स्थाई राजधानी गैरसैण अभियान को समर्थन देने उमड़े जन संगठन

Pahado Ki Goonj

 

स्थाई राजधानी गैरसैण अभियान को समर्थन देने उमड़े जन संगठन 

दांये से फ़िल्म निर्माता मनोज पांगती, वरिष्ठपत्रकार जीतमणि पैन्यूली लक्ष्मी प्रासाद थपलियाल

 देहरादून:गैरसैंण राजधानी अभियान का अनिश्चित कालीन धरना कार्यक्रम आज 11वें दिन भी पूर्ववत जारी रहा| आज किसान मंच के तत्वावधान में दर्जनों संगठनों के प्रतिनिधियों ने स्थाई राजधानी गैरसैण बनाने की मांग को समर्थन अनशन स्थल पर आकर प्रदान किया|फ़िल्म निर्माता मनोज पांगती, वरिष्ठपत्रकार जीतमणि पैन्यूली,आदि  केबाद अन स्थल पर पहुंचने वाले प्रमुख संगठनों व लोगों में संयुक्त नागरिक संगठन दून के ब्रिगेडियर के. जी बहल, महासचिव सुशील कुमार त्यागी, उतराखंड महिला मंच की निर्मला बिष्ट, सुमन नैथानी, आरटीआई लोक सेवा के अध्यक्ष मनोज ध्यानी, आरटीआई क्लब के महासचिव अमर सिंह धुन्ता, यग्यभूषण शर्मा, हमारा उत्तरजन मंच के अध्यक्ष रणवीर चौधरी, महासचिव समीर मुंडेपी, हेमलता पंत, बिन्दु जोशी, अखिल गढ़वाल सभा को महासचिव रमेन्द्र कोटनाला, ओहरे संगठन (विकास नगर) के भाष्कर चुग, नई दिशा (सहसपुर) के अमर सिंह कश्यप, आशा टम्टा, रॉड्स संस्था (चम्पा) के सुशील बहुगुणा, मातृ सदन (हरिद्वार) के स्वामी दयानंद, किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद सिंह, अन्ना हमारे टीम के भोपाल सिंह चौधरी, पीपुल्स फोरम के संयोजक जयकृत कंडवाल, बैंक इम्पलाईज एसोसिएशन के जगमोहन मेंहदी रत्ता, शीशपाल बिष्ट, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ए.पी. जुयाल, रुद्रप्रयाग से आए प्रकाश चन्द्र मैठाणी, आदि बडी संख्या मे संगठनों के लोग परेड ग्राउंड स्थित क्रमिक अनशन स्थल पर पहुंचे| राजधानी निर्माण अभियान को समर्थन देने आए संगठनों ने कहा कि आज उत्तराखंड में जल-जंगल-जमीन का सवाल सबसे बड़ा सवाल है| राज्य निर्माण अवधारणा के यही सवाल प्रमुख थे| इन सवालों का उत्तर राजधानी गैरसैण बनाने के सवाल से सीधे सीधे जुडी हुई हैं| अत: सरकार को इन सवालों पर मूक दर्शक बने रहना त्यागकर, अब स्पष्ट तरीके से गैरसैण राजधानी निर्माण कर देना चाहिए| अन्यथा इसके घातक परिणाम बडे जन आंदोलन के रूप मे सामने आएगा| सर्व संगठन प्रतिनिधियों ने राज्य के सवालों पर संयुक्त कदमताल करने की रणनीति विकसित करने की बात भी कही| अनशन पर आज का धरना देने वालों में रघुवीर बिष्ट, हेमेन्द्र खत्री, लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल, अनिल रावत, अर्जुन लिंगवाल, रूपेन्द्र रावत, मदन भंडारी, पीसी थपलियाल आदि प्रमुख रहे।

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