स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय में गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसीपीएनडीटी) की बैठक आयोजित की गयी

Pahado Ki Goonj

देहरादून, 20 अप्रैल 2019, महानिदेशक स्वास्थ्य डाॅ रविन्द्र थपलियाल की अध्यक्षता में सहस्त्रधारा रोड स्थित स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय में गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन निषेध) अधिनियम, 1994 के अन्तर्गत गठित राज्य सलाहकार समिति (पीसीपीएनडीटी) की बैठक आयोजित की गयी।
बैठक में राज्य सलाहकार समिति के सदस्यों द्वारा पीसीपीएनडीटी अधिनियम के बेहतर क्रियान्वयन और बेटियों के जीवन की सुरक्षा हेतु किये जा सकने वाले विभिन्न प्राविधानों पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गयी। समिति द्वारा अल्ट्रासाउण्ड मशीनों पर जोड़े गये एक्टिव टैªकर उपकरणों को फार्म एफ से मिलान किये जाने एवं मेडिकल आॅडिट किये जाने के सम्बन्ध में जनपदीय सलाहकार एवं क्रियान्वयन समिति को एडवाईजरी जारी करने और निरीक्षण के दौरान इन बिन्दुओं पर भी संज्ञान लेते हुए कार्य करने की बात कही। समिति द्वारा यह भी तय किया गया कि नई अल्ट्रासाउण्ड मशीन के पंजीकरण और क्रय करने से पूर्व सम्बन्धित कम्पनी/वैण्डर का स्वास्थ्य महानिदेशालय स्तर पर भी पंजीकरण अनिवार्य हो और इस सम्बन्ध में जनपदों को स्पष्ट निर्देश जारी किये जायें। समिति द्वारा अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों पर पुरानी निष्क्रिय अल्ट्रासाउण्ड मशीनों को Dis mantle करने के सम्बन्ध में सरकारी मशीनों को भी बाॅय बैक (पुनः खरीद) करने, राज्य निरीक्षण एवं मूल्यांकन समिति को तत्काल पुनर्गठित करते हुए उसको भी सक्रियता से आकस्मिक निरीक्षण के कार्यों को अपने स्तर पर भी सम्पादित करने और पीसीपीएनडीटी के विभिन्न मानकों का सभी स्तर पर पूर्ण पालन करने पर जोर दिया गया। समिति द्वारा यह भी तय किया गया कि मासिक जन्म पंजीकरण के ग्राम स्तर से विकासखण्ड स्तर तथा जनपद स्तर तक सम्बन्धित कार्मिकों द्वारा अनिवार्य रूप से तत्काल आंकड़ों को उपलब्ध करवाते हुए उसका मिलान किया जाय और जिस स्तर पर डाटा शीघ्रता और सही तरह से उपलब्ध नही हो रहा है वहां पर सम्बन्धित कार्मिक की जिम्मेदारी तय की जाय, जिससे बाल जन्मदर के आंकड़े सही और शीघ्रता से उपलब्ध हो सके।
महानिदेशक स्वास्थ्य ने कहा कि पीसीपीएनडीटी अधिनियम के साथ ही महिला और बाल विकास से जुडे़ अन्य अधिनियमों का समय-समय पर प्रचार-प्रसार किया जाय और निरीक्षण के दौरान सामने आने वाले आउटपुट और की जाने वाली कार्यवाही को भी समय-समय पर पब्लिक डोमेन में जारी किया जाय, जिससे समाज के हर स्तर पर जागरूकता आ सके। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करने वाले स्वास्थ्य कार्यकर्ता के कार्यों पर भी बारीकी से नजर रखने और किसी भी स्त्रोत से प्राप्त होने वाली जानकारी के आधार पर त्वरित निरीक्षण करते हुए कार्य करने पर बल देने की बात कही।
बैठक में राज्य समुचित पीसीपीएनडीटी डाॅ अंजली नौटियाल, निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डाॅ अनीता उपे्रती, राज्य नोडल पीसीपीएनडीटी डाॅ सरोज नैथानी सहित सरकारी और गैर सरकारी सदस्य उपस्थित थे।

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