वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया व जीतमणि पैन्यूली ने मान्यता देने के सख्त नियमों का कड़ा विरोध किया है

Pahado Ki Goonj

देहरादून, पहाडोंकीगूँज,पी आई बी,मान्यता प्राप्त पत्रकारों में छोटे न्यूज वेबसाइट के पत्रकारों को मान्यता देने के सख्त नियमों के सरकार के फैसले के खिलाफ सवाल उठने शुरू हो गए हैं। वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया ने इसका कड़ा विरोध किया है। मौजूदा गाइडलाइन से बड़े मीडिया घरानो के पत्रकार ही PIB की मान्यता ले सकेंगे। जबकि छोटे न्यूज वेबसाइट के पत्रकारों को इससे महरूम होना होगा। वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनूप चौधरी ने सरकार के कड़े कदम की आलोचना की है। उनके मुताबिक एक तरफ सरकार सोशल मीडिया को बढ़ावा दे रही है। दूसरी तरफ छोटे वेबसाइट के पत्रकारों को कवरेज से रोकना, उन्हें पत्रकार ना मानना, जैसे खबरें वाकई हैरान करने वाली है। भारत सरकार का सूचना प्रसारण मंत्रालय सोशल मीडिया के पत्रकारों को मान्यता देने संबंधी नियम कायदों पर लगा है। दूसरी तरफ पत्रकारों से ऐसा बर्ताव वाकई गलत है। जिसकी वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया कड़े शब्दों में निंदा करती है। वहीं WJI के राष्ट्रीय महासचिव नरेंद्र भंडारी ने सरकार से पूरे मामले में दखल देने की अपील की है।

इस प्रकार के निर्णय लेने के खिलाफ संयोजक उत्तराखंड पत्रकार संघठन समन्वय समिति, अध्यक्ष  उत्तराखंड वेब पोर्टल एसोसिएशन ,पहाडोंकीगूँज राष्ट्रीय हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र www. ukpkg.com,हिंदी

www .pkgnews24.com अंग्रेजी न्यूज पोर्टल के

संपादक जीतमणि पैन्यूली ने अपने दाएं हाथ में काली पट्टी बांधकर कर 3 मई2022 से विरोध प्रकट कर रहे हैं।पैन्यूली का कहना है कि पत्रकार साथियों को जिस हालत में हम लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में कार्य कर रहे हैं।उनको बिना सोचे समझे इस लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश का विरोध कर अपने हक की लड़ाई में प्रदर्शन करने की आवश्यकता है।

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