लोकतंत्र को जिंदा रखने के लिए पत्रकारों की रक्षा कराने का दायित्व सरकार का होना चाहिए :- जीतमणि पैन्यूली

Pahado Ki Goonj

लोकतंत्र को जिंदा रखने के लिए पत्रकारों की रक्षा कराने का दायित्व सरकार का होना चाहिए :- जीतमणि पैन्यूली देहरादून, (ब्यूरो) भारत में आदि काल से मातृ शक्ति को बड़ा माना गया है देवताओं ने भी जगत की रक्षा के लिए असुरों से विजय प्राप्त करने के लिए शक्ति का आवाहन किया । देश में लोकतंत्र को लाने के लिए मातृशक्ति का बड़ा योगदान रहा है।आज देश मे लोकतंत्र को बचाने केलिए चौथे स्तंभ में भी महिलाओं का सम्मान बनाये रखने के लिए देश में वातावरण बनाने की आवश्यकता है।आज कल नवरात्रि पर्व पर भगवान श्रीराम की विजय प्राप्त करने पर दशहरे में रावण जलाने की तैयारियां करतें हैं । हम सभी भारत वासियों को अपने अंदर के अहंकार रूपी रावण को जलाने के लिए प्रार्थना करनी चाहिए ।नवरात्रि पर्व पर हम अपने अन्दर के अहंकार को त्यागने के लिए माँ भगवती से प्रार्थना करते हुए देश के सभी प्राणियों में सदविचारों को लाने के लिये प्रार्थना करते हैं ।देश में आये दिन पत्रकारों पर जगह जगह जान लेवा हमले हो रहें हैं ।ऐसी बड़ी दुखद घटनाएं लोकतंत्र में न हो। इस पर देश को सोचने की आवश्यकता है । इसमें महिलाओं के साथ साथ सभी पत्रकारों की सुरक्षा करने की भी आवश्यकता है । उत्तराखण्ड में पत्रकार सुरक्षा कानून, दुघर्टना बीमा, चिकित्सा सुविधा, जैसी अन्य मांगों के लिये हमेशा आवाज उठाती रही है। संगठन के इस मिशन में सभी संगठनो अपनी यूनियन के सभी सदस्यों, शुभचिन्त,कों, और कलमकार मित्रों के स्‍ने’पत्रकारों ने कोरोना के इस काल में समय से हम सब तक खबरें पहुंचाते हुए और भी ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अगर किसी पत्रकार की कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो जाती है तो उनके परिवार को सहायता राशि दी जानी चाहिए। अन्य प्रदेशों में हो रही घटनाओं को देखते हुए आज सभी पत्रकार संघठनों आगे आने की आवश्यकता है , बिहार, केरल, महाराष्ट्र,पंजाब एवं अन्य राज्यों की झकझोरने वाली घटनाओं को देखते हुए हाथरस, फतेपुर के मीडिया साथियों की आवाज देश मे पत्रकारों की मांगो पर फतेह करने के लिए एनएमसी के नेशनल कॉर्डिनेटर जीतमणि पैन्यूली ने कहा कि लोकतंत्र को जिंदा रखने के लिए पत्रकारों की रक्षा कराने का दायित्व सरकार का होना चाहिए ।वह कैसे होसकता है इस पर शांति पूर्वक विचार करते हुए पत्रकार साथियों कोअपनी मांगों को लेकर संघर्ष करते रहने की आवश्यकता है। लड़ाई हाथ से चलने वाली कलम से ही जीता जा सकता है ।इसके लिए लम्बी लड़ाई शान्ति पूवर्क लड़ने के लिए कार्यक्रम बनाने की आवश्यकता है।ताकि सुरक्षा के साथ साथ पत्रकारों के लिए विधायिका, न्यापालिका, कार्यपालिका की भांति संवैधानिक अधिकार देने के लिए प्रदेश एवं देश मे कानून में व्यवस्था करने की आवश्यकता सरकार से कराई जा सके ।इसके लिए देश मे प्रदेश एवं जिला स्तर प्रत्येक दिन 2 मिनट, सप्ताह में गांधी जी की मूर्ति के सामने या प्रेस क्लब में 30 मिनट का मौन व महीने की 2 तारीख में एक दिन हाथ मे तकती लेकर ,अपने ,अपने अखबार में छाप कर, उसको हाथ की तकती पर चिपका कर जलूस निकालने होंगे । मौन जलूस निकालने का काम करते हुए sdm ,Dm के माध्यम से प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यपाल को ज्ञापन देने का क्रम बनाने की आवश्यकता है। देश की आजादी को जिंदा रखने के लिए शान्ति पूर्वक लंबी लड़ाई की आवश्यकता है। उधोगपति अपने हित के लिए देश का भविष्य तय कर रहा है। आज की हालत को लेकर देश में लोकतंत्र को पत्रकार ही बचा सकता है।हमें प्रदेश मेंअपने अपने विधायकों, देश मे सांसदों से अपनी मांगों की संस्तुति कराने की आवश्यकता है। सरकार से कानून बनाने के लिए समय लगता है ।उसके लिए लम्बी अहिंसा की लड़ाई लड़ने का काम हमे करना होगा। सरकार जनता के हित में काम करना चाहती है।उनसे काम कराने के तरीके पर हमें विचार करने की आवश्यकता है। सभी संघठनों से अपील है कि अपने अहंकार को त्याग करते हुये अपने अपने सुझावों को साझा करने की कृपा कीजयेगा।आज प्रदेश में योगीजी और देश मे सक्षम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी से अपनी मांगों को मनाने के लिए अपने सुझाव भेजेने का कस्ट करे।

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