खबर संज्ञान से सुप्रीम कोर्ट पत्रकारों को संवैधानिक अधिकार देगा

Pahado Ki Goonj

देश के मीडिया बन्दूओं के लिए संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिए पहाडोंकीगूँज राष्ट्रीय,अंतराष्ट्रीय दैनिक समाचार पोर्टल की और इगास दीपावली ,छट पूजा उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ।

आप आज अपने शहर ,जिले में प्रेस वार्ता ,कर/प्रेस विज्ञप्ति भेज सकते हैं सभी पत्रकार,मीडिया बन्दूओं को अपने पत्र ,पोर्टल ,चेनल में खबर 21नवंबर तक प्रकाशित करने न्यूजे चलाने का काम कराइयेगा।🌹🌹🌹🙏

 

दुनिया मे अपनी संस्कृति से पहचान होती है इस प्रयास के लिए पहाडोंकीगूँज राष्ट्रीय साप्ताहिक समाचार पत्र ,एंव दैनिक समाचार पोर्टल की ओर से साधुवाद।

देश में पत्रकारों को संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिए देव भूमि उत्तराखंड के नाम एक सम्मान पहाडोंकीगूँज की खबर से जुड़ने जा रहा है। पढें 24×7 www.ukpkg.com हिन्दी न्यूज पोर्टल वेब चैनल और अपना स्वर डिजयेगा।LL, 011-27492967,मोबाइल न08010174535,ईमेल: kumar. ashwani@gmail.comएंव vikas singh बरिष्ट उपाध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन मोबाइल न0 9811077353, ईमेल:singh. vikas60@gmail.com उक्त नम्बरों पर समाचार वट्सप ,ईमेल कर भेजडीजयेगा🌹🙏🙏 जीतमणि पैन्यूली

23 नवंबर 2022 को होगी ।


राष्ट्रपति महोदय को 2011 से मालुम हैं –
युवा वैज्ञानिक शैलेन्द्र कुमार बिराणी ने अपने आविष्कार की फाईल के साथ यह सच्चाई देश के राष्ट्रपति को 19 अगस्त, 2011 को ही ग्राफिक्स के साथ भेज दिया था (Letter Ref. No. P1/D/1908110208) इस पर राष्ट्रपति सचिवालय की मोहर व आधिकारिक दस्तावेज उनके पास मौजूद हैं।
कौनसा संवैधानिक चेहरा नहीं हैं –
भारतीय लोकतंत्र के चार स्तम्भ माने जाते हैं पहला विधायीका जिसका चेहरा संसद हैं, दुसरा कार्यपालिका जिसका चेहरा प्रधानमंत्री कार्यालय हैं, तिसरा न्यायपालिका जिसका चेहरा उच्चतम न्यायालय हैं व चौथा स्तम्भ पत्रकारिता जिसका कोई चेहरा नही हैं । इसे धन बल, बाहु बल, सत्ता के डर, बाजारवाद के स्वार्थ के रूप में जो चाहे, जैसा चाहे इस्तेमाल करता हैं ।
 
मीडियाकर्मियों व विशेष रूप से खबरी चैनलों पर संवैधानिक व कानूनी रूप से देश व देशवासियों के प्रति कोई जवाबदेही नहीं हैं । इस कारण जो जैसा चाहे अपनी मर्जी का राग चलाता हैं ।
हमने पिछले प्रकाशन में इसको विस्तार से बताया ही नही अपितु किस तरिके से काम लोकतान्त्रिक तरिके से होगा व भी बताया ।
डॉ शैलेन्द्र कुमार बिराणी ने  पहाडोंकीगूँज खबरों के बाद अपने पूरी कार्यवाही से हमें अबगत  कराया । हमने पहाडोंकीगूँज में उनका प्रकाशन किया था उसके बाद इस ऐतिहासिक मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने की सोचते हुए, 
  पत्रकारों को संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिए पहाडोंकीगूँज के संपादक ने कोरोना काल में धरना प्रदर्शन के लिए इजाजत नहीं मिलने पर मे अपने निवास स्थान लिखवार गांव  भदूरा टिहरी बांध प्रभावित प्रतापनगर तहसील में

गंगोत्री से केदारनाथ धाम( लम्बगांव कोटाल गाँव केमुण्डा खाल चमियाला मोटर मार्ग) के 166 कि.मी. पर स्थित ऐतिहासिक स्थल अपने निवास स्थान पर सुबह6 बजे से11 बजे 30 मई 2020से5 जून 2020 तक पूज्य चाचा जी स्व परिपूर्णानंद पैन्यूली जी ने कहा था कि बेटा आपको पत्रकारिता  की दौड़ में  कुछ नया करने का काम करना है।उनके शब्द ब्रह्म को सफल करने के लिए पित्रों के एंव गुरुभगवान शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी  स्वरूपानंद सरस्वती  के आशीर्वाद से हम अग्रसर हो रहे हैं। उनको शत शत नमन करते हैं।

 
पर 30 मई2020से 5 जून 2020 तक  दो मांगो को लेकर किया था एक मे श्री बद्रीनाथ मंदिर  की पूजा ब्यबस्था को  सरकार से सही तरीके से कराने और दूसरी मांग पत्रकारों को संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिए मौनव्रत ,धरना, प्रदर्शन किया।

जिसके फल स्वरूप श्री बद्रीनाथ मंदिर की पूजा व्यबस्था  31 मई से सही हुई।
मीडिया को संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिए धरना प्रदर्शन मौनव्रत जारी रखा गया था।
जिसके फल स्वरूप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संज्ञान लेते हुए 9,10 दिसंबर2021 को 110 देशों राष्ट्र प्रमुखों के सम्मेलन में पत्रकारों को ज्यादा अधिकार देने और शक्तिशाली बनाने के लिए बोलना पड़ा है । परन्तु खेद है कि संसद में आगे की विधाईका कार्यवाही के लिए नही लाये। 

इसके आगे क्या?
युवा वैज्ञानिक डॉoशैलेन्द्र कुमार बिराणी ने पहाडों की गूंज खबर डिटेल, उनके पास मौजूद दस्तावेज इस मामले की जनहित याचिका लगाने वाले सुप्रीमकोर्ट के वकील अश्वीन उपाध्याय को भेज दी हैं ।

इसके साथ ही रजिस्टार सुप्रीमकोर्ट को ई-मेल कर सारी जानकारी मुख्य न्यायाधीश व दोनों न्याया
धीशों तक पहुचानें का अनुरोध करा हैं । इसके साथ सुप्रीमकोर्ट बार काउंसिल के सभी वकीलों को जानकारी भेज कर सहयोग का अनुरोध करा हैं।
आखिरकार लोकतंत्र देश के सभी नागरिकों का हैं और सभी को उसमें जीना हैं ।
मुख्य न्यायाधीश यू. यू .ललित और जस्टिस एस. रवींद्र भट हेट स्पीच के ही दुसरे मामले में सुनवाई 1 नवम्बर2022 को करेंगे जिसके याचिकाकर्ता हरप्रीत मनसुखानी हैं ।

 मध्यप्रदेश की पत्रिका “मध्य उदय” ने पहले यह खबर लगाई थी उसने आज फिर रिलिज करी हैं

 https://madhyauday.com/मीडिया-के-इस्तेमाल-की-जंग/
[31/10, 10:08 pm] Virsnsari: लोकतंत्र पर 110 देशों की मीटिंग हुई उससे पहले की खबर सबने दिखाई आप किसी एक को क्लिक करके पुरी जानकारी लेले ⤵️

Amar Ujala
https://www.amarujala.com › world
लोकतंत्र पर संवाद: दो-दो हाथ करने के मूड में अमेरिका, ताइवान समेत 110 देशों को भेजा …
:

ABP News
https://www.abplive.com › world
‘लोकतंत्र पर चर्चा’ के लिए अमेरिका ने 110 देशों को दिया न्यौता, चीन-तुर्की को किया बाहर …

NDTV.in
https://ndtv.in › दुनिया
US राष्ट्रपति जो बाइडेन ने लोकतंत्र पर सम्मेलन में 110 देशों को बुलाया, लिस्ट में . लगी है

टाइम्स नाउ नवभारत
https://www.timesnowhindi.com › u…
Summit on democracy: अमेरिका ने 110 देशों को दिया न्‍यौता, चीन-रूस-तुर्की सहित …
 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहां उसकी जानकारी इन लिंक को क्लिक करके जाने ⤵️

 https://www.google.com/amp/s/www.aajtak.in/amp/india/news/story/pm-narendra-modi-speech-in-summit-for-democracy-hosted-by-us-president-joe-biden-ntc-1371023-2021-12-10

youtube.com
https://m.youtube.com › watch
द समिट फॉर डेमोक्रेसी में प्रधानमंत्री का भाषण – YouTube देखियेगा।

भारत सरकार को कोई परेशानी नहीं – 
9-10 दिसम्बर, 2021 को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाईडेन ने लोकतंत्र को लेकर वर्चुअल मीटिंग करी थी ।
जिसमें 110 देशों के प्रमुखों ने भाग लिया था इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल हुये व उन्होंने सभी को मीडिया को अधिक अधिकार व शक्तिशाली बनाने की बात कहीं । इस तरह के संवैधानिक चेहरे से सरकार को अधिक खुशी होगी क्योंकि प्रधानमंत्री ने दुनिया को जो बात कहीं उसे उन्होंने करके बताया कोई जुमलेबाजी नहीं करी है।

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इसी तरह चले तो आगे मामला कहां तक जा सकता हैं – 
हेट स्पीच व मीडिया से सम्बद्धित सभी मामलों का यह एक ही उपाय हैं। जिससे पहले मीडियाकर्मियों को ही जवाबदेही बनाकर निष्ठावान लोगों को आगे बढाया जाये ।
इसके पश्चात् कोई गलती हो तो कार्यपालिका का कानूनी दबाव व अदालतों का दण्डित करने का मार्ग खुल जायेगा । 
यदि अभी के मार्ग पर चलते रहे तो पहले सरकार या अदालत मीडिया छेत्र के कुछ विशेषज्ञों का चयन कर एक कमेटी बना देगी जो नियामक संस्था के निर्माण की रूपरेखा देगी जो पूर्णतया कार्यपालिका या सरकार के अधिन होगी ।
इस रिपोर्ट के आधार पर एक संस्था बनाने से पहले सरकार नानकुर करेगी व बाद में अदालत को ढाल बनाकर स्वीकार कर लेगी । 
इसके बाद राजनैतिक खेल में, पूंजीवाद के चेक से व राजनैतिक पार्टियों से गठित होने वाली सरकारें सबकुछ अपने नियंत्रण मे ले लेगी और पूरी कवायत शून्य पर आ जायेगी । इस बात की सम्भावना की पुष्टि न्यायाधीशों द्वारा सरकार पर की गई कठोर टिप्पणी से होती हैं ।
जब सबकुछ 2011 होने पर भी 2022 खत्म होने के नजदिक आ गया तब जाकर लोकतंत्र व समाज में बुरा असर पड़ने के कारण डूंडने पड़ रहे हैं ।
न्यायाधीशों से क्यों उम्मीद हैं – 
मुख्य न्यायाधीश यू .यू .ललित का अल्प समय वाला कार्यकाल पूरा होने आया हैं । इस मामले पर भी यह उनकी आखरी सुनवाई होगी | माननीय राज्यसभा की सदस्यता से बडा उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश का संवैधानिक पद बडा होता हैं व कार्यपालिका और न्यायपालिका के मध्य के फासले को स्पष्ट कर हमेशा के झगडें को खत्म करना चाहेंगे ।

दूसरे मामले में न्यायाधीश के.एम.जोसेफ हैं जिन्होंने उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहते हुए वहां के राष्ट्रपति शासन को हटाया और सच का आधार बनाया कि राष्ट्रपति कोई राजा नहीं हैं ।
इनकी लोकतंत्र पर स्पष्ट ज्ञान को देखते हुए लगता हैं कि परिणाम अवश्य निकलेगा क्योंकि 11 वर्षों के अधिक समय से सच राष्ट्रपति महोदय के पास हैं जो एक व्यक्ति की निरसता से देश का हर नागरिक दुष्परिणाम भोग रहा हैं व दुनिया का सबसे बडा लोकतन्त्र बर्बाद हो रहा हैं ।  बरिष्ट पत्रकार द्वारिका प्रासाद उनियाल ने पत्रकार साथियों को संवैधानिक अधिकार देने की बात कही है

पत्रकारों को संवैधानिक अधिकार देने के लिए 29 वर्षों तक अपने स्वाभिमान की लड़ाई लड़ने वाले कर्नल से नि कमल टॉवरी IAS सोशियल कार्यो के लिए  माइल्ड स्टोन ने अपनी सुंदर अनुकरणीय राय दी है। उन्होंने कहा कि पैन्यूली जी का अच्छा सुझाव है  इस से पारदर्शीता रहेगी आएगी   इस पर सबको बिचार करना चाहिए

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कालीहल्दी प्रत्येक परिवार को 250 gm मसालों के साथ इसको पीस कर महीने में डालना चाहिए /3kg प्रति वर्ष खाने से स्वस्थ जीवन जीने की आदत डाल सकते हैं।घरों में खाली सीमेंट के कटों या बैग (1.5फिट तक मिटी गोवर मिला कर)पर मार्च, अप्रैल माह में कन्द रोपकर छत पर लगा कर उगा सकते हैं।यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है ।

इसके सेवन से मोबाईल के रेडियेशन को सहन करने की छमता विकसित होने से कैंसर जैसे रोगों से बचा जा सकता है।यह कोरोना, सुगर,मृगी, थाइराइड, कैंसर,सौंदर्य के बचाव ,लक्ष्मी पूजन ,तांत्रिक प्रयोजन के लिए काम आती है।घर आंगन ओर छत पर लगाने से घर की नेगेटिव एनर्जी दूर हो जाती है,अपने पास रखने से सुरक्षा होती है ,किसी कार्य सिद्धि प्राप्त करने के लिए काली हल्दी का टीका लगा कर जाना चाहिए।

उत्तराखंड में कोरोना काल की समय अवधि को याद करते हुए रोंगटे खड़े होजाते हैं अस्पतालों की लूट में 1 लाख में भी मरीजो को बेड नहीं मिला था ।स्वयं कोरोना से पीड़ित रहा 5 हॉस्पिटल बदलने पड़े परन्तु स्वस्थ रहने के लिए काली हल्दी का प्रयोग किया।हमारे पास उच्च गुणवत्ता के बीज द्वारा जैविक विधि से 5 बीघा में उगाई लिखवार गांव टिहरी गढ़वाल व शेरगढ रेशम मांजरी देहरादून में उगाई जारही है ।6 फिट ऊंचाई तक पौध खड़ी है तो जमीन पर 1.5 गहरी तक इसके कन्द होते हैं। काली हल्दी का बीज 40 ,45 क्विंटल होने का अनुमान उद्यान विशेषज्ञ कह रहे हैं। जिस किसी सज्जन को उगाने या खाने के लिए चाहिए वह हमसे संपर्क कर अपने लिए आवश्यकता अनुसार बुक कर सकते हैं।सीमित मात्रा में काला 10 बीघा पर उगा रखा है ।

गूगुल पर इन पौष्टिक पदार्थों की जानकारी आप ले सकते हैं। सम्पर्क वट्सप नम्बर 7983825336।

 

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