ग़ैरसैंण स्थायी राजधानी के लिए बड़े आंदोलन की तैयारी

Pahado Ki Goonj

ग़ैरसैंण स्थायी राजधानी के लिए बड़े आंदोलन की तैयारी

हल्द्वानी में जुटे प्रदेश भर के आंदोलनकारी

स्थायी राजधानी ग़ैरसैंण की निर्णायक लड़ाई के लिए हल्द्वानी में प्रदेशभर के आंदोलनकारी और विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता जुटे। इस मौक़े पर राज्य स्तरीय समन्वय कमेटी का गठन किया गया। सम्मेलन में ग़ैरसैंण राजधानी के साथ ही उत्तराखंड के तमाम सवालों पर चर्चा की गई और उत्तराखंड में सशक्त राजनीतिक विकल्प को लेकर मंथन किया गया। साथ ही निर्णय लिया गया कि पौड़ी, उत्तरकाशी, टिहरी, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ आदि स्थानों पर बैठकें आयोजित की जाएँगी।

देवगिरी लॉन, तल्ली बमौरी (हल्द्वानी) में आयोजित स्थायी राजधानी ग़ैरसैंण संघर्ष समिति के सम्मेलन में ग़ैरसैंण राजधानी के लिए उत्तराखंड में जन सरोकारों के लिए संघर्ष कर रही तमाम ताक़तों को एकजुट करने का आह्वान किया गया। साथ ही प्रदेश भर में जन संवाद कार्यक्रम, गाँव-गाँव में पैदल यात्राएँ, सोशल मीडिया के ज़रिए आंदोलन को जन-जन तक पहुँचाने और रचनात्मक तरीक़े से आंदोलन को फैलाने पर ज़ोर दिया गया। सम्मेलन में वक्ताओं ने परिसीमन के कारण कम होती विधानसभा सीटें, पंचायतीराज एक्ट, पलायन, रोज़गार, स्वास्थ्य सेवाओं, बदहाल शिक्षा व्यवस्था, जल-विद्युत परियोजनाओं से बर्बाद होते गावों समेत तमाम मुद्दों को लेकर अपनी बात रखी।

इस मौक़े समन्वय समिति पर सभी ने राय बनाई और जिसमें उत्तराखंड में सक्रिय क्षेत्रीय राजनीतिक दल, आंदोलनकारी संगठन, साहित्य, संगीत, कला, रंग मंच से जुडे लोगों को शामिल किया गया। सम्मेलन में ग़ैरसैंण के आलोक में उत्तराखंड की मौजूदा समस्याओं और उनके समाधान के लिए एक बृहद रणनीति पर विचार किया गया। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि समयबद्ध और चरणबद्ध तरीक़े से उत्तराखंड के जल, जल, ज़मीन, पंचेश्वर, बाँध, धारा 371, ज़मीन के लिए धारा-18, भू-प्रबंधन, परिसीमन जैसे सवालों पर आम जनता के बीच व्यापक स्तर पर चर्चा की जाएगी।

इस मौक़े पर समिति के अध्यक्ष चारु तिवारी, संरक्षक राजीव लोचन शाह, भाकपा माले से इंद्रेश मैखुरी, पीसी तिवारी, यूकेडी के पुष्पेश त्रिपाठी, जगदीश  पदीप सती, जगमोहन रौतेला, ओपी पांडे, केपी ढोंडियाल, सरोज जोशी, दयाल पांडे, चंद्रशेखर करगेती, हरीश रावत, जयदीप सकलानी, पुरुषोत्तम शर्मा, रूपेश कुमार, भूपेन सिंह, भास्कर उप्रेती, ओम् प्रकाश गौड़, पलास विश्वास, प्रमोद नेलवाल, मुकुल पांडे, उमा भट्ट, हरीश पंत, सरोज शाह, मनीष सुंदरियाल, दिनेश पांडे समेत बड़ी संख्या में आंदोलनकारी मौजूद थे।

Next Post

अयोध्या की कहानी जिसे पढ़कर आप रो पड़ेंगे

अयोध्या की कहानी जिसे पढ़कर आप रो पड़ेंगे जब बाबर दिल्ली की गद्दी परआसीन हुआ उस समय जन्मभूमि सिद्ध महात्मा श्यामनन्द जी महाराज के अधिकार क्षेत्र में थी। महात्मा श्यामनन्द की ख्याति सुनकर ख्वाजा कजल अब्बास मूसा आशिकानअयोध्या आये । महात्मा जी के शिष्य बनकर ख्वाजा कजल अब्बास मूसा ने […]

You May Like