मुख्य सचिव  उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में इम्पावर्ड कमेटी की बैठक आयोजित हुई।     

Pahado Ki Goonj
मुख्य सचिव  उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में निजी नर्सिंग संस्थानों को अनापत्ति दिये जाने से सम्बन्धित इम्पावर्ड कमेटी की बैठक आयोजित हुई।
       मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि निर्सिंग के नये पाठ्यक्रमों के संबंध में निजी संस्थानों की सुविधा को देखते हुए व्यवहारिक रूप में भविष्य में वर्ष में एक बार ही आवेदन जमा कराये जाए। कार्य के सरलीकरण व व्यवहारिकता को देखते हुए निरीक्षण दल द्वारा प्रवेश प्रक्रिया से पूर्व पुनः भौतिक निरीक्षण करने पर भी विचार किया गया। बैठक में बताया कि वर्ष 2018-19 में निर्धारित प्रक्रिया के अन्तर्गत निजी नर्सिंग संस्थान खोलने व सीट वृद्धि के लिए वर्ष में दो चरणों जनवरी तथा जून में आवेदन किये जाते हैं, उसे वर्ष में एक बार आवेदन करने पर निर्णय लिया गया।
       पाठ्यक्रम में एकरूपता लाने व संसाधनों के समुचित उपयोग के लिए देहरादून में संचालित स्टेट कालेज नर्सिंग तथा स्टेट स्कूल आॅफ नर्सिंग को एक ही संस्थान के रूप में सम्मिलित करने का निर्णय लिया गया।
       राज्य के विभिन्न जिलो में 05 ए.एन.एम सेन्टर जो वर्तमान में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग के अधीन संचालित है, उन्हे अब चिकित्सा शिक्षा विभाग के नियंत्रण में चलाया जायेगा।।
       मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के 25 निजी नर्सिंग संस्थान चल रहे है, जो 04 मैदानी जिलों तक ही सीमित हैं। पर्वतीय जनपदों में भी नर्सिंग संस्थान खोलने के नये प्रस्ताव तैयार कर इन्वेस्टर्स को आमंत्रित किया जाय। वर्तमान में जनपद बागेश्वर तथा उत्तरकाशी में कोई नर्सिंग कालेज नही है। उन्होंने कहा कि इन जनपदों में कालेज खोलने हेतु निजी संस्थानों को आमंत्रित करने के साथ ही विद्यार्थियों को बेहतर रोजगार हेतु कैम्पस चयन की प्रक्रिया अपनायी जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि निरीक्षण दल को पुनर्गठित करते हुए उनसे अपेक्षा की जाए कि उनके द्वारा जो भी संस्तुति दी जाए वह स्पष्ट व निश्चित हो।
       बैठक में अन्य राज्यों की भांति स्टेट मेडिकल फैकल्टी, स्टेट नर्सिंग काउंसिल, पैरामेडिकल काउंसिल एवं डेन्टल काउंसिल तथा मेडिकल काउंसिल को चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग से स्थानान्तरित कर चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन किये जाने पर निर्णय लिया गया। नर्सिंग छात्रों हेतु कौशल विकास विकसित करने के उद्देश्य से तीनों राजकीय मेडिकल काॅलेजों में छात्र-छात्राओं को प्रयोगात्मक प्रशिक्षण दिये जाने पर सहमति दी गई।
बैठक में सचिव  एन.के.झा, अपर सचिव डाॅ.पंकज कुमार पाण्डेय,  चन्द्रेश कुमार, महानिदेशक स्वास्थ्य डाॅ.अर्चना, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डाॅ.आशुतोष सयाना, सीएमएस देहरादून डाॅ.के.के.टम्टा सहित चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
Next Post

 मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विवेकानन्द इण्टरनेश्नल फाउण्डेशन द्वारा रिवरबेसिन मैनेजमेंट

  03-सन मार्टिन मार्ग, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली में मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विवेकानन्द इण्टरनेश्नल फाउण्डेशन द्वारा रिवरबेसिन मैनेजमेंट विषय पर आयोजित संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि रिवर बेसिन मैनेजमेंट का उत्तराखण्ड के लिये विशेष महत्व है। उत्तराखण्ड से निकलने वाली गंगा देश का सबसे बडा रिवर बेसिन है। गंगोत्री […]

You May Like