*स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने नवनिर्मित ट्रॉजिट हॉस्टल का किया लोकार्पण ।
यमुनोत्री धाम पहुंचकर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का लिया जायजा ।
उत्तरकाशी । बड़कोट ।
सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. रावत ने आज यमुनोत्री धाम पहुंचकर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले चिकित्सा इकाईयों का निरीक्षण कर विभागीय अधिकारियों से श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराई जा रही स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जानकारी ली। इसके साथ ही उन्होंने यमुनोत्री धाम के मुख्य पड़ाव जानकीचट्टी में चिकित्सकों हेतु 285 लाख की लागत से तैयार ट्रॉजिट हॉस्टल का भी विधिवत लोकार्पण किया।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि सरकार का फोकस प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को अपग्रेड कर आम लोगों को बेहतर उपचार उपलब्ध करना है। इसके साथ ही प्रदेश के चारों धामों एवं यात्रा मार्गों पर उच्च स्तरीय स्वास्थ्य व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित करना है ताकि देशभर से चार धाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को स्वास्थ्य संबंधी कोई दिक्कत न हो। डा. रावत ने बताया कि उन्होंने आज यमुनोत्री धाम पहुंचकर स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने जानकीचट्टी से यमुनोत्री धाम तक पैदल मार्ग पर स्थापित मेडिकल रिलीफ पोस्ट राम मंदिर, भंडेलीगाड़, नौकैंची और भैरोमंदिर का भी निरीक्षण कर विभागीय अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिये। इसके साथ ही उन्होंने जानकीचट्टी में चिकित्सकों हेतु 285 लाख की लागत से नवनिर्मित ट्रॉजिट हॉस्टल का भी लोकार्पण किया। उन्होंने बताया कि जानकीचट्टी में ट्रॉजिट हॉस्टल बनने से चिकित्सकों की आवासीय समस्या दूर हो गई है। उन्होने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जानकीचट्टी का निर्माणाधीन भवन तैयार न होने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कार्यदायी संस्था व विभागीय अधिकारियों को शीघ्र निर्माण कार्य पूरा करने के निर्देश दिये।
डा. रावत ने निरीक्षण के दौरान यमुनोत्री धाम व यात्रा पड़ावों पर तैनात सभी चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ व स्वास्थ्य मित्रों से तीर्थयात्रियों को उपलब्ध कराई जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सभी चिकित्सा इकाइयों में जीवनरक्षक उपकरण, ऑक्सीजन सिलेंडर व दवाईयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। साथ ही यात्रा मार्गों पर 108 आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा के साथ ही एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस (ए.एल.एस.) एवं कार्डिक एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध करने व एम्बुलेंस का रिस्पांस टाइम कम से कम करने को कहा। निरीक्षण के दौरान डॉ. रावत ने स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों से मुलाकात कर उनसे स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में फीडबैक लिया और सुझाव भी मांगे।
इसके उपरांत डा. रावत रावत ने यमुनोत्री धाम में सपत्नीक मां यमुनोत्री के दर्शन किये और मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेश की तरक्की और आम लोगों की खुशहाली की कामना की। धाम से लौटने के उपरांत उन्होंने खरसाली में राजकीय प्राथमिक विद्यालय तथा जूनियर हाईस्कूल का भी निरीक्षण किया।
इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी उत्तरकाशी डा. बी.एस.रावत, भाजपा जिला अध्यक्ष सतेन्द्र राणा सहित अन्य विभागीय अधिकारी व भाजपा पदाधिकारी मौजूद रहे।
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*मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने विभागों में प्रस्तावित व गतिमान योजनाओं/कार्यकम आदि का जमीनी स्तर पर भली-भांति परीक्षण / आंकलन व तुलना करने के बाद ही मा० मंत्रिमण्डल की बैठक में विचारार्थ प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किये*
*वर्तमान योजनाओं का आंकलन कर एक समान योजनाओं (similar schemes) को merge करने के निर्देश*
*योजनाओं में वित्तीय अनुशासन एवं मितव्ययिता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा*
*योजनाओं की स्वीकृति में प्रक्रियाओं को सरल किया जाएगा*
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिवों एवं सभी विभागीय सचिवों को उनके विभागों में प्रस्तावित व गतिमान योजनाओं/कार्यकम आदि का जमीनी स्तर पर भली-भांति परीक्षण / आंकलन व तुलना करने के बाद ही मा० मंत्रिमण्डल की बैठक में विचारार्थ प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किये हैं |
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सभी विभागो को अपनी वर्तमान योजनाओं का आंकलन कर एक समान योजनाओं (similar schemes) को merge करने के प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं |
सीएस श्रीमती रतूड़ी ने नई योजना बनाते समय दूसरे विभागों की एक समान योजनाओं (similar schemes) का भी परीक्षण करने के निर्देश दिए हैं ताकि दो विभागों के वित्तीय प्रस्तावों के मध्य कोई विसंगति न हो। इसके साथ ही उन्होंने सभी प्रस्तावित योजनाओं में वित्तीय अनुशासन एवं मितव्ययिता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं | मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि योजनाओं की स्वीकृति में प्रक्रियाओं को सरल किया जाए ताकि अनावश्यक रूप से विलम्ब तथा “time & cost over runs” न हों।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने लोक निर्माण विभाग द्वारा रोड कटिंग के स्पष्ट मानक बनाने एवं जिलाधिकारी की अनुमति के बिना किसी भी विभाग द्वारा सड़क को बार-बार क्षति न पहुंचाने के भी निर्देश दिए हैं |
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सम्बंधित अधिकारियो को उक्त विषय पर जारी अपने पत्र में सख्त हिदायत देते हुए कहा है कि प्रायः देखा जा रहा है कि विभिन्न विभागों में प्रस्तावित व गतिमान योजनाओं/कार्यकम आदि का जमीनी स्तर पर भली-भांति परीक्षण / आंकलन व तुलना किए बिना ही मा० मंत्रिमण्डल की बैठक में विचारार्थ प्रस्तुत कर दिया जाता है, जिससे वास्तविक उद्देश्य प्राप्त नहीं हो पाते है। मुख्य सचिव ने अधिकारियो को इस सम्बन्ध में शीघ्र आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं |
*मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने स्किल डेवलपमेंट एण्ड एम्पलाॅयमेंट काॅनक्लेव की तैयारियों के सम्बन्ध में समीक्षा की*
*सम्बन्धित विभागों को आंकडों के साथ वर्किंग प्लान एक सप्ताह में प्रेषित करने के निर्देश*
उत्तराखण्ड के युवाओं के लिए कौशल विकास एवं रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करने के रोडमैप के सम्बन्ध में स्किल डेवलपमेंट एण्ड एम्पलाॅयमेंट काॅनक्लेव का आयोजन नवम्बर माह में देहरादून में किए जाने से सम्बन्धित बैठक में आज सचिवालय में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने इस सम्बन्ध में सभी विभागों को आंकडों के साथ वर्किंग प्लान एक सप्ताह में प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। सीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा है कि उक्त वर्किंग प्लान के आधार पर स्किल डेवलपमेंट एण्ड एम्पलाॅयमेंट काॅनक्लेव में राज्य सरकार के एक स्पष्ट एवं प्रभावी एक्शन प्लान को अन्तिम रूप दिया जा सकेगा।
*स्किल डेवलपमेंट एण्ड एम्पलाॅयमेंट काॅनक्लेव के महत्व को रेखांकित करते हुए मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि इस काॅनक्लेव का मुख्य उद्देश्य राज्य के युवाओं को सशक्त बनाना, प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना तथा समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखण्ड के शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में रोजगार की चुनौतियों का समाधान करना है।*
*काॅनक्लेव में विभिन्न विभागों की सक्रिय भागीदारी से तैयार किया जाएगा रोडमैप*
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए कि उक्त काॅनक्लेव में कौशल विकास एवं रोजगार विभाग, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, श्रम, सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए), पर्यटन, शहरी विकास, ग्रामीण विकास, उद्योग, समाज कल्याण, वन, ऊर्जा, कृषि एवं संबद्ध विभागों के समन्वित प्रयासों से कौशल विकास एवं रोजगार का रोडमैप बनाया जाएगा।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि इस काॅनक्लेव में नीति आयोग, यूएनडीपी, इन्टरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन, मानव विकास संस्थान, भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान व यूनिसेफ का सहयोग प्राप्त होगा।
*वर्तमान में विभागों में स्किलिंग ईकोसिस्टम पर जानकारी मांगी*
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सम्बन्धित विभागों को कौशल विकास के क्षेत्र में गैप, केस स्टडीज तथा बेस्ट प्रैक्टिसेज को उजागर करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने विभागों की आन्तरिक व्यवस्था में वर्तमान में कौशल विकास हेतु क्या ईकोसिस्टम मौजूद है, इस पर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विभागीय प्रशिक्षण के माध्यम से सर्टिफिकेशन, विभागों के ट्रेनिंग इंफ्रास्ट्रक्चर , विभागों के प्रशिक्षण केन्द्रों का सामान्य कौशल विकास हेतु उपयोग, ट्रेनिंग मोडस ( ऑनलाइन, ऑफलाइन, हाइब्रिड), फण्ड की व्यवस्था, अन्य विभागों का राज्य के कौशल एवं रोजगार विभाग के साथ समन्वय, कौशल विकास प्रशिक्षण की चुनौतियों पर स्पष्ट जानकारी देने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने विभागों से स्किल डेवलपमेंट को और अधिक प्रभावी बनाने के सम्बन्ध में सुझाव भेजने के भी निर्देश दिए हैं।
बैठक में सेतु आयोग के उपाध्यक्ष श्री राजशेखर जोशी, श्री विनय शंकर पाण्डेय सहित सभी सम्बन्धित विभागों के सचिव, अपर सचिव एवं अधिकारी मौजूद रहे।
: *सौर ऊर्जा – उत्तराखण्ड में सौर ऊर्जा क्रांति की नींव तैयार*
*सीएम सौर स्वरोजगार योजना पलायन रोकथाम के साथ ही स्वरोजगार में कारगर*
देहरादून। गंगा- यमुना और बदरी – केदार की धरती में खामोशी के साथ सौर ऊर्जा क्रांति की नींव पड़ चुकी है। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के जरिए सैकड़ों लोग अपने सोलर प्लांट सफलता पूर्वक संचालित कर रहे हैं। उत्तराखण्ड में इस समय करीब 600 मेगावाट की सौर ऊर्जा पैदा हो रही है, साथ ही 174 मेगावाट क्षमता के नए सोलर पावर प्लांट का भी आवंटन हो चुका है।
प्रदेश में पलायन राकने के साथ ही स्वरोगार के साधन विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार सीएम सौर स्वरोजगार योजना संचालित कर रही है। योजना के तहत एक परिवार का एक व्यक्ति 20, 25, 50, 100 या 200 किलोवॉट का एक सोलर प्लांट लगा सकता है। जिसकी पूरी उत्पादित बिजली यूपीसीएल खरीदता है। इसके लिए उन्हें मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना और उद्योग विभाग की एमएसएमई पॉलिसी के तहत मिलने वाली सभी छूट का लाभ प्रदान किया जा रहा है। सोलर प्लांट के लिए प्रदेश के स्थायी निवासी ही पात्र होते हैं, प्लांट की स्थापना अपनी निजी भूमि के साथ ही लीज की जमीन पर भी की जा सकती है। प्लांट लगाने के लिए सहकारी बैंक के साथ ही अन्य बैंकों के जरिए भी लोन प्रदान किया जा रहा है।
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*”उत्तराखण्ड को धूप का उपहार प्रकृति से मिला है, यहां सर्दियों में भी धूप खिली रहती है। इस कारण उत्तराखण्ड राज्य सौर ऊर्जा के लिए आदर्श है। इसीलिए सरकार सोलर प्रोजेक्ट का बढावा दे रही है। इसके लिए उद्यमियों को तमाम तरह से प्रोत्साहन दिया जा रहा है। सोलर प्रोजेक्ट से पलायन रोकथाम के साथ ही, गांवों की आर्थिकी बढ़ाने में कारगर साबित हुई है।”*
सफलता की कहानी
उत्तरकाशी जिले में चिन्यालीसौड़ के पास टिपरी गांव निवासी आमोद पंवार ने सोलर पावर प्रोजेक्ट, खेती- बागवानी के साथ ही मत्स्य और मधुमक्खी पालन का एक सफल स्वरोजगार मॉडल खड़ा किया है। आमोद बताते हैं कि पहले ग्रिड की बिजली सप्लाई होने से, गांव में बिजली आपूर्ति अनियमित होती थी, उनका गांव टिहरी झील के ठीक सामने है। ऐसे में टिहरी बांध का गांव वालों के लिए सांकेतिक महत्व ही था, लेकिन अब सोलर प्रोजेक्ट के चलते गांव की बिजली आपूर्ति भी सुधर गई है। आमोद पंवार के मुताबिक पहाड़ में सर्दियों के दिनों में भी अच्छी धूप रहती है, इस कारण सोलर प्रोजेक्ट पहाड़ के लिए आदर्श हैं, अन्य युवाओं का भी इस दिशा में आगे आना चाहिए।
सफलता की कहानी
टिहरी जिले में देवप्रयाग विकासखंड के निवासी प्रताप सिंह रावत ने 2020 में खुद के नाम 400 किलोवाट का प्लांट लगाया, इसके बाद पत्नी के नाम 200 किलोवाट का प्लांट लिया। इन दोनों प्रोजेक्ट का सफलता पूर्वक रन करने के बाद वो इसी साल सीएम सौर स्वरोजगार योजना के तहत बेटे के नाम भी 200 किलोवाट की एक और अन्य परियोजना शुरु कर चुके हैं। इस तरह उनके परिवार में कुल तीन लोग हैं और तीनों के पास अपना अपना सोलर प्रोजेक्ट है। रावत कहते हैं कि इस प्रोजेक्ट की लाइफ करीब 25 साल है, इस तरह सरकार ने उन्हें घर बैठे 25 साल का रोजगार दे दिया है। उन्होंने देहरादून से वापसी अपने गांव की ओर रिवर्स पलायन कर लिया है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि आगामी दीपावली और राज्य स्थापना दिवस के दृष्टिगत प्रदेशभर में स्वच्छता, सुरक्षा, स्वास्थ्य, यातायात की बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चत की जाएं।
सचिवालय में बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि दीपावली के पर्व पर यातायात प्रबंधन का विशेष ध्यान रखा जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि आवागमन में लोगों को किसी भी प्रकार से परेशानी न हो। अग्निशमन विभाग द्वारा दीपावली पर आगजनी घटनाओं से बचाव के लिए अग्निशमन वाहनों की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। स्वास्थ्य विभाग को सभी आपतकालीन व्यवस्था रखने के साथ ही बर्न यूनिट 24 घण्टे सुचारू अवस्था में रखें। त्योहारों में खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरी को रोकने के लिए खाद्य पदार्थों की नियमित सैंपलिंग करने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं। उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट, थूकने की घटनाओं और गुणवत्ता में कमी पाये जाने पर संबंधितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
राज्य स्थापना दिवस की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि जनपदों के सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छता के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। इसमें जनसहयोग भी लिया जाए। स्वच्छता के साथ ही ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सौन्दर्यीकरण की दिशा में कार्य किये जाएं। उन्होंने कहा कि स्वच्छता को जनता का कार्यक्रम बनाया जाए। राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में 06 से 12 नवम्बर तक प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने निर्देश दिये कि दीपावली और राज्य स्थापना दिवस के दृष्टिगत प्रदेश के अन्तरराज्यीय और अन्तरराष्ट्रीय सीमाओं पर सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम राज्य की रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए हम सबको टीम उत्तराखण्ड की भावना से कार्य करना है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री प्रेमचंद अग्रवाल, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद श्री विश्वास डाबर, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर.के सुधांशु, सचिव श्री शैलेश बगोली, श्री नितेश झा, श्री चन्द्रेश यादव, एडीजी श्री ए.पी अंशुमन, गढ़वाल कमिश्नर श्री विनय शंकर पाण्डेय, वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी एवं एसएसपी उपस्थित थे।
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*स्पर्श हिमालय महोत्सव-2024’’ हुआ शुरू, राज्यपाल, पूर्व राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री ने किया लोकार्पण।*
*देहरादून में देश के पहले हिमालयी ‘‘लेखक गाँव’’ का हुआ लोकार्पण।*
*देश के विभिन्न प्रदेशों सहित 40 से अधिक देशों के साहित्य, संस्कृति और कला के क्षेत्र की विभूतियां कर रहीं हैं प्रतिभाग।*
*उत्तराखण्ड के सृजनशील युवाओं और लेखकों को एक मंच प्रदान करेगा ‘‘लेखक गाँव’’- राज्यपाल।*
*लेखकों कवियों, साहित्यकारों और अन्य रचना कर्मियों द्वारा महसूस की जा रही व्यावहारिक कठिनाइयों का निवारण करने की ओर यह एक अभिनव पहल है- पूर्व राष्ट्रपति।*
*यह महोत्सव राज्य के साहित्यकारों को एक मंच प्रदान करेगा, जहाँ वे विश्व भर से आए साहित्यकारों के साथ अपने विचारों का आदान-प्रदान कर सकेंगे- मुख्यमंत्री।
स्पर्श हिमालय फाउंडेशन के तत्वावधान में थानो, देहरादून में आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय साहित्य, संस्कृति एवं कला महोत्सव ‘‘स्पर्श हिमालय महोत्सव-2024’’ में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि), पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने देश के पहले हिमालयी ‘‘लेखक गाँव’’ का लोकार्पण किया। थानो स्थित इस लेखक गांव में लेखक कुटीर, संजीवनी वाटिका, नक्षत्र और नवग्रह वाटिका, पुस्तकालय, कला दीर्घा, योग-ध्यान केंद्र, परिचर्चा केंद्र, गंगा और हिमालय का मनमोहक संग्रहालय बनाया गया है। लेखक गाँव में आकर लेखक एक ही स्थान पर प्रकृति, संस्कृति, ज्ञान-विज्ञान से साक्षात्कार कर विविध विषयों पर चिंतन के लिए नए दृष्टिकोण प्राप्त कर सकेंगे।
तीन दिन तक चलने वाले इस महोत्सव में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी, जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी, इस महोत्सव के संयोजक पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘‘निशंक’’ सहित देश के विभिन्न प्रदेशों सहित 40 से अधिक देशों के साहित्य, संस्कृति और कला के क्षेत्र की अनेक विभूतियों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों द्वारा ‘‘हिमालय में राम’’ पुस्तक का भी विमोचन किया। ‘‘लेखक गाँव’’ की इस पहली रचना को डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा लिखा गया है।
महोत्सव में राज्यपाल ने कहा कि डॉ. रमेश पोखरियाल ‘‘निशंक’’ द्वारा स्थापित ‘‘स्पर्श हिमालय फाउंडेशन’’ के तत्वावधान में देश के पहले हिमालयी लेखक गाँव की स्थापना करने का यह अभिनव प्रयास न केवल हमारी संस्कृति और साहित्य को संरक्षित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि उत्तराखण्ड के सृजनशील युवाओं और लेखकों को मंच प्रदान करने का सुनहरा अवसर भी है। राज्यपाल ने कहा कि इस आयोजन और इस पहल के माध्यम से साहित्य, कला, और संस्कृति के क्षेत्र में जो नवाचार देखने को मिलेगा, वह हमारे उत्तराखण्ड की धरोहर को एक नई दिशा देगा।
राज्यपाल ने कहा कि यह मंच उन लेखकों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जो अपने शब्दों के माध्यम से समाज को नई राह दिखाने का सामर्थ्य रखते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड अनेक विद्वत लेखकों की जन्मभूमि रही है, ‘‘लेखक गाँव’’ जैसी पहले हमें इन महान लेखकों की विरासत को आगे ले जाने में मदद करेगी। यहाँ के वातावरण में जो सृजनशीलता का प्रवाह है, वह आज भी अनेक लेखकों और कवियों को प्रेरित करेगा। इस ‘‘लेखक गाँव’’ की स्थापना हमारी उस परंपरा का जीवंत प्रमाण है, जो हमें साहित्य के माध्यम से हमारी जड़ों से जोड़ती है और हमें आत्म-चिंतन के नए आयाम प्रदान करेगी।
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि ‘‘निशंक’’ द्वारा ‘‘लेखक गाँव’’ की परिकल्पना के लिए उनकी सोच, सामर्थ्य और पराक्रम को नमन करता हूँ। उन्होंने कहा कि लेखकों, कवियों, साहित्यकारों और अन्य रचना कर्मियों द्वारा महसूस की जा रही व्यावहारिक कठिनाइयों का निवारण करने की ओर यह एक अभिनव पहल है। उन्होंने कहा कि ‘‘लेखक गाँव’’ अपने प्रकार की प्रथम परिकल्पना है।
उन्होंने कहा कि यह उत्तराखण्ड के लिए बहुत गौरव की बात है कि यहां ‘‘लेखक गाँव’’ का शुभारंभ हुआ है, उत्तराखण्ड ही एक ऐसा प्रदेश है जहां ‘‘लेखक गाँव’’ की सार्थकता नजर आएगी। देश का कोई भी प्रदेश ऐसा नहीं है जिसमें की ‘‘लेखक गाँव’’ के नाम से कोई परिकल्पना साकार हुई हो। इसके लिए उन्होंने सभी उत्तराखण्ड निवासियों को भी इसकी बहुत-बहुत बधाई दी। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि यह ‘‘लेखक गाँव’’ भविष्य का टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनकर अवश्य उभरेगा।
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि लेखन में एक अद्भुत क्षमता होती है लिखने, पढ़ने और पढ़ने मात्र से आप किसी के जीवन में चमत्कार ला सकते हैं। एक लेखक के रूप में जब आप लिखते हैं तो आपको पता नहीं चलता कि आपके पास कितनी असीम शक्ति है आप लेखन के माध्यम से लोगों के मन को प्रभावित करते हैं। बिल्कुल हताश-निराश लोगों में आप लेखन के माध्यम से नई ऊर्जा और नई उमंग का संचार करते हैं। उन्होंने इस आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई दी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड सदियों से रचनात्मकता का अद्भुत केंद्र रही है। यहां के पहाड़ों की विशालता, गंगा की पवित्रता और अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य ने लेखकों, कवियों और विचारकों को प्रेरणा प्रदान करने का काम किया है। ऐसे प्रदेश में “लेखक गांव“ का बनना अपने आप में एक महान कार्य है, इसके लिए उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘‘निशंक’’ को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक लेखक के लिए ऐसा वातावरण आवश्यक है, जो शांति, सौंदर्य और विचारों के स्वतंत्र प्रवाह से समृद्ध हो। यह तीन दिवसीय साहित्यिक महोत्सव हमारे राज्य के साहित्यकारों को एक मंच प्रदान करेगा। जहाँ वे विश्व भर से आए साहित्यकारों और कलाकारों के साथ मिलकर अपने विचारों का आदान-प्रदान कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी समाज का साहित्य ही उसका वास्तविक दर्पण होता है, जो उसकी संस्कृति, मूल्यों और विचारों को उजागर करता है। राज्य सरकार साहित्य और संस्कृति के संरक्षण एवं प्रोत्साहन के लिए प्रतिबद्ध है। हमने राज्य में ’उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान’ के माध्यम से उत्कृष्ट साहित्यकारों को सम्मानित करने का कार्य प्रारंभ किया है। राज्य में विभिन्न भाषाओं में ग्रंथ प्रकाशन के लिए ‘वित्तीय सहायता योजना’ के तहत साहित्यकारों को अनुदान भी प्रदान किया जा रहा है। उत्कृष्ट साहित्यकारों को ‘साहित्य भूषण’ और ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट’ पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत 05-05 लाख रुपये की सम्मान राशि प्रदान करने की घोषणा की है।
भारतीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने कहा कि आज एआई ने हमारे प्रत्येक क्षेत्र को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि जो भी अविद्या है, जो भी मानव मस्तिष्क की उपज है जैसे कविता, साहित्य आदि वह एआई कर पाएगा और वह इससे सभंव है। लेकिन चिंतन, मनन और स्वयं की खोज, जिसे ब्रह्म ज्ञान कहते हैं इसे स्वयं के साथ साक्षात्कार कहते हैं वह एआई नहीं कर पाएगा। यह विद्या रूपी ज्ञान से संभव हो पाएगा। उसके लिए आपको एकांत स्थान चाहिए उसके लिए सृजनात्मक माहौल चाहिए जहां आप स्वयं के अस्तित्व में डूबकर मोती निकाल सके, उसे इस प्रकार का लेखक गांव जैसा स्थान चाहिए।
स्वामी अवधेशानंद गिरी ने कहा की यह एक अलग प्रकार का आयोजन है जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की। यहां लेखकों, विचारकों को अपनी कृतियों को लिखने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि पुस्तकें हमारे जीवन का अभिन्न अंग बनें, उनसे दूर न रहें यहां से हम सभी को यह संकल्प लेना होगा। उन्होंने इस कार्य के लिए डॉ निशंक को बधाई दी।
इस महोत्सव के सूत्रधार डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने सभी लोगों का स्वागत किया और ‘‘लेखक गाँव’’ और इस महोत्सव की परिकल्पना के बारे में अवगत कराया। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न प्रदेशों सहित 40 से अधिक देशों के लोग प्रत्यक्ष और 70 से अधिक देशों के लोग अप्रत्यक्ष रूप से साहित्य, संस्कृति और कला के क्षेत्र में अपने विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। इस महोत्सव में सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, विधायक बृजभूषण गैरोला, विधायक आदेश चौहान सहित देश एवं विदेशों से आए लेखक, चिंतक और समाजसेवी मौजूद रहे।
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कैबिनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्य ने आज रूद्रपुर के श्री मनोज सरकार स्पोर्ट्स स्टेडियम पहुंच कर राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों का निरीक्षण किया और सभी व्यवस्थाओं को तत्परता के साथ पूरा करने हेतु अधिकारियों को निर्देश दिए ।
कैबिनेट मंत्री ने आज के दौरे पर स्टेडियम में तैयार हो रहे वेलॉड्रम साइक्लिंग ट्रैक और बहुउद्देशीय क्रीड़ा हॉल का निरीक्षण कर इनके निर्माण कार्य को तय समयसीमा में पुख़्ता रूप से पूरा करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए |
इसके साथ ही कैबिनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्य ने स्टेडियम की दर्शक दीर्घा के शेड और दर्शकों के लिए इंतज़ामों को देखा और कार्यदायी संस्था व विभागीय अधिकारियों को इनमें किसी प्रकार की कोताही ना बरतने के निर्देश दिए ।
कैबिनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्य ने कहा कि हमारे प्रदेश के लिए यह गर्व की बात है कि हम राष्ट्रीय खेलों के सभी 34 खेल के साथ साथ 38 खेल अपने राज्य में ही करवा रहे हैं और इनके लिए एक बेहतरीन इंफ़्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है।