कड़वा चौथ हमारे देश की संस्कृति को बचाने में सहायक है

Pahado Ki Goonj

हिन्दू धर्म मे कड़वा चौथ मातृ शक्ति का जीता जागता उदाहरण है  दूसरे के घर आँगन में जन्मी बड़ी होकर दूसरे घरमे व्याह होकर अपने मायके के लाड प्यार से दूर दूसरों की मर्यादा को बचाने के लिए अपने जीवन को खपना । आगे की संतानों की चिंता का भार बाहन कर उनको काविल बनाने में अपने को समर्पित करना, कितने कष्ट सहने के बाद पति की लम्बी उम्र के लिए कड़वा चौथ का व्रत रख कर अपने त्याग तपस्या कर  माता सीता का  उदाहरण देते हैं ।देहरादून उत्तराखंड  देश के अन्य राज्य में तो पति पत्नी के झगड़े की बाढ़ आरखी है। विवाह जीवन चलाने समझौता है। उसके लिए एक बोले तो दूसरे को चुप रहकर उसकी बात पर मनन करना चाहिए ।मनन करने वाले मनुष्यों की संस्कृति कडवाचौथ है।ukpkg.com समाचार पोर्टल भगवान से इन सुहागिन मातृ शक्ति को व उनके पतियों को सद्बुद्धि भगवान दे।उनका घर पुनः बसे अगली करवा चौथ पर उनके द्वारा अपने जीवन के साथ साथ व्रत मनाने का अबसर मिले। त्याग मेंं  माताओ  को कोटि-2 प्रणाम करते हैं।

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