बड़ी खबर ;- केदारनाथ में तैनात उपजिलाधिकारी ने दिया इस्तीफा वहां मंदिर के कर्मचारियों की भांति 15 दिन की सेवा दे कर इस्थपे पर विचार करें

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बड़ी खबर ;- केदारनाथ में तैनात उपजिलाधिकारी ने दिया इस्तीफा…कहा- केदारनाथ में नहीं कर पाऊंगा ड्यूटी

केदारनाथ में 10 दिन की ड्यूटी के बाद एसडीएम गौरव चटवाल इस्तीफा देकर चले गए, उनके इस्तीफे की वजह पूरी तरह साफ नहीं हो पाई है..
केदारनाथ में ड्यूटी पर तैनात एसडीएम गौरव चटवाल ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया है। नौकरी छोड़ने की सूचना उन्होंने डीएम मंगेश घिल्डियाल को एक पत्र के जरिए दी, एसडीएम रिजाइन करने से पहले डीएम से मिले भी नहीं और सीधे अपने घर चले गए। नौकरी छोड़ने की वजह उन्होंने केदारनाथ में ड्यूटी करने में असमर्थ होना बताई है। केदारनाथ विषम भौगोलिक परिस्थिति वाला क्षेत्र है, जहां अच्छे-अच्छे अधिकारियों का साहस भी जवाब दे जाता है। यही वजह है कि अधिकारी यहां ड्यूटी करने से कतराते हैं। एसडीएम गौरव चटवाल ने भी यहां पर ड्यूटी करने से हाथ खड़े कर दिए। अपर मुख्य सचिव कार्मिक को भेजे पत्र में एसडीएम चटवाल ने नौकरी छोड़ने की वजह भी लिखी है, उन्होंने लिखा है कि वो केदारनाथ में काम नहीं कर पाएंगे, ऐसा कर पाने में वो असमर्थ हैं। वहीं डीएम रुद्रप्रयाग मंगेश घिल्डियाल ने इस बारे में शासन को जानकारी देने की बात कही है। जिलाधिकारी ने कहा कि एसडीएम चटवाल ने पिछले दिनों इस्तीफा दे दिया था, लेकिन इस दौरान जिला प्रशासन का उनसे संपर्क नहीं हो पाया। उनका फोन भी बंद था।
त्यागपत्र की कॉपी डीएम को डाक से मिली, जिसमें सिर्फ तीन लाइनें लिखीं थी कि वो कि वह केदारनाथ में ड्यूटी करने में असमर्थ हैं, इसलिए नौकरी से त्यागपत्र दे रहे हैं। गौरव चटवाल रुड़की के रहने वाले हैं, इससे पहले उनकी ड्यूटी नैनीताल के कोश्या कुटौली तहसील में थी। बीती 16 मई को नैनीताल के डीएम ने उन्हें केदारनाथ के लिए कार्यमुक्त किया था, 17 मई को वो धाम में पहुंच गए थे। 18 और 19 मई को जब पीएम मोदी केदारनाथ आए थे तो गौरव चटवाल को वीआईपी ड्यूटी का जिम्मा सौंपा गया था। 17 मई से 30 मई तक उन्होंने बतौर मजिस्ट्रेट केदारनाथ में ड्यूटी भी कि, लेकिन बीती 31 मई को उनका अचानक उन्होंने ड्यूटी करने से इनकार कर दिया। उनके इस्तीफे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, हर कोई इस्तीफे की असल वजह जानना चाहता है। एक और महत्वपूर्ण जानकारी आपको दे देते हैं कि केदारनाथ में अधिकारियों-कर्मचारियों की रोटेशन में ड्यूटी लगाई जाती है, क्योंकि यहां पर काम करने से कर्मचारी कतराते हैं। 50 साल से ज्यादा उम्र वालों की ड्यूटी धाम में नहीं लगती। जिन कर्मचारियों को हेल्थ प्रॉब्लम होती है उन्हें भी ड्यूटी से दूर रखा जाता है। साथ ही केदारनाथ मंदिर के कर्मचारियों को मौसम के साथ तालमेल बिठाने के चलते 15,15 दिन के हिसाब से अपनी सेवाओं को देने के लिए कार्य दिया जाता है उसी प्रकार प्रशासन को वहां की स्थिति को लेकर अपने अधिकारियों की तैनाती करनी चाहिए ।इस लिये उनके त्याग पत्र पर विचार करते हुए कुछ दिन दूसरी तहसील के कार्य देखने के लिए भेज दिया जाय

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