बहु मुखी प्रतिभा का धनी डॉक्टर महेश कुडियाल को पद्मम श्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाय

Pahado Ki Goonj


दुर्गा प्रसाद नौटियाल

देहरादून ,प्रख्यात न्यूरोसर्जन डॉक्टर महेश कुडियाल उत्तराखंड ही नहीं पश्चिम उत्तर प्रदेश के पहले न्यूरोसर्जन हैं। 1990 के दशक से वे चिकित्सा पेशे से जुडे रहकर रौगी और रौगौं पर अनुसंधान रत हैं। उनका मानना है कि मरीज के साथ अनावश्यक चीर-फाड न करके न्यूनतम व्यय पर रौग की खोज की जानी चाहिए,ऐसा होने पर शीघ्र वस्तु स्थित सामने आ जाती है। जिस से डॉक्टर को मरीज का इलाज करने में सुविधा हो जाती है। डॉक्टर महेश कुडियाल का मानना है कि शरीर ऐसा यन्त्र है जिस पर प्रत्यछ-अप्रत्यक्ष नियंत्रण मस्तिष्क का हौता है ,इसलिए इस मशीन को शान्त,शन्तुलित और नियंत्रित रखना चाहिए। भारतीय ग्रन्थौं में मस्तिष्कीय रौगौं की व्याख्या इसी तर्ज पर की गई है।

कुडियाल एक महान न्यूरोसर्जन हैं जिन्होंने अपनी समर्पणा और प्रेम से पर्वतीय क्षेत्र के लोगों की सेवा की है। उन्होंने न केवल रोगियों के जीवन को बचाया है, बल्कि उन्होंने उनके आर्थिक बोझ को भी कम किया है।

डॉक्टर महेश कुडियाल ने उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र में न्यूरोसर्जरी की बड़ी आवश्यकता को समझा और इसका समाधान प्रदान किया। पहाड़ों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के कारण, किसी भी गंभीर चोट के मामले में मरीजों को दिल्ली, चंडीगढ़, या लखनऊ जाना पड़ता था, जिससे उनके लिए इलाज का खर्च बहुत उच्च हो जाता था।

डॉक्टर महेश कुडियाल ने इस समस्या का समाधान ढूंढने के लिए खुद को समर्पित किया। वे अमूमन गरीबों के लिए इलाज करते हैं और उनका इलाज मुफ्त में करते हैं। इससे पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता में सुधार हुआ है और लोगों को अपने स्वास्थ्य की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।

डॉक्टर महेश कुडियाल के समर्पण और सेवाओं के प्रति उनकी गहरी विश्वास के कारण, लोग उन्हें पदम श्री पुरस्कार से सम्मानित होने के लायक मानते हैं। उन्होंने उत्तराखंड के साथ ही पूरे देश के स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है।

20 लाख  सुधी पाठको की डॉक्टर महेश कुडियाल उत्तराखंड के न्यूरोसर्जन को   शुभकामनाएं

इस तरह, डॉक्टर महेश कुडियाल उत्तराखंड के न्यूरोसर्जन के रूप में न केवल एक उच्च स्तर के चिकित्सक हैं, बल्कि उनके सेवा और समर्पण ने प्रशंसा और सम्मान के अधिकारी बना दिया है।
डॉक्टर महेश कुडियाल ने मस्तिष्कीय एवम spaine रोगों पर निरंतर आंदोलन चला रखा है. इन्हीं अद्वितीय और बिलछण सेवाओं का मूल्यांकन करते हुए उन्हैं उत्तराखंड रत्न,यूथ रत्न,गढ रत्न,अनेकौं पुरस्कारौं से सम्मानित किया जाता रहा है. वैसे डॉक्टर महेश कुडियाल की सेवाओं का किसी पुरस्कार से मूल्यांकन नहीं किया जा सकता है,लेकिन अब पद्मम श्री पुरस्कार डॉक्टर महेश कुडियाल की बाट जोह रहा है। उत्तराखंड वासियौं को अपने इस मैधावी सपूत पर गर्व है।

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