बड़कोट यमुनाघाटी के गीठ पट्टी में आजकल ईष्टदेव समेश्वर की उत्सव डोली के बीच असाड़ मेला बड़े धुमधाम से लोक संस्कृति की अनोखी छटा के बीच आयोजित हो रहा है

Pahado Ki Goonj

बड़कोट (मदन पैन्यूली)–  यमुनाघाटी के गीठ पट्टी में आजकल ईष्टदेव समेश्वर की उत्सव डोली के बीच असाड़ मेला बड़े धुमधाम से लोक संस्कृति की अनोखी छटा के बीच आयोजित हो रहा है , 12 गांव में आयोजित होने वाले समेश्वर महादेव के दर्शन को दूर दूर से श्रद्वालु पहुंच रहे है और अपनी मनोकामना पूर्ण होने की अराधना कर रहे है। इस वर्ष असाड़ का मेला खास रहा कि भटवाड़ी ब्लाक के रैथल क्षेत्र से ईष्टदेव समेश्वर के भाई समेशु देव की उत्सव डोली के साथ छः सौ से अधिक 5 गांव के ग्रामीण खरसाली गांव पहुचें हुए थे।
मालुम हो कि विगत कई दिनों से गीठ पट्टी में ईष्टदेव समेश्वर की उत्सव डोली गांव गांव भ्रमण कर ग्रामीण श्रद्वालुओं को दर्शन दे रही है। गीठ पट्टी के खरसाली में उमड़ा जन सैलाब भगवान समेश्वर के दर्शन को पहुचा हुआ था , यहां पर पहले समेश्वर देव मन्दिर प्रागण में दोनो डोलियों की पुजा अर्चना हुई इस बीच गांव के हर परिवार द्वारा ईष्टदेव को चढ़ावा दिया गया उसके बाद दोनेा उत्सव देव डोलियों के साथ सैकड़ों ग्रामीण श्रद्वालु धडया चैरी नामक स्थल पर एकत्र हुए जहां पर विभिन्न वेशभूषा के रंगों में तान्दी नृत्य का अनोखा नजारा देखने लायक होता है , महिलाओं और पुरूषों का गोल घेरा, लोग गीतों के बीच होता नृत्य , मन्द मन्द बादलों का जमी पर आ जाना कुदरती खुबसूरती के रूबरू भी करता है। मेले के दौरान उत्सव देव डोलियां सभी को दर्शन देने के साथ आर्शिवाद देती है और पैने धारदार हथियार (डागंरे) मेें नगे पैर चलता है जो अदभूत और राॅन्गटे खड़े कर देने वाला होता है। इस दौरान देव पशुआ सभी के कुशलक्षेम का आशीष देते है । इस बार गीठ पट्टी के खरसाली और नारायणपुरी में असाड़ का मेला बड़ा खास रहा भटवाड़ी ब्लाक के पांच गांव रैथल, भटवाड़ी , क्यारक, पन्द्राई और नतीण गांव के छः सौ से अधिक ग्रामीण उत्सव डोली के साथ पहुचंे हुए थे। समिति के पंचमाल गुजार गजेन्द्र सिंह कहते है कि रैथल के समेश्वर देवता के भाई गीठ पट्टी के भी ईष्ट है और यहां के उत्सव डोली के बुलावे पर उत्सव डोली के साथ पांचो गांव के ग्रामीण श्रद्वालु आयें हुएथे। इधर यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत ने रैथल क्षेत्र से आये उत्सव डोली सहित ग्रामीण श्रद्वालुओं का आभार जताया और ईष्ट देव समेश्वर से यमुनोत्री क्षेत्र की कुशलक्षेम की कामना की।

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