Fake DM who cheated lakhs in the name of providing job arrested, know the news

Pahado Ki Goonj
देहरादून। सरकारी नौकरी दिलाने के नाम बेरोजगार युवककृयुवतियों से लाखो रूपये की ठगी करने वाले फर्जी जिला अधिकारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के अन्य साथी फरार है जिनकी तलाश जारी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार चेतना पुत्री अमरनाथ अरोड़ा निवासी खन्ना नगर ज्वालापुर हरिद्वार के द्वारा कोतवाली ज्वालापुर में तहरीर देकर बताया गया था कि निहार कर्णवाल पुत्र स्व. राजेंद्र कर्णवाल निवासी खन्नानगर ज्वालापुर जिसके द्वारा स्वयं को डीएम बताते हुए उसको पीडब्ल्यूडी विभाग में निरीक्षण अधिकारी के पद पर नौकरी दिलवाने का झांसा देकर उससे 6 लाख पचास हजार रूपये की मांग की गई। बताया कि निहार द्वारा अपने आपको सरकारी कर्मचारी दिखाने के चलते उत्तराखंड सरकार की नेम प्लेट लगी हुई गाड़ी का इस्तेमाल करता था। जिससे उसको उक्त निहार पर विश्वास हो गया। निहार द्वारा नौकरी लगाने के नाम पर उसकी बीमार मां नीलम अरोड़ा द्वारा उक्त निहार को शुरू में एक लाख पचास हजार रुपए दिए इसके पश्चात निहार द्वारा बताया गया कि उक्त नौकरी अब समाप्त हो गई है। अब वह उसको एसडीएम के पद पर नौकरी दिला सकता है इसकी एवज में निहार द्वारा उनसे 70 लाख रुपए की मांग की गई जिस पर उनके द्वारा निहार के झांसे में आकर अपने भविष्य को देखते हुए उसे 70 लाख रुपए देने हेतु सहमति प्रदान की गई। लेकिन पैसो की व्यवस्था न हो पाने पर उनके द्वारा निहार को अवगत कराया तो उसने उन लोगों से कहा कि नौकरी के लिए केवल एक ही पद है काफी लोग प्रयासरत हैं वह उधमसिंहनगर का डीएम है इस कारण नौकरी लगा सकता है। निहार द्वारा यह भी बताया गया कि वह अपने साथियो के माध्यम से एक दिन में उसके भाई का मकान बेचकर लगभग 70 लाख रुपए की धनराशि उन्हें दिलवा सकता है। इस प्रकार निहार द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर षड्यंत्र के तहत धोखाधड़ी करते हुए उनसे धनराशि हड़प ली गई एवं उसके भाई का मकान भी हड़प लिया गया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। आज पुलिस को सूचना मिली कि निहार कर्णवाल हरिद्वार से कहीं दूर भागने की फिराक में था।
जिस पर पुलिस द्वारा कार्यवाही कर निहार कर्णवाल को ऋषिकुल तिराहे मुख्य हाईवे के पास से गिरफ्तार किया गया। जिसके द्वारा पूछताछ में बताया गया कि वह अपने अन्य साथियो निशाँत कुमार गुप्ता, निखिल बेनिवाल व उसकी माता मेमकिला के साथ मिलकर एक गिरोह के रूप में काम करते है व एक षडयंत्र के तहत बेरोजगार युवककृयुवतियो को अपना निशाना बनाकर उनको सरकारी नौकरी का लालच देते हैं। इसके लिये गाड़िया तथा गनर आदि की व्यवस्था निशांत कुमार गुप्ता करता है जिससे वह डीएम लगे तथा उसके बाद निहार कर्णवाल सरकारी नौकरी के नाम पर जाल मे फँसे बेरोजगार को किसी उच्च सरकारी पद का प्रलोभन देकर उसकी जमीन को निखिल बेनिवाल जो की एक प्रोपर्टी डीलर है के माध्यम से उसके तथा उसके परिवार के नाम से गिफ्ट करवा देते है तथा फिर इस प्रापर्टी को आगे किसी पार्टी को सेल कर देते है।
आगे पढ़ें भाजपा के सभी सांसदों के कटेंगे टिकटः हरीश

हरीश के बयान से भाजपा में हड़कंप
देहरादून। उत्तराखंड के सबसे अनुभवी नेता पूर्व सीएम हरीश रावत के इस बयान से सूबे की राजनीति में हड़कम्प की स्थिति पैदा हो गई। जिसमें उन्होंने कहा है कि भाजपा 2024 के चुनाव में अपने किसी भी वर्तमान सांसद को टिकट नहीं देगी सभी के टिकट काटे जाएंगे।
उनके इस बयान के बारे में जब उनसे पूछा गया कि उन्हें इसकी जानकारी कैसे और कहां से मिली जिसके आधार पर वह यह दावा कर रहे हैं तो इस पर उनका कहना है कि वह राज्य भर में शहर शहर, गांव गांव घूमते हैं उन्हें पता है कि भाजपा के सांसदों के खिलाफ किस तरह एंटी इन्कैम्बसी है यह बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व भी जानता है इसलिए भाजपा अपने किसी भी वर्तमान सांसद को 2024 के चुनाव में नहीं उतारेगी और सभी पांचो सांसदों के टिकट काटे जाने तय हैं।
भले ही यह बात हरीश रावत ने अपने राजनीतिक अनुभव के चलते कहीं हो या फिर यह उनका एक सियासी बयान हो लेकिन भाजपा के अंदर कहीं न कहीं इस बात को लेकर विचार मंथन का दौर भी जारी है क्योंकि बीते दो चुनावों से भाजपा के सभी पांचो सांसद चुनाव जीतते आए हैं और 10 साल की एंटी इन्कैम्बसी का प्रभाव भी कम नहीं होता है हरीश रावत का इस तरह का बयान देने का क्या औचित्य है यह तो वही जान सकते हैं लेकिन उनके इस बयान ने न सिर्फ भाजपा सांसदों को बल्कि पार्टी के अंदर कई तरह की चर्चाओं को जन्म दे दिया है। हरीश रावत का कहना है कि उन्हें भाजपा के सभी सांसदों से गहरी सहानुभूति है उनकी संवेदनाएं उनके साथ है। उनका कहना है कि हरिद्वार मेरे लिए तो मेरी राजनीतिक कर्मभूमि है यही कारण है कि मैं हरिद्वार के किसानों की लड़ाई लड़ रहा हूं। वही इन्वेस्टर्स समिट के बारे में पूछे गए सवाल के बारे में उनका कहना है कि अगर प्रदेश में निवेश आता है तो वह भी इसकी खुशी मनाएंगे लेकिन 2018 के समिट के जो नतीजे हमारे सामने हैं वह अच्छे नहीं रहे हैं पहले आप कुछ अच्छा कर लो स्वागत और खुशियां तो सब मनायी ही जाती रहेगी।

आगे पढ़ें 

पूंजीगत परिसम्पत्तियों का सृजन शीर्ष प्राथमिकताः अग्रवाल
देहरादून। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि पूंजीगत परिसम्पत्तियों के सृजन में अभिवृद्धि राज्य की शीर्ष प्राथमिकता है।
आज यहां वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि पूंजीगत परिसम्पत्तियों के सृजन में अभिवृद्धि राज्य की शीर्ष प्राथमिकता है। सुनहरे भविष्य के लिए निजी क्षेत्र में निवेश की वृद्धि के साथ-साथ सार्वजनिक निवेश में वृद्धि के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार में भी राज्यों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए “स्कीम फॉर स्पेशियल एसिस्टेटस टू स्टेट्स फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट 2023कृ24’ के अन्तर्गत राज्यों के लिए सितम्बर 2023 तक पूंजीगत व्यय के लक्ष्य निर्धारित किये है। इसी क्रम में उत्तराखण्ड राज्य के लिए वार्षिक लक्ष्य 8797 करोड ( स्कीम में निवेश के अतिरिक्त) का 45 प्रतिशत पूंजीगत व्यय करने का लक्ष्य था। इस प्रकार लगभग 4000 करोड़ (स्कीम के अतिरित्तफ) के पूंजीगत व्यय का लक्ष्य था। मंत्री ने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वित्त विभाग ने विशेष प्रयत्न किए। बजट प्रावधान के अनुरूप धनराशि आवंटन करने के साथकृसाथ पुर्नवियोग, आकस्मिकता निधि व अनुपूरक बजट के माध्यम से आवश्यकतानुसार प्रावधान सुनिश्चित किये गये। उन्होंने कहा कि अधिकारों के प्रतिनिधायन में शिथिलता प्रदान की गई। पुनःश्च मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक कराई गयी। सम्बन्धित विभागों को समयबद्ध रूप से पूंजीगत व्यय करने हेतु प्रेरित किया गया। वित्त मंत्री ने कहा कि ऐतिहासिक प्रवृत्ति के आधार पर यह लक्ष्य चुनौतीपूर्ण था। विगत वर्षों में प्रथम 6 माह में अधिकतम 2805 करोड़ का ही पूंजीगत व्यय किया गया था। महालेखाकार से प्राप्त आंकडों के आधार पर वर्ष 2019कृ20, 2020कृ21 2021कृ22, 2022कृ23 में क्रमशः 1695 करोड़, 1082 करोड़, 2805 करोड़ व 2138 करोड का पूंजीगत व्यय किया गया। मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023कृ24 के प्रारम्भिक महीनों में पूंजीगत व्यय की प्रगति धीमी थी। वित्त विभाग के तत्वावधान में गहन समीक्षा के उपरान्त पूंजीगत परिव्यय में तेज वृद्धि देखी गई। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों के फलस्वरूप सुखद परिणाम आने लगे। 29 सितम्बर 2023 तक लगभग रू0 4800 करोड़ (4798 करोड़) पूंजीगत परिव्यय हो गया है। मंत्री ने कहा कि इस ऐतिहासिक उपलब्धि से जहाँ एक ओर “स्कीम फॉर स्पेशियल एसिस्टेटस टू स्टेट्स फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट 2023कृ24“ की तृतीय किस्त पाने के लिए राज्य अर्ह हो गया है वहीं दूसरी और यह पूंजीगत निवेश के क्षेत्र में राज्य की नई क्षमता का प्रतीक है।
आगे पढ़ें 

सड़क हादसे में बाइक सवार युवक की मौत
टिहरी। सड़क दुर्घटना में आज सुबह एक बाइक सवार युवक के खम्बे में टकरा जाने से वह गम्भीर रूप से घायल हो गया। जिसे अस्पताल पहुंचाया गया जहां चिकित्सकों द्वारा उसे मृत घोषित कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार आज सुबह करीब 8ः00 बजे के लगभग एक लड़का आदित्य पुत्र भारत सिंह निवासी ग्राम की रोड देवप्रयाग टिहरी गढ़वाल जो तीन धारा से अपनी मोटरसाइकिल से ब्यासी की तरफ जा रहा था। बताया जा रहा है कि इस दौरान तीन धारा से करीब डेढ़ किलोमीटर पहले वह ब्यासी की तरफ एक खंभे से टकरा गया। जिससे वह गम्भीर रूप से घायल हो गया। राहगीरों ने आननकृफानन में पुलिस को इसकी सूचना दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने तत्काल युवक को एंबुलेंस से बागी अस्पताल देवप्रयाग पहुंचाया। जहां पर डॉक्टर द्वारा उसे मृत घोषित किया गया। जिसके शव को कब्जे में लेकर पुलिस ने अग्रिम कार्यवाही शुरू कर दी है।

आगे पढ़ें 

राजधानी में 51 डिपार्टमेंटल स्टोर से शराब की बिक्री

तीर्थ नगरी ऋषिकेश में भी पांच स्टोर्स को लाइसेंस जारी
देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड के लोगों और उनकी सभ्यता तथा संस्कृति के साथ यह कैसा भद्दा मजाक है कि सत्ता शीर्ष पर बैठे नेताओं द्वारा प्रदेश को 2025 तक नशा मुक्त प्रदेश बनाने का दावा और वायदा किया जाता है वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में देसी-विदेशी शराब की नदियां बहाने और नशाखोरी में उसे गोवा से भी आगे ले जाने की तैयारी की जा रही है।
बीते कई दिनों से तीर्थ नगरी ऋषिकेश में डिपार्टमेंटल स्टोर से शराब की हो रही बिक्री के विरोध में स्थानीय लोगों द्वारा शासनकृप्रशासन के खिलाफ जबरदस्त आंदोलन किया जा रहा है। जिन धार्मिक स्थलों और नगरों में शराब के ठेके पर प्रतिबंध होता था अब वहां चोर दरवाजे (डिपार्मेंटल स्टोर्स) से महंगी विदेशी दारू बिकवाई जा रही है। ऋषिकेश के लोग सरकार की इस नीति के खिलाफ कई दिनों से सड़कों पर उतरे हुए हैं तथा इस क्षेत्र में खोली गई पांच एफ एल 5डी एस के लाइसेंस रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
उधर अगर राजधानी दून की बात की जाए तो 2021-22 से लेकर लगभग 51 लाइसेंस डिपार्टमेंटल स्टोर्स को 5 एफ एल 5 डी एस के लाइसेंस जारी किए गए हैं और उनसे आला किस्म की अंग्रेजी शराब की बिक्री की जा रही है। खास बात यह है कि उनके बारे में आम आदमी को कोई जानकारी नहीं है क्योंकि वह न तो घरेलू सामान खरीदने के लिए इन अत्याधुनिक डिपार्टमेंटल स्टोर तक पहुंचता है न यहां मिलने वाली महंगी शराब को खरीदने की उसकी क्षमता है। खास लोगों के लिए उपलब्ध कराई जा रही यह सुविधा बहुत कम समय में जितनी तेजी से पैर पसार रही है वह भी हैरान करने वाली बात है। 2021कृ22 में शुरुआत में सिर्फ चार डिपार्टमेंटल स्टोर से इसकी शुरुआत हुई थी। सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने 2022कृ23 में 14 नए लाइसेंस जारी किया और 2023कृ24 के लिए अब तक 25 लाइसेंस जारी किए गए हैं। वर्तमान समय में राजधानी दून के 50 से अधिक डिपार्टमेंटल स्टोर से अंग्रेजी शराब की बिक्री हो रही है जिसमें ऐसेकृऐसे ब्रांड मिल रहे हैं जिनके किसी ने नाम भी नहीं सुने होंगे। राजधानी में सरकार द्वारा टेंडर के माध्यम से देसी और विदेशी शराब का जो आवंटन किया गया है वह अलग है। जिनकी संख्या सैकड़ो में है। सवाल यह है कि आखिर सरकार चाहती क्या है? एक तरफ मुख्यमंत्री धामी 2025 तक नशा मुक्त प्रदेश बनाने की बात करते हैं वहीं दूसरी तरफ नशाखोरी में गोवा को भी पीछे छोड़ने की तैयारी चल रही है।
यहाँ पर यह बात उल्लेखनीय हैं कि जहां सरकार इन डिपार्टमेंटल स्टोर्स को खोल के राजस्व को बढ़ाना चाहती है!वहीं दूसरी ओर यह भी जानने की जरूरत हैं कि पिछले साल और इस साल को मिलाकर कितना अधिभार आबकारी विभाग का ठेकेदारों के ऊपर बकाया है जिसे वसूल करने के लिये विभाग द्वारा कोई भी कदम नहीं उठाया गया है।

Next Post

Chief Electoral Officer discussed with the political parties of the state regarding standardization and reassignment of polling places in the state. Know the news

देहरादून,  आगामी नवरात्रि के लिए  डाट काली मंदिर के  महंत श्री से वार्ता करने के लिए *सभी राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से मतदेय स्थलों के संशोधन के संबंध में उपयुक्त प्रस्ताव देने का किया अनुरोध* *राज्य में अन्तिम रूप से एकीकरण के उपरान्त मतदेय स्थलों की संख्या 11647 से बढकर […]

You May Like