अच्छा रहा राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि) का एक वर्ष का कार्यकाल

Pahado Ki Goonj

 


देहरादून ,पहाडोंकीगूँज,उत्तराखण्ड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि) ने 15 सितम्बर, 2021 को उत्तराखण्ड के 8वें राज्यपाल के रूप में शपथ ग्रहण की। 15 सितम्बर, 2022 को श्री सिंह के कार्यकाल का प्रथम वर्ष पूर्ण हो रहा है।

राज्यपाल का पद संवैधानिक पद है और राज्य का शीर्षस्थ पद है। पिछले एक वर्ष में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि) ने संवैधानिक दायित्वों का गरिमापूर्वक निर्वहन किया है और सदैव इस बात को महत्व दिया है कि राज्य में एक लोकप्रिय चुनी हुई सरकार है, जिसको संवैधानिक मर्यादाओं और दायित्वों की सीमा में रहते हुए मार्गदर्शन प्रदान करना है।

सेना में 40 वर्षों तक देश की सेवा करने के पश्चात देवभूमि में प्रदेश के प्रथम नागरिक के रूप राज्यपाल बालिका कल्याण एवं शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और पूर्व सैनिकों की समस्याओं के त्वरित निदान के प्रति समर्पित रहे हैं। राज्यपाल पद पर कार्यभार ग्रहण करने के 03 माह के भीतर ही उन्होंने प्रदेश के सभी जनपदों का भ्रमण कर जनपदों की महिलाओं, पूर्व सैनिकों, किसानों तथा जनप्रतिनिधियों से मुलाकात की और वहाँ की समस्याओं के साथ-साथ वहाँ की संभावनाओं को भी बहुत करीब से देखा। राजभवन के दरवाजे आम जन, सैनिकों और उनके आश्रितों हेतु हमेशा के लिए खोल दिए। सैनिकों और उनके आश्रितों की समस्याओं के निस्तारण के लिए राजभवन में शिकायत निवारण अधिकारी की तैनाती की है, जो केवल पूर्व सैनिकों से सम्बन्धित शिकायतों का निस्तारण करेगा। महिला स्वयं सहायता समूहों और ग्रामीण उत्पादकों को प्रोत्साहित करने के लिए राजभवन आमंत्रित किया साथ ही, जनपदों के दौरे किए और उन्हें प्रोत्साहित किया।

राज्यपाल ने अपने कार्यकाल के एक वर्ष में उत्तराखण्ड पर अपनी छाप छोड़ी है। उत्तराखण्ड के विकास के लिए उन्होंने पाँच मंत्र अथवा मिशन निर्धारित किए हैं जिस पर वे निरन्तर प्रयासरत हैं। ये मंत्र हैं- रिवर्स पलायन, महिला सशक्तिकरण एवं बालिका शिक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं तकनीकी, जैविक एवं प्राकृतिक कृषि और उत्तराखण्ड के लिए गेम चेंजर साबित होने वाले किसी एक क्षेत्र को पहचान कर उस पर आगे बढ़ना। 
राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों की जबावदेही और स्वायत्ता सुनिश्चित करने के लिए नियुक्तियों तथा कार्य परिषदों की बैठकों में पूर्ण पारदर्शिता तथा शुचिता के दृष्टिगत बैठकों तथा तत्सम्बंधी कार्यवाहियों की नियमित रूप से वीडियो रिकार्डिंग करने के निर्देश जारी किये। यही नहीं विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर भी वे सदैव सजग रहे और विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साक्षात्कार में पारदर्शिता लाने के लिए साक्षात्कार की भी वीडियो रिकार्डिंग की शुरूआत की गयी। राजभवन में पहली बार प्रदेश में स्थित निजी विश्वविद्यालयों की बैठक राज्यपाल की अध्यक्षता में आयोजित हुई।

इसमें सभी विश्वविद्यालयों ने प्रदेश में गुणवत्तापरक शिक्षा के साथ-साथ प्रदेश के विकास से सम्बन्धित योजनाओं में सहभागी बनने के लिए आश्वस्त किया। राजभवन द्वारा राज्य के विश्वविद्यालयों में संबद्धता की ऑनलाइन व्यवस्था किये जाने हेतु एफिलेशन पोर्टल विकसित किये जाने की कार्यवाही भी गतिमान है।

राज्यपाल के निर्देशन में 2021-22 में राज्य के 221 गरीब मेधावी छात्रों को रू 5,000.00 प्रति छात्र और केन्द्रीय संस्थाओं में चयनित 25 छात्रों को रू 25,000.00 प्रति छात्र प्रोत्साहन स्वरूप धनराशि वितरित की गई। राजभवन में आर्थराइटिस रोग के उपचार एवं रोकथाम के सम्बन्ध में जागरूकता के लिए सेमिनार का आयोजन किया गया। राजभवन परिसर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग के अन्तर्गत ‘‘ग्रीन राजभवन’’ बनाये जाने की कवायद जारी है। राजभवन में आयुर्वेदिक मर्म चिकित्सा केंद्र की शुरुआत की गयी जिससे राजभवन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सुविधाएं मिली। राजभवन हेतु आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स आधारित स्मार्ट आटोमेशन सिस्टम के अंतर्गत ऑनलाइन वेब पोर्टल तथा मोबाइल ऐप विकसित किया जा रहा है।

उन्होंने एक वर्ष में प्रदेश के सभी ज़िला मुख्यालयों और चमोली धारचूला जैसी फ़ॉर्वर्ड पोस्ट का दौरा किया है। विगत वर्षों की भांति राजभवन देहरादून में ‘‘पुष्प प्रदर्शनी’’ का आयोजन किया गया। इस बार ‘‘पुष्प प्रदर्शनी’’ का विस्तार करते हुए पुष्पों के साथ-साथ स्थानीय लघु उद्योग के उत्पादों को भी स्थान दिया गया। बीआरओ को प्रदेश के सीमावर्ती स्थानों में रोड कनेक्टिविटी का प्रस्ताव बनाने को कहा है और स्वयं केंद्र सरकार से पैरवी कर रहे हैं। अपने जनपद भ्रमण के दौरान राज्यपाल ने स्वास्थ्य सुविधाओं की हकीकत जानने के लिए अस्पतालों का भी निरीक्षण कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।एक राज्य के प्रथम नागरिक के रूप में श्री राज्यपाल का कार्यकाल प्रसंसनीय रहा है।अच्छा रहा है।

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देहरादून,राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से बुधवार को राजभवन में उत्तराखण्ड न्यायिक एवं विधिक अकादमी, भवाली में प्रशिक्षणरत न्यायिक अधिकारियों ने शिष्टाचार भेंट की। राज्यपाल ने कहा कि न्यायाधिकारी का पद बेहद महत्वपूर्ण होता है उनके निर्णय समाज को प्रभावित करते हैं। हमेशा सकारात्मक निर्णय पर फोकस और अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति तक न्याय की पहुंच हो इस बात को सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

राज्यपाल ने कहा कि न्याय के कार्यों में बिना किसी दबाव और निडरता के साथ कार्य करें और अपने कार्यों के प्रति सदैव ईमानदारी रखें। उन्होंने सभी अधिकारियों से परिचय प्राप्त किया और उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। इस दौरान विधि परामर्शी श्री राज्यपाल अमित कुमार सिरोही, उत्तराखंड न्यायिक एवं विधिक अकादमी के निदेशक नितिन शर्मा, अपर निदेशक मनीष कुमार पाण्डे भी उपस्थित रहे।

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राजभवन ऑडिटोरियम में वीरवार को स्पिक मैके द्वारा “मणिपुरी शास्त्रीय नृत्य’’ कार्यक्रम आयोजित किया गया। स्पिक मैके (सोसाइटी फॉर द प्रमोशन ऑफ इंडियन क्लासिकल म्यूजिक एंड कल्चर अमंग यूथ) के कलाकारों ने राधा-कृष्ण के प्रेम प्रसंग पर आधारित बेहतरीन मणिपुरी संगीत और नृत्य प्रस्तुत किए।

कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा की भारतीय शास्त्रीय धरोहर में संगीत, नृत्य, नाटक, स्थापत्य और हर एक शास्त्रीय कला में समृद्ध विरासत देखने को मिलती है। भारत की कलाएं, उनका सौंदर्य एवं उनका ज्ञान अलौकिक है। यह कलाएं हमें हमारी अंतरात्मा की गहराई तक एक बेहतर इंसान बनने के लिए प्रेरित करती हैं। भारत की इन कलाओं के साथ युवाओं को प्रेरित करने के लिए ऐसे प्रयास जारी रखने होंगे।

राज्यपाल ने कहा कि स्पिक मैके ने सांस्कृतिक विरासत को लोगों के सामने लाने की जिम्मेदारी हाथों में ले रखी है जो सराहनीय है। उन्होंने कहा कि स्पिक मैके युवाओं के मध्य भारतीय शास्त्रीय संगीत और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। इस अवसर पर प्रथम महिला श्रीमती गुरमीत कौर, चेयरपर्सन स्पिक मैके रूपी महिंद्रु, समन्वयक अभिषेक अग्रवाल, सचिव विद्या वासन, राजभवन के अधिकारी एवं कर्मचारियों सहित विभिन्न स्कूलों के बच्चे उपस्थित रहे।

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राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) के राज्यपाल पद पर एक वर्ष पूर्ण किये जाने के अवसर पर राजभवन में श्रीगुरू ग्रंथ साहिब का अखण्ड पाठ किया गया। जिसमें राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मंत्रीगणों ने प्रतिभाग कर प्रसाद ग्रहण किया।

राज्यपाल ने पवित्र श्रीगुरू ग्रंथ साहिब के सम्मुख मत्था टेककर प्रदेश वासियों की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित कई मंत्रीगणों, विधायकगणों और अन्य गणमान्य लोगों ने राज्यपाल को एक वर्ष के सफल कार्यकाल की बधाई दी। इससे पूर्व राज्यपाल ने राजभवन परिसर स्थित नक्षत्र वाटिका में पौधरोपण भी किया।

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