राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से शनिवार को श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष ने मुलाकात की ,उत्तराखंड की जनता

Pahado Ki Goonj

राजभवन देहरादून,राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से शनिवार को श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति(बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने शिष्टाचार मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने राज्यपाल को अप्रैल माह में प्रारम्भ हो रही यात्रा की तैयारियों और सफल संचालन हेतु की गयी व्यवस्थाओं की जानकारी दी। उन्होंने श्री बद्रीनाथ एवं श्री केदारनाथ में पुनर्निर्माण के कार्यों की प्रगति के बारे में भी अवगत कराया। अध्यक्ष ने कपाट खुलने के अवसर पर राज्यपाल को आमंत्रित किया।

राज्यपाल ने कहा कि इसी माह से शुरू हो रही प्रसिद्व चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं में अलग उत्साह रहता है। उन्होंने कहा हमें श्रद्धालुओं की मूलभूत सुविधाओं पर विशेष ध्यान देने के साथ ही हमारा प्रयास रहे कि प्रत्येक यात्री अपनी यात्रा से संतुष्ट होकर जाए। उन्होंने कहा कि यात्रा सीजन में स्थानीय लोगों और सभी हितधारकों की साझेदारी शामिल हो। राज्यपाल ने कहा कि गत वर्ष की यात्रा में रही चुनौतियों से सबक सीखते हुए इस वर्ष उन्हें दूर करने का प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान स्थानीय उत्पादों को अधिक से अधिक बढ़ावा दिये जाने का प्रयास किया जाए। स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिये जाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी ने भी आह्वान किया है कि यात्री अपने यात्रा का 5 प्रतिशत खर्च स्थानीय उत्पादों को खरीदने में करें। राज्यपाल ने कहा कि हमें यात्रा मार्गों पर सफाई का विशेष ध्यान रखना होगा जिससे श्रद्धालु यहां से अच्छी यादें लेकर जाए।

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राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से राजभवन में क्लॉ(CLAW) संस्था के मेजर अरूण अम्बाति ने मुलाकात कर संस्था की जानकारी दी। उन्होनें बताया की क्लॉ, भारतीय सेना के सेवानिवृत्त विशेष बल के सैनिकों की संस्था है, जो भारतीय सेना से एमओयू के पश्चात सीमान्त क्षेत्र में युवाओं के कौशल विकास, साहसिक पर्यटन, शिक्षा तथा वेलनेस से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान करेगी। संस्था के ‘सोल ऑफ स्टील हिमालयन’ नाम से इस कार्यक्रम के माध्यम से सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए पर्यटन आदि क्षेत्रों में बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड में चमोली और उत्तरकाशी जिले के सीमांत गांवों को इस कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षण के लिए चिन्हित किया गया है।

राज्यपाल ने इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इससे सीमावर्ती गांवों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे साथ ही पलायन को रोकने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि हमें अपने सीमावर्ती गांव में मूलभूत सुविधाओं को विकसित करने के साथ ही इन क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं और कनेक्टिविटी पर भी ध्यान देने की जरूरत है, यह कार्यक्रम उस दिशा में एक अच्छा प्रयास है। माननीय प्रधानमंत्री और गृहमंत्री द्वारा भी सीमान्त गांवों वाइब्रेट विलेज घोषित करते हुए उनके विकास को प्राथमिकता से लिया गया है। राज्यपाल ने कहा कि संस्था के इस प्रयास के लिए हर संभव मदद की जाएगी।

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