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रोजगार के झूठे आंकड़े देने से बाज आये सरकार- मोर्चा

Pahado Ki Goonj
रोजगार के झूठे आंकड़े देने से बाज आये सरकार -मोर्चा
 सरकार दो साल के कार्यकाल में नहीं दे पायी 20 हजार युवाओं को रोजगार।
 तीन लाख युवाओं को रोजगार का दावा झूठ का पुलिंदा।
 प्रदेश में रिक्त पडे़े हैं 60-70 हजार पद।
विकास नगर:मोर्चा कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जी0एम0वी0एन0 के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश के सरकारी विभागों में लगभग 60-70 हजार पद रिक्त हैं, लेकिन सरकार ने इन पदों पर नियुक्ति करने के बजाय अधिकांश पद मृत घोषित कर युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने का काम किया है।
नेगी ने कहा कि चार दिन पहले सरकार ने उद्यमिता विकास मेले में सार्वजनिक मंच से एलान किया कि उसने 88 हजार युवाओं को आउटसोर्स के माध्यम से इन दो सालों में रोजगार प्रदान किया है, जो कि सरासर झूठ है। प्रदेश का युवा छोटे-मोटे रोजगार की तलाश में दर-दर की ठोकरें खा रहा है तथा वहीं सरकार झूठे आंकड़े पेश कर अपनी पीठ थपथपा रही है।
नेगी ने कहा कि सरकार के मन्त्री भी झूठ बोलने में पीछे नही हैं, मन्त्री मदन कौशिक द्वारा उत्तराखण्ड के 40 हजार उद्योगों में 2.50 लाख युवाओं के रोजगार की बात कहीं है जबकि धरातल पर 3-4 हजार उद्योग ही अस्तित्व में हैं तथा बामुश्किल सवा लाख युवाओं के ही हाथों में रोजगार है, जो कि पहले से स्थापित है। सरकार द्वारा इन दो सालों में औद्योगिक ईकाईयों के लिए कुछ नहीं किया गया, जिसका नतीजा यह रहा कि अधिकांश उद्योग बन्द हो चुके हैं।
नेगी ने कहा कि इस गैर जिम्मेदार सरकार द्वारा दावा किया गया कि इन्होंने 2 लाख युवाओं को रोजगार का प्रशिक्षण दिया है तथा इसको भी इन्होंने रोजगार दिये जाने की सूची में अंकित कर दिया है। मोर्चा ने व्यंग्य कसते हुए कि प्रधानमन्त्री पकौडा योजना को भी सरकार अपने खाते में रोजगार की श्रेणी में गिन रही है।
मोर्चा ने हैरानी जतायी कि सी0एम0 इन्वेस्टर्स समिट के मामले में 10 हजार करोड़ का लक्ष्य रखा है तथा वहीं दूसरी ओर मन्त्री  कौशिक 40 हजार करोड़ के निवेश हो जाने की बात कह रहे हैं।
मोर्चा ने युवाओं से अपील की कि सरकार के इन फर्जी आंकड़ों की दुनिया से बाहर निकलकर हकीकत की दुनिया में आयें तथा अपने रोजगार की लड़ाई लड़ें।पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, डाॅ0 ओ0पी0 पंवार, दिलबाग सिंह, विजयराम शर्मा आदि थे।
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