मुख्यमंत्री ने 09 नगर निकायों को प्रदान किये अटल निर्मल पुरस्कार
*देहरादून नगर निगम,नगर पालिका मुनिकीरेती एवं नन्दप्रयाग नगर पंचायत को मिला प्रथम पुरस्कार।*
*राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत 05 निकायों को दिया गया स्वच्छता गौरव सम्मान।*
*अटल निर्मल नगर पुरस्कार की धनराशि 02 करोड़ रूपये की जायेगी।*
*पीएमएवाई शहरी के लाभार्थियों को दी जायेगी 05-05 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि।*
*यात्रा काल के दौरान पर्यावरण मित्रों को भोजन एवं गरम वर्दी के लिए अतिरिक्त मानदेय दिया जायेगा।*
*केन्द्रीयत सेवा के कर्मचारियों के पेंशन देयकों के भुगतान हेतु राज्य वित्त आयोग से 01 प्रतिशत की धनराशि उपलब्ध कराई जायेगी।*
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में बेहतर प्रदर्शन करने वाले निर्मल नगरों को अटल निर्मल नगर पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया। इस अवसर पर प्रदेश के 09 निकायों को अटल निर्मल पुरस्कार एवं राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत 05 निकायों को स्वच्छ गौरव सम्मान प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान दून कैंट स्वच्छता चौपाल का लोगो लाँच भी किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर चार घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि अटल निर्मल नगर पुरस्कार की धनराशि 01 करोड़ रूपये से बढ़ाकर 02 करोड़ रूपये की जायेगी, कैंट बोर्ड को भी इसमें सम्मिलित करने के लिए जो प्राविधान होंगे, उसके अनुसार किया जायेगा। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के लाभार्थियों को भी आवास बन जाने के बाद सामान के लिए 05-05 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। केदारनाथ, बद्रीनाथ एवं गंगोत्री में यात्राकाल के दौरान कार्य करने वाले पर्यावरण मित्रों को भोजन एवं गरम वर्दी के लिए अतिरिक्त मानदेय दिया जायेगा। केन्द्रीयत सेवा के कर्मचारियों के पेंशन देयकों के भुगतान हेतु राज्य वित्त आयोग से 01 प्रतिशत की धनराशि उपलब्ध कराई जायेगी।
मुख्यमंत्री ने अटल निर्मल नगर पुरस्कार के लिए चयनित नगर निगम, नगर पालिका व नगर पंचायत के प्रतिनिधियों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 में बेहतर प्रदर्शन कर इन निकायों ने राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान पाकर हमारे प्रदेश का नाम रोशन किया है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 में बेहतर प्रदर्शन के आधार पर वर्ष 2022-23 के लिए 9 निकायों का चयन होना उत्तराखंड के लिए गौरव की बात है। मुख्यमंत्री ने कहा कि निकाय प्रदेश के दर्पण हैं। हम अपने निकायों में कैसे और बेहतर कार्य कर सकते हैं, इस दिशा में निरन्तर प्रयासों की जरूरत है। 2025 तक उत्तराखण्ड को अग्रणी राज्य बनाने में निकायों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उत्तराखण्ड का समग्र विकास सभी प्रदेशवासियों की सामुहिक जिम्मेदारी है, इसमें सबको अपना योगदान देना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश में स्वच्छता का बीड़ा उठाते हुए जिस बड़े बदलाव की शुरुआत की थी, उसका परिणाम आज पूरे देश में दिख रहा है। उनके महान विजन का ही नतीजा है कि आज देश के करीब 25 राज्यों ने अपने आप को पूरी तरह से खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया है। प्रधानमंत्री जी ने विश्व को स्वच्छ बनाने के लिए 4P पॉलिटिकल लीडरशिप, पब्लिक फंडिंग, पार्टनरशिप एवं पीपल पार्टिसिपेशन को जरूरी बताया था। यह 4P का सिद्धांत देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को स्वच्छ बनाने के लिए आवश्यक है। प्रधानमंत्री जी ने लाल किले की प्राचीर से जिस स्वच्छता अभियान की बात की थी, वह स्वच्छता अभियान आज दुनिया का सबसे बड़ा आंदोलन बन चुका है।
शहरी विकास मंत्री श्री प्रेम चन्द अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए निकायों द्वारा अच्छा कार्य किया जा रहा है। बड़े मंच पर पुरस्कार मिलने से गौरव की अनुभूति होती है। इससे अन्य निकायों को भी अच्छा कार्य करने के लिए प्रेरणा मिलती है। राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर कुल 06 पुरस्कार मिले यह एक बड़ी उपलब्धि है।
अटल निर्मल नगर पुरस्कार 2022-23 हेतु निकायों का श्रेणीवार चयन स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में किए गये प्रदर्शन के आधार पर किया गया। जिसमें नगर निगम देहरादून को प्रथम, नगर निगम रूड़की को द्वितीय एवं नगर निगम ऋषिकेश को तृतीय पुरस्कार मिला। इन नगर निगमों को क्रमशः 20 लाख, 15 लाख एवं 10 लाख रूपये की धनराशि प्रदान की गई। नगर पालिकाओं में नगर पालिका मुनिकीरेती को प्रथम, नगर पालिका नरेन्द्रनगर को द्वितीय एवं डोईवाला को तृतीय पुरस्कार मिला। इन नगर पालिकाओं को क्रमशः 15 लाख, 10 लाख एवं 08 लाख रूपये की धनराशि प्रदान की गई। नगर पंचायतों में नगर पंचायत नन्दप्रयाग को प्रथम, नगर पंचायत सुल्तानपुर को द्वितीय एवं नगर पंचायत गूलरभोज को तृतीय पुरस्कार मिला। इन नगर पंचायतों को क्रमशः 10 लाख, 07 लाख एवं 05 लाख रूपये की धनराशि प्रदान की गई।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्वच्छ सर्वेक्षण -2022 में राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत 05 निकायों को स्वच्छता गौरव सम्मान प्रदान किया। जिसमें नगर निगम हरिद्वार को राष्ट्रीय स्तर पर एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले गंगा शहरों में प्रथम स्थान, छावनी परिषद् लण्ढौर को छावनी परिषद् श्रेणी में अधिकतम सिटीजन फीडबैक हेतु प्रथम स्थान, नगर पालिका परिषद् रामनगर को नॉर्थ जोन के 50 हजार से 01 लाख जनसंख्या वाले शहरों में फास्टेस्ट मूवर सिटी पुरस्कार, नगर पालिका परिषद् डोईवाला को नॉर्थ जोन के 15 हजार से कम जनसंख्या वाले शहरों में फास्टेस्ट मूवर सिटी पुरस्कार एवं नगर पालिका परिषद् नरेन्द्र नगर को नॉर्थ जोन के 15 हजार से कम जनसंख्या वाले शहरों में बेस्ट सस्टेनेबल सिटी पुरस्कार प्रदान किया गया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी, विधायक श्री खजान दास, मेयर देहरादून श्री सुनिल उनियाल गामा, मेयर ऋषिकेश श्रीमती अनिता ममगाईं, मेयर हरिद्वार श्रीमती अनिता शर्मा, मेयर रूड़की श्री गौरव गोयल, अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द वर्द्धन, सचिव शहरी विकास श्री दिपेन्द्र चौधरी, निदेशक शहरी विकास श्री नवनीत पाण्डे, नगर आयुक्त श्री मनुज गोयल एवं विभिन्न निकायों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
[आगेपढें
प्रदेश के 2000 छात्र छात्राओं को 150 टीचर कैरियर गुरु की ट्रेनिंग देंगे: शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत*
शिक्षा मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत ने कहा है कि दसवीं और बारहवीं कक्षाओं के बाद विद्यार्थियों को विभिन्न क्षेत्रों में जाने के लिए तमन्ना एप्टिट्यूड टेस्ट से 150 शिक्षकों द्वारा 2000 बच्चों को करियर काउंसलिंग दी जाएगी।
शिक्षा मंत्री ने सोमवार को नवोदय विद्यालय रायपुर देहरादून की वर्चुअल स्टूडियो में द करियर गुरु प्रोग्राम के उद्घाटन अवसर पर कहा कि अभी प्रदेश में 2000 बच्चों को इससे जोड़ा जाएगा। एनसीईआरटी के माध्यम से तमन्ना एप्टिट्यूड टेस्ट पूरे देश भर में और राज्य में करवाए जा रहे हैं। जिसके माध्यम से छात्र-छात्राएं यह तय कर पाएंगे कि उन्हें किस दिशा में आगे बढ़ना है । उन्होंने कहा कि आठवीं कक्षा के बाद विद्यार्थी वोकेशनल कोर्स चुन सकते हैं जिसको लेकर 400 स्कूलों में वोकेशनल क्लासेज शुरू की जा रही है। स्नातक के पश्चात विद्यार्थी चॉइस आधारित विषय चुन सकते हैं, अर्थात साइंस, सांख्यिकी और कला संकाय के विषयों को चुन सकते हैं।
शिक्षा मंत्री डॉ रावत ने कहा कि अब जल्द ही गुजरात सरकार की तर्ज पर उत्तराखंड में भी विद्या समीक्षा केंद्र बनाए जा रहे हैं। विद्या समीक्षा केंद्र के द्वारा शिक्षक और छात्र छात्राओं के पठन-पाठन की जानकारी आसानी से उपलब्ध हो पाएगी। कक्षा में शिक्षक किस प्रकार छात्र छात्राओं को पढ़ा रहे हैं और बच्चा कैसे शिक्षा ग्रहण कर रहा है, ट्रांसफर एवं प्रमोशन सब ऑनलाइन हो जाएंगे।
शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड के 40 लाख छात्र छात्राओं की हेल्थ आईडी बनाने का कार्य चल रहा है। हेल्थ आईडी के माध्यम से बच्चे का पूरा मेडिकल रिकॉर्ड ऑनलाइन हो जाएगा। हर स्कूलों में स्वास्थ्य विभाग की टीम आकर यह हेल्थ आईडी बनाने जा रही है । हेल्थ आईडी बनने के बाद ऑनलाइन चिकित्सक की परामर्श ले पाएंगे।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में शैक्षिक गुणवत्ता के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे स्वयं 200 स्कूलों का निरीक्षण कर चुके हैं। सरकार प्राइमरी स्कूलों को ₹5000 खेल सामग्री और ₹5000 पुस्तकालय के लिए दिए जा रहे हैं। जूनियर हाई स्कूल को ₹10000 और इंटरमीडिएट को ₹20000 दिए जा रहे हैं। शासकीय स्कूलों के साथ अब अशासकीय स्कूलों को भी ड्रेस जूते और किताबें मुफ्त सरकार देने जा रही है।
सचिव श्री बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने शेवनिंग एलुमनाई फण्ड से इस प्रोजेक्ट के लिए 05 लाख रुपए की धनराशि प्रदान की। उन्होंने कहा कि आसरा ट्रस्ट विगत 13 वर्षों से देहरादून की सड़कों, मलिन बस्तियों तथा समाज के सबसे वंचित बच्चों के उत्थान के लिए कार्य कर रहा है। आसरा ट्रस्ट बच्चों की शिक्षा के साथ-साथ कौशल विकास, पोषण, चिकित्सा तथा निराश्रित बच्चों के लिए आश्रय गृह का संचालन करता है। उन्होंने कहा इसी दिशा में आसरा ट्रस्ट, प्रदेश के 10वी 12वी कक्षा के छात्र एवं छात्राओं के सही प्रकार से करियर चयन हेतु मार्गदर्शन करने
शेवनिंग एलुमनाई फण्ड द्वारा वित्तपोषित “द करियर गुरु कार्यक्रम का संचालन करने जा रहा है।
इस अवसर पर शिक्षा महानिदेशक श्री बंशीधर तिवारी ने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं में टॉप मेरिट लिस्ट में राजकीय विद्यालयों के बच्चों का नाम अवश्य आना चाहिए। इसके लिए उन्होंने प्रदेश के सभी ऑनलाइन जुड़े अध्यापकों से कहा कि बच्चों को पढ़ाने के साथ ही प्रैक्टिस पेपर नियमित करवाएं।
इस अवसर पर आसरा ट्रस्ट की चेयरमैन शाहिला ब्रजनाथ ने कहा कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत करियर काउंसलिंग प्रदान करने वाली संस्था “आई ड्रीम करियर के माध्यम से उत्तराखंड के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को तमन्ना एप्टीट्यूड टेस्ट एवं करियर काउंसलिंग द्वारा छात्र एवं छात्राओं के मार्गदर्शन के लिए प्रशिक्षण दिया जायेगा । शिक्षक अपने विद्यालयों के छात्र एवं छात्राओं के साथ तमन्ना एप्टीट्यूड टेस्ट का प्रयोग करेंगे। इसके उपरांत परीक्षा के रिपोर्ट एवं छात्र छात्राओं के रुझान के अनुसार उनका मार्गदर्शन भी किया जायेगा।आगेपढें
*मुख्यमंत्री ने की सी.एम. हेल्पलाइन 1905 की समीक्षा।*
*अब 15 दिन के अंतराल में आयोजित होगी ऐसी बैठक।*
*मुख्यमंत्री ने शिकायतकर्ताओं एवं हेल्पलाइन 1905 पर स्वयं वार्ता कर परखी व्यवस्थायें।*
*मुख्यमंत्री प्रति सप्ताह सभी जनपदों के कुछ शिकायतकर्ताओं से करेंगे दूरभाष पर वार्ता।*
*सचिवों, विभागाध्यक्षों एवं जिलाधिकारियों को दिये प्रति सप्ताह समीक्षा एवं शिकायतकर्ताओं से वार्ता के निर्देश।*
*शिकायतकर्ता से संवाद करने के बढ़ेगा संतुष्टि का स्तर।*
*हमारा प्रयास जरूरतमंद लोगों की समस्याओं का त्वरित समाधान।*
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सीएम हेल्पलाइन 1905 पर प्राप्त होने वाली शिकायतों का निर्धारित अवधि में निस्तारण के निर्देश दिये हैं। यह पोर्टल औपचारिक नहीं बल्कि जन समस्याओं के समाधान का कारगर माध्यम बने, सभी विभागीय अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने प्रत्येक 15 दिन में हेल्पलाइन पर प्राप्त होने वाली शिकायतों की शासन स्तर पर समीक्षा करने के भी निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री प्रति सप्ताह सभी जनपदों के कुछ शिकायतकर्ताओं से भी वार्ता कर शिकायतों के क्रियान्वयन का फीडबैक लेंगे।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में सीएम हेल्पलाइन 1905 में प्राप्त शिकायतों एवं उनके निस्तारण की व्यवस्थाओं की समीक्षा की। समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी के साथ सभी प्रमुख सचिव, सचिव, विभागाध्यक्ष एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे। सचिव श्री शैलेश बगोली एवं अपर सचिव श्री जगदीश काण्डपाल द्वारा प्रस्तुतिकरण के माध्यम से इससे सम्बन्धित व्यवस्थाओं एवं प्रक्रियाओं की जानकारी प्रस्तुत की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन 1905 आम जन की सुविधा तथा जरूरतमंद लोगों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिये बनाया गया है। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता की संतुष्टि हमारा उद्देश्य है। लोगों की संतुष्टि के लिये यदि इसमें कुछ सुधार की जरूरत हो तो वह भी की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने बैठक में ऊधमसिंह नगर के शिकायतकर्ता श्री सुनील तथा रूद्रप्रयाग के वीरेन्द्र सिंह से वार्ता कर जानकारी भी प्राप्त की यही नहीं मुख्यमंत्री ने हेल्पलाइन 1905 पर फोन कर कंट्रोल रूम की व्यवस्थाओं को भी परखा। उन्होंने इस व्यवस्था से जुड़े कार्मिकों को भी और अधिक प्रशिक्षित किये जाने की भी जरूरत बतायी।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि शिकायतकर्ता की संतुष्टि ही समस्या का समाधान माना जाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिये कि आगामी 10 दिनों में लम्बित समस्याओं के समाधान का प्रयास किये जाएं। उन्होंने यह व्यवस्था बनाने को भी कहा कि शिकायतकर्ता को उनकी शिकायतों पर की गई कार्यवाही की भी जानकारी समय पर उन्हें उपलब्ध करायी जाय।
उन्होंने कहा कि इस योजना की जानकारी अधिक से अधिक लोगों को हो यह भी देखा जाना चाहिए। उन्होंने जन समस्याओं का समाधान ई ऑफिस के माध्यम से किये जाने की भी बात कही।
मुख्यमंत्री ने सभी सचिवों, विभागाध्यक्षों एवं जिलाधिकारियों से भी नियमित रूप से प्राप्त शिकायतों की समीक्षा तथा शिकायतकर्ताओं से संवाद करने को कहा। इससे लोगों में शिकायतों के प्रति संतुष्टि का स्तर बढ़ेगा तथा उन्हें तथ्यों की सही जानकारी भी प्राप्त होगी।
मुख्यमंत्री ने इस प्रक्रिया के तहत बेहतर तथा औसत कार्य करने वाले विभागों के चिन्हीकरण के भी निर्देश दिये ताकि इस दिशा में किये जा रहे प्रयासों की वस्तुस्थिति भी सामने आ सके।आगेपढें
*शीघ्र तैयार होगी एंटी ड्रग्स एंड रिहेबिलिटेशन पॉलिसीः डॉ0 धन सिंह रावत*
*कहा, सभी शिक्षण संस्थानों में अनिवार्य होगा एंटी ड्रग्स सेल का गठन*
*पुलिस, समाज कल्याण, शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग के साथ की मैराथन बैठक*
*सभी विभागों से मांगे गये सुझाव, स्वास्थ्य विभाग को बनाया नोडल*
देहरादून, 19 दिसम्बर 2022
उत्तराखंड को ड्रग्स फ्री स्टेट बनाने के उद्देश्य से प्रदेशभर में शीघ्र ही ‘ड्रग्स फ्री देवभूमि/2025 अभियान’ चलाया जायेगा। इस अभियान के तहत प्रत्येक माह शिक्षण संस्थानों, सार्वजनिक स्थानों, अनाथालयों, जिला कारागारों एवं सरकारी कार्यालयों में जन जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। सभी शिक्षण संस्थानों मेंएंटी ड्रग्स सेल का गठन अनिवार्य रूप से करना होगा। राज्य सरकार शीघ्र ही एंटी ड्रग्स एंड रिहेबिलिटेशन पॉलिसी लाने जा रही है। जिसका ड्राफ्ट स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयार किया जा रहा है, इसके लिये सभी संबंधित विभागों से दो सप्ताह के भीतर सुझाव देने को कहा गया है।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आज सचिवालय स्थित एफआरडीसी सभागार में उत्तराखंड को ड्रग्स फ्री स्टेट बनाने को लेकर मैराथन बैठक हुई। जिसमें डॉ0 रावत ने कहा कि राज्य सरकार ने उत्तराखंड को वर्ष 2025 तक ड्रग्स फ्री स्टेट बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके शीघ्र ही एंटी ड्रग्स एंड रिहेबिलिटेशन पॉलिसी अस्तित्व में आ जायेगी। राज्य में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को इस अभियान का नोडल बनाया गया है। पुलिस, समाज कल्याण, श्रम, सेवा योजन एवं कौशल विकास, विद्यालयी शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, कृषि शिक्षा एवं आयुष शिक्षा आदि विभागों को भी अभियान में शामिल किया गया है। डॉ0 रावत ने बताया कि अभियान के अंतर्गत प्रत्येक माह राज्य से लेकर ब्लॉक स्तर तक राजकीय एवं निजी विद्यालयों, महाविद्यालयों, निजी उच्च शिक्षण संस्थानों, विश्वविद्यालयों, सार्वजनिक स्थानों, जिला कारागारों, अनाथालयों एवं सरकारी कार्यालयों में ड्रग्स के दुष्प्रभावों को लेकर जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। अभियान में ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों, जिला पंचायतों, नगर निकायों को भी शामिल किया जायेगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अभियान के साथ ही जो युवा ड्रग्स की चपेट में आ चुके हैं उनके पुनर्वास के लिये समुचित व्यवस्था की जायेगी जिसके तहत राज्य सरकार के मानसिक चिकित्सालयों को उच्चीकृत करने के साथ ही काउंसलर एवं मनोचिकित्सक की तैनाती की जायेगी। इसके साथ ही जो एनजीओ इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं उनके माध्यम से भी पुनर्वास का कार्य कराया जायेगा। साथ ही ऐसे एनजीओ स्टेट मेंटल हेल्थ आथॉरिटी में पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा ताकि समय समय इनके द्वारा किये जा रहे कार्यों का निरीक्षण किया जा सके। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि ऐसे युवाओं के पुनर्वास एवं उपचार के निःशुल्क दवा, टेली मनस के माध्यम से काउंसिलिंग की व्यवस्था उपलब्ध है। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि प्रत्येक जिले में रिहेबिलिटेशन सेंटर बनाया जाना चाहिये साथ ही जो लोग इस धंधे में लिप्त हैं उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई का प्रावधान भी किया जाना आवश्यक है। इसके साथ ही जो एनजीओ सरकार के सहयोग से इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं उनके लिये भी नियम बनाये जाने जरूरी हैं ताकि सरकारी सहयोग लेने के उपरांत सही ढंग से काम न करने वाले एनजीओ के विरूद्ध भी कार्रवाई की जा सके। बैठक में सचिव कृषि शिक्षा बी0वी0आर0सी0 पुरूषोत्तम ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में ड्रग्स को रोकने के लिये जो प्रावधान तैयार किये जायेंगे उनको सभी सरकारी शिक्षण संस्थानों के साथ ही निजी शिक्षण संस्थानों में भी लागू किया जाना चाहिये। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि एंटी ड्रग्स एंड रिहेबिलिटेशन पॉलिसी का प्रारूप लगभग तैयार कर दिया गया है। एक बार संबंधित विभागों को ड्राफ्ट का प्रारूप भेजकर सुझाव आमंत्रित किये जायेंगे, उसके पश्चात ड्राफ्ट को अंतिम रूप देकर स्वीकृति के लिये कैबिनेट में लाया जायेगा। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की ओर डॉ0 मयंक बडोला ने ड्रग्स एवं उसके दुष्प्रभाव को लेकर एक पावर प्वाइंट के माध्यम से प्रस्तुतिकरण भी दिया।
बैठक में पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड अशोक कुमार, सचिव कृषि बी0वी0आर0सी0 पुरूषोत्तम, एडीजी पुलिस बी0 मुरूगेशन, सचिव स्वास्थ्य आर0 राजेश कुमार, अपर सचिव कृषि रणवीर सिंह चौहान, अपर सचिव समाज कल्याण कर्मेन्द्र सिंह, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर, संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा डॉ0 ए0 एस0 उनियाल, ड्रग कंट्रोलर ताजबर नेगी, नीरज कुमार सहित सहित श्रम एवं कौशल विकास, समाज कल्याण तथा तकनीकी शिक्षा के अधिकारी उपस्थित रहे।