फुटबॉल की दुर्दशा रोकने के लिए अनशनपर बैठे प्रसिद्ध खिलाड़ी विरेन्द्र सिंह रावत

Pahado Ki Goonj

देहरादून,उत्तराखंड के प्रसिद्ध फुटबॉल खिलाड़ी, कोच और रेफरी, अनगिनत अंतराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और स्टेट अवार्ड से सम्मानित, उत्तराखंड आंदोलनकारी, खेल के प्रति जीवन समर्पित, युवा नेता, समाजिक कार्यकर्ता विरेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखंड राज्य खेल फुटबाल की दुर्दशा के खिलाफ एक दिवसीय अनशन दिनाँक 30 दिसम्बर 2020 को अपने ऑफिस अपर नथनपुर, इंद्रप्रस्थ कालोनी लेन नंबर 14 सी, पोस्ट ऑफिस नेहरू ग्राम डॉईवाला ब्लॉक देहरादून मे अपने साथियो के साथ सुबह 6 बजे से श्याम 6 बजे तक किया गया

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इससे पूर्व 12 दिसम्बर 2018 को राजधानी गैरसैण निमार्ण अभियान के धरना स्थल नियर परेड ग्राउंड में किया था सरकार को जगाने का काम किया था लेकिन आज दो साल हो गये सरकार ने राज्य खेल फुटबाल के विकास के लिए कुछ नहीं किया
आज ये स्थिति है कि लाखो खिलाड़ी, कोच और रेफरी बेरोजगार हो गए है, खिलाड़ी, कोच और रेफरी के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है फुटबाल एसोसिएशन का कोई अता पता नहीं
कब चुनाव होते है कौन 13 जिलों का सचिव है कुछ पता नहीं है
भारत सरकार ने स्पोर्ट्स कोड लागू किया था कि स्टेट के चुनाव स्पोर्ट्स कोड नियमानुसार होने चाहिए, 13 जिलों के फुटबाल सचिव का आज तक पता ही नहीं कौन है एक छत्र राज चल रहा है
कोच और रेफरी के कोर्स नहीं हो रहे है उत्तराखंड स्टेट फुटबॉल एसोसिएशन के अध्यक्ष शेरवुड स्कूल नैनीताल के संधू खुद अपने स्कूल के संगीन मामलों मे फंसे हुए है, सरकार ने एस ओ पी जारी की उसमे फुटबाल को सम्मलित नहीं किया, 10 महीने हो गए कोरोना काल मे लाखो खिलाड़ी, कोच और रेफरी बेरोजगार हो गए है उनके लिए कोई सुविधा नहीं है
हाल मे ही हमने उत्तराखंड सुपर लीग की अनुमती के लिए आवेदन किया था 1 दिसम्बर 2020 को आज 30 दिसम्बर हो गई लेकिन आज तक कोई सूचना नहीं एसा पूर्व मे भी होता रहा है
सरकार ने राज्य खेल फुटबाल के अभी तक कोई भी कठोर योजना नहीं बनाई, खिलाड़ी या तो नशे में बर्बाद हो रहा है या दूसरे राज्य मे पलायन होने को मजबूर है
पूर्व और वर्तमान नैशनल और इंटरनेशनल खिलाडियों के लिए कोई योजना नहीं है, जो फुटबाल क्लब और अकैडमी चल रही है उनको कोई सहयोग नहीं है
देहरादून फुटबाल का हब है कई बर्षों से दो दो जिला फुटबॉल एसोसिएशन चल रही खिलाड़ी, कोच और रेफरी परेशान है जाए तो जाए कहा, आदि बहुत कुछ है कहने को
राज्य खेल की इतनी दुर्गति क्यु
इसलिए जिस विरेन्द्र सिंह रावत खिलाड़ी ने 50 की उम्र होने पर भी आज और 20 साल से राज्य खेल फुटबाल के लिए बहुत कुछ किया
लेकिन ना जाने सरकार कीयू सो रही है
जगाना है और कोरोना के नियमानुसार और कम लोगों की उपस्थिति मे शांति पूर्वक एक दिवसीय अनशन 30 दिसम्बर 2020 को किया और उत्तराखंड के समस्त खिलाड़ी, कोच और रेफरी, खेल प्रेमियों से किया है सभी अपने अपने स्थान पर एक दिन का अनशन किया शांति पूर्वक सरकार को जगाने के लिए
अनशन मे समर्थन के लिए
सुनील कुमार देहरादून, प्रकाश रॉनी उत्तरकाशी कोच, खिलाड़ी खुश पाल राणा, आशीष गुस्साई, वैभव रतूडी, नितिन नेगी, डी .यस .बिष्ट, उमेश खंडूरी कर्णप्रयाग यूकेडी नेता अमित, प्रवीन,शिव प्रसाद सेमवाल, लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल, रघुबीर सिंह बिष्ट, अनिल रावत, गीता बिष्ट, विवेक, हेमंत, नरेंद्र, अमन, गोविंद आदि डटे

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