मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ऋषिकेश में नाथ संप्रदाय के गुरू गोरक्षनाथ मंदिर में गुरू गोरक्षनाथ जी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सम्मिलित हुए

Pahado Ki Goonj
मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत रविवार को ऋषिकेश में नाथ संप्रदाय द्वारा आयोजित गुरू गोरक्षनाथ मंदिर में गुरू गोरक्षनाथ जी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सम्मिलित हुए
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विधान सभा अध्यक्ष श्री प्रेमचन्द्र अग्रवाल व पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद डाॅ.रमेश पोखरियाल निशंक भी उपस्थित थे। 
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि पिछले एक साल में उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश के मध्य परिसम्पतियों के बटवारें से सम्बन्धित कई लम्बित प्रकरणों का समाधान हुआ है।
दोनों राज्य एक-दूसरे के आपसी सहयोग से आगे भी विभिन्न मसलों पर सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ेंगे। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को समस्याओं के समाधान में विश्वास रखने वाला बताया। उत्तर प्रदेश जैसे विशाल विविधता वाले प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था को उन्होंने कैसे दुरूस्त किया है यह आज दुनिया देख रही है। उन्होेंने अपना भरा पूरा परिवार छोडकर समाज व देश की सेवा के लिये संन्यास का मार्ग अपनाया। उन्होंने कहा कि संन्यासी किसी क्षेत्र विशेष का नही बल्कि पूरे समाज व देश का होता है। सृष्टि के कल्याण का उनका संकल्प होता है। उत्तर प्रदेश जैसे विशाल प्रदेश को उन्होंने अपने जिस कुशल प्रशासनिक दक्षता के साथ नई दिशा देने का प्रयास किया है, यह वास्तव में गौरव की बात है। 
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि है हम सबके मन के भाव एवं भावनायें भी इसी प्रकार की होनी चाहिये। प्रसिद्ध योगी गोरक्षनाथ को अमर योगी बताते हुए उन्होंने कहा कि वे साधक एवं भक्त की भावना के अनुरूप दर्शन देते हैं व कृतार्थ करते हैं। उत्तराखण्ड में नाथ सम्प्रदाय के 24 स्थान हैं। इन स्थानों के प्रति लोगों की गहरी आस्था रही है। उन्होंने कहा कि उनका उत्तराखण्ड से भावनात्मक लगाव रहा है। उनका प्रयास है कि उत्तराखण्ड व उत्तर प्रदेश के मध्य परिसम्पतियों व जमीन सम्बन्धी कोई विवाद न रहे। इसके लिये उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री के साथ सकारात्मक माहौल की बात आगे बढी है। कई समस्याओं का समाधान हो भी गया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड पर दैविक कृपा रही है। यहां की चोटियों पर देवता निवास करते हैं। उत्तराखण्ड सबसे उपजाऊ क्षेत्र के साथ ही गंगा-यमुना का उद्गम स्थल व चारधाम विशिष्टता प्रदान करते हैं। गंगा व यमुना के कारण उत्तर भारत देश का सबसे उपजाऊ क्षेत्र है। बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, हेमकुण्ड साहिब, ऋषिकेश, हरिद्वार की ओर देश व दुनिया देखती है। उनके चारधाम यात्रा एवं गंगा स्नान की इच्छा रहती है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड आध्यात्मिक व भौतिक ऊर्जा के साथ आगे बढ रहा है। यहां के मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत पारदर्शिता के साथ जनहित में निर्णय लेकर समाज के अन्तिम पंक्ति में खडे व्यक्ति तक जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उपलब्ध करा रहे हंै।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत, पर्वतीय राज्य की अवधारणा के अनुरूप पहाड़ी क्षेत्र की समस्याओं का समाधान तथा जनता से सीधा संवाद स्थापित कर समस्याओं का निदान कर रहे हैं। इससे दुर्गम क्षेत्रों की समस्याओं के समाधान का मार्ग प्रशस्त हुआ है। विषम भौगोलिक परिस्थिति के बावजूद उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री द्रुतगति से जनसमस्याओं के समाधान के प्रति प्रयासरत हंै। उन्होंने मुख्यमंत्री को गैरसैंण में विधानसभा सत्र आयोजित करने के लिये भी बधाई दी तथा उत्तराखण्ड को देश की सुरक्षा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बताया। देश की सुरक्षा में तैनात यहां के वीर सैनिकों की भी उन्होंने सराहना की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र के कुशल नेतृत्व में उत्तराखण्ड विकास की नई ऊंचाईयां प्राप्त करेगा।
इस अवसर पर नाथ सम्प्रदाय के योगी बालकनाथ जी महाराज, महंत नरहरिनाथ एवं अन्य संतगण उपस्थित थे।
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