कैग की रिपोर्ट ने ही प्रदेश सरकार की कलई खोलीः माहरा कांग्रेस अध्यक्ष

Pahado Ki Goonj
कैग की रिपोर्ट ने ही प्रदेश सरकार की कलई खोलीः माहरा
समाज कल्याण विभाग ने 4298 मृत व्यक्तियों के खातों में डाल दी पेंशन
एक ही मोबाइल नम्बर से लिंक मिले 4217 पेंशन खाते
प्रदेश के अंदर 8 लाख 68 हजार बेरोजगार पंजीकृत
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पर्यटन प्रधान प्रदेश में पर्यटन का बजट 302 करोड़ का नाकाफी

देहरादून। विधानसभा भराड़ीसैंण में प्रस्तुत बजट को लेकर उत्तराखण्ड कांग्रेस के अध्यक्ष करन माहरा ने प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन देहरादून में प्रेस वार्ता कर सरकार की कलई खोल दी। माहरा ने कहा कि कैग की रिपोर्ट ने ही प्रदेश सरकार की कलई खोलकर रख दी है। अकेले समाज कल्याण विभाग में ही 4298 मृत व्यक्तियों के बैंक खाते में पेंशन डाल दी गयी और एक ही मोबाईल नम्बर से लिंक 4217 पेंशन खातों में पेशन डाल दी गयी। वहीं माहरा ने जल जीवन मिशन के नाम पर हर घर नल हर घर जल योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार पर राज्य सरकार को घेरा। माहरा ने कहा कि प्रदेश के अंदर 8 लाख 68 हजार बेरोजगार पंजीकृत हैं। उन्होनें कहा कि वर्ष 2022- 23 में राज्य सरकार को 121 रोजगार मेले आयोजित किए गए जिसमें कुल 2299 लोगों को रोजगार मिला ।
माहरा ने कहा कि यह बजट यह बताता है कि राज्य पर कर्ज का कितना अधिक बोझ है फिलहाल राज्य को 6161 करोड़ का ब्याज देना पड़ रहा है। माहरा ने बताया कि एक पर्यटन प्रधान प्रदेश में पर्यटन का बजट 302 करोड़ का नाकाफी है। उत्तराखंड पर्यटन विकास निगम को मात्र 63 करोड़ का बजट देना बताता है कि वर्तमान सरकार प्रदेश में पर्यटन को विकसित करने की कितनी इच्छुक है।
माहरा ने जानकारी देते हुए बताया कि पलायन आयोग की रिपोर्ट कहती है के उत्तराखंड में 6000 गांव ऐसे हैं जो कि सड़क विहीन हैं यानी 6000 से अधिक गांव में तक सड़क नहीं है वहीं दूसरी ओर पलायन आयोग की रिपोर्ट में यह भी दर्ज है कि 230 लोग हर 24 घंटे में पर्वतीय अंचलों से मैदानी इलाकों में पलायन कर रहे हैं ऐसे में जो तमाम योजनाएं सरकार के द्वारा घोषित की गई हैं कहीं ऐसा ना हो कि जब तक वह जमीन पर उतरें तब तक पूरा उत्तराखंड ही खाली हो जाय।
माहरा ने कहा कि यह बात सर्वविदित है कि राज्य की कुल आमदनी 35000 करोड़ से ज्यादा की नहीं है वही बजट 77000 करोड़ के लगभग का है ऐसे में यह बजटीय घाटा कैसे पाटा जाएगा यह अपने आप में यक्ष प्रश्न है। दरअसल कड़वी सच्चाई यह है कि देश में जीएसटी लागू होने के बाद से उत्तराखंड जैसे छोटे राज्यों को बहुत बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है । वसूली टारगेट के अनुसार नहीं हो पा रही है और इसीलिए राजकीय कोष यानी खजाना खाली है।
माहरा ने कहा कि एक तरह से आगामी चुनाव के मद्देनजर यह बजट लोकलुभावन जरूर है। उद्यान विभाग में स्वरोजगार की संभावनाएं जताई गई हैं। माहरा ने कहा कि हॉर्टिकल्चर फ्लोरीकल्चर इत्यादि में 813 करोड़ का बजट तो रखा गया है परंतु यदि प्रदेश के युवाओं को ट्रेनिंग नहीं दी जाएगी तो कैसे स्वरोजगार के रास्ते खुलेंगे पता नही।  नई-नई खेती और नई नई टेक्निक के लिए युवाओं की ट्रेनिंग बहुत जरूरी है वरना परंपरागत खेती से कितनी इनकम होगी और यह कितना प्रैक्टिकल है राज्य सरकार बताएं। वही उत्तराखंड का सेब देश विदेश में जिसकी बहुत डिमांड है उस एप्पल मिशन को नाम मात्र का बजट देना औचित्य पूर्ण नहीं है।
माहरा ने कहा कि उद्योग विभाग को 461करोड़ का जो बजट मिला है उसके सापेक्ष यह चिंतन करने की जरूरत है कि उद्योग लगने के बाद प्रदेश के युवा कितना लाभान्वित हुए? उनको रोजगार कितना मिला?  जो उद्योग यहां इन्वेस्ट कर रहे हैं उनको प्रदेश सरकार की ओर से क्या सुविधाएं दी जा रही हैं और बदले में वह प्रदेश के युवाओं को कितना रोजगार दे रहे हैं यह मायने रखता है? यदि इन उद्योगों से प्रदेश के युवाओं को रोजगार मिल रहा होता तो प्रदेश का युवा आज सड़कों पर ना होता
माहरा ने बताया कि पर्यटन विभाग को 302 करोड़ अलॉट किया गया है सबसे पहला प्रश्न तो यह उठता है कि जितना पैसा का प्रावधान किया गया है उतना धरातल पर  खर्च भी होगा क्या?मूलभूत संरचना के लिए घ्60 करोड़ का प्रावधान रखा गया है ये किस आधार पर हुआ?क्या कोई सर्वे हुआ जिसके आधार पर 60 करोड़ अलॉट कर दिया गया ।

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पर्वतीय आंचलों में नहीं है अच्छी युनिवर्सिटीः कांग्रेस
देहरादून। करन माहरा ने कहा कि शिक्षा को 10459 करोड़ दी गई है परंतु सबसे बड़ा सवाल यह उठता है शिक्षा विभाग को प्रदेश की आमदनी का सबसे बड़ा हिस्सा दिए जाने के बावजूद दुखद पहलू यह है कि प्रदेश में लगातार पलायन हो रहा है। उन्होंने बताया कि अच्छी यूनिवर्सिटी अच्छे इंस्टिट्यूट के अभाव में पर्वतीय अंचलों से लोग देहरादून आ रहे हैं और देहरादून से भी दिल्ली या मुंबई के लिए पलायन कर जा रहे हैं।
माहरा ने कहा कि बड़ा सवाल यह है कि क्या राज्य सरकार जो यह लोक लुभावनी योजनाएं ला रही है जैसे वर्क फोर्स डेवलपमेंट,मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना इनका कोई फॉलोअप भी होगा क्या अधिकारी इन योजनाओं को प्राथमिकता देंगे?क्या योजनाएं जितनी खूबसूरत दिखाई पड़ रही हैं धरातल  पर 

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गैरसैंण-भराड़ीसैण क्षेत्र को प्राथमिकता के आधार पर बढ़ा रहे हैं आगेः धामी
सीएम ने जीआईसी भराड़ीसैंण में सुदृढ़ीकरण, आर्ट-क्राफ्ट कक्ष एवं पुस्तकालय कक्ष का किया लोकार्पण
सभी छात्र परीक्षा में अच्छे अंको से उत्तीर्ण हों मेरी शुभकामनाएं

गैरसैण। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को राजकीय इंटर कॉलेज भराड़ीसैंण में सुदृढ़ीकरण, आर्ट-क्राफ्ट कक्ष एवं पुस्तकालय कक्ष का लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उपस्थित छात्र-छात्राओं को फूलदेई पर्व की शुभकामनाएं देते हुए विधानसभा परिसर भराड़ीसैंण में इस अवसर पर आने के लिए बच्चों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि आपके विधानसभा परिसर में आने से वहां एक अलग प्रकार की ऊर्जा आ गईं इस दौरान मुख्यमंत्री ने बोर्ड की परीक्षाएं प्रारंभ होने पर भी बच्चों को शुभकामनाएं दी और कहा कि सभी छात्र अच्छे अंको से उत्तीर्ण हों ऐसी उनकी शुभकामनाएं हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम जो छात्र देखने से रह गए अगर वह अभी भी उसे देखेंगे तो उनका बहुत अच्छा मार्ग-दर्शन होगा। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि भविष्य में ये बच्चे देश-प्रदेश का नाम रोशन करने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि जिन्होंने भी इतिहास बनाया वे सब सामान्य स्थिति में पले बढ़े हैं। नई शिक्षा नीति में आज बहुत सारे काम हो रहे हैं। नई शिक्षा नीति लागू करने वाले उत्तराखंड देश का पहला राज्य है। क्षेत्रीय विधायक अनिल नौटियाल की निधि से विद्यालय के सामान हेतु 5 लाख रुपये दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर हम इस क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत, विधायक अनिल नौटियाल आदि उपस्थित रहे।
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चिन्यालीसौड़ ब्लाॅक की 25 महिलाएं स्व. सुषमा स्वराज अवार्ड से सम्मानित
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष अनु कक्कड़ ने किया सम्मानित
उत्तरकाशी। चिन्यालीसौड़ के ब्लॉक सभागार में महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष पूनम रमोला के नेतृत्व में स्व. सुषमा स्वराज अवार्ड कार्यक्रम में जनपद उत्तरकाशी चिन्यालीसौड़ विकास खंड सभागार में 25 बहनों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रदेश की उपाध्यक्षा अनु कक्कड़ उपस्थित रही। जिन्होंने महिलाओं में एक नए जोश का संचरण किया तथा महिलाओं को अपने क्षेत्र में और अधिक उत्कृष्ट कार्य करने के लिए प्रेरणा दी।
उन्होंने सुषमा स्वराज कार्यक्रम में स्व. सुषमा स्वराज के जीवन पर विस्तृत जानकारी भी महिलाओं को दी। साथ में प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चैहान ,राष्ट्रीय मंत्री अनुसूचित जाति मोर्चा स्वराज विद्वान, जिला अध्यक्ष सत्येंद्र राणा, महिला मोर्चा की जिला प्रभारी आशा पैन्यूली, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुधा गुप्ता, पूर्व प्रदेश कार्यसमिति सदस्य विमला नौटियाल, ब्लाक प्रमुख शैलेंद्र कोहली, पूर्व ब्लाक प्रमुख चिन्यालीसौड़ विजेंद्र सिंह रावत एवं रजनी कोटवाल मंडल अध्यक्ष सोवेंद्र सिंह बिष्ट एवं चैन सिंह महर, जगबीर असवाल, सचिन पवार, मनीष कुकरेती, जिला उपाध्यक्ष विजय बडोनी, जिला मंत्री दुर्गेश सिंलवाल, मंडल अध्यक्ष मनोज सिलवाल, हेमलता डोभाल, सुमनी राणा, जिला उपाध्यक्ष ललिता सेमवाल, अमिता परमार, सरिता पडियार अन्य उपस्थित रहे।
 सम्मानित होने वाली बहनों में कालिंदी से सीमा चैहान मोरी से अनुरूपा सांकरी से रीना रावत नौगांव से लता नौटियाल भारती आनंद, बर्निगाड हेमलता डोभाल, सुषमा वर्मा, अशिता डोभाल, उत्तरकाशी से साधना जोशी, सुमित्रा देवी भागीरथी से अबला पवार, आशिका पवार, ममता रावत, डुण्डा से छब्बी देवी मुक्ता गौड और तनुजा चैहान भटवाड़ी से संपत्ति त्रिपाठी चिन्यालीसौड़ थी विमला रमोला रजनी नेगी चिन्यालीसौड़ ग्रामीण से पुष्पा रावत रीना रमोला सरिता रावत सुमन पवार ब्रह्मखाल से जमनी रावत को सुषमा स्वराज अवार्ड के तहत सम्मानित किया।

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बालपर्व के रुप में संस्थागत तौर पर मनाया जायेगा फूलदेईः धामी
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बच्चों को अपनी लोक संस्कृति और लोक पंरपराओं से जोड़े रखने के लिए लोक पर्व फूलदेई को आने वाले समय में संस्थागत तरीके से बाल पर्व के रूप में वृहद स्तर पर प्रति वर्ष मनाया जाएगा।
आज यहां उत्तराखण्ड के लोक पर्व फूलदेई के अवसर पर भराड़ीसैंण स्थित मुख्यमंत्री आवास में क्षेत्र के बच्चों ने पारम्परिक मांगल गीतों के साथ रंगकृबिरंगे प्राकृतिक पुष्पों की वर्षा की। मुख्यमंत्री ने सभी को इस पावन पर्व की शुभकामना देते हुए कहा कि किसी भी राज्य की संस्कृति एवं परंपराओं की पहचान में लोक पर्वों की अहम भूमिका होती है। हमें अपने लोक पर्वों एवं लोक परम्पराओं को आगे बढ़ाने की दिशा में लागातार प्रयास करने होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को अपनी लोक संस्कृति और लोक पंरपराओं से जोड़े रखने के लिए लोक पर्व फूलदेई को आने वाले समय में संस्थागत तरीके से बाल पर्व के रूप में वृहद स्तर पर प्रति वर्ष मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में मनाया जाने वाला लोकपर्व ट्टफुलदेई’ हमारी संस्कृति को उजागर करता है साथ ही यह पर्व पहाड़ की परंपराओं को भी कायम रखे हुए है। ट्टफूलदेई छम्मा देई, दैणी द्वार भर भकार, यानी यह देहरी फूलों से सजी रहे। घर खुशियों से भरा हो, सबकी रक्षा हो, अन्न के भंडार सदैव भरे रहे। उत्तराखंड में इसे फूल संक्रांति के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन घरों की देहरी को फूलों से सजाया जाता है। घरकृमंदिर की चैखट का तिलक करते हुए ’फूलदेई छम्मा देई’ कहकर मंगलकामना की जाती है। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत भी मौजूद रहे। 
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स्मार्ट सिटी को मुह चिढा रहे दून के कई प्रमुख मार्ग
देहरादून। यूं तो स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत राजधानी दून में किए जा रहे अनियोजित विकास कार्यों के कारण पूरी राजधानी की सड़कों की स्थिति अत्यंत ही खराब करके रख दी है लेकिन ईसी रोड की जो दुर्दशा हुई वैसी शायद इससे पहले कभी नहीं हुई है। इसके अलावा हरिद्वार बाईपास व अन्य प्रमुख सड़कों का भी यही हाल है।
सालों से राज्य के इस प्रमुख मार्ग पर स्मार्ट सिटी योजना के तहत होने वाले काम जारी हैं। कभी सीवर लाइन बिछाने के लिए इस सड़क की एक साइड को खोद दिया जाता है तो फिर कभी पेयजल पाइप लाइन डालने के लिए दूसरी साइड को खोद दिया जाता है। यही नहीं अब ईसी रोड जगमग करने के लिए लगाए जाने वाले लाइट के पोल लगाने के लिए खोदने और खंभे खड़े करने का काम चल रहा है। खास बात यह है कि किसी भी काम को एक बार में पूरा नहीं किया जा रहा है। आवासीय भवनों को सीवर व पेयजल लाइनों से जोड़ने का काम उस समय नहीं किया गया जब यह लाइनें डाली गई। इन्हें जोड़ने के लिए अब हर 10कृ20 मीटर के बाद रोड को खोदा गया और अजब गजब बात यह है कि इसे खोद कर तुरंत भरने का काम भी नहीं किया गया। वाहनों की आवाजाही के कारण जब यह खड्डे खतरनाक स्थिति में पहुंच गए और क्षेत्र में धूल के गुबार ने सांसे रोक दी तथा जाम के हालात पैदा हो गए तब कहीं जाकर इन्हें भरने की खानापूर्ति की गई। वह भी ऐसी की पूरी सड़क ही उबड़कृखाबड़ होकर रह गई। अभी भी इस सड़क की हालत इतनी खराब है कि इस पर वाहन उछलते कूदते हुए ही चल पा रहे हैं। इस रोड से अगर किसी प्रसूता को गुजरना पड़े तो अस्पताल पहुंचने से पहले ही बच्चे का जन्म हो जाए। खास बात यह है कि इस सड़क से राज्यपाल से लेकर सीएम और डीएम व कमिश्नर तक सभी बड़े अधिकारी और नेता दिन में कईकृकई बार गुजरते हैं लेकिन फिर भी उनका ध्यान इस पर कभी नहीं जाता। हालांकि राज्य गठन से पूर्व भी ईसी रोड को अपनी स्वच्छता और सौंदर्य के लिए बेहतरीन रोड और आबोहवा के लिए जाना जाता था। लेकिन राज्य की पहली निर्वाचित एनडी तिवारी सरकार के कार्यकाल में जो इसका सुदृढ़ीकरण हुआ था उसे देखकर लोग उनकी सरकार की तारीफ करते नहीं थकते थे। लेकिन आज उसी ईसी रोड से लोगों को अगर आना जाना हो तो वह इस पर जाने के लिए दूसरे वैकल्पिक रास्ते ढूंढते नजर आते हैं। अहम सवाल यह है कि ईसी रोड की यह दुर्दशा अभी कितने साल और रहेगी तथा स्मार्ट सिटी के काम आखिर कब पूरे होंगे।

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सदन में कांग्रेसी विधायकों के तेवरों से आक्रोशित भाजपा महिला मोर्चा ने कांग्रेस का पुतला फूंका
देहरादून। गैरसैंण में विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेसी विधायकों के व्यवहार से आक्रोशित भाजपा महिला मोर्चा कार्यकर्त्ताओं ने डोईवाला चोक पर कांग्रेस विधायकों का पुतला फूंका व उनके विरुद्ध नारेबाजी की। भाजपा महिला मोर्चा की नगर अध्यक्ष आरती लखेडा ने कहा कि सदन में विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष कांग्रेस विधायकों का व्यवहार निंदनीय है।
भाजपा नगर अध्यक्ष नरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि सत्र में राज्य के विकास के लिए कार्य किया जाना चाहिए था। परंतु कांग्रेस के विधायक व्यवधान डालने का कार्य कर रहे हैं। पूर्व मंडल उपाध्यक्ष आशा सेमवाल ने कहा कि जिस तरह से कांग्रेसी विधायकों का व्यवहार सत्र में रहा ।उससे प्रदेश की छवि खराब हुई है।सदन में राज्य के विकास के लिए सभी को मिलकर कार्य करना चाहिए ।
पुतला फूंकने वालों में राजेंद्र तड़ियाल, कृष्णा तडियाल, पूनम तोमर, राममूर्ति, कोमल देवी, रविंदर बेलवाल, सुबोध नौटियाल, आदेश पवार, रामकिशन,विनीत मनवाल,हेमलता जोशी,नितिन कोठारी आदि मौजूद रहे।

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सीएम ने माॅनिंग वाॅक के दौरान स्वस्छता कर्मियों से की वार्ता
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रातः भ्रमण के दौरान स्वच्छता कर्मी से बातचीत कर उसका हाल जाना।
आज यहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रातः भ्रमण के दौरान विधानसभा परिसर भराड़ीसैंण के मुख्य मार्ग पर सफाई कर रहे स्वछता कर्मियों से बातचीत कर उनका हालकृचाल जाना। इस दौरान मुख्यमंत्री ने विधानसभा सत्र में ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों से भी वार्ता की एवं उनके खाने, रहने से संबंधित व्यवस्थाओं की जानकारी भी ली। भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री स्थानीय ग्रामीणों से भी बातचीत की। मुख्यमंत्री ने स्थानीय समस्याओं की जानकारी भी ली।

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शुक्रवार से रविवार तक फिर बारिश की संभावना
देहरादून। उत्तराखंड में  पहाड़ से लेकर मैदान तक मौसम का मिजाज बदलने की संभावना है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक उत्तराखंड के कई जनपदों में 17 मार्च से 19 मार्च तक गरज चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश और ओलावृष्टि की संभावना है जिसको लेकर अलर्ट जारी किया गया है।
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, आज उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, पिथौरागढ़ जिले में कहीं कहीं हल्की बारिश गर्जन के साथ हो सकती है। ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हो सकती है। राज्य के शेष इलाकों में मौसम शुष्क रह सकता है। इसके साथ ही कहीं कहीं बिजली चमकने और ओलावृष्टि की संभावना है। ऐसे में आज प्रभावित इलाकों में यलो अलर्ट है। मौसम विभाग के मुताबिक आज 16 मार्च से लेकर 19 मार्च तक भी मौसम का यलो अलर्ट है। इस दौरान राज्य के जिलों में अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। गर्जन के साथ ओलावृष्टि और बिजली चमकने की घटनाएं हो सकती हैं। 3500 मीटर या उससे अधिक ऊंचाई वाले इलाकों पर बर्फबारी भी संभव है। देहरादून सभी मैदानी इलाकों में 19 मार्च तक कहीं कहीं बादलों के डेरा रहेगा। इस बीच 17 मार्च से लेकर 21 मार्च तक देहरादून में बारिश की संभावना है। इस दौरान कहीं कहीं ओलावृष्टि भी हो सकती है। साथ ही बिजली चमकने की घटनाएं भी देखने को मिल सकती हैं।

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चार दुकानों में लगी आग, लाखों का सामान खाक
हरिद्वार। लक्सर के मेन बाजार स्थित मेडिकल स्टोर सहित चार दुकानों में आग लगने से अफरा तफरी फैल गयी। सूचना मिलने पर पुलिस व फायर सर्विस के कर्मचारियों ने मौके पर पहुंच कर आग पर काबू पाया। आग से लाखों का नुकसान बताया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार लक्सर नगर के मेन बाजार से सटी मार्केट में आदर्श कालोनी निवासी बब्बू नामक व्यक्ति के बंद मेडिकल स्टोर में आज सुबह अचानक आग लग गई। आग की लपटें तेज होकर बाहर निकलनी शुरू हुई, तो लोगों को इसकी जानकारी लगी। इसके बाद काफी लोग वहां इकट्ठा होकर आसपास की दुकानों को आग से बचाने की कोशिश में जुट गए।
सूचना पर दमकल विभाग की गाड़ी भी मौके पर पहुंचकर आग बुझाने में जुट गई। लेकिन इसी दौरान आग ने मेडिकल स्टोर के बगल की कृष्णा टेलीकॉम दुकान, ऊपर बने विनय गुप्ता के किताबों के गोदाम और सामने स्थित कृष्णा जनरल स्टोर को भी अपनी चपेट में ले लिया। वहीं लक्सर कोतवाली के एसएसआई अंकुर शर्मा और नगर चैकी प्रभारी नीरज रावत भी पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे। और आग बुझाने में मदद करने लगे। बढ़ती आग को देखकर दमकल विभाग की एक और गाड़ी मौके पर बुलाई गई। करीब 45 मिनट की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। आग से चार दुकानों में करीब 25 लाख रुपए से भी अधिक का नुकसान बताया जा रहा है।

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यात्रा पड़ावों पर हो  रहे अतिक्रमण के खिलाफ जिला प्रशासन ने चलाया डंडा
सरकारी व वन पंचायत की भूमि पर अस्थाई व स्थायी अतिक्रमण को किया ध्वस्त
केदारनाथ यात्रा में रोजगार करने के लिए स्थानीय लोग कर रहे अतिक्रमण
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा शुरू होने से पूर्व प्रशासन ने केदारनाथ पैदल मार्ग सहित केदारनाथ यात्रा पड़ावों और केदारनाथ हाईवे किनारे किये गये अतिक्रमण को हटाना शुरू कर दिया है। स्थानीय लोगों की ओर से अतिक्रमण के जरिये बनाये गये होटलों, अस्थाई दुकानों का ध्वस्तीकरण जारी है। जरूरत पड़ने पर बुलडोजर के जरिये भी यहां अतिक्रमण को ध्वस्त किया जा रहा है।
दरअसल, केदारनाथ यात्रा के दौरान केदारनाथ हाईवे सहित केदारनाथ पैदल मार्ग और केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ावों में स्थानीय लोगों की ओर से अतिक्रमण किया जाता है। स्थानीय लोग यहां अस्थाई कच्ची दुकानों का संचालन करके अपना रोजगार चलाते हैं। कई लोग तो अपने होटल-लाॅज की आड़ में सरकारी जमीन हो हड़प देते हैं। केदारनाथ पैदल मार्ग पर वर्तमान में प्रशासन की ओर से 52 दुकानों का संचालन किया जाता है, लेकिन सीजन में यहां दुकानों की संख्या सौ से पार हो जाती है। कई लोग अतिक्रमण करके पैदल मार्ग पर दुकाने बना देते हैं। ऐसे ही हाल केदारनाथ हाईवे के साथ ही अन्य जगहों की है। ऐसे में प्रशासन ने भी हाईवे और पैदल मार्ग पर यात्रा शुरू होने से पहले ही अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू कर दिया है। प्रशासन की टीम इन दिनों केदारनाथ पैदल मार्ग सहित केदारनाथ हाईवे किनारे के अलावा अन्य जगहों पर हो  रहे अतिक्रमण हो हटाने में लगी हुई है।
वहीं डीएम मयूर दीक्षित ने कहा कि केदारनाथ हाईवे के साथ अन्य जगहों पर हो रहे अतिक्रमण को ध्वस्त कर दिया है। कहा कि कुछ लोगों ने स्थायी तौर पर अतिक्रमण करना शुरू कर दिया था। ऐसे में प्रशासन की टीम ने स्थायी के साथ ही अस्थायी अतिक्रमण को भी हटा दिया है। बताया कि राजस्व टीम व संबंधित अधिकारियों ने केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के सीतापुर, सोनप्रयाग व गौरीकुंड में किए जा रहे अतिक्रमण को हटा दिया है। उन्होंने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि जिन जगहों पर अतिक्रमण हो रहा है, वहां के फोटोग्राफ और वीडियो बनाकर प्रशासन को भेंजे, जिससे अतिक्रमण के खिलाफ सख्त अभियान 
           
ग्रामीण इलाकों मंे प्लास्टिक के निस्तारण को लेकर डीएम की पहल
सचल एग्री क्लिनिक वाहन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों से उठाया जा रहा प्लास्टिक कूड़ा
रुद्रप्रयाग। जनपद के शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यावरण के संरक्षण के लिए बेहतर साफ-सफाई व्यवस्था किए जाने को लेकर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित निरंतर प्रयासरत हैं। जिलाधिकारी ने ग्रामीण क्षेत्रों से एकत्रित होने वाले प्लास्टिक कचरे के उचित निस्तारण के लिए नई पहल की है। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में कृषकों के लिए कृषि बीज एवं उपकरण के साथ ही आवश्यक कृषि सामग्री पहुंचाने के लिए सचल एग्री क्लिनिक वाहन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों से प्लास्टिक कूड़े को एकत्रित करते हुए वाहन के माध्यम से लाने के लिए संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों से एकत्रित होने वाले कूड़े का उचित निस्तारण किया जा सके।
मुख्य कृषि अधिकारी लोकेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देश पर ग्रामीण क्षेत्रों में एकत्रित होने वाले कूड़े को सचल एग्री क्लिनिक वाहन के माध्यम से नगर पालिका एवं नगर निकाय क्षेत्रों के कूड़ा निस्तारण स्थल तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग, पशुपालन, उद्यान सहकारिता समितियां, मत्स्य, डेयरी, रेशम आदि विभागों के माध्यम से कृषकों की सुविधा के लिए संचालित सचल एग्री क्लिनिक वाहन के लिए रूट चार्ट तैयार किया गया है, जो संबंधित न्याय पंचायत प्रभारियों को प्रेषित किया जाता है तथा समस्त न्याय पंचायत रोस्टर के अनुसार वाहन में भ्रमण से पूर्व ग्राम स्तर पर तैनात कर्मचारियों व ग्राम प्रधानों से संपर्क कर भ्रमण के संबंध में जानकारी देते हुए तत्पश्चात् ग्राम प्रधान तथा ग्रामीणों के सहयोग से ग्राम सभा का ठोस अपशिष्ट एकत्रित कर मोबाइल एग्री क्लिनिक वाहन में रखवा कर निकटतम नगर पालिका व नगर पंचायतों को उचित निस्तारण के लिए हस्तांतरित किया जाता है। उन्होंने कहा कि अब तक 25-25 किलो के 40 बैग एग्री क्लिनिक वाहन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों से ठोस अपशिष्ट एकत्रित किया गया है।          
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पीएम सुरक्षा बीमा का मिला लाभ
रुद्रप्रयाग। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत इंद्रा देवी को 2 लाख का भुगतान किया गया। एसबीआई गुप्तकाशी बैंक के शाखा प्रबंधक अनूप सिंह ने बताया कि प्रत्येक वर्ष 20 रुपए जमा करने पर व्यक्ति का बीमा हो जाता है, जिसे संबंधित व्यक्ति की मौत के बाद बीमा की राशि उसके परिजनों को दिया जाता है। बताया कि देवर निवासी इंदर सिंह की मौत भालू के हमले से हुई थी, जिसमें उन्होंने पूर्व में प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत इनका बीमा किया था। जिसकी दो लाख की धनराशि उनकी पत्नी को दी गई ।

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दून में धर्म रक्षा के नाम पर अराजकता की सीमा पारः आरूषी
बोली- भाजपा शासनकाल में बढ़ रही धार्मिक असहनशीलता

देहरादून। धरने पर बैठे एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज 2018 बैच के छात्रों पर हुए गंभीर हमले के विरोध में यूथ कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता आरुषि सुंद्रियाल ने बयान जारी कर कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि एसजीआरआर कॉलेज के फाइनल ईयर एमबीबीएस छात्रों द्वारा पूरी फीस जमा किए जाने के बावजूद कॉलेज प्रबंधन द्वारा अतिरिक्त 37 लाख रुपए अत्यधिक मांगे जा रहे हैं। यह रकम जमा ना करने के कारण छात्रों का रिजल्ट रोक दिया गया है तथा कॉलेज द्वारा जो इंटर्नशिप छात्रों को दी जाने थी वह भी नहीं दी जा रही है। इस मामले में कॉलेज प्रबंधन द्वारा कोर्ट से एक तरफा फैसला भी लाया जा चुका है परंतु उस मुकदमे में छात्रों की ओर से पैरवी किए जाने का समय भी नहीं दिया गया। बड़े-बड़े रसूखदार लोगों के लिए मनमाने आदेश जारी करवाना इस देश में कहां बड़ी बात है। इस तानाशाही से नाराज छात्र धरने पर बैठे हुए थे जहां दरबार साहिब मैं हो रहे झंडा जी महोत्सव में शामिल होने आए श्रद्धालुओं ने एमबीबीएस छात्रों पर भीषण हमला बोल दिया। सुनने में आ रहा है कि श्रद्धालुओं को जानबूझकर धार्मिक ध्रुवीकरण कर हमला करने के लिए उकसाया गया था। इस हमले में कई छात्रों को गंभीर चोटें आई हैं। छात्रों ने इस मामले में कोर्ट जाने का निर्णय भी लिया है परंतु रिजल्ट में हो रही देरी छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। धर्म की आड़ में हो रही लूट-खसोट पर शासन प्रशासन को गंभीर होने की आवश्यकता है।
भाजपा के शासनकाल में देशभर में धार्मिक असहनशीलता बढ़ती हुई नजर आ रही है। बाहर से आए लोगों का अकारण ही भड़क कर हमारे शहर में पढ़ रहे छात्रों पर हमला कर देना कोई साधारण घटना नहीं है। पूरे शासन प्रशासन को इस घटना को गंभीरता से लेकर जांच पड़ताल कर दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। यह घटना साफ तौर पर एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा छात्रों के विरोध प्रदर्शन को दबाने का एक षड्यंत्र था।
उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज द्वारा किए गए इस अनैतिक कृत्य की जितनी निंदा की जाए कम है। छात्रों की इस लड़ाई में वह छात्रों का पूरा समर्थन करती हैं और यदि कॉलेज प्रबंधन द्वारा शीघ्र अतिशीघ्र छात्रों की समस्या का समाधान ना किया गया तो वह स्वयं छात्रों के इस आंदोलन में शामिल हो जाएंगी।

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संविधान के सामने समलैंगिकता
पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के सामने एक मानवीय, लैंगिक, प्राकृतिक संबंधों की व्याख्या का मामला है। एक दर्जन से अधिक याचिकाएं विचाराधीन हैं, जिनमें समलैंगिक संबंधों को ‘कानूनी मान्यता’ देने के आग्रह निहित हैं। भारत सरकार ने अपने 56 पृष्ठीय हलफनामे में समलैंगिकता और ऐसे विवाह का विरोध किया है। इस मुद्दे को संसद के अधिकार-क्षेत्र में ही रहने की दलील भी दी गई है। संसद इन संबंधों की सामाजिकता, निजता, स्वाभाविकता और नैसर्गिकता पर व्यापक विमर्श करेगी और फिर कानून पारित करेगी। सरकार अदालती पीठ और इस मुद्दे की सुनवाई को संसद के अधिकार-क्षेत्र में दखल का प्रयास मान रही है। दरअसल भारतीय सभ्यता और संस्कृति में विवाह एक पवित्र संस्कार है, विपरीत लिंग के स्त्री-पुरुष का सामाजिक-मानसिक गठबंधन है तथा संतानोत्पत्ति के जरिए इस दुनिया को निरंतर बनाए रखने की सोच और कोशिश है। विकृत्तियां कई स्तर पर हो सकती हैं। ये शारीरिक, दिमागी, गर्भस्थ आदि हो सकती हैं, लेकिन अभी तक जिस व्यवस्था को समाज और कानून में मान्यता प्राप्त है, उसका उल्लंघन क्यों किया जाए? ऐसा अतिक्रमण क्यों जरूरी है, जो प्राकृतिक भी नहीं है। सर्वोच्च अदालत ने 6 सितंबर, 2018 को एक महत्वपूर्ण, लगभग ऐतिहासिक, फैसले में धारा 377 (1) को ‘गैर आपराधिक’ घोषित किया था, जिसमें समलैंगिक संबंधों को ‘अप्राकृतिक अपराध’ कहा गया था। जिस एलजीबीटी समुदाय ने उस फैसले को अपनी निजता, कामेच्छा, स्वाभाविकता की ऐतिहासिक जीत करार दिया था, उसमें महिला-महिला संबंध, पुरुष-पुरुष संबंध, ट्रांसजेंडर, क्वीर, इंटरसेक्स, द्विलिंगी, एसेक्सुअल आदि मनोवृत्तियों के लोग, समुदाय आते हैं। इन लोगों में विपरीत लिंगी के सामाजिक आदर्शों की अनुपस्थिति होती है। भारत में यह सामाजिक समूह विशिष्ट है, जिसमें ‘हिजड़ा’ भी शामिल हैं। उन्हें ‘थर्ड जेंडर’ भी कहा जाता है। दरअसल अब प्राचीन ग्रंथों, पुराण आदि के कुछ दुर्लभ उदाहरण देकर तार्किक मांग की जा रही है कि समलैंगिक संबंधों को भी कानूनी मान्यता दी जाए, ताकि उनके प्रति समाज, कार्यस्थल, रोजाना की जिघ्न्दगी में ‘असामाजिक’ और ‘घृणित’ न समझा जाए। ‘भगवद पुराण’ में ऐसा उल्लेख बताया जाता है कि भगवान शिव ने भगवान विष्णु को मोहिनी के अवतार में देखा और उनके मिलन के फलस्वरूप भगवान अयप्पा का जन्म हुआ। शिखंडिनी और बृहन्नाला के प्रसिद्ध पात्र ‘महाभारत’ के सबसे सम्मानित ट्रांसजेंडर पात्र हैं। ‘वाल्मीकि रामायण’ में भगवान शिव के आशीर्वाद से राजा भगीरथ का जन्म उनकी दो माताओं और राजा दिलीप की विधवाओं के मिलन से हुआ था। दरअसल ये मिथकीय कहानियां हैं, आम आदमी के पास वे अलौकिक और दैवीय शक्तियां नहीं हैं, लिहाजा इनके उदाहरण भी बेमानी हैं। भारत में संविधान को ग्रहण करने के बाद भी समलैंगिक संबंधों को ‘आपराधिक कृत्य’ माना गया था। भारत में विवाह को एक पवित्र संस्थान का दर्जा प्राप्त है और स्त्री-पुरुष मिलन को ही वैधता, सामाजिकता और एक पारिवारिक ईकाई के तौर पर स्वीकृति है। हमारी दलील कुछ अजीब-सी लग सकती है, लेकिन यह ब्रह्म-सत्य है कि पशु और जानवर में भी विपरीत लिंग के प्रति प्राकृतिक आकर्षण होता है। उनमें समलैंगिक संबंधों की पूर्ण अनुपस्थिति है। बहरहाल याचिकाएं सर्वोच्च अदालत में हैं।

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