श्री गणेशाय नम: आज का पंचाग-प.बद्री प्रसाद शाष्त्री

Pahado Ki Goonj

. श्री गणेशाय नम:आज का पंचाग
_*?२० जनवरी २०१८*_
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_*?शनि देव जी का तांत्रिक मंत्र – ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।।*_
_*?।। आज का दिन मंगलमय हो ।।*_
_*?दिन (वार) -शनिवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से आयु का नाश होता है । अत: शनिवार को बाल और दाढ़ी दोनों को ही नहीं कटवाना चाहिए।*_
_*शनिवार के दिन प्रात: पीपल के पेड़ में दूध मिश्रित मीठे जल का अर्ध्य देने और सांय पीपल के नीचे तेल का चतुर्मुखी दीपक जलाने से कुंडली की समस्त ग्रह बाधाओं का निवारण होता है।*_
_*शनिवार के दिन पीपल के नीचे हनुमान चालीसा पड़ने और गायत्री मन्त्र की एक माला का जाप करने से किसी भी तरह का भय नहीं रहता है, समस्त बिग़डे कार्य भी बनने लगते है।*_
_*★विक्रम संवत् २०७४ संवत्सर कीलक तदुपरि सौम्य*_
_*★शक संवत – १९३९*_
_*★अयन – दक्षिणायण*_
_*★ऋतु – शरद ऋतु*_
_*★मास – माघ माह*_
_*★पक्ष – शुक्ल पक्ष*_
_*?तिथि – तृतीया – 14:10 तक तदोपरांत चतुर्थी।
_*?तिथि का स्वामी – तृतीया तिथि के स्वामी पार्वती शिव जी हैं तथा चतुर्थी तिथि के स्वामी गणेश जी है।
_*तृतीया तिथि की स्वामी माँ गौरी और कुबेर जी है । तृतीया को जया तिथि भी कहा गया है। केवल बुधवार की तृतीया को छोड़कर यह तिथि सभी शुभ कार्यों में सफलता दिलाने वाली कही गई है।*_
_*तृतीया तिथि में माँ गौरी जी की दूध मिठाई, अक्षत और सफ़ेद फूल से पूजा अर्चना करने से जीवन में सुख सौभाग्य की वृद्धि होती है। तृतीया को देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर जी पूजा करने से जातक को विपुल धन-धान्य, समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।*_
_*?नक्षत्र – शतभिषा तदोपरांत पूर्वभाद्रपद।*_
_*नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी शतभिषा नक्षत्र के देवता तोयम देव हैं एवं ग्रह स्वामी राहु देव है तथा पूर्वभाद्रपद नक्षत्र के देवता अजचरण(अजपात नामक सूर्य) देव हैं एवं ग्रह स्वामी बृहस्पति देव है।*_
_*?योग – व्यतीपात – 11:20 तक तदुपरांत वरीयान।*_
_*?प्रथम करण : – गर – 14:10 तक।*_
_*?द्वितीय करण : – वणिज – रात्रि 02:55 तक।*_
_*?गुलिक काल : – शनिवार को शुभ गुलिक प्रातः 6 से 7:30 बजे तक।*_
_*?दिशाशूल – शनिवार को पूर्व दिशा का दिकशूल होता है । यदि यात्रा आवश्यक हो घर से अदरक खाकर, घी खाकर जाएँ।*_
_*?राहुकाल -सुबह – 9:00 से 10:30 तक।*_
_*?सूर्योदय -प्रातः 7:15।*_
_*?सूर्यास्त – सायं 5:48।*_
_*?विशेष – तृतीया तिथि को परवल नहीं खाना चाहिए (तृतीया को परवल खाने से शत्रुओं की वृद्धि होती है)।*_
_*?मुहूर्त – तृतीया तिथि को यात्रा, शिल्प, चूड़ा कर्म, अन्नप्राशन व गृह प्रवेश शुभ है।*_
_*?”हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।*_
_*? माघ माह (जनवरी-फरवरी) में मूली, धनिया, चीनी और मिश्री खाना मना है*_
_*? इस माह में देसी घी और मेवो का सेवन अवश्य ही करें ।*_
_*?आप का आज का दिन*_
_*?अत्यंत मंगल दायक हो ।*

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