हल्द्वानी हिंसा के 9 आरोपी मोस्ट वॉन्टेड घोषित, पुलिस ने चस्पा किए पोस्टर

Pahado Ki Goonj
9 accused of Haldwani violence declared most wanted, police pasted posters
  1. हल्द्वानी हिंसा के 9 आरोपी मोस्ट वॉन्टेड घोषित, पुलिस ने चस्पा किए पोस्टर
    हल्द्वानी। हल्द्वानी हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक और उसका बेटा मोईद समेत 9 लोग फरार चल रहे हैं। जिसकी संपत्ति को कुर्क करने के निर्देश कोर्ट से मिल चुके हैं।पुलिस ने फरार सभी 9 आरोपियों के पोस्टर जारी कर उनकी तलाश शुरू कर दी है।
    नैनीताल एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया कि हल्द्वानी हिंसक घटना में शामिल 9 वांछित उपद्रवियों के पोस्टर जारी किए गए हैं। सभी वांछित उपद्रवियों के पोस्टर शहर में जगह-जगह चस्पा किए हैं। पुलिस की टीमें लगातार इन उपद्रवियों की सभी संभावित ठिकानों में तलाश कर रही है। ताकि, उनकी गिरफ्तारी की जा सके। गौर हो कि 8 फरवरी को हल्द्वानी के बनभूलपुरा थाना क्षेत्र में मलिक का बगीचा में अवैध मदरसा और नमाज स्थल को हटवाने के दौरान हिंसा भड़क गई थी। जहां उपद्रवियों ने नगर निगम और पुलिस की टीम पर पथराव कर दिया था। इतना ही नहीं उपद्रवियों ने पत्थरों के साथ पेट्रोल बम भी फेंके।
    इसके अलावा आगजनी भी की गई. साथ ही कई वाहन जला दिए गए। उपद्रवियों ने बनभूलपुरा थाने में भी आग लगाई। वहीं, जब मामला बिगड़ा तो प्रशासन को कर्फ्यू लगाना पड़ा। साथ ही शूट एट साइट के ऑर्डर भी जारी करने पड़े. पूरे हिंसा के दौरान कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए।
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     विधानसभा के बर्खास्त कर्मचारियों को आवास खाली करने का आखरी नोटिस
    देहरादून। विधानसभा के बर्खास्त कर्मचारियों को सरकारी आवास खाली करने का अंतिम नोटिस दे दिया गया है।  बर्खास्त कर्मचारियों को 7 मार्च तक हर हाल में सरकारी आवास खाली करना होगा। ऐसा न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी चेतावनी दे दी गई है इस संदर्भ में राज्य संपति विभाग  सभी बर्खास्त कर्मचारियों को नोटिस जारी किया हैं।
    राज्य संपति विभाग की केदारपुरम स्थित सरकारी कॉलोनी में अभी 40 कर्मचारी रह रहे है। बर्खास्त होने के बाद इन कर्मचारियों को पूर्व में भी घर खाली करने के नोटिस जारी हो चुके हैं। इस मामले में नोटिस जारी होने के बाद भी 40 कर्मचारियों ने आवास खाली नहीं किए हैं। ऐसे में अब विहित प्राधिकारी दिनेश प्रताप सिंह ने नियमानुसार 7 मार्च तक का अंतिम मौका देते हुए नोटिस जारी किया है। नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि नियत तिथि तक आवास खाली नहीं करने पर कर्मचारियों की बेदखली की कार्यवाही की जाएगी। साथ ही बाजार दर पर किराया भी वसूला जाएगा। इतना ही नहीं ऐसा करने वालों से बेदखली में होने वाले खर्च की भी वसूली की जाएगी। इस मामले में सभी 40 बर्खास्त कर्मचारियों को अलग-अलग नोटिस जारी कर दिए गए हैं।

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      माॅक ड्रिलः धुएं से सांस लेने में दिक्कत,लोग दहशत में आए
     देहरादून। रेसकोर्स क्षेत्र में उस वक्त अफरा-तफरी का माहौल बन गया जब अचानक लोगों की आंखों में जलन होने लगी। धुएं से सांस लेने में दिक्कत होने पर लोग दहशत में आ गए है। शिकायत लेकर लोग डीएम के पास पहुंचे तो डीएम ने तुरंत जांच के आदेश दिए।  पुलिस लाइन रेसकोर्स मैं परेड के दौरान बलवा मॉक ड्रिल की गई थी। पुलिस ने मॉक ड्रिल में आंसू गैस के गोले छोड़े थे। जनपद के सभी थानों, कार्यालयों, पुलिस लाइनd ,r ट्रेनिंग के सभी फोर्स ने इस मॉक ड्रिल में प्रतिभाग किया था।
    ड्रिल के दौरान फायर ब्रिगेड, घुड़सवार पुलिस, अश्रु गैस टीम, लाठी पार्टी, फायरिंग पार्टी ने अभ्यास किया। प्रदर्शन कारियों ने पुलिस लाइन को घेरा। तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर बलवाइयों को खदेड़ा।एसएसपी देहरादून के निर्देशों पर पुलिस लाइन देहरादून में मॉक ड्रिल आयोजित की गई थी। मॉक ड्रिल के माध्यम से एसएसपी देहरादून ने दून पुलिस की तैयारियां परखी। अभ्यास में एक्सपायर्ड अश्रु गैस का इस्तेमाल किया गया था।
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    उपनलकर्मियों ने किया सैनिक कल्याण मंत्री के आवास का घेराव
    देहरादून। अपनी  मांगों को लेकर उपनल कर्मचारी  शुक्रवार को सैकड़ों की संख्या में  परेड ग्राउंड में एकत्रित हुए। जिसके बाद वे जूलूस की शक्ल में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के न्यू केंट रोड स्थित आवास पहंुचे। जहां उन्होंने घेराव किया। घेराव के दौरान सुरक्षा बल और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्क-मुक्की भी हुई। वहीं  पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने आवास में एक घंटे का मौन रखा और उपनल कर्मचारियों के आंदोलन में शामिल हुए। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उपनल कर्मचारी निरंतर कई समय से अत्याचार के शिकार हो रहे हैं और इनमें से कुछ ऐसे कर्मचारी भी होंगे, जिन्होंने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा उपनल कर्मी के रूप में बिता दिया है। लेकिन अभी तक उनकों सेवा सुरक्षा नहीं मिल पाई है। उन्होंने कहा कि इनका नियमितीकरण बहुत पहले हो जाना चाहिए था, लेकिन सरकार उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं ले रही है। हरीश रावत ने कहा कि राज्य की सभी महत्वपूर्ण सेवाएं इन कर्मचारियों के माध्यम से चलाई जा रही हैं, लेकिन सरकार इनका संरक्षण प्रदान नहीं कर रही है और मानदेय बढ़ाने में भी टाल-मटोल कर रही हैै। अभिभावक होने के नाते वह इससे बहुत दुखी हैं। उन्होंने कहा कि यह कोई राजनीतिक नहीं, बल्कि सामूहिक लड़ाई है। हम सब लोगों को मिलजुल कर उनके भविष्य को सुरक्षित करना होगा।

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    अनियंत्रित होकर पलटी बस,कई यात्री घायल

  4. रुद्रप्रयाग। ऋषिकेश बदरीनाथ हाईवे पर परिवहन निगम की एक बस अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे के वक्त बस में करीब 30 से 35 सवारियां बैठी हुई थी। जिसमें से कई लोग घायल गए। जिन्हें पुलिस और डीडीआरफ की टीम ने नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। बस के अनियंत्रित होने का कारण परिवहन विभाग ने ब्रेक फेल होना बताया है। जबकि, चश्मदीदों की मानें तो ओवरटेक के चलते यह हादसा हुआ है। यह बस द्वाराहाट से देहरादून जा रही थी।
    मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार की सुबह करीब 11 बजे ऋषिकेश बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर रुद्रप्रयाग से करीब 7 किमी दूर नरकोटा से कुछ पहले उत्तराखंड रोडवेज की बस सड़क पर ही पलट गई। पुलिस की मानें तो बस में 30 से 35 सवारियां भरी थी। यह बस सुबह द्वाराहाट से चली थी। जिसे देहरादून जाना था। हादसा होने के बाद पुलिस और आपदा प्रबंधन की टीम मौके पर पहुंची। जहां घायलों को 108 के जरिए जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग पहुंचाया गया।
    बताया जा रहा है कि घटना के बाद से ही वाहन चालक लापता है। जिस जगह पर यह हादसा हुआ, वहां हाईवे के निचले छोर पर मिट्टी का ढेर लगा हुआ था। मिट्टी के ढेर के ऊपर से ही वाहन हाईवे पर पलट गया। गनीमत रही कि मिट्टी का ढेर न होता तो बस खाई में गिर सकती थी। जिससे बड़ा हादसा होने से इंकार नहीं किया जा सकता था। परिवहन विभाग और पुलिस की टीम हादसे की जांच में जुट गई है।
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    लकड़ी की तस्करी कर रहे दून के चार तस्कर गिरफ्तार
    उत्तरकाशी। काजल-काठ लकड़ी की तस्करी कर रहे देहरादून के चार लोेगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जिनके कब्जे से तस्करी में प्रयुक्त वाहन, 25 नग काजल-काठ लकड़ी, कटर व दरंाती भी बरामद हुई है।
    जानकारी के अनुसार बीती शाम एसओजी यमुनावैली व पुरोला थाना पुलिस को सूचना मिली कि क्षेत्र में कुछ तस्कर अवैध रूप से काजल काठ लकड़ी की तस्करी हेतू आने वाले है। सूचना पर कार्यवाही करते हुए एसओजी व थाना पुलिस ने क्षेत्र में संयुक्त अभियान चला दिया गया। इस दौरान संयुक्त टीम को कुमोला रोड़, नागराजा मन्दिर के समीप एक संदिग्ध वाहन आता हुआ दिखायी दिया। टीम द्वारा जब उन्हे रूकने का इशारा किया गया तो वाहन सवार चार लोग वाहन छोड़कर भागने लगे। इस पर उन्हे घेर कर दबोचा गया। वाहन की तलाशी के दौरान उसमें रखी 25 नग काजल काठ की लकड़ी, कटर व दरांती बरामद हुई। पूछताछ मे उन्होने अपना नाम डम्मर सिंह पुत्र स्व. गोपाल सिंह निवासी अशोक आश्रम बाडवाला थाना विकासनगर देहरादून, प्रदीप जीएम पुत्र पदम जीएम निवासी त्यूणी चातरा देहरादून, करन सिंह पुत्र स्व. मोहन सिंह निवासी चातरा, मैन्द्रथ थाना त्यूणी देहरादून व ललित ओली पुत्र स्व. दल बहादुर निवासी अशोक आश्रम बाडवाला विकासनगर देहरादून बताया। पुलिस के अनुसार गिरफ्तार तस्कर लकड़ी को गुन्दियाट गांव के जंगलों से काटकर ला रहे थे, जिसको वह विकासनगर व हिमांचल प्रदेश क्षेत्र मे बेचने की फिराक मे थे। बहरहाल पुलिस द्वारा तस्करों व लकड़ी को अग्रिम विधिक कार्यवाही हेतु वन विभाग के सुपुर्द कर दिया गया है।
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    उपनल कर्मचारियों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई
    देहरादून। उत्तराखंड के अनेकों विभागों में कार्यरत उपनल कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों के लेकर हड़ताल पर हैं। स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। पछवादून में उप जिला अस्पताल में प्रतिदिन करीब चार सौ से अधिक ओपीडी की जा रही है। ऐसे में मरीजों को लंबे इंतजार करना पड़ रहा है। देहरादून के अलावा उपजिला अस्पताल विकासनगर में हिमाचल, जौनसार बावर गढ़वाल के मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं। ऐसे में उपनल कर्मचारियों की हड़ताल से मरीजों को लंबी-लंबी लाइनों में खड़ा होकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है। उप जिला अस्पताल के सीएमएस विजय सिंह ने बताया कि अस्पताल में रोज करीब 400 ओपीडी आती है। ऐसे में उपनल कर्मचारियों की हड़ताल से मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। हालांकि मरीजों की देखभाल के लिए व्यवस्था बनाई गई है, लेकिन थोड़ा समय ज्यादा लग रहा है। उन्होंने कहा कि अगर हड़ताल ज्यादा लंबी चलती है, तो स्वास्थ्य सेवाओं पर इसका ज्यादा असर देखने को मिलेगा। सीएमएस विजय सिंह ने बताया कि इस समय अस्पताल में वाहन चालक भी उपनल से ही कार्यरत थे। जिससे अस्पताल परिसर में वाहन भी खड़े हो गए हैं। उन्होंने कहा कि हम रेगुलर कर्मचारियों से अतिरिक्त कार्य ले रहे हैं।

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     जीपीएस की जांच को लेकर परिवहन विभाग सड़कों पर उतराz
    देहरादून। जीपीएस की जांच को लेकर परिवहन विभाग ने कमर सकते हुए शुक्रवार से शहर में कार्यवाही शुरू कर दी है। जब परिवहन विभाग सड़क पर उतरा तो ऑटो, विक्रम संचालकों में अफरा तफरी मच गई। घंटाघर और परेड ग्राउंड के चारों तरफ दो किमी. के दायरे में शुक्रवार से बगैर जीपीएस लगे सार्वजनिक यात्री वाहन संचालन पर प्रतिबंध है। परिवहन विभाग की ओर से जीपीएस लगवाने के लिए दी गई मोहलत बृहस्पतिवार को समाप्त हो गई थी, जिसके बाद परिवहन विभाग इस नियम का पालन करवा रहा है।
    दून के 2300 सार्वजनिक यात्री वाहन इस नियम के दायरे में आएंगे। उधर टैक्सी-ऑटो-विक्रम यूनियनों ने अभी उम्मीद नहीं छोड़ी है। यूनियनों ने साफतौर पर कहा कि अगर परिवहन विभाग नहीं माना तो सेवा ठप कर दी जाएगी। आरटीए की बैठक में घंटाघर और परेड मैदान के आसपास के दो किमी. क्षेत्र को फ्रीज जोन घोषित किया गया था।
    इस क्षेत्र में जीपीएस लगे सार्वजनिक यात्री वाहन ही संचालित होंगे। इसके लिए 15 फरवरी तक की समयावधि तय की गई थी।
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    चोरी का खुलासा मोबाइल और नकदी बरामद


  6. देहरादून। माल रोड स्थित चोर ने एक मोबाइल की दुकान पर  मोबाइल फोन और करीब 50 हजार रुपए की नकदी पर हाथ साफ कर लिया था। जिसके बाद पुलिस ने चोरी का खुलासा कर एक नाबालिग चोर को हिरासत में लिया है। पुलिस ने आरोपी से चोरी का सामान बरामद कर लिया है।
    चोरी के खुलासे के लिए पुलिस ने टीम का गठन किया गया था। गठित टीम ने  आसपास के सीसीटीवी कैमरे खंगाले। काफी खोजबीन और जांच के बाद पुलिस को सफलता मिली। मसूरी कोतवाल अरविंद चैधरी ने बताया कि 16 साल के नाबालिग के द्वारा घटना को अंजाम दिया गया था, जिसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि नाबालिग पूर्व में भी दो बार चोरी की घटना का अंजाम दिया गया था।

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    बंद पड़ी दवाई फैक्ट्री में छापा, नकली दवाइयां बरामद
    रुड़की। ड्रग्स विभाग और एसटीएफ की टीम ने बंद पड़ी दवाई फैक्ट्री में छापेमारी की है। इस दौरान टीम को फैक्ट्री से भारी मात्रा में दवाइयां मिली हैं। बताया गया है कि पांच वर्ष पूर्व भी इस फैक्ट्री में टीम द्वारा कार्रवाई की गई थी और फैक्ट्री को सील कर दिया गया था। 🌷अधिकारियों का कहना है कि अभी जांच की जा रही है, जांच के बाद लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई भी की जाएगी। एसटीएफ को सूचना मिली थी कि  पिछले काफी समय से बिना लाइसेंस के बंद पड़ी फार्मा फैक्ट्री में फैक्ट्री मालिक द्वारा मजदूरों से जीवन रक्षक दवाइयां बनवाई जा रही है। जिसके बाद यह कार्यवाही की गयी। हरिद्वार ड्रग्स इंस्पेक्टर अनिता भारती ने बताया कि दवाइयों के सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं. संचालक के पास भले लाइसेंस है, लेकिन नियमों के विरुद्ध दवाइयों का प्रोडक्शन किया जा रहा था। ऐसे में लाइसेंस निरस्तw करने की कार्रवाई की जाएगी।

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