राज्यपाल ने आई.आई.एम.यू.एन संस्था द्वारा काशीपुर में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित किया

Pahado Ki Goonj

देहरादून, पहाडोंकीगूँज,राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि) ने राजभवन से आई.आई.एम.यू.एन (इंडियाज इंटरनेशनल मूवमेंट टू यूनाईट द नेशंस) संस्था द्वारा काशीपुर में आयोजित एक कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित किया।

राज्यपाल ने कहा कि इस संगठन में लगभग 26000 से अधिक युवा शामिल हैं, जो 220 शहरों व 35 देशों में कार्य कर रहा है। इस संगठन द्वारा  7500 से अधिक स्कूलों में कार्यक्रम किए गए है जिसमें 01 करोड़ से अधिक छात्र शामिल है। यह संगठन महिला सशक्तिकरण पर विशेष रूप से कार्य कर रहा है जिसके लिए वह बधाई के पात्र हैं।
राज्यपाल ने कहा कि प्राचीन भारत में जीवन के हर क्षेत्र में महिलाओं की स्थिति पुरुषों के बराबर थी। हम अपाला, गार्गी, मैत्री व लोपमुद्रा के बारे में पढ़ते हैं जो अत्यन्त बुद्धिमान व दूरदर्शी महिलाएं थी जो शैक्षिक सभाओं में भाग लेती थी। लोपमुद्रा को ऋगवेद में कुछ छन्दों की रचना का श्रेय जाता है। उन्होंने कहा कि मध्य काल में विदेशियों के आक्रमण के कारण व कुछ कुप्रथाओं से नारी की स्थिति में गिरावट आयी है। यह भेदभाव मुख्य रूप उन्हें शिक्षा से वंचित करना था। इसके लिए हाल की शताब्दियों में कई सामाजिक सुधार आन्दोलन शुरू हुए, जो महिला शिक्षा के आसपास केन्द्रित थे।
राज्यपाल ने कहा कि हमारा राज्य महिलाओं की सक्रियता और उनकी शक्ति का वैश्विक उदाहरण रहा है। गौरा देवी के नेतृत्व में चिपको आन्दोलन महिलाओं के नेतृत्व के सबसे प्रमुख उदाहरणों में से एक है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के कई क्षेत्रों का दौरा करने के बाद जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के काम करने को देखा है। जिससे यह साबित होता है कि महिलाएं उत्तराखण्ड राज्य की असली रीढ़ हैं। वह स्वतंत्र रूप से या स्वयं सहायता समूह के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाली मजबूत और दृढ़ शक्ति हैं। आज प्रत्येक क्षेत्र में महिलाएं प्रतिभाग कर रही हैं चाहे वह मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर हो, सप्लाई चेन हो, स्टार्ट अप हो, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हो या स्मार्ट इंजीनियरिंग हो। उन्होंने कहा कि लड़कियों को सैनिक स्कूलों में प्रवेश मिलना चाहिए और उन्हें आई.ए.एस, आई.पी.एस व प्रशासनिक सेवाओं हेतु प्रेरित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से कोविड के कारण हमें नई तकनीक को सीखने का अवसर प्राप्त हुआ है जिसमें महिलाओं द्वारा वर्क फ्रॉम होम किया गया जो वास्तव में महिलाओं के लिए एक आशीर्वाद था। ऑनलाइन वर्किंग के जरिए वे नई जॉब और दूसरे काम ले रही हैं। राज्यपाल ने कहा कि बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए समाज के सभी कर्णधारों को आगे आना होगा। बालिकाएँ शिक्षित होने के बाद दुनिया का कोई भी लक्ष्य प्राप्त कर सकती हैं।

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विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर आज राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि) ने राजभवन प्रांगण में रूद्राक्ष का पौधा रोपित कर प्रदेशवासियों को विश्व पृथ्वी दिवस की शुभकामनाएं दी।
उन्होंने कहा कि पृथ्वी से हमारा माता और पुत्र का संबंध है     ‘‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’’।  हमारी जिम्मेदारी है कि धरती के संरक्षण के लिए हम कार्य करें। राज्यपाल ने कहा कि हमें धरती को स्वच्छ, सुंदर और सुरक्षित बनाने के लिए प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करनी होगी। उन्होंने कहा कि पृथ्वी के प्राकृतिक वातावरण के प्रति हम सभी को संकल्प लेना चाहिए।

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भारत सरकार के निर्देशन पर जिलाधिकारी डॉ0 विजय कुमार जोगदण्डे की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आज पीएम किसान सम्मान निधि हेतु ‘‘किसान भागीदारी, प्राथमिकता हमारी’’ बैठक आयोजित हुई। किसान भागीदारी प्राथमिकता हमारी अभियान का शुभारंभ 24 अप्रैल से 01 मई, 2022 तक चलाया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि इस अभियान के अंतर्गत प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के सभी लाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड से संतृप्त करने के लिए ग्राम पंचायतों तथा न्याय पंचायतों स्तर पर यह अभियान चलाया जाएगा। जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि कैम्प व बैठक के माध्यम से किसानों का केसीसी कार्ड बनवाना सुनिश्चित करें, जिससे किसान इसका लाभ ले सकेंगे। साथ ही उन्होंने कृषि विभाग, उद्यान, पशुपालन, मत्स्य, पंचायतीराज विभाग, राजस्व विभाग व अन्य संबंधित अधिकारियों को 24 अप्रैल, 2022 को विशेष ग्राम सभा की बैठक में उपस्थित होेने के निर्देश दिये।

जिलाधिकारी ने आयोजित बैठक में संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि पीएम किसान सम्मान निधि लेने वाले किसानों का अधिक से अधिक किसान क्रेडिट कार्ड बनायें। कहा कि इस योजना का अधिक प्रचार-प्रसार हेतु सोशल मीडिया, वेबसाइड सहित अन्य का उपयोग कर अपलोड करें, जिससे किसानों को योजना की जानकारी मिल सकेगी। इस दौरान उन्होंने बैंक अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन-जिन किसानों को किसान सम्मान निधि दी जा रही है उनका डाटा फोन नम्बर सहित उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। जिससे उन्हें मैसेज के माध्यम से भी किसान क्रेडिट कार्ड की जानकारी दी जा सकेगी। जिलाधिकारी ने डीपीआरओ को निर्देशित किया इस अभियान के शुभारंभ से लेकर समाप्ति तक ग्राम पंचायतों में बनाये जा रहे क्रेडिट कार्डो की जानकारी प्रतिदिन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। साथ ही उन्होंने बैंक अधिकारियों को भी निर्देशित किया कि बा्रंच वाईज क्रेडिट कार्डो की रिपोर्ट प्रस्तुत करें। कहा कि ऐसे किसान जिन्हें पीएम किसान सम्मान निधि प्राप्त हो रही है तथा किसान क्रेडिट कार्ड नहीं बना है उन्हें चिन्हित कर किसान क्रेडिट कार्ड से लाभाविंत किया जाएगा।  उन्होंने आम जनमानस से अपील करते हुए कहा कि किसान भागीदारी, प्राथमिकता हमारी अभियान में प्रतिभाग कर अभियान को सफल बनायें।
इस अवसर पर मुख्य कृषि अधिकारी अमरेंद्र चौधरी, डीडीएम नाबार्ड भूपेंद्र सिंह, मुख्य उद्यान अधिकारी डीके तिवारी, सहायक लीड बैंक अधिकारी भूपेश नौटियाल, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 आर एस नित्वाल, क्षेत्रीय प्रबंधक यूजीबी अनिल डोभाल, एसबीआई बैंक अधिकारी ताजवर सिंह रावत, कैंनरा आकांक्षा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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वनाग्नि पर राजभवन की खामोशी प्रदेश को झुलसा रही- मोर्चा    #प्रदेश में अब तक  1000 हेक्टेयर से अधिक जंगल हो चुके खाक |                    #वन्य जीव- जंतु भी समा चुके काल के ग्रास में |                      #सरकार बनी हुई है बेपरवाह |               #आग बुझाने में हेलीकॉप्टर का प्रयोग करे सरकार |        विकासनगर -जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश के बेशकीमती जंगल (वन संपदा) आग से धधक रहे हैं तथा बेजुबान वन्य जीव काल का ग्रास बन चुके हैं, लेकिन राजभवन चुपचाप तमाशा देख रहा है |                         नेगी ने कहा कि वनाग्नि काल से पूर्व सरकार को इसके उपायों पर होमवर्क करना चाहिए था, लेकिन सरकार को  फुर्सत ही नहीं थी | *वनों की आग जिस प्रकार विकराल रूप धारण  कर चुकी है, राजभवन को तत्काल हेलीकॉप्टर को आग बुझाने के काम में लगाने हेतु सरकार को निर्देशित करना चाहिए |* नेगी ने कहा कि वर्ष 2015 से 2021 तक  वनाग्नि काल में 17980.96 हेक्टेयर जंगल खाक हो चुके हैं, जबकि कागजों में सरकार द्वारा प्रदेश के तमाम वन प्रभागों के अंतर्गत 1472  क्रू स्टेशन व 246 वॉच टावर स्थापित किए हुए  हैं तथा कई अन्य इंतजाम भी किए हुए हैं, लेकिन वो इंतजामात नाकाफी हैं | वर्ष 2018 में सर्वाधिक 4480.036 हेक्टेयर जंगल खाक हो गए थे |     

नेगी ने तंज कसते हुए कहा की वन मंत्री का प्रदेश की जनता पर इतना बड़ा एहसान है कि मुंबई में बैठे-बैठे समीक्षा कर रहे हैं तथा कह रहे हैं कि मैं भी आग बुझाने जंगल में जाऊंगा, जैसे हरक सिंह रावत जी ने अपने कार्यकाल में मीडिया को साथ लेकर बुझाई थी ! पत्रकार वार्ता में- विजय राम शर्मा, दिलबाग सिंह, अमित जैन व  मुकेश पसबोला मौजूद थे |

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