देहरादून- गढवाल की पुकार के सम्पादक बिजेन्द्र कुमार यादव पर माफिया तत्वों द्वारा किए गए प्राणघातक हमले के मामले की जांच देहरादून की एसपी सिटी श्वेता चौबे को सौपी गई है।
उक्त आदेश महानिदेशक, (कानून -व्यवस्था)अशोक कुमार ने पत्रकारों के प्रतिनिधिमंडल द्वारा सौपे गए एक ज्ञापन पर दिए। बीती 13 अप्रैल को पशु क्रूरता निवारण समिति ने नेहरु कालोनी थाना पुलिस की मौजूदगी में अवैध रूप से संचालित हो.रहे डंडरियाल कैनल फार्म पर छापा मारा। छापे से बौखला कर फार्म संचालक दीपक डंडरियाल उर्फ टीटू और उसके साथियों ने टीम पर हमला बोल दिया। टीम के लोगों पर पुलिस की मौजूदगी पर जमकर लात घूंसे बरसाए गए। इसी दौरान टीम के साथ गए पत्रकार बिजेन्द्र यादव पर धारदार हथियार से जानलेवा हमला कर दिया।जिससे उनकी आंख फूटते बची। आंख के ठीक नीचे आठ टांके लगाए गए। पुलिस ने गिरफ्तार मुख्य अभियुक्त दीपक डंडरियाल के प्रति नरमी बरतते हुए थाने से ही जमानत पर रिहा कर दिया।
पत्रकार पर जानलेवा हमले और पुलिस की अपराधियों से मिलीभगत से आक्रोशित पत्रकारों ने महानिदेशक अशोक कुमार को लघु समाचारपत्र एसोसिएशन द्वारा ज्ञापन सौंपा गया।जिस पर महानिदेशक द्वारा एसपी सिटी को जांच सौंपी गई है। पत्रकारों के प्रतिनिधिमंडल मे प्रमुख रुप से अनिल वर्मा,सुरेन्द्र अग्रवाल, शिवप्रसाद सेमवाल, नरेश मिनोचा, निशीथ सकलानी, विकास गर्ग, अखिलेश व्यास,राजेश भटनागर, रचना गर्ग,प्रेमा जी,पंकज अग्रवाल,आलोक शर्मा, प्रतीक पाठक, विनय सूद, सत्यप्रकाश (रिंकू), राजेश पुरी,एम.आर.कौशल, अनवर खान,राजीव मैथ्यू,लक्ष्मी बिष्ट, भुवनेश्वर थपलियाल, राकेश डोभाल, पंकज अग्रवाल, राजू वर्मा, नवीन घिल्डियाल, राजेन्द्र प्रसाद गैरोला, गोपाल चन्द्र सिंघल, धर्मेंद्र यादव, सुभाष चन्द्र, सचिन यादव, रजत यादव सहित भारी संख्या में पत्रकार शामिल रहे। पत्रकारों ने यह भी निर्णय किया है कि यदि माफिया तत्वों व दोषी पुलिस जनो पर कोई प्रभावी कार्यवाही न की गई तो पुनः प्रदर्शन किया जाएगा।