षेत्रान्तर्गत अस्थाई रूप से 213 कक्षों को निवास करने योग्य चिन्हित किया गया है जिनकी क्षमता 1191 आंकी गई है, इसके साथ ही नगरपालिका जोशीमठ क्षेत्र से बाहर पीपलकोटी में 491 कक्षों/हॉल को चिन्हित किया गया है जिनकी क्षमता 2205 है।

प्रभावित परिवारों को उनकी आवश्यकतानुसार खाधान्न किट एवं कंबल वितरित किये गये हैं। 53 प्रभावित परिवारों को रू 5000.00 प्रति परिवार की दर से आवश्यक घरेलू सामग्री हेतु धनराशि वितरित की गयी है। कुल 63 खाद्यान्न किट एवं 53 कम्बल उपलब्ध कराये गये हैं। 50 प्रभावित व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया है।

आगे पढ़ें 

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (एनडीएमए) के अधिकारियों एवं सदस्यों ने भेंट की। उन्होंने मुख्यमंत्री से जोशीमठ भू धसांव से उत्पन्न स्थिति के बाद राहत एवं बचाव कार्यों के संबंध में चर्चा की। सभी ने उत्तराखण्ड सरकार द्वारा जोशीमठ भू धसांव क्षेत्र में संचालित राहत एवं बचाव कार्यों के प्रयासों की सराहना की तथा मुख्यमंत्री को जोशीमठ क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थिति एवं भूधसांव के कारणों की जांच तथा आपदा राहत में केंद्रीय मदद का भरोसा दिया। एनडीएमए सदस्यों का सुझाव था कि भूधसांव क्षेत्र में पानी कहां रूका हुआ है तथा भूधसांव के कारण क्या हैं, इसका पता लगाया जाना जरूरी है। इसके लिये सभी संबंधित संस्थानों के वैज्ञानिकों का सक्रिय सहयोग लिया जायेगा ताकि समस्या का समाधान हो। साथ ही आपदा पीड़ितों के पुनर्वास हेतु चयनित स्थलों का भी भूगर्भीय सर्वेक्षण पर ध्यान दिया जाय। इस समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में भी कार्य योजना बनाये जाने तथा इस संबंध में सभी संस्थानों द्वारा दी गई रिपोर्टों पर की जाने वाली कार्यवाही एक छत के नीचे हो ताकि अध्ययन रिपोर्टों का त्वरित लाभ प्राप्त हो।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने एनडीएमए के अधिकारियों एवं सदस्यों से भू धसांव क्षेत्र की भूगर्भीय तथा अन्य आवश्यक जांच में सभी संबंधित संस्थाओं के समन्वय के साथ कार्य योजना में सहयोग की अपेक्षा की। उन्होंने उत्तराखण्ड के अन्य शहरों की धारण क्षमता के आकलन हेतु भी आवश्यक वैज्ञानिक शोध एवं परीक्षण आदि की अपेक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ का सांस्कृतिक, पौराणिक के साथ सामरिक महत्व भी है। यह बदरीनाथ का प्रवेश द्वार है।

उन्होंने कहा कि इस शहर को उसके पूर्व स्वरूप में लाने के लिये हमें समेकित प्रयासों की जरूरत रहेगी। राज्य सरकार युद्ध स्तर पर आपदा पीड़ितों की मदद की जा रही है। किसी भी पीड़ित को कोई कठिनाई न हो तथा उन्हें सभी अवश्यक सुविधायें मिले इसके निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं।

इस अवसर पर सचिव गृह मंत्रालय श्री डी. एस. गंगवार, संयुक्त सचिव श्री एस के जिंदल, एनडीएमए के सदस्य श्री कमल किशोर, ले. ज. से.नि. सैयद अता हसनैन, श्री कृष्ण वत्स, श्री राजेन्द्र सिंह के साथ अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

आगे पढ़ें 

उत्तराखण्ड को विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवाचार में अग्रणी राज्य बनाना हमारा उद्देश्य- मुख्यमंत्री*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड को विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवाचार में अग्रणी राज्य बनाना हमारा उद्देश्य है। इसी के तहत बोधिसत्व विचार श्रृंखला के माध्यम से वैज्ञानिकों, समाजसेवियों एवं बुद्धिजीवियों के सुझाव राज्य हित में आमंत्रित किये जाने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई।

सोमवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में उत्तराखण्ड @ 25 बोधिसत्व विचार श्रृंखला के अंतर्गत प्रदेश में स्थित विभिन्न केंद्रीय संस्थानों एवं तकनीकि उपक्रमों के प्रमुखों के साथ विचार मंथन करते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जोशीमठ की समस्या के समाधान के लिये हमें एक छत के नीचे बैठकर कार्य करना होगा, तथा राज्य के शहरों के सर्वेक्षण पर ध्यान देना होगा तथा उनकी धारण क्षमता का आकलन करना होगा। हमें राज्य के विकास के मॉडल को इकोलॉजी तथा इकोनामी के समन्वय के साथ आगे बढ़ाना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विचार मंथन सत्र हिमालय की पारिस्थितिकीय विभिनता के दृष्टिगत अलग अलग मुद्दों पर विभिन्न प्रयोग करने का हमारे लिए एक बेहतरीन मंच है। हम पर्यावरणीय दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र हैं जिस वजह से हमे कई प्रकार की आपदाओं का सामना करना पड़ता है और इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति एक चिंतनीय विषय है। जोशीमठ में भू धंसाव की समस्या से हम सब परेशान है इस पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण और वैज्ञानिक सुझाव भी आमंत्रित है। राज्य के सतत विकास के लिए समाज के हर क्षेत्र के प्रतिष्ठित लोगों के सुझावों के आधार पर ही आगे के लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 108वीं राष्ट्रीय विज्ञान कांग्रेस में प्राइड ऑफ इंडिया एक्सपो में उत्तराखण्ड के पवेलियन को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। इस कांग्रेस में देश एवं विदेश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक एवं शोध संस्थानों ने प्रतिभाग किया था। अपने उद्घाटन संबोधन में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आत्मनिर्भर भारत के लिए विज्ञान के महत्व पर विशेष जोर देकर शोध, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को “लैब से लैंड“ तक लाकर आमजन के जीवन को सहज, सरल और समृद्ध बनाने की बात कही है। उत्तराखण्ड/25 पहल के पीछे भी विज्ञान आधारित सोच के माध्यम से विकास की रूपरेखा तय करना हमारा उद्देश्य रहा है। चरणबद्ध तरीके से प्रदेश के चहुमुखी विकास के लिए एक सशक्त विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति की नितान्त आवश्यकता है।

इसी संदर्भ में बोधिसत्व विचार श्रृंखला के माध्यम से आपसी संवाद के माध्यम से आपके सुझावों के आधार पर इस नीति का एक ऐसा मसौदा तैयार कर सकें जो उसके त्वरित कार्यान्वयन में सहायक हो सके। दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों एवं वृहद ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण हमारे समक्ष अलग प्रकार की चुनौतियां हैं जिनका समाधान हमें अत्याधुनिक तकनीकी शोध एवं नवाचारों के माध्यम से स्वयं ढूंढना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विज्ञान और तकनीक के महत्व को समझते हुए हमने इस संदर्भ में प्रदेश में स्थित प्रमुख वैज्ञानिक एवं शोध संस्थानों के साथ-साथ प्रधानमंत्री के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय के साथ भी समन्वय स्थापित किया है। इसी क्रम में सीमान्त जनपद चम्पावत को केन्द्र में रखते हुए नोडल एजेन्सी यूकॉस्ट के माध्यम से हम आदर्श चम्पावत का मॉडल विकसित करने के लिए कृतसंकल्पित हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष हमारा देश माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में जी 20 की मेजबानी कर रहा है। यह अत्यंत गौरव की बात है कि विश्व स्तर पर भारत के नेतृत्व को महत्वता मिली है। हमें उत्तराखण्ड में इस आयोजन में दो महत्वपूर्ण सत्र करने हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ जैसे गंभीर प्रश्नों का समाधान भी विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं तकनीक के माध्यम से ही संभव है, अतः इस हेतु सभी प्रमुख केन्द्रीय शोध संस्थानों को राज्य सरकार के साथ समन्वयन एवं सहभागिता स्थापित कर कार्ययोजना तैयार करनी है। इसके अलावा राज्य में स्थित सभी वैज्ञानिक संस्थानों को साथ लाकर समग्र एवं सर्वागीण विकास का एकीकृत मॉडल विकसित करना हमारी प्राथमिकता है जिसके माध्यम से हम प्रदेश के सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों को विकास की मुख्यधारा के जोड़ते हुए इकोलॉजी एवं इकोनॉमी में बराबर संतुलन बनाते हुए इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने की हमारी माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की आंकाशाओं को मूर्त रूप दे सकें। विज्ञान एवं तकनीक के माध्यम से उत्तराखण्ड/25 की अवधारणा के अनुरूप एक सशक्त, सक्षम एवं समृद्ध उत्तराखण्ड राज्य के निर्माण के लिए उन्होंने राज्य स्थित सभी प्रतिष्ठित संस्थानों की सक्रिय भागीदारी की अपेक्षा भी की।

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार के संस्थान आपसी समन्वय से राज्य हित में बेहतर कार्य कर सकते हैं। आपसी विचार विमर्श नये ज्ञान का सृजन करता है। इससे समस्याओं के समाधान की राह भी प्रशस्त होती है। उन्होंने सभी संस्थानों से राज्य में स्थापित हो रही साइंस सिटी में अपने संस्थानों की प्रदर्शनी के आयोजन की व्यवस्था की भी अपेक्षा की।

सचिव श्री शैलेश बगोली ने आभार व्यक्त किया तथा यूकास्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया।

इस अवसर पर जिन्होंने अपने विचार रखे उनमें डा0 आर0पी0 सिंह, निदेशक भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान, डा० कलाचंद सैन, निदेशक, वाडिया भूविज्ञान संस्थान, देहरादून। श्री विक्रम सिंह, निदेशक, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, कर्नल रजत शर्मा, निदेशक, भारतीय सर्वेक्षण विभाग देहरादून, श्रीमती मीनाक्षी तिवारी, उप निदेशक, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड, श्री जे०पी० सिंह, अपर निदेशक, यंत्र अनुसंधान एवं विकास संस्थान, प्रो. वर्तिका सक्सेना, प्रोफेसर, अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान ऋषिकेश, डा० एस0के0 सिंह, प्रभारी अधिकारी, भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण विभाग, डा० गौरव शर्मा, प्रभारी अधिकारी, भारतीय प्राणी सर्वेक्षण विभाग, डा० डी०वी० सिंह, प्रमुख वैज्ञानिक, भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, प्रो0 अक्षय द्विवेदी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुड़की आदि के साथ आनलाइन माध्यम से डा० डी०के० असवाल, निदेशक, स्वास्थ्य सुरक्षा एवं पर्यावरण ग्रुप, भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र, मुम्बई, प्रो0 दीपांकर बैनर्जी, निदेशक, आर्यभटट् प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान, नैनीताल, डा० प्रबोध कुमार त्रिवेदी, निदेशक, केन्द्रीय औषधीय एवं संगध पौधा संस्थान लखनऊ – एरोमा प्रोजेक्ट, शामिल रहे।

य़ह  भी देखें 

LIVE: देहरादून में ग्रामीण उत्तराखण्ड उद्यमिता सम्मेलन, “Gullaक” कार्यक्रम*

https://youtu.be/tYQpgYKBz_0

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में गन्ना विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि चीनी मिलों की आय बढ़ाने की दिशा में प्रयास किये जाएं। गन्ना किसानों का भुगतान समय पर हो जाए, यह भी सुनिश्चित किया जाए। जो चीनी मिलें लगातार घाटे में चल रही हैं, इनके कारणों का विश्लेषण किया जाए। गन्ने की हाई वैराइटी के उत्पादन पर अधिक फोकस किया जाए। चीनी मिलें अपनी आय के संसाधन बढ़ाने एवं आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने का प्रयास करें।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चीनी मिलों के आधुनिकीकरण की दिशा में ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है। प्राथमिकता के आधार पर ब्वायलर एवं टरबाईन परिवर्तन के लिए चरणबद्ध तरीके से प्रस्ताव दिये जाएं। चीनी मिलों की आर्थिकी में सुधार लाने के लिए मोलासिस आधारित इथेनॉल प्लांट की दिशा में भी ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है।

गन्ना विकास मंत्री श्री सौरभ बहुगुणा ने कहा चीनी मिलों के आधुनिकीकरण की ओर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। गन्ना विकास कार्ययोजना के तहत अधिक परते वाली गन्ने की प्रजाति पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों को समय पर भुगतान हो, इसके लिए अभी से तैयारी शुरू करनी होगी। उन्होंने कहा कि 2022-23 हेतु पेराई सत्र नवम्बर 2022 से शुरू हो चुका है। मिलों में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष पेराई क्षमता, चीनी परता एवं चीनी उत्पादन में वृद्धि हुई है। प्रदेश में 2021-22 के सहकारी, सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की सभी मिलों का गन्ना भुगतान पूर्ण किया जा चुका है।

बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, श्री आनन्द बर्द्धन सचिव श्री विजय कुमार यादव, श्री एस.एन पाण्डेय, अपर सचिव श्री उदयराज, श्री अरूणेन्द्र चौहान एवं सबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।आगे पढ़ें 

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने मंगलवार को सचिवालय में जोशीमठ भू-धंसाव के सम्बन्ध में बैठक ली। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी चमोली से क्षेत्र की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने जिलाधिकारी चमोली को स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखने के निर्देश दिए। कहा कि प्रभावित क्षेत्र को पूर्ण रूप से खाली करवाया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि भूस्खलन से किसी प्रकार का जानमाल का नुकसान न हो इसके लिए सबसे पहले परिवारों को शिफ्ट किया जाए और उस बिल्डिंग को प्राथमिकता के आधार पर ध्वस्त किए जाए जो अधिक खतरनाक साबित हो सकती है। जिन स्थानों पर प्रभावित परिवारों को रखा गया है, उन स्थानों पर उनके रहने खाने की उचित व्यवस्था हो। साथ ही यह भी ध्यान रखा जाए कि प्रभावित नागरिकों एवं शासन प्रशासन के मध्य किसी प्रकार का कम्युनिकेशन गैप न हो। उच्चाधिकारी भी लगातार प्रभावित परिवारों के संपर्क रहें, और परिस्थितियों पर नजर बनाए रखें।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि भू-धंसाव के कारण मोबाइल नेटवर्क भी प्रभावित हो सकता है। मोबाइल टावर अन्यत्र सुरक्षित स्थान में शिफ्ट कर अथवा नए टावर लगा कर संचार व्यवस्था को मजबूत बनाया जाए। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को साथ लेकर एक असेसमेंट कमिटी बनाई जाए। प्रतिदिन पूरे क्षेत्र में टीम भेज कर निरीक्षण करवाया जाए कि पिछले 24 घंटे में क्षेत्र में किस प्रकार का और कितना परिवर्तन हुआ हुआ है, जो भवन अधिक प्रभावित हैं उन्हें प्राथमिकता पर ध्वस्त किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि जोशीमठ के स्थिर क्षेत्र के लिए ड्रेनेज और सीवेज प्लान पर भी काम शुरू किया जाए। भवनों को ध्वस्त करने में विशेषज्ञों का सहयोग लिया जाए ताकि ध्वस्तीकरण में कोई अन्य हानि न हो। साथ ही, कंट्रोल रूम को 24 घंटे एक्टिव मोड पर रखा जाए, और आमजन को किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में संपर्क करने हेतु प्रचार प्रसार किया जाए।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जोशीमठ से सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव श्री नितेश कुमार झा, श्री अरविंद सिंह ह्यांकी, डॉ. रंजीत सिन्हा एवं श्री बृजेश कुमार संत सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयुक्त गढ़वाल श्री सुशील कुमार एवं जिलाधिकारी चमोली श्री हिमांशु खुराना सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
आगे पढ़ें 

मुख्यमंत्री ने किया ग्रामीण उत्तराखण्ड उद्यमिता समिट 2023 “गुल्लक“ में प्रतिभाग।*

*रूरल बिजनेस इन्क्यूबेटर्स योजना को बताया ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने वाला।*

*ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार से जुडे विभिन्न इन्क्यूविटीज को प्रदान किये आर्थिक सहायता चेक।*

*वित्तीय सहयोग के सहभागी निवेशकों को भी किया सम्मानित।*

*प्रदेश के अन्य 11 जनपदों में स्थापित किये जायेंगे रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर के स्पाक।*

*मुख्यमंत्री ने किया प्रदेश में मिशन अंत्योदय सर्वे का शुभारंभ।*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड उद्यमिता समिट के आयोजन को राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों के उद्यमियों के लिए लाभदायक बताते हुए कहा कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों के व्यवसायियों को विभिन्न क्षेत्रों में सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी मिल सकेगी। ग्रामीण उद्यमियों हेतु आयोजित “गुल्लक“ नामक यह कार्यक्रम, देशभर में अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है जिसमें निवेशक ग्रामीण उद्यमियों के साथ सीधे संवाद कर उनके उद्यमों में निवेश कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता विकास को गति प्रदान करने के लिए हमारी सरकार द्वारा विगत वर्ष “रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर्स“ की स्थापना जनपद अल्मोड़ा के हवालबाग में और जनपद पौड़ी के कोटद्वार में की गई। वर्तमान में इन “रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर्स“ के माध्यम से ग्रामीण उद्यमियों को विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। इनक्यूबेटर्स के अच्छे परिणामों को देखते हुए इस योजना को हब एवं स्पॉक मॉडल के अंर्तगत राज्य के अन्य 11 जनपदों में क्रियाशील किए जाने हेतु “रूरल बिजनेस इन्क्यूबेटर“ के स्पॉक स्थापित किए जाएंगे। इन इनक्यूबेटर्स के माध्यम से हमारे उद्यमियों को नए अवसर प्राप्त हो सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कर्मशील नेतृत्व में देश निरंतर प्रगति कर रहा है, उद्योग जगत भी इससे अछूता नहीं है। हमारी यह पहल प्रधानमंत्री के वोकल फॉर लोकल की अवधारणा को मजबूती प्रदान करेगा तथा इससे विकास के नये रास्ते तय होंगे तथा आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी यह निर्णायक पहल होगी। उन्होंने कहा कि पिछली बार जब वे हवाल बाग में निवेशकों से मिले थे उस समय की निवेश की यह धनराशि आज 07 करोड़ से 20 करोड़ हो गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता के क्षेत्र में कार्य करने वालों का जज्बा उन्होंने देखा है उनका आत्म विश्वास अन्य युवाओं के लिये भी प्रेरणा का कार्य करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में देश का मान व सम्मान बढ़ा है। इसका प्रतिफल है कि जी 20 देशों की अध्यक्षता भारत को मिली है। इसकी दो महत्वपूर्ण बैठकें उत्तराखण्ड में भी होनी हैं यह हमारे लिये भी सम्मान की बात है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के कुशल मार्ग दर्शन में देश ने कोरोना महामारी का सफलता से सामना ही नहीं किया इसकी तीन वैक्सीन तैयार कर देश के नागरिकों को निःशुल्क उपलब्ध करायी तथा कई देशों को भी वैक्सीन उपलब्ध करायी, यही नहीं कोरोना काल से अब तक देश के 80 करोड़ लोगों को निशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। देश में 40 प्रतिशत डिजिटल ट्रांजेक्शन लोकल फॉल ग्लोबल की दिशा में देश के बढ़ते कदम हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सबका यह प्रयास होना चाहिए कि जो जिस क्षेत्र में कार्य कर रहा है उसे बेहतर ढंग से करे तथा अपने अनुभवों को साझा करें। समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचे यह हमारा दायित्व होना चाहिए। ग्रामीण उद्यमिता के विकास से हमारे युवा स्वरोजगार से जुड़ेंगे तथा नौकरी पाने के बजाय नौकरी देने वाले बनेंगे। ग्रामीण उद्यमियों के उत्पादों के विपणन की बेहतर व्यवस्था पर हमारा ध्यान है। आज देश में आयात को निर्यात में बदलने की प्रक्रिया की शुरुआत हो रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन की समस्या से निजात पाने के लिए विशेष रूप से कार्य कर रही है। राज्य के नागरिकों को अपने स्थान पर रहकर ही स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने हेतु सरकार द्वारा राज्य के सुदूर क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार की केंद्र पोषित, राज्य पोषित और वाह्य सहायतित स्वरोजगार परक योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले व्यवसाय में महिलाओं की सहभागिता अधिक रहती है, इसको ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार स्वरोजगार के क्षेत्र में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए विशेष रूप से प्रयास कर रही है। हमने 1.25 लाख बहनों को लखपति दीदी बनाने की योजना बनाई है, उन्हें भी उद्यमिता से जोड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से भारत सरकार के निर्देशन में आगामी एक माह तक “मिशन अंत्योदय सर्वे“ मोबाइल ऐप के माध्यम से किया जाना सुनिश्चित हुआ है। इस सर्वे में सामुदायिक काडर की महिलाओं द्वारा आर्थिक विकास, गांवों की आधारभूत संरचना, सेवाओं और सामाजिक न्याय से संबंधित विषयों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह सर्वे गुणवत्तापूर्ण रूप से संपन्न होने के साथ राज्य के सर्वांगीण विकास में इस सर्वे का लाभ प्राप्त हो सकेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार राज्य के चहुंमुखी विकास हेतु प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुरूप वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने “विकल्प रहित संकल्प“ को ध्यान में रखकर निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने उत्तराखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों से आए सभी युवा उद्यमियों का आह्वान किया कि राज्य सरकार के संकल्प को पूर्ण करने में वे भी सहयोगी बनें।

इस अवसर पर ग्राम्य विकास मंत्री श्री गणेश जोशी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा एक अभिनव पहल करते हुये राज्य में रूरल बिजनेस इन्क्यूबेटर्स योजना प्रारम्भ की गयी, जिसमें दो इन्क्यूबेटर्स कमशः जनपद अल्मोड़ा व पौड़ी में स्थापित किये गये। इन इन्क्यूबेटरों के माध्यम से ग्रामीण उद्यमियों को उनके नये उद्यम स्थापना तथा स्थापित उद्यमों के विस्तारीकरण हेतु विभिन्न प्रकार के तकनीकी सहायता, मेन्टरशिप सहयोग, विधिक सहयोग, विपणन सहयोग आदि प्रदान किया जा रहा है। जहाँ पर दक्ष मानव संसाधन ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने हेतु भावी ग्रामीण उद्यमियों को तैयार करने में मदद कर रहा है। गत एक वर्ष में लगभग 500 से अधिक इन्क्यूबेटीज़ द्वारा इन्क्यूबेटर्स के माध्यम से लाभ प्राप्त कर अपने उद्यमों की स्थापना अथवा उद्यम विस्तार में सहायता प्राप्त की गयी है।

उन्होंने कहा कि *“गुल्लक कार्यक्रम“* राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को विकसित करने के लिये सरकार की एक अनूठी पहल है। ग्रामीण उद्यमियों हेतु अयोजित किये जाने वाला यह कार्यक्रम, देशभर में पहला प्रयास है, जहाँ ग्रामीण उद्यमी अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से अपने आइडिया/ बिज़नेस निवेशकों के सम्मुख प्रस्तुत कर रहे हैं। इस मंच से उद्यमियों को अपने व्यवसाय का विस्तार करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि ग्राम्य विकास विभाग द्वारा मिशन अन्त्योदय सर्वे का शुभारम्भ भी किया जा रहा है, भारत सरकार के निर्देशानुसार एक माह के अन्दर उक्त सर्वे कार्य पूर्ण किया जायेगा जिसमें गाँवों में उपलब्ध आधारभूत संरचना, सेवाओं, आर्थिक विकास एवं सामाजिक न्याय से सम्बन्धित विषयों पर सूचना का एकत्रीकरण किया जायेगा।

इस अवसर पर पूर्व सांसद श्री तरुण विजय, सचिव श्री बी.वी.आर.सी पुरूषोत्तम, आयुक्त ग्राम्य विकास श्री आनन्द स्वरूप, अपर सचिव ग्राम्य विकास सुश्री नितिका खंडेलवाल सहित अन्य अधिकारी उद्यमी तथा निवेशक उपस्थित थे।
आगे पढ़ें 

जनपद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, चमोली द्वारा जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भूधसाव के दृष्टिगत मंगलवार को जारी आपदा प्रबंधन संबंधी बुलेटिन के अनुसार भू-धंसाव के कारण जोशीमठ नगर क्षेत्र में कुल 723 भवनों में दरारें दृष्टिगत हुई हैं। सुरक्षा के दृष्टिगत कुल 131 परिवारों को अस्थाई रूप से विस्थापित किया गया है। जोशीमठ नगर क्षेत्रान्तर्गत अस्थाई रूप से 1425 क्षमता के 344 राहत शिविर के साथ ही जोशीमठ क्षेत्र से बाहर पीपलकोटी में 2205 क्षमता के 491 कक्षों/हॉलों को चिन्हित किया गया है।

53 प्रभावित परिवारों को रू 5000.00 प्रति परिवार की दर से घरेलू सामग्री हेतु धनराशि वितरित की गयी है तथा 10 तीक्ष्ण/पूर्ण क्षतिग्रस्त भवनों के प्रभावितों को प्रति भवन 1.30 लाख की दर से धनराशि वितरित की गई। इसके साथ ही प्रभावित परिवारों को उनकी आवश्यकतानुसार खाधान्न किट एवं कंबल वितरित किये गये हैं, कुल 70 खाद्यान्न किट, 70 कम्बल एवं 570 ली. दूध प्रभावितों को वितरित किया गया है तथा कुल 80 प्रभावित व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया है।
आगे पढ़ें 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से मंगलवार को सायं मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री करन माहरा के नेतृत्व में कांग्रेस के विभिन्न नेताओं द्वारा भेंट की गई। उन्होंने मुख्यमंत्री को जोशीमठ में हुए भू-धंसाव से उत्पन्न स्थिति के बाद राहत एवं बचाव कार्यों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। आगे पढ़ें 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ आपदा के दृष्टिगत अपने एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जोशीमठ प्रभावित लोगों के साथ है और उन्हें राहत पहुंचाने के लिए हर संभव कदम उठाया जा रहा है।
आगे पढ़ें

मुख्यमंत्री राहत कोष की धनराशि का उपयोग जोशीमठ के आपदा प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए किया जायेगा आगे पढ़ें 

सचिव ने प्रेस कान्फ्रेंस कर आपदा राहत कार्यो की जानकारी दी*

*हितधारकों का सरकार रखेगी पूरा ध्यान*

*आपदा राहत के तक प्रत्येक परिवार को तत्कालिक रूप से 1.50लाख की अंतरिम सहायता दी जाएगी*

सचिव मुख्यमंत्री आर.मीनाक्षी सुन्दरम ने प्रेस वार्ता करते हुए जोशीमठ आपदा को लेकर स्थिति को स्पष्ट किया।

उन्होंने कह कि जोशीमठ में अभी तक दो होटल जो भूधंसाव के कारण लटक गए है उनको डिस्मेंटल करने का आदेश किया गया है क्योंकि ये होटल आसपास के भवनों के लिए भी खतरा बने हुए है। इसके अलावा अभी किसी का भी भवन नही तोडा जा रहा है।

भूधंसाव से प्रभावित भवनों का सर्वे किया जा रहा है। असुरक्षित भवनों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी विस्थापन किया जा रहा है। प्रभावित परिवारों को तत्कालिक तौर पर 1.5 लाख की धनराशि अंतरिम सहायता के रूप में दी जा रही है। जिसमें 50 हजार रूपये घर शिफ्ट करने तथा 1 लाख रूपये आपदा राहत मद से एडवांस में उपलब्ध कराया जा रहा है। जो कि बाद में समायोजित किया जाएगा।

सरकार लोगों को बेहतर से बेहतर सुविधा दे रही है। जो लोग किराए के घर पर जाना चाहते है उनको 6 महीने तक 4 हजार रूपये प्रतिमाह दिए जा रहज है।

इससे पूर्व उन्होंने हितधारकों एवं स्थानीय लोगों के साथ बैठक करते हुए स्पष्ट किया कि भूधंसाव से जो भी यहां पर प्रभावित हुए है उनको मार्केट दर पर मुआवजा दिया जाएगा। मार्केट की दर हितधारकों के सुझाव लेकर और जनहित में ही तय किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्थानीय लोगों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा।

जोशीमठ नगर क्षेत्र में भू-धंसाव के कारण 723 भवनों को चिन्हित किया गया है जिनमें दरारें आयी है। सुरक्षा के दृष्टिगत आजतक 131 परिवारों के 462 लोगों को अस्थायी राहत शिविरों में विस्थापित किया है।
आगे पढ़ें 

सचिव आपदा प्रबंधन डॉ रंजीत कुमार सिन्हा बुधवार शाम 4:15 बजे मीडिया सेंटर सचिवालय में जोशीमठ नगर क्षेत्र में संचालित राहत एवं बचाव कार्यों के संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगे | समस्त मीडिया प्रतिनिधि सादर आमंत्रित हैं ।आगे पढ़ें 

जोशीमठ में भू-धंसाव से प्रभावितों को बाजार रेट पर मुआवजा दिया जाएगा- मुख्यमंत्री*

*प्रभावित परिवारों को तात्कालिक तौर पर दी जा रही है 1.5 लाख रूपये की अंतरिम सहायता।*

*03 हजार परिवारों को दी जा रही है कुल 45 करोड़ रूपये की तात्कालिक सहायता।*

*मुख्यमंत्री ने की अपील जोशीमठ के प्रभावित क्षेत्र में मकानों के ध्वस्तीकरण किये जाने की अफवाह पर ध्यान न दें।*

*मकानों के ध्वस्तीकरण की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।*

*प्रभावितों के विस्थापन के लिए उनके सुझावों के आधार पर इतनी बेहतर व्यवस्था की जाएगी कि यह देश के लिए नजीर बने।*

*प्रभावित क्षेत्र में तात्कालिक आवश्यकताओं हेतु 01 लाख रूपये अग्रिम एवं प्रभावितों को सामान ढ़ुलाई हेतु 50 हजार रूपये की धनराशि दी गई।*

*प्रभावित क्षेत्र में खर्चे का पूरा आकलन कर दी जाएगी सहायता राशि।*

*मुख्यमंत्री ने जोशीमठ में आपदा प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु अपने एक माह का वेतन दिया।*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि नगरपालिका क्षेत्र जोशीमठ के भू-स्खलन एवं भू- धसाव प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावितों को बाजार रेट पर मुआवजा दिया जायेगा। बाजार की दर हितधारकों के सुझाव लेकर और जनहित में जारी की जाएगी। 03 हजार प्रभावित परिवारों को कुल 45 करोड़ रूपये की धनराशि जारी की गई है। तात्कालिक तौर पर प्रति परिवार 1.50 लाख रूपये की अंतरिम सहायता दी जा रही है। प्रभावित क्षेत्र में भूधसाव के कारण प्रभावित भू-भवन स्वामियों/परिवारों को स्थाई अध्यासन विस्थापन नीति तैयार होने से पूर्व 01 लाख रूपये की अग्रिम धनराशि दी गई है। प्रभावित भू-भवन स्वामियों / परिवारों को अपने भवन के सामान की ढुलाई एवं तात्कालिक आवश्यकताओं हेतु गैर समायोजय एकमुश्त विशेष ग्रान्ट के रूप में 50 हजार रूपये की धनराशि दी गई है। यह धनराशि उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्राधिकरण द्वारा जारी की गई। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्र में कुल खर्चे का पूरा आकलन कर सहायता राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने जोशीमठ में आपदा प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु अपने एक माह का वेतन दिया है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रभावित क्षेत्र में जिन मकानों में दरारें आयी हैं, उन मकानों को ध्वस्त करने की अफवाह फैलाई जा रही है। उन्होंने सभी से अपील की है कि इन अफवाहों पर ध्यान न दें। प्रभावित क्षेत्र में दरार वाले मकानों को ध्वस्त करने की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि प्रभावित क्षेत्र में दरार वाले मकानों को तब तक ध्वस्त न कराया जाय, जब तक अपरिहार्य न हो। मुख्यमंत्री जोशीमठ प्रभावित क्षेत्र की सभी व्यवस्थाओं की अधिकारियों से नियमित रिपोर्ट ले रहे हैं। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि जोशीमठ क्षेत्र में प्रभावित परिवारों से बातचीत कर उनकी हर समस्याओं का शीघ्रता से निदान किया जाय। सुरक्षा की दृष्टि से जिन परिवारों को अन्यत्र स्थानों पर शिफ्ट कराया जा रहा है उनको वहां सभी बेहतर आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाय। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि प्रभावितों के विस्थापन के लिए उनके सुझावों के आधार पर इतनी बेहतर व्यवस्था की जाय कि यह पूरे देश के लिए नजीर बने। उन्होंने कहा कि प्रभावितों के इस दुःख-दर्द में सरकार द्वारा उनको हर सम्भव सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी।

जोशीमठ के प्रभावित क्षेत्र में शासन के उच्चाधिकारी क्षेत्र में प्रभावितों से मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। सचिव मुख्यमंत्री श्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम मौके पर प्रशासन के अधिकारियों के साथ सभी व्यवस्थाओं को देख रहे हैं। जोशीमठ के भू-स्खलन एवं भू- धसाव प्रभावित क्षेत्र में भूगर्भीय तथा अन्य आवश्यक जांचें संबंधित संस्थाओं द्वारा की जा रही है। नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की टीम भी मौके पर मौजूद है।आगे पढ़ें 

 

उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय का सप्तम दीक्षांत समारोह का शुभारंभ कुलाधिपति/राज्यपाल ले0 जनरल गुरमीत सिंह व मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने संयुक्त रूप से वर्चुअल माध्यम से किया। दीक्षांत समारोह कार्यक्रम के अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत और केन्द्रीय मंत्री अजय भट्ट मौजूद रहे।

इस वर्ष का कुलाधिपति स्वर्ण पदक वनस्पति विज्ञान की अनिता जोशी को दिया गया। 27 मेधावी छात्रों को स्वर्ण पदक दिए गए। इसके साथ ही मैती आंदोलन के जनक पद्मश्री कल्याण सिंह रावत, जौनसार कला संस्कृति के लिए श्री नंद लाल भारती और लोक गायन के लिए पद्मश्री बसंती देवी को डी लिट् मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। साथ ही विश्विद्यालय के 01 छात्र को पी एच डी, 716 को स्नातकोत्तर व 10932 छात्रों को स्नातक की उपाधि प्रदान की गयी। इस अवसर पर केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट एवं उच्च शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत ने संयुक्त रूप से विश्विद्यालय में लगभग 25 करोड़ की लागत से बने 5 भवनों का लोकार्पण भी किया।

दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में वर्चुअल प्रतिभाग करते हुए कुलाधिपति ने उपाधि धारक शिक्षार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि शिक्षा जीवन में खुशहाली लेकर आती है। शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रतिभा, संकल्प और परिश्रम का बड़ा योगदान होता है। दूरस्थ शिक्षा में तो संकल्प और परिश्रम का और भी अधिक महत्व होता है।

राज्यपाल ने उपस्थित शिक्षार्थियों से कहा कि आप सभी को अमृतकाल के इन 25 वर्षों में विकसित भारत का नेतृत्व करना है। यह अमृतकाल प्रत्येक भारतीय के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि तकनीकी के बल पर लोगों की तरक्की के रास्ते खोजे जाएं। उन्होंने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत के नारे को साकार करने में आप सभी का सामूहिक संकल्प भी जरूरी है।

राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड में शोध एवं अनुसंधान की अपार संभावनाएं हैं। इसके लिए आप सभी शोध के प्रति उत्साही बनें एवं नवीन खोज करते रहें। रोजगार की समस्या, पलायन की समस्या को यहां उपलब्ध अपार संसाधनों के जरिए अवसर और उपलब्धियों में बदला जाए। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि ग्रामीण इलाकों में रोजगार के नए अवसर हेतु अपना सहयोग करें। राज्यपाल ने छात्रों से कहा कि स्थानीय लोगों की क्षमताओं को ध्यान में रखकर कार्य योजना और प्रोजैक्ट विकसित किए जाएं जिससे उनको लाभ मिले।

राज्यपाल ने कहा कि हमारे सम्मुख कई चुनौतियां हैं जिसका समाधान भी हमें खोजना है। आप सभी युवा शक्ति के बल पर हम विकसित भारत एंव विश्वगुरू भारत की परिकल्पना को साकार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय पाठ्यक्रमों को रोजगार की संभावनाओं पर केन्द्रित कर तैयार करें। उत्तराखण्ड प्रदेश को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक मॉडल राज्य के रूप में आगे लाना है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय के सप्तम दीक्षांत समारोह में वर्चुअल रूप से प्रतिभाग करते हुए उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के माध्यम से उच्च कोटि का व्यक्तित्व निर्माण करने में उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों की अन्तर्निहित क्षमता एवं उनके व्यक्तित्व विकास के लिए सराहनीय कार्य किया जा रहा है। विश्वविद्यालय को अपने पहले ही प्रयास में नैक द्वारा मूल्यांकन में बी ग्रेड प्राप्त हुआ वहीं दिव्यांगों के क्षेत्र में विशिष्ट कार्यों के लिये राष्ट्रपति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। यह उपलब्धियां विश्वविद्यालय के कुशल नेतृत्व और शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक कार्मिकों के अथक परिश्रम का प्रतिफल है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि जो विद्यार्थी आज यहा से दीक्षा ले रहे हैं, अब वे जिस भी कार्य क्षेत्र में जायेंगे उस क्षेत्र में अपनी प्रतिभाओं से समाज को नेतृत्व प्रदान करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भारत अपनी प्राचीन शैक्षणिक व सांस्कृतिक पद्धति को केन्द्र में रखते हुए नये बदलाव की ओर अग्रसर है, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने 21वीं सदी की आवश्यकता के अनुरूप नई शिक्षा नीति को अपनाया है। उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है, जिसने नई शिक्षा नीति को प्रभावकारी ढ़ंग से लागु करने का कार्य किया है। राज्य सरकार दुर्गम क्षेत्रों में उच्च शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ करने का कार्य कर रही है इसी को ध्यान में रखते हुए आईटी एकेडमी खोलने एवं देहरादून में ओपन विश्वविद्यालय के नवीन कैम्पस के निर्माण की घोषणा की गई है। ये घोषणाएं जल्द पूर्ण की जायेंगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में शिक्षा के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए दूरस्थ शिक्षा प्रकोष्ठ की स्थापना की गई है।

सांसद अजय भट्ट में सभी को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि जल्द ही उत्तराखंड राज्य देश का पहला राज्य होगा जहां एक परीक्षा, चुनाव, दीक्षांत , शैक्षिक कैलेंडर व गणवेष होगा। कार्यक्रम का संचालन कुलसचिव प्रो0 रश्मि पन्त ने किया।

इस अवसर पर विश्विद्यालय के कुलसचिव प्रो ओम प्रकाश, जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया, मेयर डॉ जोगिंदर पाल सिंह रौतेला, विधायक डॉ मोहन सिंह बिष्ट, प्रोफेसर डॉ भानू प्रकाश जोशी, प्राचार्य डॉ अरुण जोशी, डिप्टी रजिस्ट्रार विमल कुमार,डॉ राकेश रयाल, बृजेश बनकोटी, महामंत्री राजेन्द्र बिष्ट, सुरेश भट्ट, अजय राजौर, दिनेश आर्य, प्रकाश हरबोला, डॉ बहादुर सिंह बिष्ट, शंशाक रावत,कुंदन लटवाल, सहित अन्य विश्वविद्यालय के कुलपति उपस्थित थे।आगे पढ़ें 

प्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता गोविन्दा ने यूएफ़डीसी के सीइओ बंशीधर तिवारी से भेंट की*
* मई जून में उत्तराखण्ड में शूटिंग करेंगे प्रारंभ*

प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता गोविंदा ने बुधवार को उत्तराखंड विकास परिषद के सीईओ और महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी से भेंट की । फ़िल्म विकास परिषद के नोडल अधिकारी संयुक्त निदेशक डॉ नितिन उपाध्याय भी उपस्थित थे।
गोविंदा अपनी नई फिल्म की शूटिंग लोकेशन की रेकी के सिलसिले में आजकल देहरादून आए हुए हैं । उन्होंने बताया कि उन्हें देवभूमि उत्तराखंड से प्रेम है और यहां की आध्यात्मिक सांस्कृतिक और प्राकृतिक सुंदरता फिल्म निर्माताओं के लिए वरदान की तरह है । उन्होंने बताया कि वह मई-जून से अपनी नई फिल्म उत्तराखंड में शुरू करने की योजना बना रहे हैं । बंशीधर तिवारी ने गोविंदा का स्वागत करते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार अपनी फिल्म नीति के माध्यम से राज्य में फिल्म निर्माण के लिए अच्छा माहौल बनाने का प्रयास कर रही है । उन्होंने कहा कि नई फिल्म नीति में फिल्म निर्माताओं को दी जाने वाली सुविधाओं और सब्सिडी को और अधिक तार्किक और सुगम बनाया जा रहा है । नई फिल्म नीति में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को भी सम्मिलित किया जा रहा है । श्री तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी का उद्देश्य है कि उत्तराखंड में फिल्म निर्माण एक उद्योग की तरह से अपनी जड़े जमाये जिससे यहां के युवाओं को फ़िल्म निर्माण से जुड़े रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध हो । इस दिशा में आवश्यक नीति गत प्रावधान किए जा रहे हैं। श्री तिवारी ने गोविंदा को राज्य की विभिन्न शूटिंग लोकेशंस और पर्यटन स्थलों के बारे में भी अवगत कराया।
उत्तराखण्ड फ़िल्म विकास परिषद के नोडल अधिकारी संयुक्त निदेशक डॉ नितिन उपाध्याय ने बताया कि उत्तराखंड विकास परिषद द्वारा उत्तराखंड की लोकेशन डायरेक्टरी बनायी जा रही है और कलाकारों तथा फिल्म से जुड़े अन्य मानव संसाधन की विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है । क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है।
इस अवसर पर गोविन्दा को उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों की भेंट भी दी गई।

आगे पढ़ें 

जोशीमठ पहुंचकर मुख्यमंत्री ने की भू-धसाव से प्रभावित लोगों से मुलाकात।*

*भू-धसाव से प्रभावित क्षेत्रों का किया स्थलीय निरीक्षण।*

*भू-धसाव से प्रभावित लोगों को दिया सहयोग एवं मदद का आश्वासन।*

*भू-धसाव से प्रभावित लोगों की मदद के लिये प्रधानमंत्री ने दिया है हर संभव सहयोग का आश्वासन।*

*पी.एम.ओ द्वारा स्थिति की जा रही है निरंतर समीक्षा।*

*केंद्र व राज्य सरकार के सभी संबंधित संस्थान आपसी समन्वय के साथ भू-धसाव से प्रभावित क्षेत्र का कर रहे हैं अध्ययन।*

*भू-धसाव से प्रभावित लोगों की मदद में उनकी अपेक्षाओं का किया जायेगा सम्मान।*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को दोपहर बाद जोशीमठ के लिये रवाना हुए। जोशीमठ पहुंचते ही उन्होंने सचिव मुख्यमंत्री श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम से राहत एवं भू-धसाव से उत्पन्न स्थिति की अद्यतन जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री हेलीपेड से सीधे भू-धसाव से प्रभावित क्षेत्रों के निरीक्षण के लिये निकले तथा भू-धसाव से प्रभावित लोगों से मुलाकात कर उन्हें हर संभव सहयोग का आवश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने प्रभावितों को विश्वास दिलाया कि इस संकट के समय केंद्र व राज्य सरकार संजीदगी के साथ उनके साथ खड़ी है। इस स्थिति का सामना करने के लिये उनकी अपेक्षाओं का पूरा सम्मान किया जायेगा। भू-धसाव से प्रभावित लोगों से भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें कम्बल भी वितरित किये।

जोशीमठ में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जोशीमठ में चिन्हित भू-धसाव से प्रभावित क्षेत्रों के सभी भवनों नहीं अभी सिर्फ दो होटल्स तोड़े जाएंगे वह भी सभी की सहमति से इसके साथ ही राहत एवं पुनर्वास के लिए यहां पर कमेटी बना दी है सारे नाम उसमें सम्मिलित कर दिए हैं सभी प्रमुख वर्गों के लोगों को उसमें सम्मिलित करके आगे की कार्रवाई की जाएगी राहत एवं पुनर्वास ठीक तरीके से हो यह हमारी प्राथमिकता है अंतरिम राहत की हम ने घोषणा की है जल्दी-जल्दी हम चाहेंगे कि सभी तक अंतरिम राहत पहुंचे जिससे लोगों को फौरी रूप से राहत मिले।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके आज सुबह से ही अन्य जगह भी कार्यक्रम लगे थे लेकिन उन्हें लगा कि इस संकट की घड़ी में उन्हें जोशीमठ में अपने भू-धसाव से प्रभावित भाई बहनों के साथ रहना चाहिए और वे यहां आ गये हैं, इस संकट की घड़ी में वे उनके साथ खड़े हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी भी इस संकट के समय हमारे साथ खड़े हैं और मॉनिटरिंग कर रहे हैं तथा सहायता भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि यहां पर भू-धसाव के कारण जितना नुकसान हुआ है वह हो चुका है और आगे सब ठीक हो जाएगा आने वाले समय में यहां पर राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेलों का आयोजन होना है और कुछ समय बाद चार धाम यात्रा भी शुरू होनी है, इसलिए इस प्रकार का वातावरण न बनाया जाये कि पूरा उत्तराखंड खतरे में आ गया है, क्षेत्र का विकास तेजी से हो रहा है हमारी कोशिश रहेगी कि इकोलॉजी और इकोनॉमी दोनों का संतुलन बनाकर विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जाय।

उन्होंने कहा कि जोशीमठ के साथ-साथ उत्तराखंड के अन्य शहरों की धारण क्षमता का भी हम आंकलन करवाएंगे अगर उनमें क्षमता से ज्यादा निर्माण हो चुका हो तो उसको धीमा कराने का कार्य किया जायेगा। मारवाड़ी स्थित जेपी कॉलोनी के समीप जहां पानी का रिसाव हो रहा है उसका स्थलीय निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि आज पानी आधे से भी कम हो गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विपदा की इस घड़ी में हम प्रभावितों के साथ खड़े हैं इसमें कहीं किसी को भी किसी प्रकार का संदेह नहीं होना चाहिए कि सरकार उनके साथ नहीं खड़ी है पूरी सरकार उनके साथ खड़ी है माननीय प्रधानमंत्री जी का भी संपूर्ण आश्वासन है हमारी जो भी अपेक्षाएं हैं उन अपेक्षाओं के अनुरूप उनके पुनर्वास और सेटलमेंट के लिए काम कर रहे हैं, प्रधानमंत्री जी भी स्वयं और उनका कार्यालय भी लगातार इस बात की चिंता कर रहा है और लगातार अपडेट ले रहे हैं।

मुख्यमंत्री रात्रि विश्राम जोशीमठ में करेंगे तथा प्रभावितों की हर संभव मदद के लिये जोशीमठ में कैम्प कर रहे उच्चाधिकारियों, आयुक्त एवं जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ ही स्थानीय जन प्रतिनिधियों के साथ समीक्षा बैठक की। आगे पढ़ें 

सचिव आपदा प्रबन्धन डा0 रंजीत कुमार सिन्हा ने जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव एवं भूस्खलन के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत एवं बचाव, स्थायी/अस्थायी पुनर्वास कार्यों के अद्यतन स्थिति की जानकारी प्रेस वार्ता के माध्यम से दी*

*राज्य सरकार की ओर से प्रति परिवार विस्थापन हेतु अग्रिम के रूप में रू 1.00 लाख तथा सामान इत्यादि ले जाने के लिये रू 50 हजार अर्थात कुल रू 1.50 लाख धनराशि आंवटित किये जाने का शासनादेश निर्गत किया जा रहा है*

*131 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये है*

*एन०डी०आर०एफ० की दो टुकड़ियां पूर्व से ही जोशीमठ में तैनात तथा एक अतिरिक्त टुकड़ी गौचर में तैयार रखी गई है। एसडीआरएफ की चार टुकड़ियां जोशीमठ में तैनात की गई है*

सचिव आपदा प्रबन्धन डा0 रंजीत कुमार सिन्हा ने बुधवार को जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव एवं भूस्खलन के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत एवं बचाव, स्थायी/अस्थायी पुनर्वास आदि से सम्बन्धित किये जा रहे कार्यो की मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार की ओर से एन०डी०आर०एफ० की दो टुकड़ियां पूर्व से ही जोशीमठ में तैनात हैं तथा एक टुकड़ी गौचर में तैयार रखी गई है। एसडीआरएफ की चार टुकड़ियां जोशीमठ में तैनात की गई है। भारत सरकार द्वारा अपने विभिन्न तकनीकी संस्थानों को यह निर्देश दिये गये है कि जोशीमठ में घटित हो रही है आपदा के सम्बन्ध में की जा रही जांच / सर्वे की कार्यवाही को समयबद्ध रूप से पूर्ण किया जाये। जेपी काॅलोनी में पानी का रिसाव कम हुआ है, जोकि एक राहत की खबर है। 131 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये है। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 462 है। अस्थायी रूप से जोशीमठ में कुल 344 कक्ष/कमरे है जिनकी क्षमता 1425 लोगों की है तथा पीपलकोटी में 491 कक्ष/कमरे है जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है । उन्हें चिहिन्त कर लिया गया हैं। प्रभावितों को वितरित राहत राशि के तहत प्रति परिवार रू 5000 की दर से घरेलू राहत सामाग्री हेतु अभी तक कुल 53 ( कुल 2.65 लाख रूपये ) प्रभावितों को वितरित की गई है। तीक्ष्ण / पूर्ण क्षतिग्रस्त भवन हेतुः 10 प्रभावितों को 13.00 लाख रूपये धनराशि वितरित की गई है। सचिव आपदा प्रबन्धन ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से प्रति परिवार विस्थापन हेतु अग्रिम के रूप में रू 1.00 लाख तथा सामान इत्यादि ले जाने के लिये रू 50 हजार अर्थात कुल रू 1.50 लाख धनराशि आंवटित किये जाने का शासनादेश निर्गत किया जा रहा है। जनपद चमोली में राहत एवं बचाव कार्यों के लिये धनराशि रू 11.00 करोड़ पूर्व में ही अवमुक्त की जा चुकी है। जोशीमठ में ड्रेनेज सम्बन्धित कार्यों तथा टो-इरोजन की रोकथाम हेतु तत्काल कार्य प्रारम्भ किये जाने के उददेश्य से ई०पी०सी० मोड में कार्य करवाने के लिये सिंचाई विभाग से प्रस्ताव प्राप्त करते हुये अग्रेत्तर कार्यवाही की जा रही है। जोशीमठ में आपदा प्रभावित एच०टी०/एल०टी० लाईनों एवं परिर्वतकों को स्थानान्तरित किये जाने हेतु ऊर्जा विभाग को धनराशि रू 214.43 लाख अवमुक्त की जा रही है। सचिव आपदा प्रबंधन ने जानकारी दी कि अभी तक 723 भवनों की संख्या जिनमें दरारें दृष्टिगत हुई है। गांधीनगर, सिंहधार, मनोहरबाग, सुनील क्षेत्र / वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 86 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है।
प्रेस वार्ता में अपर सचिव आपदा प्रबन्धन, निदेशक उत्तराखण्ड भूस्खलन प्रबन्धन एवं न्यूनीकरण संस्थान, प्रभारी अधिकारी पीआईबी, निदेशक वाडिया संस्थान, निदेशक आईआईआरएस देहरादून, निदेशक एनआईएच तथा निदेशक आईआईटीआर उपस्थित रहे। 

 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ में राहत शिविर का दौरा किया और वहां रुके लोगों से मिले। मुख्यमंत्री ने वहां की व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया।

Next Post

उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य *स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती महाराज '1008' की पत्रकार-वार्ता

श्री शंकराचार्यो विजयतेतराम् ।।* परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य *स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती महाराज ‘1008’* की *पत्रकार-वार्ता*  जोशीमठ, संवत् 2079 विक्रमी माघ कृष्ण द्वितीया, ज्योतिर्मठ (उत्तराखण्ड) *पूरा जोशीमठ ज्योतिर्मठ है और वहाॅ का हर निवासी मठ का सदस्य* जोशीमठ शब्द ज्योतिर्मठ का ही अपभ्रंश है। इसलिए जोशीमठ कहें चाहे ज्योतिर्मठ […]

You May Like